सोमवार, 14 जून 2021

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या-2,95,10,410 हुईं

अकांशु उपाध्याय                

नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 70,421 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,95,10,410 हो गई। देश में 74 दिन बाद संक्रमण के इतने कम मामले सामने आए हैं। उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी करीब दो माह बाद, 10 लाख से कम हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में संक्रमण से 3,921 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,74,305 हो गई।

वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी कम होकर 9,73,158 हो गई है। जो कुल मामलों का 3.30 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मामलों में कुल 53,001 की कमी आई है। आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 37,96,24,626 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 14,92,152 नमूनों की जांच रविवार को की गई। नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर 4.72 प्रतिशत है। पिछले 21 दिन से संक्रमण की दैनिक दर 10 प्रतिशत से कम बनी हुई है।

वहीं, संक्रमण की साप्ताहिक दर भी कम होकर 4.54 प्रतिशत हो गई है। संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या लगातार 32वें दिन संक्रमण के नए मामलों से अधिक रही। देश में अभी तक कुल 2,81,62,947 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 95.43 प्रतिशत है। कोविड-19 से मत्यु दर बढ़कर 1.27 प्रतिशत हो गई है। देश में अभी तक कुल 25,48,49,301 लोगों को कोविड-19 रोधी टीके लग चुके हैं। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए थे।

बढ़ोतरी: 29 पैसे तक महंगा हुआ पेट्रोल, महंगाई

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। तेल विपणन कंपनियों ने सोमवार को पेट्रोल-डीजल के दाम एक बार फिर बढ़ा दिए। इससे पहले रविवार को कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। कीमतों में आज की बढ़ोतरी से दोनों जीवाश्म ईंधन महंगाई के नए शिखर पर पहुंच गए हैं। देश के चार प्रमुख महानगरों में पेट्रोल 29 पैसे तक और डीजल 31 पैसे तक महंगा हुआ। लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से सीधा असर फल-सब्जी, अनाज के दामों पर भी पड़ा है। अग्रणी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल 29 पैसे महंगा होकर 96.41 रुपये और डीजल 30 पैसे महंगा होकर 87.28 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। कीमतों में बढ़ोतरी का मौजूदा क्रम 04 मई को शुरू हुआ था। दिल्ली में मई महीने के दौरान पेट्रोल 3.83 रुपये और डीजल 4.42 रुपये महंगा हुआ था।

जून में अब तक पेट्रोल की कीमत 2.18 रुपये और डीजल की कीमत 2.13 रुपये बढ़ चुकी है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 28 पैसे और डीजल की 31 पैसे बढ़ी। वहां एक लीटर पेट्रोल 102.58 रुपये और डीजल 94.70 रुपये का हो गया। चेन्नई में पेट्रोल 26 पैसे महंगा होकर 97.69 रुपये और डीजल 28 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 91.92 रुपये प्रति लीटर के भाव बिका। कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 28 पैसे और डीजल की 29 पैसे बढ़ी। वहां पेट्रोल अब 96.34 रुपये और डीजल 90.12 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की रोजाना समीक्षा होती है और उसके आधार पर हर दिन सुबह छह बजे से नई कीमतें लागू की जाती हैं।

पीएम मोदी को ‘घोटाले’ पर जवाब देना चाहिए: कांग्रेस

उमय सिंह साहू              

अयोध्या। कांग्रेस ने श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस ‘घोटाले’ पर जवाब देना चाहिए तथा उच्चतम न्यायालय की निगरानी में इसकी जांच होनी चाहिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उच्चतम न्यायालय यह से आग्रह भी किया कि वह मंदिर निर्माण के चंदे के रूप में प्राप्त राशि व खर्च का न्यायालय के तत्वाधान में ऑडिट करवाए तथा चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत को लेकर भी जांच करें। 

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भगवान श्री राम आस्था के प्रतीक हैं। पर भगवान राम की अलौकिक अयोध्या नगरी में श्री राम मंदिर निर्माण हेतु करोड़ों लोगों से एकत्रित चंदे का दुरुपयोग और धोखाधड़ी महापाप और घोर अधर्म है। जिसमें भाजपाई नेता शामिल हैं।’’ सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘जमीन की रजिस्ट्री के दोनों कागजों पर श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा गवाह के तौर पर मौजूद हैं।

