सोमवार, 14 जून 2021

14,179 ग्राम पंचायत सदस्यों के पदों का फैसला होगा

हरिओम उपाध्याय            

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों में रिक्त 14,450 पदों के लिए गत 12 जून को हुए उपचुनाव में वोटों की गिनती सोमवार को सुबह आठ बजे से आरंभ हो गयी है। प्रदेश के 73 जिलों में होने वाली मतगणना में छह जिला पंचायत सदस्य, 137 क्षेत्र पंचायत सदस्य, 128 ग्राम प्रधान तथा 14179 ग्राम पंचायत सदस्यों के पदों का फैसला होगा। पंचायतों के रिक्त पदों पर शनिवार को प्रदेश में 8321 मतदान केंद्रों पर हुए मतदान में लगभग 64.74 प्रतिशत वोट डाले गए थे।चुनाव परिणाम दोपहर 12 बजे से आना प्रारंभ होंगे।मतगणना केंद्रों पर कोरोना संक्रमण से बचाव के कड़े उपाय किए गए हैं। आक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर से जांच के बाद ही मतगणना केंद्रों में प्रवेश दिया गया है। चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद जिन ग्राम पंचायतों का गठन नहीं हो सका था वहां प्रधानों की शपथ होगी और ग्राम पंचायतों की पहली बैठक भी होंगी।

जिला पंचायत सदस्यों के कुल रिक्त सात पदों में एक स्थान पर निर्विरोध निर्वाचन होने के कारण छह का चयन वोटों से होगा। इसी क्रम में क्षेत्र पंचायत सदस्यों के कुल रिक्त 186 पदों में 44 निर्विरोध चुने जाने के बाद 137 पदों पर मतदान किया गया। ग्राम प्रधानों के रिक्त 156 पदों में से 26 आम सहमति से चुन लिए गए। ग्राम पंचायत सदस्यों के रिक्त 227504 पदों में से 206941 पर नाम वापसी के बाद चुनाव की जरूरत नहीं पड़ी। प्रदेश में ललितपुर व कासगंज को छोड़कर शेष 73 जिलों में वोट डाले गए। 

पंचायत चुनाव के बाद पंचायतों में रिक्त रहे पदों के लिए गत 31 मई को उपचुनावों की अधिसूचना जारी की गयी थी। रिक्त पदों में सात जिला पंचायत सदस्य, 186 क्षेत्र पंचायत सदस्य, 156 ग्राम प्रधान तथा 2,27,504 ग्राम पंचायत सदस्यों के पद शामिल थे। नामांकन व नाम वापसी की प्रक्रिया के बाद 26 ग्राम प्रधान, एक जिला पंचायत सदस्य, 44 क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा 206941 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे। शेष पदों के लिए शनिवार को चित्रकूट व कासगंज को छोड़कर प्रदेश के अन्य जिलों में 8321 पोलिंग बूथों पर वोट डाले गए।


होटलों ने कोल्ड ड्रिंक को मेन्यू कार्ड में शामिल किया

मऊ। फास्ट फूड और कोल्ड ड्रिंक्स के बढ़ते प्रचलन के बावजूद लोगों के लिए 'दिव्य पेय' के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाली 'सतुई लस्सी' गांवों की गली चौपाल से निकल कर आज पांच सितारा होटलों और नामी गिरामी रेस्टोरेंट की शान बन चुकी है। गाजीपुुर समेत पूरे पूर्वांचल और बिहार वासियों के लिए दशकों से सतुई लस्सी सबसे पसंदीदा पेय पदार्थों में शामिल है। लेकिन मुबंई,दिल्ली और बैंगलोर जैसे शहरों में औषधीय गुणों से युक्त इस पेय पदार्थ की बढ़ती मांग को देखते हुये नामी गिरामी रेस्तरां और पंच सितारा होटलों ने इसे अपने मेन्यू कार्ड में शामिल कर लिया है। 

जो केवल स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि अनेक रोगों के लिए भी रामबाण की तरह है। यह ऐसा पेय पदार्थ है, जो पेट की कब्जियत से संबंधित अन्य बीमारियों को दूर करता है। वैसे तो सत्तू को लोग-बाग नमकीन, मीठा, तीखा, ठोस व तरल आहार के अलग-अलग रूपों में विविध स्वादों के साथ ग्राहण करते हैं। लेकिन गर्मी के दिनों में इसका तरल रूप विशेष आनन्द देता है। खास बात यह है कि यह केवल भूख ही नहीं मिटाता, बल्कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इसमें इतने गुण पाए जाते हैं जो विभिन्न प्रकार के रोग व अवसाद से भी दूर रखने का काम करते हैं।

