शुक्रवार, 4 जून 2021

चोकसी को लेने गया दल 7 दिन बाद वापस लौटा

नई दिल्ली। भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को डोमिनिका से वापस लाने के लिए भारत की तरफ से भेजा गया विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों का दल कतर एयरवेज के निजी विमान से वापस लौट रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि चोकसी के वकीलों ने डोमिनिका उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी। वहां के उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को चोकसी की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी। जिसके बाद विमान ने तीन जून को स्थानीय समयानुसार रात 8.09 बजे डोमिनिका के मेलविले हॉल हवाईअड्डे से उड़ान भरी। 
सार्वजनिक रूप से उपलब्ध उड़ान मार्ग की जानकारी के अनुसार विमान मैड्रिड की ओर उड़ान भर रहा है। सूत्रों ने बताया कि विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों का दल भी लौट रहा है। सीबीआई के उप महानिरीक्षक शरद राउत के नेतृत्व वाला अधिकारियों का दल 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में वांछित चोकसी को भारत वापस लाने की खातिर करीब सात दिन तक डोमिनिका में रहा। चोकसी के वकीलों ने डोमिनिका उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी जिस पर सुनवाई बृहस्पतिवार को स्थगित कर दी गई। किसी गिरफ्तार व्यक्ति को या गैरकानूनी तरीके से हिरासत में बंद व्यक्ति को अदालत में पेश करने का अनुरोध करने के लिए यह याचिका दाखिल की जाती है।

स्थानीय मीडिया में आई खबरों में बताया गया कि मामले पर अगली सुनवाई करीब एक महीने बाद हो सकती है तथा इस दौरान चोकसी डोमिनिका में ही रहेगा। ‘एंटीगुआ न्यूज रूम’ के अनुसार, न्यायाधीश बर्नी स्टीफेन्सन चोकसी मामले में दोनों पक्षों से मुलाकात के बाद सुनवाई की अगली तारीख तय करेंगे।

बृहस्पतिवार को सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस से की गयी। रोसीयू में उच्च न्यायालय परिसर के बाहर खड़े कुछ प्रदर्शनकारियों के हाथ में तख्तियां दिखीं जिनमें से एक पर लिखा था, ”चोकसी को डोमिनिका कौन लाया?” बुधवार को न्यायाधीश ने चोकसी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने का आदेश दिया था ताकि वह डोमिनिका में अवैध प्रवेश के आरोपों का सामना कर सके। उल्लेखनीय है कि चोकसी 23 मई को रहस्यमयी परिस्थितियों में एंटीगुआ एवं बारबुडा से लापता हो गया था। बाद में उसे डोमिनिका में अवैध प्रवेश करने पर पकड़ा गया था।

ब्लैक फंगस की रोकथाम की नीति पर चिंता जताईं

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कोरोना संक्रमण के बीच आई ब्लैक फंगस की महामारी की रोकथाम की नीति पर चिंता जताते हुए कहा है कि कोरोना की तरह केंद्र ब्लैक फंगस की महामारी की रोकथाम के प्रति गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है। जिसके चलते ब्लैक फंगस के इलाज के इस्तेमाल में इंजेक्शन की अभी तक भी कमी बनी हुई है।शुक्रवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि देश में इस समय कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस यानि म्यूकोर माइकोसिस के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस गम्भीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाला लाइपोसोमाल अम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। बड़ी संख्या में लोग इस दवा के लिए गुहार लगा रहे हैं। 

