बुधवार, 2 जून 2021

वैक्सिनेशन: एचसी ने सरकार को फटकार लगाईं

अकांशु उपाध्याय                    

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना के वैक्सिनेशन को लेकर केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा अगर ऐसे ही हालात रहे और हमने खुद कार्रवाई नहीं की तो भगवान भी हमारी मदद नहीं कर पाएगा। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि आप के पास वैक्सीन नहीं है तो आप ऐसी घोषणाएं क्यों करते हैं? कोर्ट ने कहा कि हालत यह है कि देश के युवाओं को वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो रही है। जबकि उम्रदराज लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। हमें समझना होगा कि युवा ही देश का भविष्य है, उनको सुरक्षित करना जरूरी है।80 साल की उम्र के लोग देश को आगे नहीं ले जाएंगे, देश को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी युवाओं पर है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के संसाधन गंगा की तरह बह रहे हैं। पेट्रोल की कीमत बढ़ाने की क्या जरूरत थी। लोगों के पास पैसे नहीं हैं, हमें उनका ध्यान रखना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हम बड़े भारी मन से ये आदेश दे रहे हैं। केंद्र की ओर से वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि अगर दवा का कोई स्रोत हो तो इसे आगे लाया जाए। तब दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि हमें इसे लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं है, वेणुगोपाल के पास है। दिल्ली सरकार उसे आगे बढ़ाएगी। तब कीर्तिमान सिंह ने कहा कि अगर सभी सहयोग करेंगे तो काम आसान हो जाएगा। सुनवाई के दौरान वकील वेणुगोपाल ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार खरीदना चाहेगी तो भी उसे अनुमति नहीं मिलेगी। तब कोर्ट ने कहा कि हमने ये कब कहा। हमें किसी को अनुमति देने की जरूरत नहीं है। तब मेहरा ने कहा कि राज्यों को इस बात का अधिकार मिलना चाहिए कि जहां से भी दवाई लानी हो वो लेकर आएं लेकिन केंद्र इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। तब कोर्ट ने कहा कि हम ये नहीं चाहते हैं।

नौसेना: जहाज खर्ग को बचाने के प्रयास विफल हुएं

तेहरान। ईरान की नौसेना के सबसे बड़े जहाज में ओमान की खाड़ी में आग लग गई और वह बुधवार को डूब गया। ‘द फार्स’ और ‘तस्नीम’ समाचार एजेंसियों ने बताया कि जहाज खर्ग को बचाने के प्रयास विफल हो गए। इस जहाज का नाम खर्ग द्वीप के नाम पर रखा गया है, जो ईरान का मुख्य तेल टर्मिनल है। फार्स ने बताया कि आग देर रात करीब दो बजकर 25 मिनट पर लगी और दमकलकर्मियों ने इसे बुझाने की कोशिश की। यह जहाज ओमान की खाड़ी में तेहरान से करीब 1,270 किलोमीटर दूर दक्षिणपूर्व में जास्क बंदरगाह के समीप डूब गया। ईरान के सोशल मीडिया पर चल रही तस्वीरों में जीवनरक्षक जैकेट पहने नौसैनिकों को जहाज को निकालते हुए देखा जा सकता है और उनके पीछे आग लगी हुई है। सरकारी टेलीविजन और अर्धसरकारी समाचार एजेंसियां खर्ग को प्रशिक्षु जहाज बताते हैं। फार्स ने बुधवार सुबह जहाज से उठते काले धुएं की वीडियो जारी की है। ईरानी अधिकारियों ने खर्ग में आग लगने की वजह नहीं बतायी है। ओमान की खाड़ी में जहाजों को निशाना बनाते हुए 2019 में शुरू हुए रहस्यमयी धमाकों के सिलसिले में यह ताजा घटना है। खर्ग जहाज का डूबना ईरान के लिए ताजा नौसेना हादसा है। 2020 में ईरानी सेना के अभ्यास के दौरान जास्क बंदरगाह के समीप एक मिसाइल गलती से एक नौसैन्य जहाज से टकरा गयी थी। जिससे 19 नाविकों की मौत हो गयी थी और 15 घायल हो गए थे। 2018 में ईरानी नौसेना एक युद्धक जहाज कैस्पियन सागर में डूब गया था।

