मंगलवार, 15 जून 2021

'द्यूत क्रीड़ा' का 154 साल पुराना कानून खत्म होगा

हरिओम उपाध्याय   
लखनऊ। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जुआ केंद्र चलाने, जुआ खेलने, ऑनलाइन जुआ खेलने और सट्टा लगाने जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए नया कानून लाने जा रही है। राज्य में 'द्यूत क्रीड़ा' को लेकर लागू 154 साल पुराना कानून खत्म करके नया कानून बनाया जाएगा। इसके तहत कड़े दंड का प्रावधान किया जा रहा है। राज्य विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस एएन मित्तल ने इस संबंध में 'उत्तर प्रदेश सार्वजनिक द्यूत निवारण विधेयक' का प्रारूप राज्य सरकार को सौंपा है। इसमें उन्होंने सजा और अर्थ दंड बढ़ाने की सिफारिश की है। शासन स्तर पर इसकी समीक्षा की जाएगी। इसके उपरांत प्रदेश में यह कानून लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में जस्टिस मित्तल ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में तत्कालीन अंग्रेज शासन का बनाया गया सार्वजनिक द्यूत क्रीड़ा अधिनियम 1867 (public gambling act 1867) प्रभावी है। इसमें समय-समय पर अनेक संशोधन भी किए गए हैं। बावजूद इसके अब भी यह अधिनियम ऑनलाइन जुआ गतिविधियों को रोकने में सक्षम नहीं है। 154 वर्ष पुराने इस अधिनियम को केंद्र सरकार ने समाप्त करने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार से यह अपेक्षा की गई है कि वह भी अपने राज्य में इस विषय पर अलग से कानून बनाए।

सार्वजनिक स्थानों पर जुआ खेलने पर एक साल की होगी सजा 
जस्टिस मित्तल ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि पुराना कानून 1867 का है। केंद्र सरकार 154 साल पुराने इस कानून को खत्म करने जा रही है। कुछ राज्यों ने इस विषय पर अपना कानून बना दिया है। उत्तर प्रदेश ने अभी तक इस विषय पर कोई कानून नहीं बनाया है। पूरे विषय पर हमने अध्ययन करके ऑनलाइन जुआ को रोकने को शामिल किया है। वर्तमान सजा को बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा है। इसमें सट्टा भी लगाने से रोकने की व्यवस्था दी गई है।

तैयार प्रारुप के अनुसार सजा में इजाफा किया गया है। पहले सार्वजनिक जुआ घर चलाने पर एक साल की सजा और 500 रुपये जुर्माना था। इसे बढ़ाकर तीन साल की सजा और जुर्माना किया गया है। इसी तरह से सार्वजनिक स्थल पर जुआ खेलते हुए पकड़े जाने पर पहले तीन महीने की सजा और 100 रुपये जुर्माना था। इसे बढ़ाकर एक साल की सजा और पांच हजार रुपये जुर्माना किया गया है। इसका प्रारूप राज्य सरकार को सौंप दिया गया है। शासन स्तर पर समीक्षा करने के बाद राज्य सरकार इसे लाएगी।

सपाइयों ने चलाया जागरूकता अभियान, मास्क बांटे

सपाइयों ने व्यापारियों से किया अपील मास्क नहीं तो सामान नहीं   कोरोना  विरुद्ध चलाया जागरूकता अभियान
बृजेश केसरवानी   
प्रयागराज। समाजवादी व्यापार सभा संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष दुर्गा प्रसाद गुप्ता की अगुवाई में स्थान मुट्ठीगंज लइया मंडी गाजीगंज मंडी खटाई मंडी व्यापारियों से जनसंपर्क कर कोरोना के विरुद्ध जन जागरण अभियान चलाया और मास्क व सेनेटाइजर वितरण कर व्यापारियों से अपील किया कि मास्क लगाए हुए व्यक्ति को ही सामान बेचे। 2 गज दूरी  है जरूरी मूल मंत्र याद कर ले तो कोरोना से  अपने आप को बचाव और अपने परिवार को सुरक्षित रखो।
जन जागरण अभियान में प्रदेश सचिव विजय गुप्ता प्रदेश कार्यकारिणी राजेश गुप्ता जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार केसरवानी महानगर अध्यक्ष शिव शंकर केसरवानी महामंत्री  नंदा निषाद पंकज गुप्ता अशोक गुप्ता दिनेश पाठक राजेंद्र प्रसाद बाबा जी सौरव श्रीवास्तव आशुतोष निषाद आदि व्यापारी उपस्थित रहे।

