मंगलवार, 8 जून 2021

दिल्ली नगर निगम के उम्मीदवारों की घोषणा की

सत्येंद्र ठाकुर   

नई दिल्ली। दिल्ली के तीन नगर निगम के विभिन्न पदों के लिए मंगलवार को भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। भाजपा को तीनों नगर निगम में बहुमत हासिल है। भाजपा के प्रदश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने उम्मीदावारों की सूची जारी की। इनमें राजा इकबाल सिंह, मुकेश सुर्यान और श्याम सुंदर अग्रवाल को क्रमश उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली के मेयर के पद के लिए नामित किया गया है।

दिल्ली में तीनों नगर निगम के विभिन्न पदों के लिए 16 जून को चुनाव होंगे। नामंकन दाखिल करने की आखिरी तारीक आठ जून है। भाजपा ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के लिए अर्चना दिलीप सिंह को डिप्टी मेयर, जोगीराम जैन को अध्यक्ष, (स्थायी समिति), विजय कुमार भगत को उपाध्यक्ष (स्थायी समिति) और छैल बिहारी गिस्वामी को सदन के नेता के पद के लिए नामित किया है।दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के लिए पवन शर्मा को डिप्टी मेयर, कर्नल (सेवानिवृत्त) बीके ओबेरॉय को अध्यक्ष, (स्थायी समिति), पुनम भाटी को उपाध्यक्ष, (स्थायी समिति) और इंद्रजीत सहरावत को सदन के नेता के पद के लिए नामित किया। वहीं, पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के लिए किरण व्याध को डिप्टी मेयर, वीर सिंह पवार को अध्यक्ष, (स्थायी समिति), दीपक मल्होत्रा को उपाध्यक्ष, (स्थायी समिति) और सत्यपाल सिंह को सदन के नेता के पद के लिए नामित किया है।

विपक्षी दल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पास सीटे काफी कम है और वे भाजपा के उम्मीदवारों के लिए कोई खतरा उत्पन्न नहीं कर रहीं। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुई स्थितियों को देखते हुए चुनाव की तारीखों में बदलाव किया जा सकता है। कोविड-19 के कारण पिछले साल भी मेयर के चुनाव में देरी हुई थी। 2022 में नगर निकाय के मौजूदा कार्यकाल के लिए पूरा होने से पहले आखिरी बार इन पदों के लिए चुनाव हो रहे हैं।

मुंबई: जीएसटी मुआवजे से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की

कविता गर्ग 
मुबंई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और मराठा आरक्षण, मेट्रो के ‘कार शेड’, जीएसटी मुआवजे से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पंवार और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण भी ठाकरे के साथ मौजूद थे। ठाकरे ने कहा, ” मराठा आरक्षण, मेट्रो के ‘कार शेड’, जीएसटी मुआवजे से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री से बातचीत की।” उन्होंने बताया कि राज्य सरकार मेटूो ‘कार शेड’ को कंजुर स्थानांतरित करना चाहती है। राज्य और केन्द्र दोनों उसे अपनी जमीन बताते हैं। 
पवार ने कहा कि जीएसटी मुआवजे से जुड़े मुद्दे पर भी बातचीत हुई। पवार महाराष्ट्र के वित्त मंत्री भी हैं।ठाकरे ने कहा कि मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का मामला भी केन्द्र के समक्ष लंबित है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने इस मामले पर गौर करने का आश्वासन दिया है। इससे पहले, प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया था, ” महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उप मुख्यमंत्री अजित पवार और मंत्रिमंडल के सदस्य अशोक चव्हाण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। 

बिहार: लॉकडाउन को समाप्त करने की घोषणा की

अविनाश श्रीवास्तव                   
पटना। बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले में आई कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने लॉकडाउन को समाप्त करने की घोषणा कर दी है। हालांकि शाम 7:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाने के आदेश जारी किए हैं।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। इसके तुरंत बाद खुद सोशल नेटवर्किंग साइट पर ट्वीट कर लॉकडाउन समाप्त किए जाने की जानकारी दी। 
उन्होंने कहा, “लाॅकडाउन से कोरोना संक्रमण में कमी आई है। अतः लाॅकडाउन खत्म करते हुये शाम 7ः00 बजे से सुबह 5ः00 बजे तक रात्रि कर्फ्यू जारी रहेगा। 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ सरकारी एवं निजी कार्यालय 4ः00 बजे अपराह्न तक खुलेंगे। दुकान खुलने की अवधि 5ः00 बजे अपराह्न तक बढेंगी।बिहार के मुख्यमंत्री ने आगे ट्वीट कर कहा कि,”आनलाईन शिक्षण कार्य किये जा सकेंगे। निजी वाहन चलने की अनुमति रहेगी। यह व्यवस्था अगले एक सप्ताह तक रहेगी। उन्होंने कहा कि लोगों को अभी भी भीड़भाड़ से बचने की आवश्यकता है।

