गुरुवार, 3 जून 2021

12वीं की परीक्षा पर सुनवाई 2 हफ्ते के लिए टाली

अंकाशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं की परीक्षा पर सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी है। सीबीएसई और आईसीएसई ने आज सुप्रीम कोर्ट को परीक्षा रद्द कर देने की आधिकारिक जानकारी दी लेकिन छात्रों को अंक देने के ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया पर जानकारी देने के लिए समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात संतोष जताया कि सरकार ने कोरोना की स्थिति देखते हुए परीक्षा रद्द कर दी है।
 इससे पहले 31 मई को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि सरकार जल्द ही इस मामले में फैसला लेने वाली है। इसलिए इस मामले पर सुनवाई टाल देनी चाहिए। तब कोर्ट ने कहा था कि इसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन एक बात का ख्याल रखें कि सरकार अगर पिछले साल से अलग कोई फैसला कर रही है यानी परीक्षा करा रही है तो आपको उसके लिए उचित कारण बताना होगा। पिछले साल परीक्षा स्थगित होने से पहले जो पेपर हो चुके थे, उनके औसत के आधार पर रिजल्ट घोषित किए गए थे।
 याचिका में कहा गया है कि बारहवीं की परीक्षा करियर का अहम मोड़ होती है और इसका रिजल्ट उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश का आधार बनता है। याचिका टोनी जोसेफ और ममता शर्मा ने दायर की है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि बारहवीं की परीक्षा रद्द करने से उन छात्रों के साथ अन्याय होगा, जिन्होंने बोर्ड की परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की है। याचिका में कहा गया है कि स्कूलों की ओर से आयोजित आंतरिक मूल्यांकन और आंतरिक ऑनलाइन परीक्षाओं के आधार पर छात्रों का रिजल्ट देना उनके साथ अन्याय है, क्योंकि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में शायद ही किसी शिक्षक ने किसी छात्र को आमने-सामने देखा हो। याचिका में कहा गया है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सीबीएसई ने बारहवीं की बोर्ड परीक्षा को स्थगित करने का फैसला किया है। 

वयोवृद्ध लोगों को शीघ्र कोरोना टीका लगाया जाएं

कविता गर्ग                
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य एवं केंद्र सरकार से कहा कि दिव्यांग और वयोवृद्ध लोगों को कोरोना रोधी टीका लगाए जाने का शीघ्र इंतजाम करना चाहिए। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि जुलाई महीने तक वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर टीकाकरण की प्रक्रिया और तेज की जाएगी। 
हाईकोर्ट में वकील ध्रुति कापड़िया और वकील कुणाल तिवारी की दिव्यांग और वयोवृद्ध लोगों को घर जाकर टीकाकरण करवाए जाने से संबंधित जनहित याचिका पर बुधवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायाधीश जी.एस. कुलकर्णी सुनवाई कर रहे थे। हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना रोधी टीकाकरण में जब हाउसिंग सोसाइटीज शामिल हो रही हैं तो राज्य और केंद्र सरकार घर-घर जाकर वयोवृद्ध और बिस्तर पर पड़े हुए दिव्यांग लोगों का टीकाकरण क्यों नहीं कर रही हैं। 
हाईकोर्ट ने विभिन्न सोसाइटीज के इस कार्य की प्रशंसा भी की और कहा कि इससे सरकार को प्रेरणा लेनी चाहिए। सरकार की ओर पेश वकील अनिल सिंह ने कहा कि इस समय कोरोना रोधी वैक्सीन कम मात्रा में उपलब्ध है। वैक्सीन जुलाई तक उपलब्ध हो सकता है। उस समय सभी नागरिकों को वैक्सीन दिया जा सकेगा।

