शुक्रवार, 4 जून 2021

पत्नी-बच्चे की गला दबाकर हत्या, फिर आत्महत्या

राणा ओबरॉय   

पानीपत। पत्नी की शक की आदत ने एक हँसते खेलते परिवार को खत्म कर दिया l पत्नी के शक करने की आदत से परेशान युवा बाउंसर ने अपने एक साल के बेटे और पत्नी की गला दबाकर हत्या कर डाली और स्वयं भी ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। दोनों की हत्या के बाद उसने अपने ससुर, जीजा और मालिक के बेटे को कॉल कर वारदात की जानकारी दी थी। जीआरपी ने मामला दर्ज कर बाउंसर के शव और पुलिस ने पत्नी व बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

गांव सिवाह निवासी 28 वर्षीय रमेश कादियान उर्फ मैसी दिल्ली में एक प्रॉपर्टी डीलर पद्म पंवार का बाउंसर था। दिल्ली में लॉकडाउन लगने से वह गांव में घर बनवाने के लिए पानीपत आ गया था। डेढ़ माह से वह यहीं पर था। वीरवार की दोपहर करीब दो बजे उसने प्रापर्टी डील पद्म पंवार के बेटे नितिन को कॉल किया। बताया कि बेटे कविश (1) और पत्नी अनु (27) को उसने मार दिया है। अब रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या करने के लिए जा रहा है। इसके बाद रमेश ने सोनीपत निवासी अपने जीजा नितिन और ससुर रणबीर को भी कॉल कर यही बातें कहीं। नितिन ने तुरंत ससुर पाले राम को कॉल कर यह सूचना दी। जब वे दूसरे बेटे सुरेश के साथ रमेश के कमरे पहुंचे तो वहां पर बहू और पौत्र की लाश मिली लेकिन रमेश वहां नहीं था। सुरेश ने बताया कि रमेश भागता दिखा तो उसे पकड़ने का प्रयास किया। वह भागकर सिवाह के पास रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया। पहले उसे बचा लिया गया लेकिन वह भागकर ईख की फसल में छिप गया। इस बीच आई दूसरी ट्रेन के सामने कूदकर उसने जान दे दी।

संक्रमितो की मौत के आंकड़े स्पष्ट नहीं, तबादला

यूपी प्रशासन ने बृहस्पतिवार को आधी रात के बाद एक दर्जन से अधिक आईएएस अफसरों का तबादला कर दिया गया। ग़ाज़ियाबाद समेत छह जिलों में नए जिलाधिकारी तैनात किए गए हैं। इनके अलावा कुछ कमिश्नर भी बदले गए हैं। शासन स्तर पर भी प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सुबह तबादला प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसी श्रंखला में गाजियाबाद के नए डीएम आरके सिंह होंगे। 
अश्वनी उपाध्याय   
गाज़ियाबाद। जिले में शायद ही कोई ऐसा खुशकिस्मत घर हो जिसमें कोरोना संक्रमण की वजह से कोई मौत न हुई हो। हालांकि अब संक्रमण और इससे मरने वालों की संख्या में बहुत कमी आ गई है। कुछ समय हम सभी ने ऐसा समय देखा है जब हर सुबह हमें अपने किसी परिजन की मौत की खबर मिलती थी। अगर हम उस दौर के सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो गाज़ियाबाद में प्रतिदिन संक्रमण के चलते मरने वालों की संख्या एक या दो बार ही दहाई का आंकड़ा पार कर पाई। जबकि इसके ठीक विपरीत गाज़ियाबाद के श्मशान गृहों और कब्रिस्तानों में कोरोना संक्रमितों के परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा था। हालत इतनी बदतर हो गई थी कि गाज़ियाबाद नगर निगम को शहर में अस्थाई श्मशान गृह बनाने पड़े थे।