पूर्वांचल के प्रख्यात होटल वैभव के मालिक जितेन्द्र सिंह ने ​बताते है कि अब अतिथियों व ग्राहकों द्वारा प्राय: सतुई लस्सी की मांग की जाती है। जिसके कारण होटल की रसोई में अब यह मेन्यू में भी शामिल हो गया है।बिहार और उत्तर प्रदेश का देशी व्यंजन सत्तू न सिर्फ खाने में लजीज होता है, बल्कि आपके कई रोगों को ठीक करने के लिए औषधि का काम भी करता है। देशी वैद्य भारतेन्दु की मानें तो सत्तू का सेवन करने से न सिर्फ मधुमेह, बल्कि अन्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। मोटापे से भी निजात मिलती है।

सत्तू भूने हुए जौ और चने को पीस कर बनाया जाता है। बिहार व उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों में इसे काफी पसंद किया जाता है। सामान्यतः सत्तू एक चूर्ण के रूप में रहता है, जिसे पानी में घोलकर पिया जाता है। जीरा, काला नमक, कच्चा आम, पुदीने की चटनी, बारीक कटी प्याज, लहसन, अदरक के साथ घोलकर इसे लस्सी के रूप में पीने वालों के सामने प्रस्तुत किया जाता है। यह सतुई लस्सी धीरे-धीरे सामान्य रेस्टोरेंट्स से सितारा होटल व रेस्टोरेंट्स तक अपनी पहुंच बना चुका है। इसकी उपलब्धता का आलम यह है कि कोर्ट, कचहरी, रेलवे स्टेशन, प्रमुख बाजार, बस स्टैंड, कार्यालयों इत्यादि के आस-पास ठेला खोमचा टीन सेट इत्यादि के दुकान में चमकीले व आकर्षक बोर्डों के साथ देखा जा सकता है।

यूपी: राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-58 का सफर महंगा

मुजफ्फरनगर। डीजल-पेट्रोल के साथ खाद्य तेल व अन्य वस्तुओं की महंगाई की मार झेल रहे लोगों पर एक और प्रहार होने जा रहा है। 1 जुलाई से दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-58 का सफर और अधिक महंगा हो जाएगा। हाईवे पर वाहन दौडाने के लिये अधिक टोल चुकाते हुए लोगों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।समूचा देश इस समय डीजल-पेट्रोल के साथ खाद्य तेलों की महंगाई की मार झेलते हुए बुरी तरह से कर्राह रहा है। इसी बीच आने वाली 1 जुलाई को लेकर भी लोग बुरी तरह से आशंकित हो चुके हैं। इसके चलते 1 जुलाई से दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-58 का सफर महंगा होने जा रहा है। 

वह इसलिये कि हर साल एनएचएआई की स्वीकृति के बाद सिवाया टोल प्लाजा का शुल्क संशोधित किया जाता है। कोरोना संक्रमण की लहर की वजह से वर्ष 2020 में टोल प्लाजा के शुल्क में कोई संशोधन नहीं हुआ था। टोल प्लाजा की ओर से इस बार फिर से एनएचएआई मुख्यालय से टोल संशोधन की अनुमति मांगी गई है। एनएचएआई की हरी झंडी मिलते ही 1 जुलाई से टोल प्लाजा पर शुल्क की नई दरें लागू कर दी जाएगी। माना जा रहा है कि इस वर्ष नियमानुसार टैक्स में वृद्धि की जाएगी। इसके लिए टोल कंपनी ने तैयारी शुरू कर दी है। सिवाया टोल प्लाजा पर प्रत्येक वर्ष एक जुलाई से नियमानुसार एनएचएआई द्वारा टोल टैक्स में वृद्धि की जाती है। 

