शुक्रवार, 18 जून 2021

नदी और झील के पानी में वायरस होने की पुष्टि हुईं

अहमदाबाद। देश में कोरोना की दूसरी लहर में गुजरात के अहमदाबाद शहर में सबसे ज्यादा मामले सामने आए। अब तक देश के कई शहरों की सीवेज लाइनों में जीवित कोरोना वायरस पाया गया है। लेकिन गुजरात में अब नदी और झील के पानी में भी कोरोना वायरस होने की पुष्टि हुई है। अहमदाबाद में साबरमती नदी, कांकरिया झील और चंडोला झील में कोरोना वायरस पाया गया है। तीनों के पानी के सैंपल लिए गए और सभी सैंपल संक्रमित पाए गए। चार महीने में 16 सैंपल लिए गए, जिसमें पांच सैंपल पॉजिटिव पाए गए। 
आईआईटी गांधीनगर सहित देश के 8 संस्थानों द्वारा किए गए एक अध्ययन में इस तरह के तथ्य उजागर हुए हैं। 
इनमें जेएनयू के स्कूल ऑफ एनवायर्नमेंटल साइंसेज के नई दिल्ली के शोधकर्ता भी शामिल हैं। असम के गुवाहाटी क्षेत्र में नदियों के एक अध्ययन में भी भरू नदी से लिए गए कोरोना के नमूने का खुलासा हुआ है। सीवेज का नमूना लेकर की गई जांच के दौरान कोरोना वायरस की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इस अध्ययन के बाद प्राकृतिक जल स्रोत की जांच के लिए अध्ययन फिर से शुरू किया गया। इन दो शहरों का चयन करके नमूने लिए गये, क्योंकि अहमदाबाद में अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों की संख्या सबसे अधिक है और गुवाहाटी में एक भी संयंत्र नहीं है। अहमदाबाद के लिए पानी से भरी साबरमती नदी और रिवरफ्रंट को शान माना जाता है।
लेकिन गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण संरक्षण समिति द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि साबरमती में गंभीर प्रदूषण है। खासकर अहमदाबाद से गुजरने के बाद गंदे प्रदूषित पानी के अलावा नदी में कुछ भी नहीं बहता। 
 साबरमती रिवरफ्रंट के बीच में लिए गए पानी के नमूनों में भी रिवरफ्रंट निर्धारित मात्रा से अधिक प्रदूषित पाया गया, जो प्रदूषित गंदे पानी से भरे हौज के समान है। रिपोर्ट के निष्कर्षों में आगे कहा गया है कि रिवरफ्रंट के बाद नदी के निचले इलाकों में नदी का अपना पानी नहीं है। रिवरफ्रंट के बाद साबरमती में दिखाई देने वाला पानी केवल नरोडा, ओढव, वटवा और नारोल उद्योगों का प्रदूषित बाहर आया कचरा मिश्रित जल और अहमदाबाद का सीवेज है। रिवरफ्रंट की वजह से भूजल बहना बंद हो गया है और अहमदाबाद को नर्मदा के पानी पर निर्भर रहना पड़ रहा है। 
साबरमती नदी में प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 22 फरवरी, 2017 को दायर एक रिट याचिका में एजेंसी को नदी को प्रदूषित करने वाली सभी औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में विफल रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। नदी में गैर शोधित रासायनिक युक्त पानी डालने वाली इकाइयों को सील करने, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार प्रदूषण नियमों का पालन न करने के लिए इकाइयों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने और प्रदूषण को रोकने में विफल रहने के लिए लापरवाह नगरपालिका अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई। 
हाल ही में उपमुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि राज्य की जीवन रेखा सरदार सरोवर नर्मदा बांध में 13 मई, 2021 तक 123.38 मीटर पानी जमा किया जा चुका है। इस पानी को गर्मी के मौसम में राज्य के नागरिकों को पीने का पानी उपलब्ध कराने और किसानों और चरवाहों के समुचित उपयोग के लिए योजना बनाई गई है। नगर में नर्मदा का जल साफ करने के लिए नगर निगम ने 275 एमएलडी और 125 एमएलडी के दो वाटर फिल्टर प्लांट का निर्माण किया है। इनमें से 275 एमएलडी फिल्टर प्लांट को दो साल पहले 5.5 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेड किया गया था।

