शुक्रवार, 4 जून 2021

शानदार व्यवस्था के बीच वैक्सिनेशन सम्पन्न हुआ

गोपीचंद               
बड़ौत। पत्रकारों के लिए कोविड वैक्सिनेशन के लिए सीएचसी बड़ौत में आज विशेष कैंप लगाया गया था। इस कैम्प में पत्रकारों व उनके परिजनों को बनाई गई शानदार व्यवस्था के बीच वैक्सिनेशन सम्पन्न हुआ।
जिलाधिकारी राजकमल यादव के निर्देश पर बड़ौत सीएचसी में आज पत्रकारों के लिए चार दिवसीय विशेष कैंप का आयोजन हुआ। 
4 जून से 7 जून तक चलने वाले इस कैंप में आज पहले दिन पत्रकारों व उनके परिजनों का टीकाकरण किया गया। सीएचसी अधीक्षक डॉ विजय कुमार ने बताया कि की गई व्यवस्था के अनुसार 50 पत्रकारों व उनके परिजनों का वैक्सीनेशन पूर्ण हुआ है। सभी पत्रकारों का बहुत सराहनीय सहयोग। उन्होंने बताया कि यह कैंप शनिवार को भी जारी रहेगा जिसमें भी 50 पत्रकारों व उनके परिजनों को वैक्सीनेशन किया जाएगा।

महिला ने परिचितो पर दुष्कर्म का आरोप लगाया

अतुल त्यागी                  
हापुड़। घर से मायके के लिए रिश्तेदार के संग निकली महिला के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने परिचितो पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया है। पुलिस ने पीडिता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है। क्षेत्राधिकारी पिलखुवा डाॅ. तेजवीर सिंह ने बताया कि पीडिता धौलाना थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी है। सुबह महिला ने थाने मे पहुंचकर बताया कि बुधवार शाम उसके रिश्तेदार ने उसे मायके ले जाने की बात कही। जिस पर महिला मायके जाने को तैयार हो गई। इस दौरान रिश्तेदार के साथ दो अन्य ग्रामीण भी थे। तीनो के साथ वाहन मे सवार होकर चली गई। 
रास्ते मे तीनो आरोपी उसे जबरन खेत मे ले गए और सामूहिक दुष्कर्म किया। विरोध करने पर महिला को जान से मारने की धमकी दी गई। बेहोशी की हालत मे महिला को छोडकर तीनो फरार हो गए। होश मे आने के बाद किसी तरह महिला अपने घर पहुंची और परिजनो को आपबीती बताई। थाना प्रभारी निरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह का कहना है कि पीडिता ने रिश्तेदार सहित तीन लोगो पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है।आरोपियो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पीडित के साथ घटना स्थल पर पहुंचकर जांच की गई। घटना स्थल मसूरी थाना क्षेत्र से जुडा लग रहा है। फिलहाल पीडिता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है। घटना मे शामित तीनो लोगो की तलाश मे दबिश दी जा रही है।

सीबीएसई ने 13 सदस्यीय समिति का गठन किया

अकांशु उपाध्याय                

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के उद्देश्य से वस्तुनिष्ठ मानदंड तय करने के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया है और यह समिति 10 दिनों में रिपोर्ट पेश करेगी। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई थीं।सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, ” कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न अनिश्चित स्थिति और विभिन्न पक्षकारों की राय के आधार पर यह फैसला किया गया था कि इस वर्ष सीबीएसई की 12वीं बोर्ड परीक्षा नहीं होगी। यह भी फैसला किया गया कि समयबद्ध तरीके से परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिये वस्तुनिष्ट मानदंड निर्धारित किये जायेंगे। ”उन्होंने कहा, ” बारहवीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के उद्देश्य से सीबीएसई ने वस्तुनिष्ठ मानदंड तय करने के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति 10 दिनों के भीतर 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के मूल्यांकन मानदंड पर रिपोर्ट सौंपेगी। ”