हाल ही में इंदौर की एक बच्ची का उसके पिता के लिए इंजेक्शन उपलब्ध कराने की गुहार वाला वीडियो देखकर सबको बहुत दुख हुआ है। अभी दिल्ली में सेना के दो अस्पतालों में भर्ती सैनिकों को ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इस इंजेक्शन की कमी की खबर आई है। समय की माँग है कि इस सम्बंध में पीएम त्वरित निर्णय लें जिससे लोगों की जान बचाई जा सके। प्रियंका गांधी ने कहा है कि इस बीमारी को लेकर केंद्र सरकार का रवैया इसकी गम्भीरता के अनुरूप नहीं रहा है। मरीजों की संख्या के हिसाब से राज्यों को उपलब्ध कराए गए इंजेक्शन की संख्या बेहद कम है। देशभर में 22 मई तक इस फंगल बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या 8848 बताई गई थी। इसके बाद 25 मई को मरीजों की संख्या बढ़कर 11,717 हो गई। सिर्फ तीन दिन में ही 2869 मरीज बढ़ गए। म्यूकोर माइकोसिस जैसी बीमारी जिसमें 50 फीसदी तक मृत्यु दर होती है। इसको लेकर लापरवाही नहीं की जा सकती। प्रियंका 

गांधी वाड्रा ने कहा है कि ब्लैक फंगस के इलाज में इंजेक्शन पर ही लाखों रुपयों का खर्च आ रहा है। यह इंजेक्शन अभी आयुष्मान योजना के तहत भी कवर नहीं हो रहा है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम से आग्रह किया है कि इस बीमारी के इलाज को आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाए या इसके इंजेक्शन की आपूर्ति मरीजों को निशुल्क कराई जाए। प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम से सवाल किया है कि क्या कारण है कि 25 मई के बाद से केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या नहीं बताई है। जबकि केंद्र सरकार राज्यों को कितने इंजेक्शन भेज रही है इसकी सूचना लगातार सार्वजनिक कर रही है। जब कोरोना मरीजों की संख्या बताई जा रही है तो ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या क्यों नहीं बताई जा रही है? प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि जानकारी से जागरूकता फैलती है और लोग सचेत हो जाते हैं। इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या की जानकारी लोगों को हर रोज उपलब्ध कराई जाए। सरकार मरीजों की बढ़ती संख्या के आधार पर इस इंजेक्शन का उत्पादन और उपलब्धता बढ़ाये ताकि इस गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को भटकना न पड़े।

जुलाई के तीसरे सप्ताह में होंगी 10वीं की परिक्षाएं

बेंगलुरू। कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि एसएसएलसी या 10वीं की परीक्षाएं जुलाई के तीसरे सप्ताह में होंगी। जबकि कोविड-19 के मद्देनजर ‘प्री-यूनिवर्सिटी एग्जाम’ (पीयूएस) की द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं रद्द कर दी गईं। ‘प्री-यूनिवर्सिटी’ के दूसरे वर्ष के कॉलेज छात्रों को अगले स्तर पर प्रोन्नत कर दिया जाएगा। पहली ‘प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा’ में उनके प्रदर्शन के आधार पर दिए जाएंगे। कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ” ‘सेकंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट’ (एसएसएलसी) के गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए एक बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र और भाषाओं के लिए एक और प्रश्न पत्र होगा।” उन्होंने बताया कि बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र 40 अंक के होंगे, इनके सवाल सीधे एवं स्पष्ट होंगे और कोई भी घुमावदार सवाल नहीं होगा।

एस सुरेश कुमार ने कहा कि कोविड-19 से प्रभावित छात्रों के लिए पूरक परीक्षाएं होंगी। इनके परिणाम अगस्त में आएंगे। मंत्री ने बताया कि 6000 केन्द्रों पर परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी, जो पिछले साल से दोगुना है। हरेक कमरे में 10 से 12 छात्र ही होंगे। छात्रों के बीच छह फुट की दूरी होगी। एसएसएलसी परीक्षा आयोजित करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि छात्रों के लिए विज्ञान, वाणिज्य और आर्ट्स जैसे अपनी पसंद के विषयों का चयन करना आवश्यक है। 

पीयूसी के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ”हम इस साल पीयूएस की परीक्षाएं आयोजित नहीं कर रहे। अंक जिला स्तर पर पहली ‘प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा’ में उनके प्रदर्शन के आधार पर दिए जाएंगे।” उन्होंने बताया कि जो छात्र अंकों से खुश ना हों वे परीक्षाएं दे सकते हैं, उनकी तारीख की जानकारी जल्द दी जाएगी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि मौजूदा हालात को देखते हुए छात्रों के हित में जो भी फैसला लिया गया है, वह उससे संतुष्ट हैं। कर्नाटक में पिछले साल कोविड-19 के डर के बीच एसएसएलसी और पीएसयू की परीक्षाओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया था।

