शुक्रवार, 28 मई 2021

जिला प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन्स की लिस्ट अपडेट की

अश्वनी उपाध्याय                 

गाज़ियाबाद। जिलें में 1957 सक्रिय संक्रमित रह गए हैं। आश्चर्यजनक रूप से इस बार गाज़ियाबाद जिला प्रशासन ने बिना याद दिलाए ही कंटेनमेंट जोन्स की लिस्ट अपडेट कर दी है। हालांकि, यह बात अलग है कि इसमें 25 मई तक के मरीज ही दिखाए गए हैं। गौतम बुद्ध नगर में 53 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉज़िटिव आई और 428 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। यहाँ 5 मरीजों की मौत के बाद 1930 सक्रिय मरीज हैं। मेरठ जिले में 121 नए मरीज मिले और 582 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। यहाँ 10 मरीजों की मौत के बाद सक्रिय संक्रमितों की संख्या 3524 हो गई है।

क्षेत्रीय प्रशासन ने सामुदायिक कंटेनमेंट को लागू किया

अश्वनी उपाध्याय               

गाजियाबाद। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखकर जिला प्रशासन ने वहां स्वैच्छिक सामुदायिक कंटेनमेंट योजना लागू की। इस योजना का परिणाम बेहद अच्छे देखने को मिला। पॉलिसी लागू होने के बाद जनपद की 161 पंचायतों में से 102 ग्राम पंचायतें कोरोना संक्रमण मुक्त हुई। शुक्रवार को जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने एडीएम एलए कमलेश चंद्र वाजपेयी एवं खोड़ा नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी कृष्ण कुमार भड़ाना, चेयरमैन रीना भाटी आदि की मौजूदगी में खोड़ा क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे।

जिलाधिकारी ने कहा कि अब ग्राम पंचायतों के बाद नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्र के वार्डों की बारी है। जिला प्रशासन द्वारा लागू की गई स्वैच्छिक कंटेनमेंट योजना के परिणाम अब बेहतर देखने को मिल रहे है। सकारात्मक परिणाम देखकर कंटेनमेंट योजना जिला प्रशासन ने पंचायतों के साथ-साथ नगर पालिका परिषदों में भी लागू की। यहां भी इसके परिणाम सकारात्मक देखने को मिले। कंटेनमेंट योजना के तहत जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न टीमों द्वारा नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के सभी वार्डो में दवाईयों की किटों का वितरण कराया गया। 

इसके साथ ही आयुष विभाग द्वारा भी आवश्यक दवाएं लोगों को वितरित की गयीं। पतला नगर पंचायत में लगभग 60, निवाड़ी में 73, फरीदनगर में 80, डासना में 137 स्वास्थ्य व आयुष दवाईयों की किट का वितरण कराया गया। इसी प्रकार 18 वर्ष से 44 वर्ष तक की आयु वाले लोग एवं 44 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों का वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। पतला में लगभग 2300, निवाड़ी में 4263, फरीदनगर में 1486, डासना में 10834 लोगों का वैक्सीनेशन कराया गया है। यहां निगरानी समितियों द्वारा स्थानीय लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल के बारे में समझाया जा रहा है। जैसे-दो गज की दूरी बनाएं रखें, अपने दोनों हाथों को साबुन से समय-समय पर धोते रहें, समूह में एकत्र न हों, अपने घरों पर रहें एवं आवश्यकता होने पर ही अपने घरों से बाहर निकलें, अपने मुंह पर घर से बाहर निकलते समय मास्क अनिवार्य रूप से लगाएं इत्यादि का पालन कराया जा रहा है। निरीक्षण में उन्होंने वहां नगर पालिका परिषद द्वारा की गयी व्यवस्थाओं का जायजा लिया और व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में स्थानीय लोगों से भी बातचीत कर जानकारी ली। जिला प्रशासन अब आगे इस योजना को शहरी क्षेत्र में भी लागू करने की योजना बना रहा है। चारों नगर पालिका परिषद के 68 वार्ड भी कोरोना से मुक्त हो चुके हैं।

