गुरुवार, 17 जून 2021
हापुड़ः राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा
सहकारिता मंत्री ने फसल बीमा कंपनियों को निर्देश दिएं
चंडीगढ़। हरियाणा के सहकारिता मंत्री डाॅ. बनवारी लाल ने फसल बीमा कंपनियों को निर्देश दिएंं हैं कि वे किसानों के मुआवजे के भुगतान में किसी भी प्रकार की कोई कोताही न बरतें, अन्यथा ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही अमल लाई जा सकती है। इसके अलावा, उन्होंने अधिकारियों से स्पष्ट लहजे में कहा कि कष्ट निवारण समिति की बैठक में विवादों के समाधान की सही रिपोर्ट ही प्रस्तुत करें। यदि किसी ने गलत रिपोर्ट पेश की, तो उसके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी। डाॅ. बनवारी लाल आज नूंह जिला में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
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झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई, रोक लगाने से इनकार
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद के लक्कड़पुर-कोरी गांव में वन भूमि पर कब्ज़ा कर बनी लगभग दस हज़ार झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो फरीदाबाद नगर निगम को दस्तावेज दिखा सकते हैं। फरवरी 2020 के बाद लोगों को वन भूमि खाली करने का पर्याप्त मौका दिया गया। पुनर्वास योजना का लाभ लेने के लिए लोगों को अपने दस्तावेज दिखाने का भी पर्याप्त अवसर दिया गया था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील अपर्णा भट्ट ने कहा कि इस मामले के लंबित होने के बावजूद भी लोगों को जबरन हटाया जा रहा है। तब कोर्ट ने कहा कि वन भूमि को खाली करने दीजिए। अपर्णा भट्ट ने कहा कि कोरोना के इस महामारी में कम से कम बच्चों के लिए अस्थायी आश्रय की व्यवस्था होनी चाहिए। तब कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर हरियाणा सरकार विचार करे। कोर्ट ने साफ किया कि याचिका लंबित होने से अतिक्रमणकारियों को हटाने से रोका नहीं जा सकता है। सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा कि अतिक्रमणकारी अधिकारियों पर पत्थर चला रहे हैं। तब कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई आदेश की जरूरत नहीं है। क्योंकि अधिकारी जानते हैं कि क्या करना है।
पिछली 7 जून को कोर्ट ने वन भूमि पर कब्जा कर बनी लगभग दस हजार झुग्गियों को 6 हफ्ते में हटाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जंगल की ज़मीन कब्जाने वालों से कोई रियायत नहीं हो सकती है। फरवरी 2020 में भी सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया था। कोर्ट ने इस आदेश का पालन न होने पर अधिकारियों को अवमानना कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। कोर्ट ने फरीदाबाद नगर निगम को इस आदेश की अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
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सीएम ममता ने सरकार की कोशिश की निंदा की
मिनाक्षी लोढी
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्विटर को कथित तौर पर नियंत्रित करने की भाजपा नीत केंद्र सरकार की कोशिश की गुरुवार को निंदा की। उन्होंने दावा किया कि केंद्र माइक्रोब्लॉगिंग साइट को प्रभावित करने में असफल होने के बाद अब उसे प्रभावहीन करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने इसकी तुलना अपनी सरकार से करते हुए कहा कि उनकी सरकार के साथ भी केंद्र ऐसा ही व्यवहार कर रहा है।ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं इसकी निंदा करती हूं। वे ट्विटर को नियंत्रित नहीं कर सकते तो अब उसे प्रभावहीन करने का प्रयास कर रहे हैं। वे (केंद्र) हर उस व्यक्ति के साथ यह कर रहे हैं। जिसे अपने पक्ष में नहीं ला पा रहे हैं। वे मुझे नियंत्रित नहीं कर सकते, इसलिए मेरी सरकार को भी प्रभावहीन करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
गौरतलब है कि सोशल मीडिया साइट ट्विटर का भारत में कानूनी सुरक्षा कवच देश के सूचना प्रौद्योगिक नियमों का अनुपालन नहीं करने और नए दिशानिर्देश के तहत अधिकारियों की नियुक्ति नहीं करने से छिन गया है। अब तीसरे पक्ष की गैर कानूनी सामग्री की वजह से ट्विटर पर भी भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है। पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा जारी रहने के भाजपा के आरोपों पर बनर्जी ने कहा कि यह भगवा पार्टी की ‘चाल’ है और उसके दावे पूरी तरह से ‘आधारहीन’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में कोई राजनीतिक हिंसा नहीं हो रही है। एक-दो छिटपुट घटनाएं हो सकती हैं। लेकिन उन पर राजनीतिक हिंसा का ठप्पा नहीं लगाया जा सकता।’’
46,863 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया सोना, कीमत
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोना 861 रुपये गिरकर 46,863 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले दिन सोना 47,724 पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 1,709 रुपये की गिरावट के साथ 68,798 रुपये प्रति किलोग्राम रह गयी। पिछले सत्र में चांदी का बंद भाव 70,507 रुपये पर था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना गिरावट दर्शाता 1,810 डॉलर प्रति औंस रहा। जबकि चांदी 26.89 डॉलर प्रति औंस पर अपरिवर्तित रहा।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व की टिप्पणी के बाद कल रात की बिकवाली के बाद सोने की कीमतों पर दबाव रहा। फेडरल रिजर्व द्वारा अपनाये गये रुख के कारण प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर में मजबूती आई जिससे सोने में बिकवाली बढ़ गई।’’ उन्होंने कहा कि डॉलर की मजबूती से थोड़े समय तक सोने की कीमतों पार दबाव रहेगा जिससे सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सोने की मांग प्रभावित हो सकती है।
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