लैब के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज की

पंकज कपूर             
हरिद्वार। मैक्स कॉरपोरेट सर्विस लैब द्वारा हरिद्वार महाकुंभ में फर्जी कोविड टेस्टिंग का चिट्ठा खुलने के बाद, अब माननीय हाईकोर्ट नैनीताल की शरण में जा पहुंचा है। आपको बता दें की मैक्स कॉरपोरेट सर्विस लैब द्वारा हरिद्वार कुंभ में कोविड टेस्टिंग को लेकर बड़ा खेल खेला गया था। फर्जी कोविड टेस्टिंग को लेकर जांच बैठने के बाद लैब के खिलाफ हरिद्वार नगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है। जिस को निरस्त करने की मांग को लेकर मैक्स कॉरपोरेट सर्विस लैब द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका दायर करते हुए कहां है कि जिन-जिन आरोपों पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। वह बिल्कुल गलत है।
जबकि उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट की तमाम शर्तों को पूरा करते हुए राज्य सरकार के साथ अनुबंध किया था, उसके बाद भी अगर हमारे खिलाफ से टेस्टिंग का मुकदमा किया जाता है, तो वह सरासर गलत है, साथ ही मैक्स कॉरपोरेट सर्विस लैब ने याचिका में कहा है कि पूरे मामले में पुलिस द्वारा की जा रही जांच में वह पूरा सहयोग करेंगे।

जापान में पाएं जाने वाले खास किस्म के आम, कीमत

तोक्यो। आपने आम तो बहुत खाएं होगें क्या आपने सुना है कि लाखों रूपए की कीमत में एक आम आता है, नहीं ना, तो हम आज बात करने जा रहे है जापान में पाया जाने वाले खास किस्म के आम की। जी हां भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर में एक आम के बगीचे की सुरक्षा के लिए 3 गार्ड और 9 कुत्ते लगे हुए है। इस बगीचे में लगे हुए एक आम की कीमत लाखों रुपये में है। जबलपुर के इस बगीचे में लगे हुए इस आम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2 लाख 70 हजार रुपये बताई जा रही है। 

जबलपुर के बगीचे में पैदा जापान के खास किस्म का ये आम हजारों में नहीं बल्कि लाखों रुपये में बिकता है और इसलिए इसकी सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किये गये हैं। इन आमों की रखवाली के लिए कुत्ते और गार्ड्स 24 घंटे बगीचे में तैनात रहते हैं। बगीचे के मालिक संकल्प परिहार ने बताया कि इस जापानी आम का नाम टाइयो नो टमैंगो है, इसे एग ऑफ सन यानी सूर्य का अंडा भी कहा जाता हैं। संकल्प बताते हैं कि पिछले साल यह आम काफी चर्चा में आया था। जिसकी वजह से उनके बगीचे के आम की चोरी हुई थी। इसलिए वो इन कीमती आम की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और सुरक्षा पर अतिरिक्त पैसा खर्च कर रहे हैं।

यह आम जब पूरा पक जाता है तो यह हल्का लाल और पीला होता है और इसका वजन करीब 900 ग्राम तक पहुंच जाता है। इसमें रेशे नहीं पाए जाते और खाने में यह बहुत मीठा होता है। आम की यह प्रजाति जापान में संरक्षित वातावरण में उगाई जाती है, लेकिन संकल्प सिंह परिहार ने अपनी बंजर पड़ी जमीन पर इसे खुले वातावरण में ही उगाया है। 2017 में जापान में करीब 36 सौ डॉलर की बोली लगाई गई थी जिसकी भारत में कीमत करीब ढाई लाख रुपये होती है। बगीचे के मालिक संकल्प का कहना है कि शुरुआत में इस आम को 4 एकड़ के बगीचे में शुरुआत कुछ पौधों से की गई थी और आज भारतीय 14 हाइब्रिड तथा छह विदेशी किस्म के आम उनके बागीचे में आसानी से होते हैं।

भारत में इस आम की खेती और कहीं नहीं होती है। जापानी आम को तामागो के नाम से जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी खूब मांग है। जापानी भाषा में ‘ताईयो नो तामागो’ के नाम से इसे जाना जाता है। संकल्प परिहार ने अपने 4 एकड़ के बगीचे में 14 अलग-अलग किस्म के आमों को लगाए हैं और इसके अलावा तामागो आम के 52 पेड़ लगाए हैं। इस आम की खेती करने वाले संकल्प परिहार ने कहा कि जापान में इस आम को पॉली हाउस के अंदर सुरक्षित वातावरण में उगाया जाता है।