यूके: कर्फ्यू में रियायत देने पर विचार कर रहीं सरकार

पंकज कपूर                
देहरादून। उत्तराखंड में कोरोनावायरस कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लगाए गए कोविड-19 कर्फ्यू 15 जून सुबह 6:00 बजे तक समय अवधि है। यह माना जा रहा है कि सरकार 22 जून तक इसे आगे बढ़ा सकती है हालांकि इस बीच कोविड-19 कर्फ्यू में सरकार रियायत देने पर विचार कर रही है।
रविवार को कोविड-19 कर्फ्यू की साप्ताहिक समीक्षा की गई और आज आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कोविड-19 कर्फ्यू की मानक प्रचालन प्रक्रिया यानी सोप जारी करेगा। सूत्रों के मुताबिक शासन इस बार बाजार खुलने के दिनों में या दुकान होटल रेस्टोरेंट सहित शॉपिंग मॉल खोलने की संभावनाओं पर विचार कर सकता है। वही 50% उपस्थिति के साथ सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों को खोलने की संभावनाएं भी जताई जा रही है।

लोगों को घरों में ही रखने के लिए 60 ड्रोन तैनात किएं

बीजिंग। चीन के दक्षिणी प्रांत ग्वानझोउ में कोविड-19 के नए स्वरूप के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लोगों को घरों में ही रखने के लिए कम से कम 60 ड्रोन तैनात किए गए हैं। चीन में संक्रमण के मामले मुख्य तौर पर कम हो गए हैं। लेकिन ग्वानझोउ में संक्रमण के नए मामले बढ़ रहे हैं। ग्वानझोउ में पिछले 24 घंटे में छह नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 100 के पार चली गई है। ये सभी मामले 21 मई के बाद से सामने आए हैं। ग्वानझोउ में सामने आया संक्रमण का यह नया स्वरूप ‘डेल्टा’ है। जो सबसे पहले भारत में सामने आया था और बेहद संक्रामक है।

पुलिस द्वारा संचालित ड्रोन कैमरे तैनात किए गए हैं और इनके जरिए, घर से बाहर आने वाले लोगों को संकमण से बचने के लिए अंदर रहने का संदेश दिया जाता है। ग्वांगझोउ की सीमाएं भी बंद कर दी गई हैं। रेस्तरां में बैठकर खाने पर भी रोक लगा दी गई है। सिनेमा घर, थिएटर, नाइट क्लब और बंद स्थानों पर होने वाली अन्य गतिविधियों को बंद करने का आदेश दिया गया है।


इजराइल के नए पीएम के तौर पर बेनेट ने शपथ ली

येरूशलम। इजराइल के नए प्रधानमंत्री के तौर पर रविवार को नफ्ताली बेनेट ने शपथ ले ली। पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कभी बेहद करीबी रहे बेनेट ने उनकी गलत नीतियों का विरोध कर आज यह मकाम हासिल किया है। बेनेट एक धर्मपरायण यहूदी हैं, जिन्होंने विशेषकर धर्मनिरपेक्ष हाई-टेक क्षेत्र से लाखों कमाए हैं।

पुनर्वास आंदोलन के अगुआ रहे बेनेट तेल अवीव उपनगर में रहते हैं। वह बेंजामिन नेतन्याहू के पूर्व सहयोगी रहे हैं। नेतन्याहू के 12 साल के शासन को खत्म करने के लिए बेनेट ने मध्य और वाम धड़े के दलों से हाथ मिलाया है। उनकी घोर राष्ट्रवादी यामिना पार्टी ने मार्च में हुए चुनाव में 120 सदस्यीय नेसेट (इजराइल की संसद) में महज सात सीटें जीती थीं। लेकिन उन्होंने नेतन्याहू या अपने विरोधियों के आगे घुटने नहीं टेके और ‘किंगमेकर’ बन कर उभरे। अपनी धार्मिक राष्ट्रवादी पार्टी से एक सदस्य के पार्टी छोड़ने के बावजूद आज सत्ता का ताज उनके सिर पर है। बेनेट लंबे समय तक नेतन्याहू का दाहिना हाथ रहे। लेकिन वह उनके गठबंधन के तौर तरीकों से नाखुश थे।

संसद में कम बहुमत के बावजूद वह दक्षिणपंथी, वामपंथी और मध्यमार्गी दलों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने में सफल रहे और इस वजह से आगे उनके लिए रास्ता आसान नहीं होगा। बेनेट फलस्तीनी स्वतंत्रता के विरोधी हैं और वह कब्जे वाले वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में यहूदी बस्तियों के घोर समर्थक हैं। जिसे फलस्तीनी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई देश शांति की प्रक्रिया में बड़ा अवरोधक मानते हैं। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के दबाव में आकर बस्तियों के निर्माण कार्य को धीमा करने के नेतन्याहू के कदम का बेनेट ने जबरदस्त विरोध किया था। हालांकि अपने पहले कार्यकाल में ओबामा शांति प्रक्रिया बहाल करने में नाकाम रहे थे। इजराइल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट के प्रमुख योहानन प्लेज्नर ने कहा, ‘‘वह एक दक्षिणपंथी नेता हैं, सुरक्षा को लेकर सख्त हैं, लेकिन वह एक व्यवहारिक सोच रखने वाले नेता हैं।’’

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