12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द, बाध्य होना पड़ा: अखिलेश

हरिओम उपाध्याय                   

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि परीक्षार्थियों और अभिभावकों के दवाब के आगे केन्द्र की असंवेदनशील भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को आखिरकार सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षा को रद्द करने के लिए बाध्य होना पड़ा। अखिलेश यादव ने कहा कि अब अन्य बोर्ड और राज्य बोर्ड को भी परीक्षा रद्द करने के फैसले में देरी नहीं करनी चाहिये। उनकी पार्टी पहले ही कहती आयी है कि वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरी हुये बिना परीक्षा कराना परीक्षार्थियों की जान को जोखिम में डालने वाला होगा। उन्होने ट्वीट किया " परीक्षार्थियों-अभिभावकों के दबाव के आगे आख़िरकार असंवेदनशील भाजपा सरकार को झुकना ही पड़ा और सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद्द किये जाने का फ़ैसला उन्हें लेना ही पड़ा। अब इसी आधार पर अन्य बोर्ड व राज्य बोर्ड की परीक्षाएँ भी रद्द की जानी चाहिए। "गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने मंगलवार को सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने की घोषणा की थी जिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने इसे उचित फैसला बताया था और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा के बारे में जल्द फैसला लेने का भरोसा दिलाया था।

राज्य बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया

राणा ओबराय                

चंडीगढ़। सीबीएसई और सीआईएसई के नक्शे कदम पर चलते हुए हरियाणा सरकार ने राज्य बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है। जिसके चलते एक नीति बनाकर बारहवीं कक्षा के छात्र प्रमोट कर दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सीबीएसई और सीआईएसई की 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर दिए जाने का फैसला लिए जाने के बाद हरियाणा सरकार ने भी केंद्र की तर्ज पर चलते हुए राज्य बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द किए जाने का ऐलान किया है। शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि हमने भी राज्य में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रदद करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा है कि हम केंद्र द्वारा सीबीएसई और सीआईएसई बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द किए जाने के फैसले के साथ हैं। जिसके चलते हमने भी छात्र-छात्राओं के जीवन को ध्यानार्तगत रखते हुए राज्य बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है।

5 करोड़ से ज्यादा टेस्ट करने के आंकड़े को पार किया

हरिओम उपाध्याय                  

लखनऊ। टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट के मंत्र के साथ कोरोना संक्रमण को काफी हद तक काबू कर चुके उत्तर प्रदेश ने मंगलवार तक पांच करोड़ से ज्यादा कोरोना टेस्ट करने के आंकड़े को पार कर लिया। अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बुधवार को बताया कि मंगलवार शाम तक प्रदेश में पांच करोड़ से ज्यादा कोरोना टेस्ट हो चुके थे जिसमें पिछले 24 घंटे में 3.32 लाख टेस्ट शामिल हैं। यूपी यह उपलब्धि हासिल करने वाला देश का पहला राज्य है जबकि दूसरे नम्बर का प्रदेश अब तक सिर्फ 3.5 करोड़ टेस्ट ही कर पाया है। उन्होने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटो में कोरोना संक्रमण के 1500 नये मामले सामने आये है। राज्य मेंं फिलहाल कुल सक्रिय केसों की संख्या 28000 रह गई है। जबकि रिकवरी रेट 97.1 फीसदी हो गया है।