मानवता की कमी के कारण कई लोगों ने दम तोड़ा

अकांशु उपाध्याय                    
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन तथा मानवता की कमी के कारण जिस तरह से बड़ी संख्या में लोगों ने दम तोड़ा है। वह बहुत बड़ा अपराध है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए।नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन तथा मानवता की कमी के कारण जिस तरह से बड़ी संख्या में लोगों ने दम तोड़ा है।
वह बहुत बड़ा अपराध है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए।प्रियंका वाड्रा ने श्मशान घाटों तथा कब्रिस्तानों और कोविड मृतकों की संख्या के सरकारी आंकड़े के बीच फर्क पर सवाल उठाते हुए कहा, “कोविड से हुई मौतों के बारे में सरकार के आंकड़ों और श्मशानों-कब्रिस्तानों के आंकड़ों में इतना फर्क क्यों। मोदी सरकार ने आंकड़ों को जागरूकता फैलाने और कोविड वायरस के फैलाव को रोकने का साधन बनाने के बजाए प्रोपागैंडा का साधन क्यों बना दिया।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने अपने ‘जिम्मेदार कौन’ अभियान के तहत सरकार के विरोधाभासी बयानों को उद्धृत किया -“प्रधानमंत्री: ‘मैंने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी।’ मुख्यमंत्री: ‘ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं। कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी।’ मंत्री: ‘मरीजों को जरूरत भर ऑक्सीजन दें। ज्यादा ऑक्सीजन न दें।’ आगरा अस्पताल ऑक्सीजन खत्म थी। 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल की। ज़िम्मेदार कौन।

नाखून बदले-बदले दिखने लगे तो हो जाएं सावधान

नॉर्विच। नाखून की सजावट के लिए महिलाएं तमाम जतन करती हैं। क्या आपको पता है, सुंदर दिखने वाले नाखून आपके शरीर का राज बता देते हैं। अगर आपके नाखून कुछ बदले-बदले से दिख रहे हो तो बेहद होशियार हो जाइए। समझ लें कि ‘‘कोविड नाखून’’ बीमारी से आप घिर चुके हैं। कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया में जूझ रही हैं। कोविड-19 के मुख्य लक्षण बुखार, खांसी, थकान और स्वाद तथा गंध के एहसास में कमी हैं। त्वचा में भी कोविड-19 के लक्षण देखे गए हैं। लेकिन शरीर का एक और हिस्सा है। 
जहां वायरस का प्रभाव पड़ता है और वह हैं आपके नाखून। वासिलियोस वासिलीऊ, यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया, यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया और यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया नॉर्विच की ओर से केस स्टडी के बाद यह बात कही गई है।स्टडी के मुताबिक कई मरीजों के नाखून में बदलाव देखने को मिला है। कोविड-19 संक्रमण के बाद, कुछ रोगियों के नाखूनों का रंग फीका पड़ जाता है या कई सप्ताह बाद उनका आकार बदलने लगता है – इसे ‘‘कोविड नाखून’’ कहा जाता है। नाखूनों के आधार पर लाल रंग की अर्ध-चंद्र की आकृति बनना है। ऐसा लगता है कि यह कोविड से जुड़ी नाखून की अन्य शिकायतों से पहले ही मौजूद था, रोगियों ने कोविड संक्रमण का पता लगने के दो सप्ताह से भी कम समय में इसे देखा है।
नाखून पर इस तरह की लाल अर्ध-चंद्र आकृति आम तौर पर दुर्लभ होती हैं, और पहले नाखून के आधार के इतने करीब नहीं देखी गई हैं। इसलिए इस आकृति का इस तरह दिखना विशेष रूप से कोविड-19 के संक्रमण का एक संकेत हो सकता है। स्टडी के मुताबिक, नाखून पर यह अर्ध-चंद्र क्यों बनता है, इसका एक संभावित कारण वायरस से जुड़ी रक्त वाहिका में क्षति हो सकती है। या फिर यह वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण हो सकता है जिससे रक्त के छोटे थक्के जमते हैं और नाखून का रंग फीका हो सकता है।रोगी यदि लक्षणमुक्त है तो महत्वपूर्ण रूप से, इन निशानों के बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है – हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वे कितने समय तक रहते हैं। रिपोर्ट किए गए मामलों में यह कुछ में एक सप्ताह तो कुछ में चार सप्ताह रहे।
कुछ रोगियों ने अपने हाथों और पैरों की उंगलियों के नाखूनों के आधार में नए अलग तरह की रेखाएं भी देखीं जो अमूमन कोविड-19 संक्रमण के चार सप्ताह या उससे अधिक समय बाद दिखाई देती हैं। सामान्यत: ये रेखाएं तब होती हैं जब किसी तरह के शारीरिक तनाव, जैसे संक्रमण, कुपोषण या कीमोथेरेपी आदि के दुष्प्रभाव के कारण नाखून की बढ़वार में अस्थायी रुकावट होती है। अब यह कोविड-19 के कारण भी हो सकते हैं।
नाखून औसतन हर महीने 2 मिमी से 5 मिमी के बीच बढ़ते हैं, शारीरिक तनाव होने के चार से पांच सप्ताह बाद ये रेखाएँ ध्यान देने योग्य हो जाती हैं – जैसे-जैसे नाखून बढ़ता है, इनका पता चलता है। इसलिए तनावपूर्ण घटना के समय का अनुमान यह देखकर लगाया जा सकता है कि यह रेखाएँ नाखून के आधार से कितनी दूर हैं। 
इन रेखाओं के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, क्योंकि समस्या का समाधान होने पर यह ठीक होने हैं। वर्तमान में, उपलब्ध साक्ष्य बताते हैं कि कोविड-19 संक्रमण की गंभीरता और नाखूनों में होने वाले परिवर्तन के प्रकार या समय सीमा के बीच कोई संबंध नहीं है। अन्य असामान्य निष्कर्ष उपरोक्त तथ्य कोविड संक्रमण के कारण नाखून में होने वाले दो सामान्य परिवर्तन से जुड़े हैं, लेकिन शोधकर्ताओं ने कुछ अन्य असामान्य घटनाओं को भी दर्ज किया।