गौरतलब है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद केंद्र सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला किया था। सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद्द करने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ‘छात्रों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता है। जिससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। छात्रों को अंक किस आधार पर मिलेंगे और परिणाम कैसे तैयार होगा। इस बारे में सीबीएसई ने कहा था कि समय के अनुसार उचित मानदंड के तहत अंक दिये जायेंगे और परिणाम तैयार होगा। वहीं छात्रों को परीक्षा देने का विकल्प भी दिया जाएगा। जो छात्र अपने अंक से संतुष्ट नहीं होंगे वे बाद में परीक्षा देने का विकल्प चुन सकेंगे। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय में भी इस मामले पर सुनवाई चल रही है।

सरकार के स्पष्टीकरण को लेकर सवाल पूछे: देवेंद्र

कविता गर्ग             
नागपुर। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार और उसके मंत्रियों पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य में सिर्फ एक मुख्यमंत्री हैं और कई ”सुपर मुख्यमंत्री” हैं। जो अपने स्तर पर अहम नीतिगत फैसलों के बारे में घोषणाएं करते हैं। उन्होंने कहा कि कई मंत्री खुद को मुख्यमंत्री समझते हैं और ऐसी घोषणाएं कर श्रेय लेने की कोशिश करते हैं। फडणवीस ने महाराष्ट्र में मंत्री विजय वडेट्टीवार की घोषणा के उलट बृहस्पतिवार शाम राज्य में कहीं भी लॉकडाउन जैसी पाबंदी नहीं हटाने के संबंध में महाराष्ट्र सरकार के स्पष्टीकरण को लेकर सवाल पूछे जाने पर यह बात कही। 
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ”इस सरकार में एक मुख्यमंत्री है और कई सुपर मुख्यमंत्री हैं। कई मंत्री खुद को मुख्यमंत्री समझते हैं और ऐसी घोषणाएं करते हैं। ”उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार में एक मुख्यमंत्री नीतिगत फैसले लेता है या अहम मुद्दे पर बोलने के लिए किसी मंत्री को चुनता है। इस सरकार में मुख्यमंत्री के बयान जारी करने से पहले ही कई मंत्री बोलने लगते हैं। यह ऐसी घोषणाओं के जरिये श्रेय लेने का प्रयास है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ”सिर्फ इसी वजह से कल अनलॉक की घोषणा के कारण अफरा-तफरी मची और ऐसा पहले भी हो चुका है।” 
विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि बड़े नीतिगत फैसलों पर सरकार का बयान लोगों तक स्पष्ट रूप से पहुंचना चाहिए। आपदा प्रबंधन मंत्री वडेट्टीवार ने बृहस्पतिवार दोपहर पत्रकारों से कहा था कि शुक्रवार को राज्य के 36 में से 18 ऐसे जिलों में पाबंदियों में ढील दी जाएगी जहां संक्रमण की दर पांच प्रतिशत अथवा उससे कम है और अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा वाले 75 प्रतिशत बिस्तर खाली हों। मुंबई में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक के बाद उन्होंने संवाददाता सम्मेलन किया था। 
हालांकि इसके कुछ देर बाद मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बयान जारी कर कहा कि कहीं भी मौजूदा पाबंदी नहीं हटायी गयी है और विभिन्न क्षेत्रों में पाबंदियों में ढील देने पर विचार किया जा रहा है। लेकिन इस बारे में अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इसके बाद वडेट्टीवार ने कहा कि पाबंदियों को चरणबद्ध तरीके से हटाने को मंजूरी प्रदान कर दी गयी है। लेकिन अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।