नोजवानों की नजरों में खलनायक बन गए सुशील

राणा ओबराय              
नई दिल्ली। भारत को ओलम्पिक खेलो में कुश्ती स्पर्द्धा में दो बार पदक जिताने वाले पहलवान सुशील आज एकाएक देश के नोजवानो की नजरों में खलनायक बन गए हैं। भारत देश ने सुशील को नाम, पैसा शोहरत सब कुछ दिया। फिर क्या ऐसी जरूरत आन पड़ी की वह ऐसे घिनोने कार्य मे संलिप्त हो गया ? मशहूर पहलवान के इस कुकर्म से लोग युवा पहलवानों को भी संशय की नजरों से देखेंगे। पहलवानों की धरती कहे जाने वाले हरियाणा की बात करे तो अब यहां पहलवानों की आड़ में जम कर पैसा इकट्ठा करने का काम चल रहा है। राज्य में बड़े व्यापारियों को धमकी देने और पैसे वसूलने के मामले सामने आते रहते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार गुरुग्राम में कौशल गैंग ने पुष्पांजलि हॉस्पिटल और ओम स्वीट्स के मालिकों को धमकी दी थी। इस गैंग के कुछ सदस्यों के नाम फरीदाबाद के कांग्रेसी नेता विकास चौधरी को भी वसूली के कारण गोली मार कर हत्या करने के मामले में सामने आए थे। अंत मे युवा खिलाड़ियों को इतना कहना चाहेंगे कि पैसे सब कुछ नही है।

भू-माफियां व क्षेत्रीय 'अधिकारियों' की मिली भगत

अतुल त्यागी             
हापुड़। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक तरफ जहां अधिकारियों को भू-माफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्यवाही करने के निर्देश दे रहे हैं। लेकिन, वहींं कुछ छोटे अधिकारी उनका सहयोग कर रहे हैं। ऐसा ही मामला धौलाना तहसील के गांव शेखूपर खिंचरा मै मुस्लिम समाज के कब्रिस्तान में दबंग भू माफिया जमीन घेरकर कार्य करवा रहे हैं। अब यह पता लगाना अभी बाकी है। दबंग भू माफिया किसकी सह पर कर रहे हैं। कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध निर्माण स्थानीय पुलिस को लेखपाल को जानकारी होते हुए भी क्यों नहीं हो रही है ? कार्रवाई कहीं मिली तो नहीं, अधिकारियों के जांच का विषय होगी। कार्यवाई यह दबा दिया जाएगा। मामला फिलहाल कब्रिस्तान के जमीन पर कार्य चल रहा है। अभी देखना है, कि कार्यवाही होगी या नहीं।

मरीजों को इलाज की सुविधा दिलाएं जाने की मांग

कौशाम्बी। भरवारी के मेहता अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं लोग अभी तक भूल नहीं सके हैं। मेहता अस्पताल में इलाज के नाम पर मिल रही सुविधाएं अभी तक सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं हो पाई है। इस अस्पताल में जनभावना से मरीजों की सेवा चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी करते थे। चार दशक तक लगातार इस अस्पताल में इलाके के मरीजों को संपूर्ण इलाज की सुविधाएं उपलब्ध थी। लेकिन प्रबंध तंत्र की खींचतान के चलते यह अस्पताल धीरे-धीरे बंद हो गया। लोगों ने एक बार फिर से अस्पताल को शुरू करा कर मरीजों को इलाज की सुविधा दिलाए जाने की मांग जिलाधिकारी से की है।
बी एस मेहता अस्पताल की शुरुआत 1956 में आधार शिला रख कर गिरधारी लाल मेहता ने की थी। इस अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए संपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध थी। सैकड़ों किलोमीटर दूर के मरीज इस अस्पताल तक पहुंच कर सस्ता सुलभ इलाज कराकर स्वस्थ जीवन जीते थे। अस्पताल में प्रतिदिन हजारों मरीजों को इलाज मिलता था। सैकड़ों मरीज अस्पताल में भर्ती किए जाते थे। जिनकी देखरेख और इलाज की बेहतर सुविधाएं अस्पताल में मौजूद थी। प्रबंध तंत्र की अवस्थाओं के चलते यह अस्पताल धीरे-धीरे बंद हो गया और वर्तमान में यह अस्पताल अपने आप मे आशु बहा रहा है। इस अस्पताल का निर्माण कस्बे के बीच सत्रह हेक्टेयर जमीन पर बलदेवराम सालिगराम मेहता ट्रस्ट द्वारा किया गया था। बन्द पड़े इस अस्पताल पर यदि जिलाधिकारी कौशाम्बी की निगाह पड़ जाए तो इस क्षेत्र की जनता के साथ-साथ आसपास के जिलों के हजारों मरीजों के लिए यह अस्पताल वरदान से कम नही साबित होगा इस वक्त वैश्विक महामारी में इतना बड़े अस्पताल की सरकार को आवश्यकता है। इस अस्पताल की सिर्फ मररमती करण होने मात्र से अस्पताल चल पड़ेगा और लोगो को एक बहुत अच्छी सुबिधा मिल सकेगी।
राजू सक्सेना 

