शुक्रवार, 28 मई 2021

रामदेव के तेल में मिली मिलावट, फैक्ट्री की सीज

नरेश राघानी   

अलवर। बाबा रामदेव की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एलोपैथी पर बयान देकर फंसने के बाद अब रामदेव अपनी ही कंपनी के सरसों के तेल को लेकर मुश्किलों में घिर गए हैं। राजस्थान के अलवर में गुरुवार देर रात प्रशासन ने पंतजलि कंपनी के सरसों के तेल में मिलावट की आशंका के चलते खैरथल की सिंघानिया आयल मिल को सीज कर दिया है। इस कार्रवाई के दौरान खुद जिला कलेक्टर वहां मौजूद रहे साथ ही कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी करवाई गई है।

खाद्य तेल संगठन पहले से ही पंतजलि के सरसों के तेल पर आपत्ति जता चुका था। दरअसल पंतजलि के सरसों तेल के एक विज्ञापन में यह दिखाया गया है कि पंतजलि छोड़ बाकी सभी कंपनियों के कच्ची घानी तेल में मिलावट है। इसी विज्ञापन के बाद ही खाद्य तेल संगठन ने अपनी आपत्ति जताई थी। हालांकि अब बाबा रामदेव की पतंजलि ब्रांड के नाम से सरसों के तेल की पैकिंग और मिलावट किये जाने की सूचना के बाद प्रशासन ने फैक्ट्री पर छापेमारी कार्ऱवाई करते हुए देर रात ही सीज कर दिया है।
फैक्ट्री में पतंजलि की भारी मात्रा में पैकिंग सामग्री बरामद की गई है। हालांकि फैक्ट्री में बाबा रामदेव की पतंजलि का पैकिंग किये जाने की अनुमति होने की बात प्रबंधन की ओर से बताई गई है। इसके अलावा एक और ब्रांड श्री श्री ऑयल ब्रांड के भी रैपर वहां से मिले हैं। फैक्ट्री में मौजूद सरसों के तेल कच्ची घानी ओर स्पेलर से निकाले गए तेल के स्टॉक और मौजूद कच्चे सामान के खाद्य निरीक्षकों और आयुर्वेद निरिक्षकों की टीम ने सैम्पल लिए हैं। प्रशासन का कहना है कि सैंपल रिपोर्ट के आने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
प्रशासन ने कंपनी प्रबंधन को चेतावनी दी है कि किसी भी सूरत में सामान के साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। जो समान जहां है वैसा ही होना चाहिए। बता दें कि इस फैक्ट्री से भारी मात्रा में सरसों का तेल बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को जाता है। जिसके बाद पतंजलि इस तेल पर अपना ठप्पा लगाकर बाजारों में सप्लाई करती है। जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया का कहना है कि प्रशासन को जैसी ही सरसों के तेल में मिलावट की बात पता चली तो शिकायत के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए अलवर के एसडीएम योगेश डागुर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी ने फैक्ट्री पर कार्रवाई करते हुए उसे सीज कर दिया है ताकि समान इधर-उधर ना हो सके। उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

योगी ने दोषियों पर एनएसए लगाने का आदेश दिया

बृजेश केसरवानी   
लखनऊ/अलीगढ़। जहरीली शराब ने एक बार फिर उजाड़ दी परिवारों की खुशियों को। इतनी सख्ती के बाद भी जहरीली शराब की बिक्री बंद नहीं हो पा रही है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जहरीली खराब पीने से 7 लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि मरने वालों में अलीगढ़ एचपी गैस प्लांट के ट्रक ड्राइवर भी शामिल हैं। इसके अलावा लोधा क्षेत्र के करसुआ, निमाना, हैवतपुर, अंडला गांव के ग्रामीणों की भी मौत हुई है। अभी कई लोगों की हालत गंभीर है। उनका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।

इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने अलीगढ़ के अधिकारियों से बात करके पीड़ितों की मदद करने का निर्देश दिया। साथ ही आरोपियों पर एनएसए लगाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि अगर सरकारी ठेके से शराब खरीदी गई थी तो उसे सीज किया जाए और दोषियों की संपत्ति भी कुर्क की जाए।