अपुष्ट सूत्रों के अनुसार सरकारी आंकड़ों में कोरोना से हुई मौतों का कारण यह था कि जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने संबन्धित विभागों के अधिकारियों को मौतें दर्ज न करने के मौखिक आदेश दिए हुए थे। इतना ही नहीं गाज़ियाबाद के हर अस्पताल को तथाकथित रूप से मौखिक आदेश था कि कोरोना संक्रमण से हुई किसी भी मौत की घोषणा बिना जिलाधिकारी की सहमति के न की जाए।  इस बीच मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने घोषणा कर दी कि कोरोना संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों की परवरिश के लिए उसके संरक्षक को बच्चे के पालन पोषण के लिए हर महीने 4 हजार रुपए महीना दिया जाएगा। दुर्भाग्य से गाज़ियाबाद के जिलाधिकारी के तानाशाही रवैये के चलते अधिकतर मौतों को सरकारी आंकड़ों में दर्ज ही नहीं किया गया।  ऐसे में आप उस अवयस्क बच्चे से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वह यह सिद्ध कर पाए कि उसके संरक्षक या घर में कमाने वाले सदस्य कि मौत कोरोना संक्रमण से हुई थी?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गाज़ियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय का ट्रांसफर हो गया है।  ऐसे में हमारा अनुरोध है कि जिलाधिकारी महोदय, आपके लंबे कार्यकाल में आप ने कोई अच्छा काम किया हो या न किया हो, यह बहस का विषय है। किन्तु कम से कम जाते-जाते तो गाज़ियाबाद का भला करते जाइए।  कम से कम गाज़ियाबाद कि जनता को यह बताते जाइए कि कोरोना संक्रमण से मरने वालों की वास्तविक संख्या क्या है? आपके इस एक कदम से जिले के सैकड़ों परिवारों का भला होगा।

'आप' ने चलाया कोरोना मुक्त अभियान: उत्तराखंड

श्रीराम मौर्य   
काशीपुर। उत्तराखंड से करोना वायरस को जड़ से खत्म करने के लिए आम आदमी पार्टी ने कोरोना मुक्त अभियान शुरू किया है आम आदमी पार्टी ने ‘हर गांव कोरोना मुक्त अभियान’ कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य से पार्टी के कुमाऊं मंडल के तमाम पदाधिकारी आज यहां रामनगर रोड स्थित पार्टी कार्यालय पर एकत्र हुए। इस अवसर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक बाली ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना से जंग लड़ती उत्तराखंड की जनता के साथ आम आदमी पार्टी पूरी मजबूती के साथ खड़ी हुई हैऔर पार्टी इसे राजनीति से ऊपर उठकर जन कल्याण का कार्य मानती है।प्रदेश के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों तक कोरोना से लड़ती जनता को राहत देने के उद्देश्य से पार्टी ने विगत दिवस देहरादून में हर गांव कोरोना मुक्त अभियान की शुरुआत की है ।पार्टी के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया एवं वरिष्ठ आप नेता कर्नल अजय कोठियाल ने हर विधानसभा क्षेत्र के लिए जाने वाली गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर इस कार्यक्रम की शुरुआत की ।श्री बाली ने बताया कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पार्टी के 10हजार कार्यकर्ता प्रदेश की जनता की सेवा में दिन-रात जुटेंगे और करीब 6 हजार गांवों के लोगों को लाभ मिलेगा ।इस अभियान के तहत गांवों में ऑक्सीजन जांच केंद्र खोले जाएंगे और ब्लॉक स्तर पर हमारी पार्टी आइसोलेशन सेंटर भी खोलेगी जहां आइसोलेशन बेड़ वऑक्सीजन की सभी व्यवस्थाएं होंगी ।

आप नेता श्रीबाली ने उत्तराखंड की विषम परिस्थितियों और कोरोना महामारी के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा एयर एंबुलेंस के प्रस्ताव को ठुकरा दिये जाने की घोर निंदा की और कहा कि डबल इंजन की सरकार भी उत्तराखंड के साथ न्याय नहीं कर पा रही है। इससे पता चलता है कि केंद्र की भाजपा सरकार उत्तराखंड के प्रति कितनी चिंतित है ? उत्तराखंड की जनता को अब भाजपा का वास्तविक चेहरा पहचान लेना चाहिए ।उन्होंने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए भाजपा की केंद्र व उत्तराखंड की प्रदेश सरकार भले ही तैयारी में न हो मगर आम आदमी पार्टी जनसेवा के मद्देनजर अभी से तैयारियों में जुटी है और प्रदेश की जनता को भगवान भरोसे नहीं छोड़ सकती। हमारे कार्यकर्ता उन गांवों तक पहुंचेंगे जहां अभी तक सरकार की ओर से कोई मदद नहीं पहुंची है ।जो मेडिकल किट जनता को उपलब्ध कराई जाएगी उसमें ऑक्सीमीटर ,थर्मामीटर सैनिटाइजर दवाइयां मास्क समेत अन्य कई जरूरी उपकरण होंगे।