बसपा के 5 विधायकों ने सपा से जुडऩे के संकेत दिए

संदीप मिश्र   
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से हाल के महीनों में निलंबित कम से कम पांच विधायकों ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की और सपा में शामिल होने के संकेत दिए। जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर से विधायक सुषमा पटेल ने से कहा, ”सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ 15-20 मिनट तक चली बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों पर चर्चा हुई और मुलाकात अच्छी रही।”उनके अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर सुषमा पटेल ने कहा, “व्यक्तिगत रूप से मैंने समाजवादी पार्टी में शामिल होने का मन बना लिया है।” 
वर्तमान में 403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बसपा के 18 विधायक हैं। उनसे जब पूछा गया कि बसपा के निलंबित विधायकों ने अखिलेश यादव से मिलने का फैसला क्यों किया तो सुषमा पटेल ने कहा, “हमें अक्टूबर 2020 में राज्यसभा चुनाव के दौरान निलंबित कर दिया गया था और हमें स्पष्ट रूप से बसपा के झंडे और बैनर का उपयोग नहीं करने और किसी भी कार्यक्रम, पार्टी की बैठक में शामिल नहीं होने के लिए कहा गया था। राज्यसभा चुनाव के समय बसपा ने कोई व्हिप जारी नहीं किया था, न ही हम क्रॉस वोटिंग में शामिल थे। हमें बिना किसी आधार के निलंबित कर दिया गया था। हमें इसलिये निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि हम अखिलेश यादव से मिलने गए थे।”उन्होंने कहा, “अब, हमें विकल्प तलाशना है। इसलिए हम अखिलेश यादव से मिलने गये थे। अब हमारा बसपा से कोई लेना-देना नहीं है।” सुषमा पटेल के अलावा सपा प्रमुख से मिलने वाले अन्य विधायकों में में असलम राएनी, मुस्तफा सिद्दीकी, हाकिमलाल बिंद और हरगोविंद भार्गव शमिल हैं।

गौरतलब है कि अक्टूबर 2020 में बसपा के सात विधायकों को पार्टी अध्यक्ष मायावती ने निलंबित कर दिया था। उन पर राज्यसभा चुनाव में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार रामजी गौतम के नामांकन का विरोध करने का आरोप लगा था। निलंबित किये जाने वाले विधायकों में चौधरी असलम अलीर, हरगोविंद भार्गव, मोहम्मद मुस्तफा सिद्दीकी, हाकिमलाल बिंद, मोहम्मद असलम राएनी, सुषमा पटेल और वंदना सिंह शामिल थीं।