ओलंपिक के व्यापक विरोध की अनदेखी: जापान

तोक्यो। जापान की सबसे प्रसिद्ध ओलंपियनों में से एक और जापानी ओलंपिक समिति की कार्यकारी सदस्य काओरी यामागुची का मानना है कि जापान कोविड-19 महामारी के दौरान तोक्यो खेलों के आयोजन को लेकर ‘पसोपेश’ में है। शुक्रवार को प्रकाशित एक संपादकीय में यामागुची ने मुखर होकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी), सरकार और स्थानीय आयोजक जापानी जनता के ओलंपिक के व्यापक विरोध की अनदेखी कर रहे हैं।
अलग-अलग जनमत संग्रहों में जापान की 50 से 80 प्रतिशत जनता ने ओलंपिक आयोजन के खिलाफ मतदान किया है। यामागुची ने जापान की क्योदो समाचार एजेंसी द्वारा प्रकाशित एक संपादकीय में लिखा है, ”हम एक ऐसी स्थिति में फंस गए हैं। जहां अब हम रुक भी नहीं सकते। अगर हम ऐसा करते हैं तो हमें नुकसान होगा और अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो भी हमें बहुत नुकसान होगा।” उन्होंने कहा, ”ऐसा लग रहा है कि आईओसी के लिए जापान की जनता की राय कोई मायने नहीं रखती है।”

किसान आंदोलन के नेतृत्व को लेकर फूट बढ़ने लगी

अकांशु उपाध्याय/राणा ओबरॉय   
नई दिल्ली/चंडीगढ़। हरियाणा में छह माह से चल रहे किसान संगठनों के आंदोलन में नेतृत्व को लेकर फूट बढ़ती जा रही है। पंजाब के किसान नेताओं के नेतृत्व को यहां के आंदोलनकारी न केवल खारिज कर चुके हैं, बल्कि अब भाकियू नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी और योगेंद्र यादव के नेतृत्व पर भी सवाल उठाने लगे हैं। किसान संगठनों के बीच नेतृत्व का यह विवाद हालांकि काफी समय से चल रहा था, लेकिन हिसार में आंदोलनकारियों व प्रशासन के बीच हुई वार्ता का आधा अधूरा सच बाहर आने तथा टोहाना में जननायक जनता पार्टी के विधायक देवेंद्र बबली के साथ हुई हिंसक वारदात के बाद इस विवाद ने पूरी तरह से हवा ले ही है।
आंदोलनकारी उठाने लगे इन किसान नेताओं के नेतृत्‍व पर सवाल

हाल फिलहाल भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी आंदोलनकारियों के निशाने पर हैं, जिन्होंने पिछले दिनों बाकी किसान संगठनों से अपना नाता तोड़ते हुए अलग फेडरेशन बना ली। चढूनी भले ही इस फेडरेशन के बनाने के कितने भी कारण गिनाते रहें, लेकिन इस वास्तविकता से इन्कार नहीं किया जा सकता कि राकेश टिकैत की मध्य और उत्तर हरियाणा में दस्तक से चढूनी खासे नाराज हैं। बातों ही बातों में कई बार चढूनी यह इशारा भी कर चुके हैं कि टिकैत को उत्तर प्रदेश देखना चाहिए, हरियाणा को हम संभाल ही लेंगे। इस विवाद के बीच योगेंद्र यादव ने दक्षिण हरियाणा में मोर्चा संभाला हुआ है।

हिसार में हुई वार्ता और टोहाना में देवेंद्र बबली के विरोध की घटना के बाद फूट की दरार अधिक चौड़ी हुई

किसान संगठनों के बीच फूट का सिलसिला हालांकि कई माह पहले आरंभ हो गया था, लेकिन उस समय विवाद ज्यादा बढ़ा जब हिसार के आइजी ने राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी को बातों ही बातों में यह कह दिया कि उत्तर प्रदेश के सीएम और हरियाणा के सीएम एक ही दिन अपने-अपने राज्यों में सरकारी दौरे पर आते हैं, लेकिन आप उत्तर प्रदेश की बजाय हरियाणा में आंदोलन को हिंसक बनाने से नहीं चूकते।इसके बाद चढूनी का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वह यह कहते हुए सुनाई दिए कि जब आइजी ने यह बात कही तो उन्हें बहुत शर्म आई। यानी वह आइजी की बात पर मुहर लगाने के साथ ही टिकैत पर भी सवाल उठा रहे हैं कि वह उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद में सरकारी दौरे पर आए वहां के सीएम पर इतने मेहरबान कैसे हैं।

टीकरी से शुरू हुआ विरोध, कंडेला की महिला ने आठ मिनट का वीडियो जारी कर कहा चढूनी हमारा नेता नहीं