‘बी द मिरेकल’ पहल के तहत जरूरतमंदों को भोजन

कविता गर्ग                
मुंबई। अभिनेत्री राशि खन्ना कोरोना संकट के समय ‘बी द मिरेकल’ पहल से जुड़ गई हैं। जिसके तहत जरूरतमंद लोगों को भोजन पहुंचाया जाएगा। कोरोना संकट के समय यह जरूरी है कि हम सभी आगे बढ़ कर जरूरतमंदों की हर संभव मदद करने की कोशिश करें। राशि खन्ना उन गरीब परिवारों की सहायता करेंगी जिनपर इस महामारी ने लॉकडाउन के चलते गहरा प्रभाव छोड़ा है। राशी संकट की इस घड़ी में जरूरतमंद लोगों की सक्रिय रूप से मदद करने के लिए काम कर रही है।वह कोरोना के इस समय में उन लोगों की मदद करने के लिए अथक प्रयास कर रही है।
जिन्होंने अपनी आजीविका खो दी है। राशी इस काम को बिना किसी को जताए चुपचाप सेवा करने में लगी हुई हैं। बी द मिरेकल के साथ-साथ राशी रोटी बैंक जैसे संस्थाओं और स्वयंसेवकों के साथ जुड़ी हैं। जो उन जानवरों की मदद कर रहे हैं। जिन्हें विशेष रूप से लॉकडाउन के दौरान बिना भोजन या पानी के छोड़ दिया गया था। साथ ही, वे कुछ वृद्धाश्रम की सेवा में तत्पर हैं।राशी खन्ना का मानना है कि ,“महामारी से पीड़ित लोगों की दशा दिल दहला देने वाली है। बी द मिरेकल के जरिए मैं लोगों की हर मुमकिन मदद करने की कोशिश कर रही हूं। 
मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे एक ऐसी टीम का साथ मिला है जो इतनी बहादुर हैं, कि इस महामारी में भी घर से बाहर निकलकर लोगों की समस्याओं को सामने ला रही हैं। कई परिवार भुखमरी के कगार पर हैं जो हकीकत में बहुत ही बुरे समय से गुज़र रहे हैं।
मैं चाहती हुं कि लोग दिल खोलकर डोनेशन करें, तिनका तिनका भी मायने रखता है। यह एक अत्यधिक राशि होना जरूरी नहीं है। हमें इस बात का एहसास होना चाहिए कि हम सब इस समय एक साथ हैं और केवल एक साथ रहकर ही हम इस कठिन समय को पार कर सकते हैं। और साथ में हम किसी के भी जीवन में चमत्कार ला सकते हैं।

यूपी के सभी जिलों में कोरोना कर्फ्यू समाप्त किया

हरिओम उपाध्याय                  
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना कर्फ्यू मंगलवार को समाप्त कर दिया गया। अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि बुधवार नौ जून से पूरे प्रदेश के सभी 75 जिलों में केवल शाम सात से सुबह सात बजे तक नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा।उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के सभी जिले कोरोना कर्फ्यू से बाहर हो गए हैं। उन्होंने बताया कि यह फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। सहगल ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना वायरस के उपचाराधीन मामले कम हुए हैं और अब प्रदेश में कुल 14 हजार लोगों का इलाज चल रहा है।

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

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