सैनिक बलिदान राष्ट्र की स्मृति में सदैव अंकित रहेगा

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में ‘‘अप्रत्याशित’’ चीनी आक्रामकता का सामना करते हुए देश की क्षेत्रीय अखंडता की खातिर एक साल पहले अपने प्राण न्यौछावर कर देने वाले 20 जवानों की बहादुरी की मंगलवार को प्रशंसा की। सेना ने घातक झड़पों की पहली बरसी पर कहा कि जवानों का अत्यधिक ऊंचाई वाले ‘‘सबसे कठिन’’ इलाके में दुश्मन से लड़ते हुए दिया गया यह सर्वोच्च बलिदान राष्ट्र की स्मृति में ‘‘सदैव अंकित’’ रहेगा।सेना ने ट्वीट किया, ‘‘जनरल एमएम नरवणे और भारतीय सेना के सभी रैंक के अधिकारी देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करते हुए लद्दाख की गलवान घाटी में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि देते हैं। उनकी वीरता राष्ट्र की स्मृति में ‘‘सदैव अंकित’’ रहेगी।’’ गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ पिछले साल 15 जून को भीषण झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जिसके बाद पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के बिंदुओं पर दोनों सेनाओं ने बल और भारी हथियार तैनात किए थे।
चीन ने फरवरी में आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया था कि भारतीय सेना के साथ संघर्ष में पांच चीनी सैन्य अधिकारी और जवान मारे गए थे, हालांकि व्यापक रूप से यह माना जाता है कि मरने वालों की संख्या अधिक थी। सेना की लेह स्थित 14 कोर ने भी हिंसक झड़पों की पहली बरसी पर ‘‘गलवान में शहीद हुए बहादुरों’’ को श्रद्धांजलि दी। इस कोर को ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ के नाम से जाना जाता है।

सेना ने कहा, ‘‘20 भारतीय सैनिकों ने अप्रत्याशित चीनी आक्रमण का सामना करते हुए हमारी भूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए और पीएलए (जनमुक्ति सेना) को भारी नुकसान पहुंचाया।’’ ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ के कार्यवाहक जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल आकाश कौशिक ने प्रतिष्ठित लेह युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करके शहीद नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की सुरक्षा की जिम्मेदारी 14 कोर की है। सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘देश उन वीर सैनिकों का हमेशा आभारी रहेगा, जिन्होंने अत्यधिक ऊंचाई वाले सबसे कठिन इलाकों में लड़ाई लड़ी और राष्ट्र की सेवा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।’’

20 जवानों की शहादत से जुड़े हालात स्पष्ट नहीं

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत की पहली बरसी पर मंगलवार को कहा कि एक वर्ष का समय गुजरने के बाद भी इस घटना से जुड़े हालात को लेकर स्पष्टता नहीं है तथा सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम देश के जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल रहे हैं।सोनिया ने जवानों के बलिदान को याद किया और यह दावा किया कि सैनिकों के पीछे हटाने का जो समझौता चीन के साथ हुआ है उससे भारत का नुकसान दिखाई पड़ता है। उन्होंने एक बयान में कहा, ”14-15 जून, 2020 की रात को चीन की पीएलए के साथ हुई झड़प को एक साल पूरा हो गया है।
इसमें बिहार रेजीमेंट के हमारे 20 जवानों की जान चली गई थी। कांग्रेस हमारे जवानों के सर्वोच्च बलिदान को याद करने में राष्ट्र के साथ शामिल है।” उनके मुताबिक, इसका बहुत ही धैर्य का साथ इंतजार किया गया कि सरकार सामने आएगी और देश को उन हालात के बारे में सूचित करेगी जिनमें यह अप्रत्याशित घटना घटी तथा वह लोगों को विश्वास दिलाएगी की हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

सोनिया ने कहा, ”अब कांग्रेस पार्टी अपनी इस चिंता को फिर से प्रकट करती है कि अब तक कोई स्पष्टता नहीं है और इस विषय पर प्रधानमंत्री का आखिरी वक्तव्य पिछले साल आया था कि कोई घुसपैठ नहीं हुई।” उन्होंने यह भी कहा, ”हमने प्रधानमंत्री के बयान के संदर्भ में बार बार ब्यौरा मांगा और अप्रैल, 2020 से पूर्व की यथास्थिति बहाल करने की दिशा में हुई प्रगति का विवरण भी मांगा। चीन के साथ सेनाओं को पीछे हटाने का जो समझौता हुआ है, उससे लगता है कि यह अब तक भारत के लिए पूरी तरह नुकसानदेह रहा है।” सोनिया ने कहा, ”कांग्रेस पार्टी आग्रह करती है कि सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम हमारे उन जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल हैं जो मुस्तैदी के साथ हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।

