गुरुवार, 3 जून 2021
'बाबा' आपातकालीन पैरोल पर पीजीआई लाये गए
सीरम इंस्टीट्यूट ने भी कानूनी सुरक्षा की मांग की
कंपनी के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि सिर्फ SII को ही नहीं, बल्कि देश में वैक्सीन का उत्पादन कर रही हर कंपनी को सुरक्षा दी जानी चाहिए। सीरम देश में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन का उत्पादन कोवीशील्ड के नाम से कर रहा है। इससे पहले बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि कई देशों ने वैक्सीन कंपनियों को ये सुविधाएं दी हुई हैं। भारत को भी ये सुविधा देने में कोई परेशानी नहीं है। विदेशी कंपनियां इमरजेंसी अप्रूवल के लिए आवेदन करती हैं, उन्हें ये सुविधा मिल सकती है।
क्या सुविधाएं चाहती हैं फाइजर और मॉडर्ना
भारत सरकार और फाइजर और मॉडर्ना के बीच वैक्सीन की डील को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है। फाइजर ने भी एक बयान जारी कर बताया था कि भारत के साथ वैक्सीन को लेकर बातचीत चल रही है और जल्द ही इसके नतीजे सामने होंगे।
वैक्सीन डील को लेकर मामला एक जगह फंसा हुआ है। दरअसल, कंपनियों ने अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई सरकारों से कानूनी सुरक्षा का भरोसा मांगा है। अब फाइजर यही मांग भारत में कर रही हैं। कंपनियां यह चाहती हैं कि वैक्सीन लगने के बाद किसी भी प्रकार का कोई कानूनी पेंच फंसता है तो इसके लिए कंपनी जवाबदेह नहीं होगी। केंद्र सरकार को इसके लिए आगे आना होगा।
स्पुतनिक-V के लिए टेस्ट लाइसेंस मांगा
वहीं, SII ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से रूस की कोविड वैक्सीन स्पुतनिक-V बनाने के लिए टेस्ट लाइसेंस के लिए मंजूरी मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार पुणे स्थित फर्म ने टेस्ट एनालिसिस और टेस्टिंग के लिए भी मंजूरी मांगी है। रूस की स्पुतनिक-V वैक्सीन इस वक्त भारत में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज बना रही है।
जून तक 10 करोड़ वैक्सीन उत्पादन और सप्लाई
हाल ही में SII ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक चिट्ठी लिखी थी। उसमें कहा गया था कि उसके कर्मचारी कई चुनौतियों के बावजूद 24 घंटे काम कर रहे हैं। जून के महीने में हम कोवीशील्ड वैक्सीन के करीब 10 करोड़ डोज बनाने और सप्लाई करने में सक्षम होंगे। मई में हमारी उत्पादन क्षमता 6.5 करोड़ खुराक थी।
सीरम वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी
सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। अब तक यह अलग-अलग वैक्सीन के 1.5 अरब डोज बेच चुकी है। यह एक तरह का रिकॉर्ड भी है। एक आंकड़े के मुताबिक, दुनिया के 60% बच्चों को सीरम की कोई न कोई वैक्सीन जरूर लगी है।
170 देशों में सीरम के टीकों की सप्लाई
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) से मान्यता प्राप्त सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की वैक्सीन 170 देशों में सप्लाई होती हैं। यह कंपनी पोलियो वैक्सीन के साथ-साथ डिप्थीरिया, टिटनस, पर्ट्युसिस, HIV, BCG, आर-हैपेटाइटिस बी, खसरा, मम्प्स और रूबेला के टीके भी बनाती है।
सांसद गंभीर के खिलाफ जमाखोरी पर कार्रवाई
गौतम गंभीर ने अप्रैल में एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि उनके कार्यालय से मरीज फेबीफ्लू दवा ले जा सकते हैं। मरीजों को अपने साथ डॉक्टर का पर्चा और आधार कार्ड लेकर आना होगा। गंभीर के अलावा आम आदमी पार्टी विधायक प्रीति तोमर और प्रवीण कुमार ने भी कोरोना की दवाओं और सिलेंडरों की खरीद की थी। ये उस वक्त किया गया, जब देशभर में इन दवाओं की किल्लत चल रही थी। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को जांच के आदेश दिए थे।