सीएम की ममता, पीएम मोदी को कराया इंतजार

मीनाक्षी लोधी   
कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बंगाल और ओड़िशा में चक्रवात यास तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे। दोनों राज्यों में पीएम मोदी ने समीक्षा बैठक की। बंगाल में मोदी के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 30 मिनट की देरी से पहुंचीं। उनके साथ राज्य के मुख्य सचिव भी देरी से पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री चक्रवाती से राज्य में हुए नुकसान से जुड़े कुछ दस्तावोज सौंपकर चली गईं।
सीएम ममता ने बताया कि राज्य के मुख्य सचिव ने पीएम नरेंद्र मोदी को यास चक्रवात से सूबे में हुए नुकसान के संबंध में रिपोर्ट सौंपी है। पीएम नरेंद्र मोदी की मीटिंग में देरी से पहुंचने और तुरंत निकलने पर बाद में ममता बनर्जी ने 30 मिनट देरी से पहुंचने पर सफाई देते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी। इस मीटिंग के दौरान राज्य के गवर्नर जगदीप धनखड़ पूरे समय मौजूद रहेमुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि ‘मैं नहीं जानती थी कि पीएम मोदी ने मीटिंग बुलाई है। मैं कलाईकुंडा गई थी और पीएम नरेंद्र मोदी को रिपोर्ट सौंपकर 20 हजार करोड़ रुपए की मदद की मांग की है। 10 हजार करोड़ की मांग दीघा और 10 हजार करोड़ सुंदरबन के विकास के लिए मांगे हैं। मैंने उनसे कहा कि राज्य के अधिकारी मुझसे मिलना चाहते हैं। इसके बाद मैंने उनसे परमिशन ली और निकल गईं।’

बता दें कि पीएम मोदी आज यास तूफान को लेकर बंगाल और ओडिशा में राज्य सरकारों के साथ समीक्षा बैठक की। लेकिन बंगाल के मीटिंग में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी को भी न्योता दिया गया। इससे पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी नाराज हो गईं। पहले ही बता दिया गया कि सीएम ममता बैठक में ही शामिल नहीं होंगी। यास तूफान को लेकर पीएम की मीटिंग में बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी मौजूद थे। कहा जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी के कारण ही ममता बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हुईं।

कोरोना उत्पत्ति की जांच में भारत से समर्थन मांगा

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच संबंधी वैश्विक मांग का समर्थन किया है। विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इससे जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में भारत के समर्थन की बात कही। उन्होंने कहा, “डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने कोविड-19 की उत्पत्ति पर वैश्विक अध्ययन की शुरुआत की है। यह एक महत्वपूर्ण पहला कदम है। इसके अगले चरण के अध्ययन के साथ-साथ आगे के आंकड़ों और अध्ययनों को मजबूत निष्कर्ष तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया है।"
उन्होंने कहा, “डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट पर अनुवर्ती कार्रवाई और आगे के अध्ययन सभी की समझ और सहयोग के लिए जरूरी है।”
उल्लेखनीय है कि विश्व संस्था ने मार्च में एक जांच के बाद अपनी रिपोर्ट दी थी लेकिन उसे दुनिया के बड़े देशों ने विफल माना था। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी खुफिया एजेंसियों को वायरस की उत्पत्ति के संबंध में 90 दिन का समय दिया है। कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर कई अटकलें हैं। कुछ में इसे जानवरों से इंसानों में आने की बात कही जा रही है। वहीं कुछ में कहा गया है कि वायरस असल में चीन की लैब में तैयार किया गया है।

'एफएम' चैनल कुंभवाणी का शुभारंभ किया

'एफएम' चैनल कुंभवाणी का शुभारंभ किया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को सर्क...