पीएम को जान से मारने की धमकी, गिरफ्तार किया

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने की धमकी देने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह जेल में जाना चाहता है। पकड़े गए आरोपी का नाम सलमान है और उसने पुलिस को फोन कर कहा था कि "मुझे मोदी को मारना है" पुलिस को पता चला कि आरोपी बेल पर जेल से बाहर आया है। उसके खिलाफ पहले से ही को कोई केस दर्ज है। आरोपी ने शुरुआती पूछताछ में बताया कि जेल के अंदर जाने के लिए उसने है कॉल किया था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है कि आखिर वह जेल क्यों जाना चाहता है? जब प्रधानमंत्री को जान से मारने की धमकी का फोन पुलिस को आया तो सब हक्के-बक्के रह गए। मामले को बड़ी गंभीरता से लिया गया पुलिस ने तुरंत ही जांच पड़ताल शुरू कर दी। जांच के बाद पाया कि आरोपी 22 सलमान को खजूरी थाने को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 

आरोपी हाल फिलहाल में ही जेल से छूटा है। मगर वह फिर से जेल जाना चाहता है। इसलिए उसने प्रधानमंत्री को जान से मारने की धमकी के लिए पुलिस को फोन किया था। गौरतलब है इसी वर्ष जनवरी माह में दिल्ली के एक और शख्स ने पुलिस को कॉल करके प्रधानमंत्री को जान से मारने की धमकी दी थी। इस शख्स ने फोन करते हुए कहा था कि पीएम को मारने के लिए उसे 30 करोड़ रुपये कि सुपारी मिलेगी। पुलिस ने कॉल करने वाले शख्स को हिरासत में ले लिया था। पुलिस ने बताया था कि आरोपी का नाम पिंटू सिंह है और उसकी उम्र 30 वर्ष है। पिंटू कारपेंटर का कार्य करता है। दिल्ली के सागरपुर इलाके में रहने वाला है आरोपी ने नशे में पुलिस को धमकी वाला फोन किया था। संपूर्ण जानकारी करने के बाद पुलिस को पता चला था कि आरोपी की मानसिक हालत ठीक नहीं थी,इसलिए उसका इलाज चल रहा है।

देश को सशक्त बनाना आज भी सरकार का संकल्प

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते ”आत्मनिर्भर भारत” अभियान की रफ्तार कुछ धीमी जरूर हुई है। लेकिन इस अभियान के जरिए देश को सशक्त बनाना आज भी उनकी सरकार का संकल्प है। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) सोसाइटी की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा ”सॉफ्टवेयर से लेकर सैटेलाइट” तक आज भारत दूसरे देशों के विकास को गति दे रहा है और दुनिया के विकास में ”प्रमुख इंजन” की भूमिका निभा रहा है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अलावा अन्य मंत्री और वैज्ञानिक शामिल हुए। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी पूरी दुनिया के सामने इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती बनकर आई है लेकिन इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी मानवता पर कोई बड़ा संकट आया है। विज्ञान ने और बेहतर भविष्य के रास्ते तैयार कर दिए हैं।साल भर के भीतर कोरोना रोधी टीका विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अप्रत्याशित है और इतनी बड़ी आपदा से देश की जनता को उबारने के लिए एक साल में टीका बना देने का काम का इतिहास में शायद पहली बार हुआ होगा। उन्होंने कहा कि पहले दूसरे देशों में खोज हुआ करती थी तो भारत को कई कई सालों तक उसके लाभ का इंतजार करना पड़ता था लेकिन आज भारत के वैज्ञानिक दूसरे देशों के वैज्ञानिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मानव जाति की सेवा में जुटे हुए हैं और उतनी ही तेज गति से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ”इस असाधारण प्रतिभा से ही देश आज इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत, कृषि से अंतरिक्ष विज्ञान, आपदा प्रबंधन से रक्षा प्रौद्योगिकी तक, टीकों से आभासी यथार्थ(वचुर्अल रियलिटी) तक और जैव प्रौद्योगिकी से लेकर बैटरी प्रौद्योगिकी तक हर दिशा में आत्मनिर्भर और सशक्त बनना चाहता है। उन्होंने कहा, ”आज भारत सतत विकास और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया को रास्ता दिखा रहा है।