गंभीर ने कहा था- आखिरी सांस तक दिल्ली की सेवा करूंगा
गौतम गंभीर ने कहा था कि उनकी फाउंडेशन के अभिनेता अक्षय कुमार से एक करोड़ रुपए का डोनेशन मिला है। इनसे वो कोरोना मरीजों की सेवा करूंगा। जब हाईकोर्ट में मामला पहुंचा तो कोर्ट ने दो चीजों पर नाराजगी जताई थी। पहली गंभीर को क्लीन चिट देने पर और दूसरा गंभीर के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि वो दोबारा ऐसा करेंगे और आखिरी सांस तक दिल्ली की सेवा करूंगा।
ड्रग कंट्रोलर ने फाउंडेशन को नोटिस भेजकर मांगा था जवाब
ड्रग कंट्रोलर ने अपनी जांच के बाद कहा था कि गंभीर फाउंडेशन ने 2349 फेबी फ्लू की स्ट्रिप खरीदी हैं। इसके अलावा 120 ऑक्सीजन सिलेंडर भी खरीदे गए थे, जिन्हें अधिकृत डीलरों द्वारा भरवाया गया था। दवाओं का मरीजों में मुफ्त वितरण किया गया था।
इसके बाद गंभीर फाउंडेशन को नोटिस भेजकर पूछा गया था कि उन्होंने फेबीफ्लू कहां से खरीदी और क्या उन्होंने इसके लिए किसी अधिकृत संस्थान से मंजूरी ली थी? हाईकोर्ट से ड्रग कंट्रोलर ने कहा था कि गंभीर फाउंडेशन के खिलाफ इस तरह से दवा की जमाखोरी के मामले में कार्रवाई की जाएगी।
पीएम ने मुकुल को फोन कर पत्नी का हाल जाना
मीनाक्षी लोधी
कोलकाता। बंगाल में मुकुल रॉय और राजीब बनर्जी जैसे नेताओं की तृणमूल में वापसी की अटकलें तेज हो रही हैं। मुकुल रॉय की पत्नी फिलहाल खराब सेहत के चलते अस्पताल में भर्ती हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुकुल रॉय को फोन कर उनकी पत्नी का हालचाल लिया है। ये फोन कॉल 10 मिनट तक चली है। सूत्रों का कहना है कि फोन पर राजनीतिक बातें नहीं हुई हैं।
मुकुल की तृणमूल में वापसी की अटकलें उस वक्त तेज हो गई थीं, जब ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने उनसे मुलाकात की। हालांकि ये मुलाकात अस्पताल में ही हुई थी, जब अभिषेक मुकुल की पत्नी की सेहत जानने के लिए वहां पहुंचे थे।
चुनाव से पहले 50 से ज्यादा तृणमूल नेता भाजपा में आए थे
चुनाव के पहले तृणमूल कांग्रेस के 50 से भी ज्यादा नेता BJP में शामिल हुए थे। अब इनमें से कई दोबारा TMC में वापसी चाहते हैं। मुकुल रॉय और राजीब बनर्जी जैसे बड़े नामों को लेकर भी दावा किया जा रहा है कि ये फिर से TMC जॉइन कर सकते हैं। रॉय अभी BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। वे TMC छोड़ने वाले पहले बड़े नेताओं में से एक थे। रॉय ने BJP को 2018 में हुए पंचायत चुनाव में जीत दिलवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। इस बार वे कृष्णनगर उत्तर सीट से चुनाव लड़े थे और जीते भी। कुछ दिनों से चर्चा चल रही है कि वे दोबारा TMC में शामिल हो सकते हैं।
मुकुल के बेटे की पोस्ट से घर वापसी की चर्चा तेज हुई
मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु रॉय ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि जनता द्वारा चुनी गई सरकार की आलोचना करने के बजाय आत्मनिरीक्षण करना बेहतर है। रॉय की इसी पोस्ट के बाद ये कयास लगाए जाने लगे थे कि वे अपने पिता मुकुल के साथ TMC जॉइन कर सकते हैं।
भाजपा ने किया घर वापसी का खंडन
BJP प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने इस बात का खंडन किया है। भट्टाचार्य का कहना है कि रॉय और राजीब बनर्जी को लेकर जो भी बातें हैं, वे सभी अफवाहें हैं। इनमें कोई सच्चाई नहीं। भट्टाचार्य का कहना है कि सुभ्रांशु ने आवेश में आकर ऐसा लिखा था। पार्टी छोड़ने जैसी कोई बात नहीं है। सुभ्रांशु को BJP ने बीजपुर से टिकट दिया था, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
लैंगिक समानता में छत्तीसगढ़ टॉप स्टेट बना: खास