रामदेव को गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं देने चाहिए

राणा ओबराय            
हिसार। एलोपैथी व डॉक्टरों के बारे में बाबा रामदेव के कथित अपमानजनक बयान से आहत इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन (आईएमए) ने कहा कि बाबा रामदेव को ऐसे गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं देने चाहिए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से बोलते हुए डॉ. संदीप कालड़ा ने कहा कि एलोपेथी, आयुर्वेद, होम्पयोपेथी व यूनानी आदि चिकित्सा प्रणालियों का अपना अलग महत्व है। बाबा रामदेव के बयानों से अस्थिरता व अशांति पैदा हो रही है और विदेशों में वैज्ञानिक उनके बयानों की खिल्ली उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अनुचित बयानों से भ्रांति फैलती है।
डॉ. जेपीएस नलवा ने कहा कि बाबा रामदेव पहले योग गुरू थे, फिर भोग गुरू बन गए हैं और अब उद्योग गुरू बन गए हैं। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव ने कोविड का कोई अस्पताल नहीं खोला और न ही उपचार किया। चिकित्सा की दूसरी पद्धतियों को गलत कहना अनुचित है। वे अपराधपूर्ण कार्य कर रहे हैं। उनके खिलाफ केस दर्ज करके गिरफ्तार किया जाना चाहिए।इस अवसर पर डॉ. एपी सेतिया ने कहा कि बाबा रामदेव को तो सहयोग करते हुए टीकाकरण के पक्ष में प्रचार करना चाहिए, क्योंकि आम जनता उनकी बातों को मानती है। उन्होंने कहा कि आईएमए की 1750 शाखाएं हैं। वह बाबा रामदेव पर मानहानि और क्षतिपूर्ति का केस करेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव के भ्रामक प्रचार से कोविड के खिलाफ राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान को नुकसान हुआ है। इस टीकाकरण के कारण लोग ठीक होकर घर लौट रहे हैं।

यूपी सहित कई राज्यों में इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द

हरिओम उपाध्याय                       
लखनऊ। कोरोना संकट के बीच 12वीं की सीबीएसई परीक्षा रद्द किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द कर दी गई है।जिसमें 26 लाख छात्र शामिल होने वाले थे। परीक्षा रद्द होने के बाद सबसे बड़ा सवाल लोगों के मन में यही आ रहा है कि आखिर छात्रों का रिजल्‍ट किस तरह तैयार होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में स्थिति स्‍पष्‍ट की है। प्राप्‍त जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 12वीं के विद्यार्थियों को 10वीं और 11वीं में उनके परफॉर्मेंस के आधार पर मार्क्स दिए जाएंगे। दोनों कक्षाओं में उन्हें मिले औसत अंक निकाले जाएंगे। 
जिन 11वीं की परीक्षा नहीं दी होगी, उनके 12वीं प्री बोर्ड के अंक जोड़े जाएंगे। अगर विद्यार्थियों ने 11वीं और 12वीं प्री बोर्ड दोनों की परीक्षा नहीं दी है तो उनके लिए सामान्य प्रमोशन का विकल्प तलाशा जाएगा।सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो स्‍टूडेंट्स अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें अपना रिजल्ट बेहतर बनाने के लिए दोबारा परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। फिर इसके आधार पर उनकी मार्किंग होगी। विद्यार्थी एक, दो, तीन या चाहें तो सभी विषयों की परीक्षा देकर अपने परीक्षा परिणाम के अंक बेहतर कर सकते हैं। हालांकि यह परीक्षा कब होगी, इस बारे में फिलहाल जानकारी नहीं दी गई है।
सरकार ने कोरोना महामारी की स्थिति में सुधार के बाद इसकी जानकारी देने की बात कही है। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ सीबीएसई ने भी कहा है कि 12वीं के जो छात्र अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें परीक्षा में शामिल होने का विकल्‍प होगा। सीबीएसई 12वीं के परीक्षा परिणाम कैसे तैयार करेगा, इस बारे में स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। सीबीएसई ने कहा है कि इसके लिए मानदंड तय किए जा रहे हैं और इसमें दो सप्ताह का वक्त लग सकता है।