कोरोना के कारण वर्ष 2020 में एनएचएआई ने टोल टैक्स में बढ़ोतरी नहीं की थी, लेकिन लॉकडाउन लगने और टोल प्लाजा पर वाहनों की संख्या में आई भारी कमी के चलते होने वाले नुकसान को देखते हुए माना जा रहा है कि इस वर्ष एनएचएआई टोल टैक्स में बढ़ोतरी करने जा रही है। टोल कंपनी तैयारियों में जुट गई हैं। जल्द ही प्रस्ताव बनाकर एनएचएआई को भेजा जाएगा। एनएचएआई द्वारा प्रस्ताव पर हरी झंडी मिलते ही टोल प्लाजा पर एक जुलाई से टोल टैक्स की दरों में वृद्धि कर संशोधित दरें लागू कर दी जाएंगी।

महिलाओं ने एससी का खटखटाया दरवाजा, न्याय

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा का शिकार हुई महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए न्याय की गुहार लगाई है। अपने ऊपर अत्याचार होने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंची महिलाओं ने एसआईटी जांच की मांग की है। सोमवार को उजागर हुई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट पहुंची महिलाओं में शामिल एक 60 वर्षीय महिला ने बताया है कि किस प्रकार विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान 4 मई की रात को टीएमसी के कार्यकर्ता उसके घर में जबरन घुस आए थे और पोते के सामने ही उसके साथ रेप किया था। महिला ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर अपने घर में लूटपाट किए जाने का भी आरोप लगाया है। 

यह मामला बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले का है। रिपोर्ट के अनुसार महिला ने कहा है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं की ओर से वोट ना देने पर बदले की कार्यवाही के रूप में रेप जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अर्जी में महिला ने कहा है कि बंगाल में इन घटनाओं को पुलिस की निष्क्रियता के चलते भी बढ़ावा मिल रहा है। इससे पहले 18 मई को भी सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया था। चुनाव के बाद हुई हिंसा में भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की हत्याओं के आरोप में यह अर्जी न्यायालय में दाखिल की गई थी। अब अर्जी दाखिल करने वाली महिलाओं में से एक महिला ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में उसके पति ने भाजपा के लिए प्रचार किया था। चुनाव बाद उनकी पहचान की गई और टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने दिनदहाड़े उन्हें कुल्हाड़ी से काट कर मार दिया। महिला ने कहा है कि वह इस हिंसा को असहाय होकर देखती रही और अपने पति को टीएमसी कार्यकर्ताओं के हाथों मरता देखने को मजबूर हुई।

महिला का आरोप है कि हमलावरों ने बाद में उसके साथ रेप करने का प्रयास भी किया। इसके अलावा शीर्ष अदालत में 17 वर्षीय एक दलित लड़की ने बताया है कि 9 मई को टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उसके साथ रेप किया था और उसे जंगल में ही मरने के लिए छोड़ गए थे। लड़की का दावा है कि अगले दिन टीएमसी के नेता उसके घर आए और धमकी दी कि यदि इस मामले की शिकायत पुलिस में की तो घर को आग के हवाले करते हुए परिवार को जान से मार दिया जाएगा।

पिता ने ढ़ाई साल की नन्हीं पुत्री को बेचा, कर्ज चुकाया

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। पिता अपनी बच्चों को पालने के लिये जीवन भर कमाई करता है और उन्हें पालता है। चाहे पिता भूखा रहे वह अपने बच्चों को भूखा नहीं रहने देता। अगर बात की जाये लड़की की। पिता लड़की को पालता है और उसकी शादी करने के लिये जीवन भर रूपये जुटाता है। फिर उसकी शादी करता है। ओडिशा के जजपुर में एक पिता ने कुछ रूपये कर्ज लिये थे। छोटी से रकम चुकाने की बजाय अपनी ढ़ाई साल की नन्ही फूल सी पुत्री को उसे सौंप दिया। इस मामले से यह पता चलता है कि इंसानियत बिल्कुल चूर-चूर हो गई है।

रमेश के घर कर्ज लेने के लिये लिटू जाता था। रमेश ने कर्ज चुकाने के लिये अपनी नन्ही से पुत्री को उसे सौंप दिया। एडिशनल डीजी यशवंत जेठवा ने कहा है कि यह सच है कि बच्ची के पिता रमेश में आरोपी से 3 से पांच हजार रूपये का कर्ज लिया था। रमेश की पत्नी उसे छोड़कर जा चुकी थी। उसने अपने ससुर कहा कहा कि वह अकेले अपनी बच्ची देखभाल करने में सक्षम नहीं है। दूसरे आरोपी लिटू अपनी फैमिली के साथ रहता था। इसलिये रमेश ने अपनी नन्ही पुत्री को उसे सौंप दिया। वह डील परमानेंट नहीं थीं। जिला बाल संरक्षण निरंजन कर ने कहा है कि हमने बच्चे को बचा लिया है। हम यह पता लगा रहे हैं कि बच्चे को सुरक्षित टाइम पर बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाये। 

