बुधवार, 16 जून 2021

वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को आसान करने का निर्णय

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। सरकार 21 जून से वृहद स्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू कर रही है। ऐसे में अभियान के दाैरान किसी को कोई परेशानी न हो। इसलिए इसके नियम सरल बनाए जा रहे हैं। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को आसान करने का निर्णय लिया है। अब टीकाकरण के लिए कोविन एप या वेबसाइट पर रजिस्‍ट्रेशन की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को सुविधा देते हुए कोविन एप या वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता खत्म कर दी है। सरकार के नए नियम के मुताबिक, कोई भी शख्स अपने नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर जाकर ऑन साइट रजिस्ट्रेशन करवा सकता है और वैक्सीन ले सकता है।

लोगों को टीकाकरण के लिए जागरुक किया जाएगा। हेल्थ वर्कर्स और आशा कार्यकर्ताओं की मदद से लोगों को ऑन-साइट रजिस्ट्रेशन के लिए जागरूक करेंगी। गौरतलब है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की वजह से लोगों को टीकाकरण में असुविधा हो रही थी। जिसे दूर करने के लिए सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है। देश में 16 जनवरी से कोराना वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है। अब तक देश में 26 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है।

'आस्ट्रेलिया' ने 18 सदस्यीय टीम का ऐलान किया

सिडनी। आईपीएल में खेलने वाले आस्ट्रेलिया के शीर्ष सात क्रिकेटरों ने वेस्टइंडीज और बांग्लादेश के सीमित ओवरों के दौरे से नाम वापिस ले लिया है। ये दोनों दौरे साल के आखिर में होने वाले टी-20 विश्व कप की तैयारी के लिये अहम माने जा रहे हैं। डेविड वॉर्नर, पैट कमिंस, ग्लेन मैक्सवेल, झाय रिचर्डसन, केन रिचर्डसन, मार्कस स्टोइनिस और डेनियल सैम्स ने विभिन्न कारणों से इस दौरे से बाहर रखे जाने का अनुरोध किया है जबकि स्टीव स्मिथ को कोहनी की चोट से उबरने के लिये आराम दिया गया है। क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने एक बयान में यह जानकारी दी। क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने दोनों दौरों के लिये बुधवार को 18 सदस्यीय टीम का ऐलान किया। आस्ट्रेलियाई टीम नौ से 24 जुलाई के बीच पांच टी-20 और तीन वनडे खेलेगी। बांग्लादेश के पांच टी-20 मैचों के दौरे की अभी पुष्टि नहीं हुई है।

कमिंस, मैक्सवेल, वॉर्नर, स्टोइनिस और रिचर्डसन आईपीएल स्थगित होने के बाद पिछले महीने ही होटल में पृथकवास से निकले हैं। इससे पहले वे एक सप्ताह मालदीव में थे क्योंकि भारत से यात्रा पर आस्ट्रेलिया ने प्रतिबंध लगा दिया था। जासन बेहरेनडोर्फ, मोइजेस हेनरिक्स और रिले मेरेडिथ आईपीएल टीमों का हिस्सा होने के बावजूद दौरे पर जाने को तैयार हो गए हैं। राष्ट्रीय चयनकर्ता ट्रेवर होंस ने कहा कि इन खिलाड़ियों के उपलब्ध नहीं होने से वे निराश हैं। लेकिन उनके फैसले का सम्मान करते हैं। टीम 28 जून को वेस्टइंडीज रवाना होगी।


लेंटर का हिस्सा गिरने से महिला सहित 2 बच्चे घायल

अतुल त्यागी            
हापुड़। पिलखवा कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला गढ़ी में मकान का लेंटर का हिस्सा गिरने से एक महिला और दो बच्चे घायल हो गए हैं। आपको बता दें, कि पूरा मामला पिलखवा के मोहल्ला गढ़ी का है। रात तेज आंधी के बाद आई बारिश के बाद सुबह करीब 5:00 बजे मोहल्ला गढ़ी के एक मकान की छत के लेंटर का एक हिस्सा सोते हुए परिवार पर गिर गया। लेंटर का हिस्सा गिरने से एक महिला और 2 बच्चे घायल हो गए। महिला के दोनों हाथों में फ्रैक्चर बताया जा रहा है। घायलों को परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया जहां पर बच्चों को तो मामूली मामूली चोट आई है। जिससे इलाज के बाद बच्चों को घर भेज दिया गया। लेकिन, महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है। महिला का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