सीएम ने राशि 74 लाख क्रय मद में स्वीकृत की

पंकज कपूर            

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में एनपीवी के भुगतान/ भूमि अधिग्रहण हेतु भूमि क्रय मद के लिए 25 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की है। बड़कोट में वाहन पार्किंग के निर्माण हेतु प्रथम किश्त के रूप में 1 करोड़ 99 लाख रूपये एवं विधानसभा यमुनोत्री के अन्तर्गत 2 निर्माण कार्यों के लिए मुख्यमंत्री ने 74 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।

विधानसभा क्षेत्र डोईवाला में फायर स्टेशन की स्थापना हेतु प्रथम किश्त के रूप में 1 करोड़ 50 लाख रूपये की स्वीकृति मुख्यमंत्री ने दी है। विधानसभा क्षेत्र राजपुर रोड के अंतर्गत कांवली रोड के दोनों ओर फुटपाथ, रेलिंग व दून अस्पताल चौक से दर्शनलाल चौक तक दोनों ओर पटरी तथा क्षतिग्रस्त स्थानों के सुधारीकरण हेतु 1 करोड़ 89 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। कुंजापुरी के पास हिंडोलाखाल में पार्किंग निर्माण के लिए भी मुख्यमंत्री ने 1 करोड़ 54 लाख रूपये की स्वीकृति दी है।

गाजियाबाद: 24 घंटे में 25 नए कोरोना संक्रमित मिलें

अश्वनी उपाध्याय               

गाज़ियाबाद। जिलें में 24 घंटों की अवधि में केवल 25 नए संक्रमित मिले। जबकि 281 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जिले में अब केवल 727 सक्रिय मरीज रह गए हैं। 

गौतम बुद्ध नगर में केवल 40 नए संक्रमित मिले जबकि 149 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। यहाँ 3 मरीजों की मौत दर्ज की गई और जिले में अब केवल 730 सक्रिय मरीज रह गए हैं।

मेरठ जिले में केवल 55 नए संक्रमित मिले जबकि 225 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। यहाँ 6 मरीजों की मृत्यु दर्ज की गई और जिले में अब केवल 1625 सक्रिय मरीज रह गए हैं।

अंतर्कलह: बैठक में शामिल होने का बुलावा भेजा

राणा ओबराय                
चंडीगढ। पंजाब कांग्रेस की अंतर्कलह का असर बुधवार को कैबिनेट बैठक में साफ तौर पर देखने को मिला। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दूसरे कार्यकाल में यह पहला मौका था, जब बैठक में 32 एजेंडे रखे गए।लेकिन दो एजेंडे पास करने के बाद बैठक खत्म हो गई। छह नाराज मंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए तो उन्हें बुलावा भेजकर बैठक में शामिल होने का बुलावा भेजा गया। सूत्रों के अनुसार एक नाराज मंत्री ने तो यह भी कह दिया कि पहले विवाद सुलझा लेते हैं। बैठक तो बाद में भी हो जाएगी।

बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण थी। क्योंकि इसमें छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी के लिए पेश किया जाना था। इसके अलावा विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा के बेटे को डीएसपी तो विधायक राकेश पांडे के बेटे को तहसीलदार लगाए जाने के लिए एजेंडा पारित किया जाना था। लेकिन, ये दोनों एजेंडे बैठक में नहीं रखे जा सके।वर्चुअल तौर पर हुई इस बैठक में मंत्रियों की नाराजगी का असर साफ तौर पर दिखाई दिया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे ही बैठक में शामिल हुए तो उन्होंने बैठक के कोरम के बारे में पूछा। इसके बाद मुख्‍य सचिव विनी महाजन ने उन्हें बताया कि सभी मंत्री बैठक में मौजूद नहीं हैं। इसके बाद जब कैप्टन ने मंत्रियों के बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया है कि आठ मंत्री पंजाब भवन दिल्ली में हैं।

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...