पुलिस इस मामले का जानकारी लगाने के लिये जांच कर रही है कि किस परिस्थिति में बच्चे को उसके माता-पिता ने किसी अन्य व्यक्ति को सौंप दिया। फिलहाल बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए हम उसे बाल कल्याण समिति को सौंप देंगे। यह जांच करेंगे कि क्या बच्चा अवैध रूप से बेचा गया था या आरोपी उनका रिश्तेदा। गौरतलब है कि रमेश और उसकी पत्नी भूवनेश्वर में कार्य करते थे। रमेश शराबी है और वह अपनी पत्नी के साथ झगड़ा करता था। जिसके पश्चात वह उसे छोड़कर अपने माता-पिता के घर चली गई। उसने बच्ची को रमेश के पास छोड दिया था। लाॅकडाउन होने के बाद रमेश भी अपने गांव बिंझापुर आ गया था और वहीं अपनी बेटी के साथ रह रहा था। जब लिटू ने रमेश को पैसे चुकाने के लिये कहा तो उसने कर्ज चुकाने के लिये अपनी बेटी को उसे सौंप दिया।

मौका: सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज, चांदी में तेजी

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। आज फिर सोने की कीमतें गिरी हैं। अगर आपको भी गोल्ड ज्वैलरी खरीदनी है तो इस समय आपके पास अच्छा मौका है। एमसीएक्स पर सोना वायदा 0.61 फीसदी की गिरावट के साथ 48,588 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर ट्रेड कर रहा है। वहीं, चांदी का वायदा भाव 71,784 रुपये प्रति किलोग्राम है। पिछले सत्र में सोने में करीब 0.65 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। वहीं, चांदी में 0.3 फीसदी की तेजी थी। भारत में, सोना इस महीने की शुरुआत में पांच महीने के उच्च स्तर 48,700 रुपये पर पहुंच गया था और इस लेवल पर पहुंचने के बाद से सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच सोने में गिरावट देखी जा रही है।

इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड के भाव की बात करें, तो यहां सोने की कीमत 0.6 फीसदी गिरावट के साथ 1,864.58 डॉलर प्रति औंस थी। यह एक सप्ताह में सबसे कम है। इस सप्ताह के अंत में फेडरल रिजर्व नीति बैठक के भी नतीजे आने वाले हैं। 14 जून 2021 को 24 कैरेट गोल्ड का रेट्स सभी शहरों में अलग-अलग है। देश की राजधानी नई दिल्ली में 10 ग्राम सोने की कीमत 52180 रुपये है। इसके अलावा चेन्नई में 50230 रुपये, मुंबई में 48470 रुपये, कोलकाता में 51180 रुपये, बैंगलोर में 49880 रुपये और हैदराबाद में 49880 रुपये प्रति 10 ग्राम है।

मुकाबला: 6 ​परमाणु ​पनडुब्बियां बनाएगा 'भारत'