कोरोना के तांडव के बाद संक्रमितों में फंगस का हमला

मनोज सिंह ठाकुर                
इंदौर। ब्लैक, वाइट और यलो फंगस के बाद अब ग्रीन फंगस का केस सामने आ गया है। इंदौर में अब ग्रीन फंगस का मरीज़ मिला है। ये देश में ऐसा पहला केस है। मरीज़ को तुरंत एयरलिफ्ट कर मुंबई भेज दिया गया है। भारत में कोरोना के तांडव के बाद अब मरीज़ों में फंगस हमला कर रहा है। ब्लैक, वाइट और यलो फंगस के बाद देश मे पहला ग्रीन फंगस का केस सामने आया है। इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कोरोना के एक मरीज में ग्रीन फंगस हो गया। उसे इलाज के लिए एयर लिफ्ट कर मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल भेजा गया है। 
ब्लैक फंगस के बाद इंदौर में ग्रीन फंगस से ग्रसित मरीज की पुष्टि की गई है। माणिकबाग इलाके में रहने वाला 34 साल का मरीज कोरोना से संक्रमित हुआ था। उसके फेफड़े में 90 फीसदी संक्रमण हो चुका है। दो माह तक चले इलाज के बाद मरीज की अस्पताल से छुट्टी कर दी गई थी। 10 दिन बाद मरीज की हालत फिर से बिगड़ने लगी। उसके दाएं फेफड़े में मवाद भर गया था। फेफड़े और साइनस में एसपरजिलस फंगस हो गया था जिसे ग्रीन फंगस कहा जा रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक ग्रीन फंगस ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक है. इसकी वजह से मरीज की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी. मरीज के मल में खून आने लगा था। बुखार भी 103 डिग्री बना हुआ था। ग्रीन फंगस पर एम्फोटेरेसिन बी इंजेक्शन भी असर नहीं करता है।
प्रदेश में ग्रीन फंगस का ये पहला मामला है जो पोस्ट कोविड मरीजों में देखा गया है। कोरोना की रफ्तार तो कम हो चुकी है, लेकिन ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। ऐसे में ग्रीन फंगस का डिटेक्ट होना चिंताजनक है। फिलहाल,मरीज को बेहतर इलाज के लिए मुंबई भेजा गया है।
मरीज की गिरती हालत के बाद डॉक्टरों की सलाह पर उसे निजी अस्पताल से एयरलिफ्ट कर मुंबई भेज दिया गया है। उससे पहले इंदौर और मुंबई के डॉक्टरों के बीच चर्चा हुई थी। परामर्श के बाद मरीज को शिफ्ट किया गया है। बहरहाल पहला केस होने के कारण शुरुआती चरण में चिकित्सकों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