6 आईएएस और 2 पीसीएस अधिकारियों के तबादले

पंकज कपूर                   
देहरादून। राज्य में अधिकारियों के तबादलों का सिलसिला जारी है। आज उत्तराखंड शासन ने 6 आईएएस और 2 पीसीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए है। आईएएस आशीष कुमार चौहान से प्रबंध निदेशक और उत्तराखंड परिवहन निगम का जिम्मा हटा लिया गया है। आईएएस अभिषेक रोहिल्ला को प्रबंध निदेशक और उत्तराखंड परिवहन निगम का जिम्मा सौंपा गया है। आईएएस नरेंद्र सिंह भंडारी से मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल का जिम्मा हटा प्रबंध निदेशक कुमाऊँ मंडल विकास निगम तथा उपाध्यक्ष जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण नैनीताल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। 
आईएएस वरुण चौधरी से डिप्टी कलेक्टर देहरादून वापस लिया गया है और मुख्य विकास अधिकारी चमोली का पदभार दिया गया है। आईएएस संदीप तिवारी से डिप्टी कलेक्टर टिहरी लिया गया है और मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल का जिम्मा सौंपा गया है। आईएएस अंशुल सिंह से डिप्टी कलेक्टर उधम सिंह नगर का चार्ज हटाया गया है। पीसीएस ललित मोहन रयाल से आयुक्त गन्ना एवं चीनी काशीपुर का अतिरिक्त प्रभार हटा लिया है। पीसीएस हंसादत्त पांडे से मुख्य विकास अधिकारी चमोली का पदभार लिया गया और आयुक्त गन्ना एवं चीनी काशीपुर दिया गया है।

जमानत पाने वाले 3 छात्र कार्यकर्ताओं को नोटिस

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए को इस तरह से सीमित करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसके पूरे भारत पर असर हो सकते हैं। इसी के साथ न्यायालय ने दिल्ली पुलिस की याचिका पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत पाने वाले तीन छात्र कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किये। न्यायालय ने जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि तीन छात्र कार्यकर्ताओं को जमानत देने वाले उच्च न्यायालय के फैसलों को मिसाल के तौर पर दूसरे मामलों में ऐसी ही राहत के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की अवकाशकालीन पीठ ने हालांकि यह स्पष्ट कर दिया कि अभी के लिए इन छात्र कार्यकर्ताओं को मिली जमानत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह दलील दी कि उच्च न्यायालय ने तीन छात्र कार्यकर्ताओं को जमानत देते हुए पूरे आतंकवादी रोधी कानून यूएपीए को पलट दिया है। इस पर गौर करते हुए पीठ ने कहा कि हमारी परेशानी यह है कि उच्च न्यायालय ने जमानत के फैसले में पूरे यूएपीए पर चर्चा करते हुए ही 100 पृष्ठ लिखे हैं।उच्च न्यायालय ने 15 जून को जेएनयू छात्र नताशा नरवाल और देवांगना कालिता और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को जमानत दी थी। उच्च न्यायालय ने तीन अलग-अलग फैसलों में छात्र कार्यकर्ताओं को जमानत देने से इनकार करने वाले निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था।