पार्टी के ही प्रदेश उपाध्यक्ष बसंत कुमार ने बताया कि आम आदमी पार्टी द्वारा हर विधानसभा क्षेत्र में राहत सामग्री लेकर जो गाड़ी जा रही हैं उनमें कोरोना किट व अन्य जरूरी उपकरण है जो हर गांव तक पहुंचाए जाएंगे और कोई भी गांव ऐसा नहीं बचेगा जहां आप कार्यकर्ता कोरोना पीड़ित जनता के पास न पहुंच पाए । उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने संकल्प लिया है कि उत्तराखंड की जनता को कोरोना की तीसरी लहर से पूरी तरह सुरक्षित बचाया जाएगा ।आम आदमी पार्टी उत्तराखंड की जनता को भाजपा की डबल इंजन की सरकार की तरह भगवान भरोसे नहीं छोड़ सकती।प्रदेश उपाध्यक्ष शिशुपाल सिंह रावत ने कहा कि कोरोना महामारी से उत्तराखंड की ग्रामीण जनता डर के साए में जी रही है लेकिन भाजपा की प्रदेश सरकार उसे स्वास्थ्य लाभ देने की बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी है ।
आम आदमी पार्टी केआज के इस कार्यक्रम में पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर यूनुस चौधरी जसपुर से वरिष्ठ नेता अजय अग्रवाल ,सरदार सूबासिंह नैनीताल के जिलाध्यक्ष संतोष कबडवाल,खटीमा के जिलाध्यक्ष जसपाल सिंह ,काशीपुर के जिलाध्यक्ष मुकेश चावला ,काशीपुर से प्रदेश प्रवक्ता मयंक शर्मा एवं हल्द्वानी से प्रदेश प्रवक्ता समीर टिक्कू जसपुर के संगठन मंत्री अभिताभ सक्सेना काशीपुर के नगर अध्यक्ष मनोज कौशिक तथा महिला मोर्चा की नगर अध्यक्षा श्रीमती उषा खोखर काशीपुर से हर गांव कोरोना मुक्त अभियान के कार्यक्रम के प्रभारी आकाश मोहन दीक्षित ,अमन बाली अमित सक्सेना ,अजयवीर ,लकी माहेश्वरी राजवीर सिंह खोखर एडवोकेट जसपुर से ओम प्रकाश राहुल ठाकुर विकास डंगवाल प्रतापपुर से विपिन चौधरी सहित पार्टी के अनेक पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

पंजाब में क्या विचित्र राजनीति चल रही है: प्रकाश

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। पंजाब की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार में चल रही कलह को विचित्र राजनीति करार देते हुए भाजपा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि ऐसे समय में जब पूरा राज्य कोरोना से प्रभावित है, अपनी अंदरूनी राजनीति के लिए वह पंजाब के लोगों की अनदेखी का पाप कर रही है। केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ”पंजाब में क्या विचित्र राजनीति चल रही है? पूरा पंजाब कोरोना से प्रभावित है। वहां टीकों का उचित प्रबंधन नहीं हो रहा है। जांच और अन्य पहलुओं पर भी सरकार का जैसा ध्यान होना चाहिए वह नहीं हो रहा है।” उन्होंने कहा कि ऐसे समय में राज्य में पिछले छह महीने से उनकी आपसी लड़ाई चल रही है और पिछले तीन-चार दिनों से तो पूरी सरकार और पार्टी दिल्ली में है। उन्होंने कहा, ”वहां पंजाब को कौन देखेगा? अपनी अंदरूनी राजनीति के लिए पंजाब के लोगों की अनदेखी करना कांग्रेस का बड़ा पाप है।
ज्ञात हो कि पंजाब कांग्रेस में चल रही कलह को दूर करने के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। इस समिति ने पिछले चार दिनों में पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली है। इनमें अधिकतर विधायक हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह शुक्रवार को समिति की बैठक में पहुंचकर अपनी बात रखेंगे। ऐसी संभावना है कि वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ डिजिटल बैठक भी कर सकते हैं।