3 आतंकियों को 10 साल तक कारावास की सजा

कविता गर्ग                  
मुंबई। नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने मंगलवार को लस्कर- ए-तैयबा से जुड़े तीन आतंकियों को 10 साल तक कठोर कारावास की सजा सुनाई है। एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश डी.ई.कोथालीकर ने दो आरोपितों को सबूत के अभाव में रिहा करने का आदेश जारी किया है। इन पांचों को वर्ष 2012 में नांदेड़ से गिरफ्तार किया गया था। इन पांचों पर हिन्दू नेताओं और पत्रकारों की हत्या की साजिश रचने का आरोप का था।  
एनआईए की विशेष अदालत ने मंगलवार को आतंकी मोहम्मद अकरम, मोहम्मद मुजम्मिल और मोहम्मद सादिक को यूएपीए और आर्मस एक्ट का दोषी करार करते हुए 10 साल की कठोर कारावास और 05 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है, जबकि मोहम्मद इरफान और मोहम्मद इलियास को सबूत के अभाव में रिहा करने का आदेश जारी किया है। एनआईए सूत्रों के अनुसार इस मामले में आरोपित अकरम नौकरी की तलाश में साऊदी अरेबिया गया था। वहां उसकी पहचान लस्कर-ए-तैयबा के सिद्दिक बिन उस्मान उर्फ अबू हंजाला से हुई थी। 
जांच में पता चला कि अकरम ने इन लोगों के साथ मिलकर भारत में कई हिन्दू नेताओं और पत्रकारों की हत्या की साजिश रची थी। इसकी भनक लगते ने महाराष्ट्र एंटी टेरोरिज्म स्कॉड(एटीएस) ने सभी पांचों आरोपितों को वर्ष 2012 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद यह मामला एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया था। एनआईए इस मामले में अन्य फरार आरोपितों की सरगर्मी से तलाश कर रही है।  

एसआईटी जांच की मांग, याचिका पर सुनवाई टाली

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा की एसआईटी जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है। इस मामले पर अगली सुनवाई 18 जून को होगी।
हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवार के अलावा कई लोगों ने याचिकाएं दाखिल की हैं। पश्चिम बंगाल की 60 वर्षीय एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने 4 मई की रात को उसके पोते के सामने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। याचिका में चुनाव बाद की हिंसा और बलात्कार की घटनाओं की एसआईटी से जाँच की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि जिस तरह गोधरा कांड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी का गठन किया था, उसी तरह पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद की हिंसा और बलात्कार की घटनाओं की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाए। पश्चिम बंगाल में मतगणना के बाद दो भाजपा कार्यकर्ताओं अभिजीत सरकार और हरेन अधिकारी की हत्या की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 

राजनीतिक घटनाक्रम में मायावती ने 5 ट्वीट कियें

हरिओम उपाध्याय                 
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज अखिलेश यादव को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बसपा के निष्कासित विधायकों को सपा शामिल कराया तो समाजवादी पार्टी में फूट पड़ेगी और पार्टी टूट जायेगी। बसपा से निष्कासित असलम राइनी, मुजतबा, हाकिम लाल, हरगोविंद भार्गव और सुषमा पटेल के कल मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मुलाकात और बंद कमरे मे बातचीत के बाद घटे राजनीतिक घटनाक्रम में आज मायावती ने लगातार पांच ट्वीट किये।
उन्होंने कहा कि यदि अखिलेश यादव ने बसपा के निष्कासित विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कराया तो सपा में फूट होगी और उसके विधायक बसपा में शामिल होंगे। उन्होंने बिना किसी का नाम लिये कहा कि सपा के कुछ विधायक बसपा में आने को तैयार बैठे हैं। घृणित गठजोड़, द्वेष और जातिवादी आदि की संकीर्ण राजनीति में माहिर समाजवादी पार्टी द्वारा मीडिया के सहारे यह प्रकाशित करवाना कि बसपा के कुछ विधायक टूट कर सपा में आ रहे घोर उन्होंने कहा कि इन्हें काफी पहले ही सपा और एक उद्योगपति के बीच मिली भगत के कारण राज्यसभा के चुनाव में दलित के बेटे को हराने के प्रयास के कारण निलंबित किया जा चुका है।
सपा इन निलंबित विधायकों के प्रति थोड़ी भी इमानदार होती तो इन्हें अधर में नहीं लटकाये रखती। उन्होंने कहा कि सपा का चाल चरित्र चेहरा हमेशा से दलित विरोधी रहा है और वो सुधार के लिये कतई तैयार नहीं है। बसपा के कार्यकाल में भदोही का नाम संत रविदास नगर किया गया था जिसे सपा ने अपने कार्यकाल में फिर बदल कर भदोही कर दिया। है

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...