सेहत को दुरुस्त रखने के लिए करी पत्तें का जूस

सांभर, कढ़ी और चटनी जैसी चीजों का स्वाद बढ़ाने के लिए आपने करी पत्ते का छौंक तो कई बार लगाया होगा। खास कर दक्षिण भारतीय खाना तो इसके बगैर अधूरा-सा ही लगता है। लेकिन क्या आपने कभी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए करी पत्ते या इसके जूस का सेवन किया है ? दरअसल करी पत्ता केवल स्वाद के लिए ही इस्तेमाल नहीं किया जाता है। ये सेहत को भी कई तरह से फायदे पहुंचाता है। इसमें मौजूद आयरन, जिंक, कॉपर, कैल्शियम, विटामिन ‘ए’ और  ‘बी’, अमीनो एसिड, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व सेहत को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं।आइए मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जानते हैं कि करी पत्ते का जूस किस तरह से तैयार किया जाता है और ये सेहत को क्या-क्या फायदे पहुंचाता है।
करी पत्ते का जूस तैयार करने के लिए पंद्रह-बीस करी पत्तों को धोकर साफ़ कर लें। इनको मिक्सर में डालकर साथ में दो चम्मच पानी डालकर बारीक पीस लें। जब ये पेस्ट की तरह से बन जाये तो इसको मिक्सर जार में ही रहने दें और इसमें एक गिलास पानी डालकर फिर से मिक्सर चला दें। अब इसको चाय की छन्नी से गिलास में छान लें और इसका सेवन करें। करी पत्ते का जूस बनाने के लिए पंद्रह-बीस करी पत्तों को साफ पानी से धोकर एक गिलास पानी में तेज गैस पर उबलने रख दें। पांच मिनट तक उबालने के बाद इसको छन्नी से छान लें। अब इसमें एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं और ठंडा या गर्म जैसे भी चाहें इसका सेवन करें।
करी पत्ते के जूस का सेवन करने से एनीमिया की दिक्कत दूर होती है। 
इसमें काफी मात्रा में आयरन और फोलिक एसिड होता है। जो एनीमिया को दूर करने में मदद करता है।
शरीर से विषाक्त तत्वों को निकालकर बॉडी को डिटॉक्स करने का काम भी करी पत्ते का जूस बखूबी करता है। इसके साथ ही ये एक्स्ट्रा चर्बी को हटाने में भी काफी मदद करता है। वजन कम करने में करी पत्ते का जूस काफी मदद करता है। जो लोग जूस पीना पसंद नहीं करते हैं वो इसके पत्तों का सेवन भी खाने के साथ कर सकते हैं। ये चर्बी को घटाता है और इसमें मौजूद फाइबर बॉडी से टॉक्सिन बाहर करता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी करी पत्ते का जूस मदद करता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट इसमें मददगार साबित होते हैं। साथ ही ये मोतियाबिंद जैसी दिक्कत भी जल्दी नहीं होने देते हैं। आप चाहें तो जूस की जगह पत्तों का सेवन भी कर सकते हैं।
करी पत्ते के जूस का सेवन करने से पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है। इसके साथ ही पेट में गैस, अपच जैसी दिक्कत को दूर करने में भी ये अच्छी भूमिका निभाता है। ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करके डाइबिटीज के पेशेंट को राहत देता है। इसमें एंटी-डायबिटिक एंजेट की मौजूदगी शरीर में इंसुलिन की एक्टिविटी पर असर डालती है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करती है। साथ ही साथ करी पत्ते में मौजूद फाइबर भी डायबिटीज पेशेंट को फायदा पहुंचाता है। इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। इनकी पुष्टि नहीं करता है।इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

उज्जैन: बैठक में दर्शन को लेकर नई गाइडलाइन जारी

उज्जैन। कोरोना काल में बंद महाकाल मंदिर के पट 28 जून से खुलने जा रहे हैं। इसी को लेकर गुरूवार को कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में मंदिर प्रबंध समिति की बैठक की गई। इस बैठक में दर्शन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के मुताबिक अब श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग करवानी होगी। इसके साथ ही दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट या 24 से 48 घंटे पहले की कोविड निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य है। वहीं मंदिर में प्रवेश कोविड निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही दिया जाएगा।
गाइडलाइन के अनुसार श्रद्धालुओं को दर्शन 7 स्लॉट में करवाए जाएंगे। यह स्लॉट सुबह 6 से लेकर रात 8 बजे तक चलेंगे। इसके अलावा मंदिर में फोटो या सेल्फी लेने पर भी प्रतिबंध रहेगा। भस्म और शयन आरती में भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। नि:शुल्क अन्नक्षेत्र को आधी क्षमता के साथ जल्द शुरू किया जाएगा। गर्भगृह, नंदी हॉल में भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंधित रहेगा। वहीं इस बैठक में इस साल होने वाले श्रावण महोत्सव को भी स्थगित करने का फैसला किया गया है। जानकारी के मुताबिक बैठक में प्रबंध समिति के सदस्य विनीत गिरि महाराज, नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल, प्रदीप गुरु समेत कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...