गौरतलब है कि हाल के कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है। विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सिद्धू ने मंगलवार को इस समिति से मुलाकात कर अपने विचार रखे थे। जावड़ेकर ने पंजाब सरकार पर कोरोना रोधी टीकों पर भी लाभ कमाने का आरोप लगाया और कहा कि राहुल गांधी को दूसरों को भाषण देने के बजाय कांग्रेस शासित राज्यों में हो रहे ऐसे कामों पर ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने दावा किया कि पंजाब की जनता को कोवैक्सीन टीकों की एक खुराक के लिए 1500 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं। भाजपा नेता ने कहा कि आज तक भारत सरकार ने राज्यों को 22 करोड़ टीके मुफ्त दिए हैं। उन्होंने कहा, ”इन्होंने (कांग्रेस नेताओं) ही टीकों के विकेंद्रीकरण की मांग उठाई थी और जब हमने कर दिया तो वह इसे केंद्रीयकृत करने की मांग उठा रहे हैं। हर रोज इनकी भूमिका बदलती रहती है।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को कोरोना के प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ”यही मांग है ओर लोगों की अपेक्षा भी।”

चोकसी को लेने गया दल 7 दिन बाद वापस लौटा

नई दिल्ली। भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को डोमिनिका से वापस लाने के लिए भारत की तरफ से भेजा गया विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों का दल कतर एयरवेज के निजी विमान से वापस लौट रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि चोकसी के वकीलों ने डोमिनिका उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी। वहां के उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को चोकसी की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी। जिसके बाद विमान ने तीन जून को स्थानीय समयानुसार रात 8.09 बजे डोमिनिका के मेलविले हॉल हवाईअड्डे से उड़ान भरी। 
सार्वजनिक रूप से उपलब्ध उड़ान मार्ग की जानकारी के अनुसार विमान मैड्रिड की ओर उड़ान भर रहा है। सूत्रों ने बताया कि विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों का दल भी लौट रहा है। सीबीआई के उप महानिरीक्षक शरद राउत के नेतृत्व वाला अधिकारियों का दल 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में वांछित चोकसी को भारत वापस लाने की खातिर करीब सात दिन तक डोमिनिका में रहा। चोकसी के वकीलों ने डोमिनिका उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी जिस पर सुनवाई बृहस्पतिवार को स्थगित कर दी गई। किसी गिरफ्तार व्यक्ति को या गैरकानूनी तरीके से हिरासत में बंद व्यक्ति को अदालत में पेश करने का अनुरोध करने के लिए यह याचिका दाखिल की जाती है।

स्थानीय मीडिया में आई खबरों में बताया गया कि मामले पर अगली सुनवाई करीब एक महीने बाद हो सकती है तथा इस दौरान चोकसी डोमिनिका में ही रहेगा। ‘एंटीगुआ न्यूज रूम’ के अनुसार, न्यायाधीश बर्नी स्टीफेन्सन चोकसी मामले में दोनों पक्षों से मुलाकात के बाद सुनवाई की अगली तारीख तय करेंगे।

बृहस्पतिवार को सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस से की गयी। रोसीयू में उच्च न्यायालय परिसर के बाहर खड़े कुछ प्रदर्शनकारियों के हाथ में तख्तियां दिखीं जिनमें से एक पर लिखा था, ”चोकसी को डोमिनिका कौन लाया?” बुधवार को न्यायाधीश ने चोकसी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने का आदेश दिया था ताकि वह डोमिनिका में अवैध प्रवेश के आरोपों का सामना कर सके। उल्लेखनीय है कि चोकसी 23 मई को रहस्यमयी परिस्थितियों में एंटीगुआ एवं बारबुडा से लापता हो गया था। बाद में उसे डोमिनिका में अवैध प्रवेश करने पर पकड़ा गया था।

ब्लैक फंगस की रोकथाम की नीति पर चिंता जताईं

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कोरोना संक्रमण के बीच आई ब्लैक फंगस की महामारी की रोकथाम की नीति पर चिंता जताते हुए कहा है कि कोरोना की तरह केंद्र ब्लैक फंगस की महामारी की रोकथाम के प्रति गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है। जिसके चलते ब्लैक फंगस के इलाज के इस्तेमाल में इंजेक्शन की अभी तक भी कमी बनी हुई है।शुक्रवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि देश में इस समय कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस यानि म्यूकोर माइकोसिस के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस गम्भीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाला लाइपोसोमाल अम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। बड़ी संख्या में लोग इस दवा के लिए गुहार लगा रहे हैं। 