वैक्सीन के भारत आने की राह को आसान किया

अकांशु उपाध्याय                   

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को थामने के लिए देश में टीकाकरण के काम में तेजी लाने को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए देश में इनके अलग से ट्रायल की शर्तों को समाप्त कर दिया है। बुधवार को देश में कोरोना संक्रमण से बचाव की विदेशी वैक्सीन के भारत आने की राह को आसान कर दिया गया है। भारत की दवा नियामक संस्था अर्थात डीजीसीआई ने अब फाइजर और माडर्ना जैसी विदेशी कंपनियों की वैक्सीन को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए इनके अलग से ट्रायल कराने की शर्तों को खत्म कर दिया है। अर्थात विश्व स्वास्थ्य संगठन या अमेरिकी एफडीए से जिन वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। उन्हें भारत में ट्रायल के दौर से नहीं गुजरना होगा। इस संबंध में डीजीसीआई के मुखिया वीपी सोमानी की ओर से नोटिस भी जारी कर दिया गया है। नोटिस के मुताबिक हाल ही में कोरोना के मामलों की तेज रफ्तार के बीच भारत में बढ़ती कोरोना वैक्सीन की मांग को देखते हुए एनईजीवीएसी के सुझाव के आधार पर अब ऐसी किसी भी वैक्सीन को भारत में ट्रायल के तौर से नहीं गुजरना पड़ेगा। 

जिन्हें पहले से ही यूएसएफडीए, ईएमए, यूके एमएचआरए और पीएमडीए जापान अथवा विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी जा चुकी है। फाइजर और मॉडर्ना उन विदेशी कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने सरकार से क्षतिपूर्ति और स्थानीय ट्रायलों से छूट देने की बात की थी। हालांकि, सरकार ने अभी तक किसी भी गंभीर दुष्प्रभाव के लिए मुआवजे से क्षतिपूर्ति या दायित्व पर कोई फैसला नहीं किया है। लेकिन भारत में ट्रायल न करने की बात मान ली गई है। डीजीसीआई के नोटिस के मुताबिक, अब अगर विदेशी वैक्सीन को किसी अन्य देश में या किसी स्वास्थ्य संस्था से मंजूरी मिली हुई है, तो भारत में उसकी गुणवत्ता और असर जांचने के लिए ट्रायल किए जाने की जरूरत नहीं होगी।


देशवासियों को वैक्सीन की खुराक के 2 टीके लगेगें

अकांशु उपाध्याय                  

नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने देश में कोरोना वैक्सीन की नीति पर चिंता जताते हुए कहा है कि रोजाना बदल रहे वैक्सीनेशन के नियमों एवं वैक्सीन केंद्रों पर लटके तालों को देखकर कहीं से भी ऐसा नहीं लग रहा है कि केंद्र कोरोना को लेकर लोगों के स्वास्थय के प्रति गंभीर है और देशवासियों को जल्द ही वैक्सीन की दोनों खुराक के टीके लग जाएंगे। बुधवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि पिछले वर्ष लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई घोषणा के बाद देशवासियों को उम्मीद थी कि सभी लोगों को समय से कोरोना की दोनों डोज मिल जाएगी और सरकार सबके लिए मुफ्त वैक्सीन की नीति बनाएगी। लेकिन, केंद्र सरकार की ढुलमुल नीतियों की वजह से लोगों को समय से कोरोना से बचाव की वैक्सीन की दोनों खुराक मिलना कहीं से भी संभव नहीं लग रहा है। क्योंकि वैक्सीन के अभाव में वैक्सीन केंद्रों पर ताले लटके हुए हैं। एक ही देश में एक ही वैक्सीन के 3-3 दाम है। केंद्र सरकार की ढुलमुल वैक्सीनेशन नीति के चलते अभी तक देश की 3.4 प्रतिशत जनसंख्या का ही वैक्सीनेशन हो पाया है। केंद्र ने वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी से भागते हुए अपना भार राज्यों पर डाल दिया है। ऐसी दिशाहीन कोरोना वैक्सीन नीति से पता नहीं किस प्रकार सभी देशवासियों को कोरोना से बचाव की वैक्सीन मिल पाएगी।

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