आईएएफ ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के लिए ऑर्डर दिया

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने कोच्चि के स्टार्टअप ‘आलअबाउट इनोवेशन’ को उसके एक उस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के लिए ऑर्डर दिया। जो कोरोना वायरस के वायुजनित प्रसार को रोक सकता है और इस महामारी के वायरल लोड को ”99 प्रतिशत तक” कम कर सकता है। सोमवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है। स्टार्टअप द्वारा जारी बयान में कहा गया है, ”आईएएफ ने कुछ ‘वुल्फ एयरमास्क (इलेक्ट्रॉनिक उपकरण) खरीदे हैं और इन्हें नई दिल्ली स्थित आईएएफ के कार्यालय में लगाया जायेगा।” इसमें कहा गया है कि प्रत्येक उपकरण भारतीय वायुसेना के नई दिल्ली कार्यालय में 1,000 वर्ग फुट के क्षेत्र को कवर करेगा। 
इसमें कहा गया है कि भारतीय नौसेना के साथ-साथ विभिन्न राज्यों ने भी इन उपकरणों के लिए आलअबाउट इनोवेशन से संपर्क किया है।बयान में कहा गया है, ”यह सार्स सीओवी2 वायरस के खिलाफ परीक्षण किया गया एकमात्र उपकरण भी है। इसका आरजीसीबी (राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केंद्र) में परीक्षण किया गया था। उनका निष्कर्ष यह है कि वुल्फ एयरमास्क एकमात्र उपकरण है जो कोविड के वायरल लोड को 99.9 प्रतिशत तक कम कर सकता है।

लॉकडाउन की पाबंदियों को 1 हफ्ते तक बढ़ाया गया

राणा ओबराय                 
चंडीगढ़। हरियाणा में महामारी अलर्ट, सुरक्षित हरियाणा यानि लॉकडाउन की पाबंदियों को एक हफ्ते के लिए आगे बढ़ा दिया है। कोरोना महामारी के लिए हरियाणा सरकार की तरफ से नई गाइंडलाइन के मुताबिक स्कूलों, कोचिंग संस्थानों और कॉलेजों को अगले आदेशों तक बंद रखा जाएगा। इधर प्रदेश में 15 जून को स्कूलों को छुट्टियां खत्म हो रही थी। राज्य में शिक्षा विभाग की तरफ से ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया था। अब स्कूलों में फिर से छुट्टियां आगे बढ़ा दी गई है। अब 30 जून तक छुट्टियां आगे बढ़ाई गई है। इसकी जानकारी शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर ने दी। 
प्रदेश में स्कूली बच्चे अवसर एप व एजुसेट के जरिये अपनी पढाई की शुरुआत कर देंगे। इधर शिक्षामंत्री ने पहली से लेकर आठवीं तक के बच्चों की पढाई के लिए किताबों के पैसे खातों में भेजने का ऐलान कर दिया है इसके अलावा किताबों को आगे की कक्षा के छात्रों को देने के निर्देश भी दिये हैं। स्कूलों में फिलहाल रोटेशन के हिसाब से 50 फीसदी स्टाफ ड्यूटी पर आ रहा है। प्रदेश में 22 अप्रैल से 31 मई तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसे 15 जून तक बढ़ाया गया था, लेकिन अब इसे 30 जून तक आगे बढ़ा दिया है। स्कूलों में अब बुधवार से हिंदी और इंग्लिशन मीडियम के छात्रों को अलग अलग माध्यम से शिक्षा दिये जाने की तैयारी है। इंग्लिश के लिए स्वयं प्रभा के 12 चैनल रखे गए हैं, वहीं इस बार खास बात यह भी है कि शिक्षक सप्ताह में एक दिन बच्चों को अभिभावकों से फीडबैक भी लेंगे।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...