हाल ही में इंदौर की एक बच्ची का उसके पिता के लिए इंजेक्शन उपलब्ध कराने की गुहार वाला वीडियो देखकर सबको बहुत दुख हुआ है। अभी दिल्ली में सेना के दो अस्पतालों में भर्ती सैनिकों को ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इस इंजेक्शन की कमी की खबर आई है। समय की माँग है कि इस सम्बंध में पीएम त्वरित निर्णय लें जिससे लोगों की जान बचाई जा सके। प्रियंका गांधी ने कहा है कि इस बीमारी को लेकर केंद्र सरकार का रवैया इसकी गम्भीरता के अनुरूप नहीं रहा है। मरीजों की संख्या के हिसाब से राज्यों को उपलब्ध कराए गए इंजेक्शन की संख्या बेहद कम है। देशभर में 22 मई तक इस फंगल बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या 8848 बताई गई थी। इसके बाद 25 मई को मरीजों की संख्या बढ़कर 11,717 हो गई। सिर्फ तीन दिन में ही 2869 मरीज बढ़ गए। म्यूकोर माइकोसिस जैसी बीमारी जिसमें 50 फीसदी तक मृत्यु दर होती है। इसको लेकर लापरवाही नहीं की जा सकती। प्रियंका 

गांधी वाड्रा ने कहा है कि ब्लैक फंगस के इलाज में इंजेक्शन पर ही लाखों रुपयों का खर्च आ रहा है। यह इंजेक्शन अभी आयुष्मान योजना के तहत भी कवर नहीं हो रहा है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम से आग्रह किया है कि इस बीमारी के इलाज को आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाए या इसके इंजेक्शन की आपूर्ति मरीजों को निशुल्क कराई जाए। प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम से सवाल किया है कि क्या कारण है कि 25 मई के बाद से केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या नहीं बताई है। जबकि केंद्र सरकार राज्यों को कितने इंजेक्शन भेज रही है इसकी सूचना लगातार सार्वजनिक कर रही है। जब कोरोना मरीजों की संख्या बताई जा रही है तो ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या क्यों नहीं बताई जा रही है? प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि जानकारी से जागरूकता फैलती है और लोग सचेत हो जाते हैं। इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या की जानकारी लोगों को हर रोज उपलब्ध कराई जाए। सरकार मरीजों की बढ़ती संख्या के आधार पर इस इंजेक्शन का उत्पादन और उपलब्धता बढ़ाये ताकि इस गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को भटकना न पड़े।

जुलाई के तीसरे सप्ताह में होंगी 10वीं की परिक्षाएं

बेंगलुरू। कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि एसएसएलसी या 10वीं की परीक्षाएं जुलाई के तीसरे सप्ताह में होंगी। जबकि कोविड-19 के मद्देनजर ‘प्री-यूनिवर्सिटी एग्जाम’ (पीयूएस) की द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं रद्द कर दी गईं। ‘प्री-यूनिवर्सिटी’ के दूसरे वर्ष के कॉलेज छात्रों को अगले स्तर पर प्रोन्नत कर दिया जाएगा। पहली ‘प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा’ में उनके प्रदर्शन के आधार पर दिए जाएंगे। कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ” ‘सेकंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट’ (एसएसएलसी) के गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए एक बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र और भाषाओं के लिए एक और प्रश्न पत्र होगा।” उन्होंने बताया कि बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र 40 अंक के होंगे, इनके सवाल सीधे एवं स्पष्ट होंगे और कोई भी घुमावदार सवाल नहीं होगा।

एस सुरेश कुमार ने कहा कि कोविड-19 से प्रभावित छात्रों के लिए पूरक परीक्षाएं होंगी। इनके परिणाम अगस्त में आएंगे। मंत्री ने बताया कि 6000 केन्द्रों पर परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी, जो पिछले साल से दोगुना है। हरेक कमरे में 10 से 12 छात्र ही होंगे। छात्रों के बीच छह फुट की दूरी होगी। एसएसएलसी परीक्षा आयोजित करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि छात्रों के लिए विज्ञान, वाणिज्य और आर्ट्स जैसे अपनी पसंद के विषयों का चयन करना आवश्यक है। 

पीयूसी के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ”हम इस साल पीयूएस की परीक्षाएं आयोजित नहीं कर रहे। अंक जिला स्तर पर पहली ‘प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा’ में उनके प्रदर्शन के आधार पर दिए जाएंगे।” उन्होंने बताया कि जो छात्र अंकों से खुश ना हों वे परीक्षाएं दे सकते हैं, उनकी तारीख की जानकारी जल्द दी जाएगी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि मौजूदा हालात को देखते हुए छात्रों के हित में जो भी फैसला लिया गया है, वह उससे संतुष्ट हैं। कर्नाटक में पिछले साल कोविड-19 के डर के बीच एसएसएलसी और पीएसयू की परीक्षाओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया था।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...