शुक्रवार, 28 मई 2021

अलीगढ़: जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौंत

हरिओम उपाध्याय             

अलीगढ़। यूपी में आबकारी विभाग और क्षेत्रिय पुलिस की लापरवाही के चलते जहरीली शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। यही कारण है, हर दर्जनों के मौतों के बाद सिस्टम सोया रहता है। ताजा मामला यूपी के अलीगढ़ का है। जहां जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गयी हैं। वहीं इस घटना की जानकारी होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ​डीएम व आबकारी विभाग समेत गृह विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकर लगाते हुए रिपोर्ट तलब की है। 

गौरतलब है कि अलीगढ़ लोधा थाना क्षेत्र के गांव करसुआ में शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही दस से अधिक लोगों की हालत गंभीर है। इन सभी ने गरुवार को शराब खरीदी थी। देर शाम इन सभी ने शराब का सेवन किया। इसके बाद से इनकी हालत बिगडऩे लगी। पुलिस ने शराब ठेका अपने कब्जे में ले लिया है। जांच की जा रही है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि शराब के सेवन के बाद जान गंवाने वालों ने गांव ही ठेके से शराब खरीद कर पी थी। मृतकों में दो करसुआ में एचपी गैस बॉटलिंग प्लांट के ड्राइवर हैं।

यूके: कोरोना नियंत्रण कन्ट्रोल रूम सत्यापित कियें

पंकज कपूर                 
हल्द्वानी। जनपद में ग्राम स्तर तक संघन कोरोना टेस्टिंग बढाने के साथ वैक्सीनेशन कराने हेतु जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल बेहद संजीदा है। ग्रामवार रोस्टर बनाकर कोविड जांच की जा रही है तथा कोरोना दवा किट वितरित किये जा रहे है। चिकित्सालयों में जनता को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके इसके लिए भी श्री गर्ब्याल बेहद गम्भीर है। उन्होने कोविड संक्रमण बचाव, सहायता, परामर्श हेतु जनपद स्तर के साथ ही प्रत्येक विकास खण्ड में कोरोना नियंत्रण कन्ट्रोल रूम सत्यापित किये गये है। उन्होनेे जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की जानकारी- परामर्श ब्लाक स्तर पर संचालित कन्ट्रोल रूम से ले सकते है।

परीक्षा संबंधित याचिका पर सुनवाई करेंगा एससी

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि देश भर में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के मद्देनजर 12वीं की परीक्षा रद्द करने के निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर वह 31 मई को सुनवाई करेगा। यह मामला सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ के समक्ष आया था।

सुनवाई की शुरुआत में, पीठ ने याचिकाकर्ता ममता शर्मा से पूछा कि क्या उन्होंने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील को याचिका की प्रति दी है या नहीं। याचिकाकर्ता ने जब कहा कि वह मामले के पक्षों को प्रति सौंपेंगी तो पीठ ने कहा, “आप यह करें। हम इस पर सोमवार (31 मई) को सुनवाई करेंगे।”

24 घंटे में 2 लाख से कम 1,86,364 नए मामलें मिलें

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। भारत में इस महीने दूसरी बार 24 घंटे में दो लाख से कम 1,86,364 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,75,55,457 हो गई। देश में 44 दिन बाद कोविड-19 के इतने कम नए मामले सामने आए हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 3,660 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,18,895 हो गई।

आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 33,90,39,861 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 20,70,508 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को की गई। देश में नमूनों के संक्रमित आने की दर भी कम होकर नौ प्रतिशत हो गई थी। पिछले चार दिनों से यह 10 प्रतिशत से कम है। संक्रमण की साप्ताहिक दर भी कम होकर 10.42 प्रतिशत हो गई है।

ब्लैक फंगस की चपेट में आएं 150 से अधिक लोग

पंकज कपूर            
देहरादून। उत्तराखंड में कोरोनावायरस कोविड-19 के प्रकोप के बाद अब ब्लैक फंगस के भी रोजाना मामले सामने आने लगे हैं। राज्य में अब तक ब्लैक फंगस से संक्रमित 150 से अधिक लोग सामने आए हैं। जबकि अब तक 14 मरीजों की मौत भी हो गई है। उधर अच्छी खबर यह है कि ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एंफोटरिसन इंजेक्शन की कमी दूर हो गई है।राज्य को 15000 इंजेक्शन मिल चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक देहरादून जिले में ब्लैक फंगस के साथ और मरीज मिले हैं। जबकि 2 मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ा है। इसके अलावा देहरादून नैनीताल उधम सिंह नगर जिले में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 155 हो गई है। जबकि 14 मरीजों की उपचार के दौरान मौत भी हुई है। कोरोनावायरस कोविड-19 में नियंत्रण होने की दशा में कार्य होने के साथ ही ब्लैक फंगस को भी नियंत्रण करना सरकार के लिए चुनौती है।

माफी की मांग को लेकर मानहानि का नोटिस: रामदेव

अकांशु उपाध्याय                   

नई दिल्ली। पतंजलि योगपीठ ने बृहस्पतिवार को पुष्टि की कि एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर टिप्पणी के संबंध में योग गुरु रामदेव से माफी की मांग को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से उसे एक मानहानि नोटिस मिला है। योगपीठ ने कहा कि वह कानूनी तरीके से इसका ‘करारा जवाब’ देगी। पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण ने इसकी पुष्टि की और कहा, ”हम उन्हें उसी कानूनी रूप से करारा जवाब देंगे, जैसा कि हम अपनी महान मातृभूमि और मानवता की सेवा करते हुए जिस तरह से सब कुछ करते हैं।”

हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ने यह भी कहा कि पतंजलि सारी गतिविधियां वैज्ञानिक और सत्यता को ध्यान में रखकर करता है और वह किसी को भी ऋषियों और शास्त्रों के महान ज्ञान और विज्ञान की उपेक्षा, अनादर और अपमान नहीं करने दे सकता।

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