दुष्यंत सिंह टीकम
रायपुर। नीति आयोग ने राज्यों की प्रगति संबंधी सतत विकास लक्ष्यों के लिए सूचकांक (एसडीजी) इंडिया इंडेक्स 2020-21 रिपोर्ट जारी की है, जिसमें लैंगिक समानता में छत्तीसगढ़ टॉप स्टेट बना है। बता दें कि नीति आयोग की एसडीजी इंडिया इंडेक्स में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण के क्षेत्र में राज्यों की प्रगति के आधार पर उनके प्रदर्शन को आंका जाता है और उनकी रैंकिंग की जाती है। इस सूचकांक में ओवर आल रैकिंग में छत्तीसगढ़ ने पिछली बार के मुक़ाबले अपने अंकों में भी सुधार किया है। वहीं, 16 लक्ष्यों में से एक लैंगिक समानता में सभी राज्यों को पीछे छोडते हुये छत्तीसगढ़ ने बाजी मारी है।
छत्तीसगढ़ में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने व महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण संबंधी नीतियों को अपनाया गया है, जिसके लिए प्रदेश में कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही है। यही वजह है कि लिंगानुपात में भी छत्तीसगढ़ देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं और बालिकाओं के विरुद्ध सभी प्रकार के भेदभाव, हिंसा को समाप्त करने का लक्ष्य बनाया है।
प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक निर्णयों एवं नेतृत्व के समान अवसर व सहभागिता प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा सखी-वन स्टॉप सेंटर, बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, नोनी सुरक्षा योजना, नवा बिहान योजना, सक्षम योजना, स्वावलंबन संबंधी योजनाएँ चलाई जा रही है। वहीं, महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में भूमि, संपत्ति आदि पर कानून के अनुसार महिलाओं का स्वामित्व एवं नियंत्रण सुनिश्चित कराया जा रहा है।
महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक व पोषण की स्थिति में सुधार लाने, उनके संवैधानिक हितों की रक्षा और उन्हें योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सक्षम तथा जागरूक बनाने की दिशा में कई कार्य किये जा रहे हैं। राज्य सरकार ने आदिवासी समाज में मातृ-शक्ति को और सशक्त बनाने के लिए वनोपजों के कारोबार से महिला समूहों की 50 हजार से अधिक सदस्याओं को जोड़ने का फैसला लिया है। राज्य के 11 जिलों में ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण और जागरूकता के लिए महिला शक्ति केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की बराबर हिस्सेदारी रही है। छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना और सक्षम योजना भी राज्य की महिलाओं को सक्षम बनाने सफल रही है। महिला कोष के माध्यम से स्वसहायता समूहों और जरूरतमंद महिलाओं को ऋण उपलब्ध करवाकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। महिलाओं के कौशल विकास और आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए स्वालंबन और सक्षम योजनाएं चलाई जा रही हैं।
राज्य में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के प्रति सजग रहते हुए महिलाओं का कार्यस्थल पर लैगिंक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013, लैंगिक अपराधों से बच्चों के संरक्षण कानून, घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण कानून और छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम-2005 लागू हैं। महिलाओं और बालिकाओं की आपातकालीन सहायता के लिए प्रदेश में महिला हेल्पलाइन-181 की सेवा संचालित है। पीड़ित महिलाओं की सहायता के लिए प्रदेश के 27 जिलों में सखी सेंटर संचालित हैं जहां एक ही जगह पर सभी आवश्यक सुविधाएं दी जा रही है।
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