किसान संगठनों के बीच फूट उस समय अधिक बढ़ गई, जब हिसार के मंडलायुक्त चंद्रशेखर ने एक वीडियो में किसान जत्थेबंदियों के नेताओं द्वारा सरकार से किए गए किसी भी सरकारी कार्यक्रम में बाधा नहीं डालने व किसी नेता का रास्ता न रोकने के वादे से धरनों पर बैठे लोगों को वाकिफ नहीं कराया। टिकैत व चढूनी ने वार्ता के बाद दावा किया था कि सरकार ने उनकी सभी चार मांगे मान ली हैं, लेकिन मंडलायुक्त ने कहा कि सरकार ने दो मांगें मानीं और दो को तकनीकी व कानूनी कारण बताते हुए खारिज कर दिया। साथ ही मंडलायुक्त ने यह भी उजागर कर दिया कि इन किसान नेताओं ने वार्ता का आधा अधूरा सच बाहर निकाला है।राकेश टिकैत ने कहा, चढूनी के निजी विचारों से हमारा मतलब नहीं

उधर, भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी के टोहाना मामले में दिए गए बयान से इतर राकेश टिकैत ने आंदोलनकारियों का समर्थन किया है। टिकैत ने कहा कि टोहाना में बबली का विरोध करने वाले तथा जिनके विरुद्ध पुलिस कार्रवाई हुई है, वे सभी किसान संयुक्त मोर्चा के सदस्य हैं। उनकी रिहाई तक हिसार के मैयड टोल पर जाम रहेगा।राकेश टिकैत मैयड टोल पर पहुंच भी गए। चढूनी ने बुधवार को बयान दिया था कि टोहाना में उपद्रव मचाने वालों का हमारे आंदोलन से कोई वास्‍ता नहीं है। इसके बाद टिकैत ने कहा कि चढूनी ने जो बयान दिया है, वह उनका निजी विचार हो सकता है। मैं मैयड टोल पर खाट डालकर बैठ रहा हूं और गिरफ्तार लोगों को रिहा कराकर रहूंगा। बता दें कि देर रात विधायक बबली भी चंडीगढ़ पहुंच गए। उन्होंने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह से मुलाकात की। इस प्रकरण में आज शुक्रवार को सभी की मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात संभव है।

रक्षामंत्री की 50 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्‍ली। भारत अपनी समुद्री ताकत को बढ़ाने के मकसद से नौसेना के लिए छह एडवांस्‍ड सबमरीन के निर्माण के लिए रिक्‍वेस्‍ट ऑफ प्रपोजल जल्‍द ही जारी करेगा। भारतीय नौसेना द्वारा दिए गए इस प्रपोजल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्‍यक्षता में डिफेंस एक्‍वजीशन कांउसिल ने अपनी मंजूरी भी दे दी थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में हुई एक बैठक में 50 हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इस प्रोजेक्ट को स्वेदेशी कंपनी मझगांव डॉक्स लिमिटेड और L&T को सौंपा गया है।
आपको बता दें कि भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत संध्‍याक आज अपनी सेवा पूरी कर रिटायर हो रहा है। इस जहाज को 40 वर्ष कीसेवा के बाद रिटायर किया गया है। इसकी परिकल्पना पूर्व रियर एडमिरल एफएल फ्रेजर ने की थी। 1978 में इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया था। इस जहाज को 26 फरवरी, 1981 को वाइस एडमिरल एमके रॉय द्वारा भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।

गौरतलब है कि भारतीय नौसेना काफी समय से इस प्रयास में जुटी है कि उसका जंगी जहाजी बेड़ा दुनिया में सबसे अव्‍वल हो। इसके लिए जरूरी है कि नौसेना के पास अत्‍याधुनिक तकनीक से लैस जहाज और सबमरीन हों। जिस तरह से भारत के पड़ोसी चीन और उसकी सहायता से पाकिस्‍तान अपनी सैन्‍य क्षमता में इजाफा कर रहा है उसको देखते हुए ये और भी जरूरी हो जाता है।

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...