आज हम सॉफ्टवेयर से लेकर उपग्रहों तक दूसरे देशों के विकास को भी गति दे रहे हैं और दुनिया के विकास में प्रमुख इंजन की भूमिका निभा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि किसी भी देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी उतनी ही ऊंचाइयों को छूती है, जितना बेहतर उसका उद्योग जगत और बाजार से संबंध होता है। उन्होंने कहा, ”हमारे देश में सीएसआईआर विज्ञान, समाज और उद्योग जगत की इसी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक संस्थागत व्यवस्था का काम करता है।” सीएसआईआर सोसाइटी विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग का हिस्सा है। इसकी गतिविधियां देश भर की 37 प्रयोगशालाओं और 39 आउटरीच केंद्रों तक फैली हैं। सोसाइटी के सदस्यों में नामचीन वैज्ञानिक, उद्योगपति और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। इनकी बैठक सालाना होती है।

‘स्पूतनिक वी’ वैक्सीन का उत्पादन, योजनाओं की पुष्टि

मास्को। रूस में अर्जेंटीना के राजदूत एडुआर्डो जुआन ने जुलाई में कोरोना वायरस (कोविड-19) के खिलाफ ‘स्पूतनिक वी’ वैक्सीन का बड़े स्तर पर उत्पादन शुरू करने को लेकर देश की योजनाओं की पुष्टि की। अप्रैल में रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) ने बताया था कि इसने साझेदारों के साथ मिलकर अर्जेंटीना की रिचमंड प्रयोगशाला को कोरोना टीका वकिसित करने की तकनीक के हस्तांतरण पर काम किया है। जुआन ने बताया कि जुलाई में ‘स्पूतनिक वी’ का उत्पादन की योजनाएं बनाई है।” अर्जेंटीना ‘स्पूतनिक वी’ का इस्तेमाल करने और उत्पादन शुरू करने वाला पहला लातिन अमेरिकी देश है। अप्रैल में अर्जेंटीना ने मासिक रूप से रूसी टीके की 40-50 लाख खुराक का उत्पादन करने की योजनाओं की घोषणा की थी। अर्जेंटीना ने इस उत्पादन स्तर को बाद में बढ़ाकर पांच करोड़ खुराक तक करने की उम्मीद जताई थी।

लोगों की मदद: 25 लाख रूपये का डोनेशन किया

कविता गर्ग              

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता विवेक ऑबराय कोरोना संकट के समय लोगों की मदद के लिये आगे आये हैं और उन्होंने कोरोना पीड़ितों की सहायता के लिये 25 लाख रूपये का डोनेशन किया है। कोरोना संकट के समय बॉलीवुड के कई सेलेब्स लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। विवेक ओबेरॉय अक्सर जरूरतमंदों की मदद के लिए खड़े रहते हैं और वह सामाजिक कामों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

कोरोना के इस कठिन समय में भी वह मदद के लिए आगे आए हैं। अब विवेक ऑबराय ने कोरोना पीड़ितों की सहायता के लिए फंडरेजर में अपना योगदान दिया है। विवेक ओबेरॉय की डॉ. विवेक बिंद्रा के साथ पहल आई एम ऑक्सीजन मैन इस समय चर्चा में बनी हुई है। विवेक ओबेरॉय ने खुद इसमें 25 लाख रुपये का दान किया है। डॉ विवेक बिंद्रा के साथ विवेक ओबेरॉय यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत कोविड-19 की तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से चिकित्सकीय रूप से सुसज्जित रहे।

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...