अकांशु उपाध्याय                   
नई दिल्ली। हिन्द महासागर में चीन का मुकाबला करने के लिए ​​भारत ​अब खुद छ: ​परमाणु ​पनडुब्बियां बनाएगा। जिसके लिए ​सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ​​​​(सीसीएस)​ ​​से मंजूरी मिलने का इन्तजार​ है​।​ भारत के पास सिर्फ एक परमाणु पनडुब्बी है। इसलिए ​स्वदेशी परियोजना के तहत​ जल्द ही पहले तीन पनडुब्बियों की मंजूरी मिलने की सम्भावना है। इसके बाद तीन और पनडुब्बियों के लिए मंजूरी दी जाएगी। ​​​पहली परमाणु पनडुब्बी 2032 या उसके आसपास नौसेना को मिलेगी।​ ​​
नौसेना के पास इस समय​ इकलौता विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य है, जिसे 16 नवम्बर, 2013 को सेवा ​में शामिल किया गया था। नौसेना का दूसरा विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत अभी परीक्षण के दौर से गुजर रहा है। इसके 2021 के अंत या 2022 की शुरुआत में नौसेना के परिवार का हिस्सा बनने की उम्मीद है। हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती दखलंदाजी को देखते हुए भारतीय नौसेना को तीसरे विमानवाहक युद्धपोत की भी आवश्यकता है, जिसके बारे में शीर्ष स्तर पर चर्चा भी हुई है। ​​नौसेना को सीमित बजट देखते हुए अपनी जरूरत के हिसाब से ​छह ​परमाणु पनडुब्बियों या तीसरे विमानवाहक युद्धपोत में से किसी एक को चुनना था, जिसमें छह परमाणु पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण परियोजना पर ध्यान केन्द्रित किया गया है।  ​​
नौसेना ​के पास ​अभी तक सिर्फ दो परमाणु पनडुब्बि​यां आईएनएस अरिहंत और आईएनएस चक्र ​थीं। ​​आईएनएस चक्र को रूस से 10 साल की लीज पर लिया गया ​था​ ​इस पनडुब्बी की दस साल की लीज जनवरी, 2022 में समाप्त ​होनी थी लेकिन ​भारत ने ​​लीज अवधि न बढ़ाने का फैसला लेकर ​लगभग दस महीने पहले ​ही ​उसे रूस को लौटा दिया है।​ ​भारत ने 2019 में रूस से अकुला श्रेणी की तीसरी परमाणु संचालित हमला पनडुब्बी आईएनएस चक्र-3 को पट्टे पर देने के लिए 3.3 बिलियन डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। रूस से 2025 में 10 साल के लिए परमाणु क्षमता से लैस दूसरी पनडुब्बी मिलेगी।​ ​​
अब नौसेना के पास स्वदेशी रूप से निर्मित इकलौती परमाणु पनडुब्बी ​​अरिहंत ​बची है। अरिहंत का जलावतरण​ तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण कौर ​ने 26 जुला​​ई, 2009 को​ किया ​था। यह दिन इसलिए भी चुना गया, क्योंकि इस दिन को कारगिल विजय दिवस या विजय दिवस रूप में मनाया जाता है​​​ ​​​गहन बंदरगाह और समुद्री परीक्षणों से​ गुजरने के बाद अरिहंत​ पनडुब्बी अगस्त, 2016 में भारतीय नौसेना के बेड़े में​ ​शामिल की गई थी​​​​ इसी श्रेणी की दूसरी​ परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट भी समुद्री परीक्षणों से गुजर रही है और निकट भविष्य में इसके चालू होने की उम्मीद है।
चीन के पास करीब एक दर्ज...
ऐसी परमाणु पनडुब्बियां हैं। उसकी नई पनडुब्बी टाइप 095 बेहद शांति से समुद्र में चलती है। इसलिए चीन की साजिशों को जवाब देने के लिए भारतीय नौसेना को भी परमाणु पनडुब्बियों की जरूरत है। भारत ने 6,000 टन से अधिक वजन वाली छह परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण की योजना बनाई है। शुरुआत में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) से केवल तीन ही पनडुब्बियों के निर्माण की मंजूरी दी जाएगी, जिसमें से ​​पहली परमाणु पनडुब्बी 2032 या उसके आसपास नौसेना को मिलेगी।​ ​भारतीय नौसेना ​के लिए छह स्वदेशी परमाणु हमले वाली पनडुब्बियां ​बनाने के प्रस्ताव ​को 2014 में सत्ता में आने के तुरंत बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी थी।​ 
भारत की सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस)​ ​06 में से तीन परमाणु हमले वाली पनडुब्बियों (एसएसएन) के स्वदेशी निर्माण के लिए लगभग 6.8 बिलियन डॉलर के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। यह परियोजना (एसएसबीएन) अरिहंत श्रेणी की परियोजना से अलग है।​ स्वदेशी रूप से बनने वाली पहली तीन परमाणु हमले वाली ​​पनडुब्बियों में 95 प्रतिशत 'भारत में निर्मित' सामग्री होगी।​ इनका निर्माण विशाखापत्तनम में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (​डीआरडीओ​करेगाप्रत्येक पनडुब्बी के निर्माण पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह परियोजना ​भारत में पनडुब्बी​ निर्माण क्षमता ​बढ़ाने में निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों सहित घरेलू रक्षा क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा ​देगी​ इस परियोजना से रक्षा क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, क्योंकि इससे रक्षा क्षेत्र में बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी। 

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...