इस बीच अलीगढ़ के गांवों में जहरीली शराब से मौत के बाद दहशत का माहौल है। इसके साथ ही लोगों में गुस्सा भी है. अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि अभी तक 7 लोगों की मौत हुई है, मामले की जांच की जा रही है, जांच में जो भी निकल कर आएगा, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।अलीगढ़ के थाना लोधा क्षेत्र के अंतर्गत गांव करसुआ में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हुई है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि मरने वालों ने गांव ही ठेके से शराब खरीद कर पी थी। मरने वालों में दो करसुआ में स्थित एचपी गैस बॉटलिंग प्लांट के ड्राइवर हैं। मौके पर अफसर पहुंच गए हैं और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

ग्रामीणों की शिकायत के बाद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने देसी शराब के ठेके को सील करा दिया है. साथ ही शराब के सैंपल लिए जा रहे हैं. जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि लोगों की मौत कैसे हुई? क्या ठेके पर नकली शराब बेची जा रही? इस बीच ग्रामीण गुस्से में हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

व्यापार प्रकोष्ठ के द्वारा श्रद्धांजलि सभा आयोजित

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि सभा आयोजन
सुनील पुरी   
कानपुर। उत्तर प्रदेश कांग्रेस उद्योग व्यापार प्रकोष्ठ के तत्वाधान में सरसैया घाट कानपुर में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर उनको याद करते हुए श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई ।
इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने कहा की आजादी के बाद देश को कैसे जवाहरलाल नेहरू ने अपने गौरवशाली विराट व्यक्तित्व के नेतृत्व में एक मजबूत वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बना दिया। इसीलिए उनको आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है। भारत में आईआईटी इत्यादि जैसे वैश्विक स्तर के प्रौद्योगिकी संस्थान एवं एम्स जैसे चिकित्सा संस्थान जवाहरलाल नेहरू जैसे स्वप्न दृष्टा के नेतृत्व में ही संभव हो पाया। आज भारत परमाणु शक्ति है और उसका मुख्य श्रेय  नेहरू जी को जाता है ।
नेहरू जी एक बेहद विनम्र , शालीन , अत्यंत शिक्षित एवं जमीन से जुड़े हुए आम जनमानस के विराट लीडर थे । उनके योगदान एवं उनके जीवन के लिए देश हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहेगा ।

इस अवसर पर प्रकोष्ठ के चेयरमैन पवन गुप्ता , महासचिव महेश मेघानी महासचिव दिनेश बाजपेई , नगर ग्रामीण अध्यक्ष आदित्य चौबे , प्रदेश सचिव काजी समी , दिनेश दीक्षित , रमेश खन्ना , कमल जयसवाल , अब्दुल वहीद ,साईं रक्षा  जयसवाल , राजन अग्रवाल , विजय पुरी इत्यादि व्यापारी नेता और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

पूर्व प्रधान की हत्या, सड़क पर रखा शव: आक्रौश

प्रशांत कुमार   

चंदौली। अमड़ा गांव निवासी पूर्व प्रधान की लाश देर रात रेलवे ट्रैक पर मिलने से ग्रामीण आकोशित हो गए हैं। उन्होंने शुक्रवार की सुबह पूर्व प्रधान की लाश को नेशनल हाईवे पर रखकर प्रदर्शन किया।

जानकारी के अनुसार चंदौली जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के अमड़ा गांव निवासी पूर्व प्रधान रमेश यादव 24 मई को घर से लापता हो गए थे। बुधवार की रात सुल्तानपुर में रेलवे ट्रैक पर उनका शव मिला। परिजनों के अनुसार उनकी हत्या की गई है। पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर गुरुवार को ग्रामीणों ने सदर कोतवाली का घेराव किया।

प्रधान के परिजनों का कहना है कि हम लोगों को अंदेशा था कि उनका अपहरण किया गया है। इसलिए हमने थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई लेकिन पुलिस उतनी सक्रिय नहीं हुई। जिसके चलते उनकी हत्या हो गई। पुलिस अधिकारियों के आश्वासन और समझाने.बुझाने पर ग्रामीण मान गए।

आर्थिक तंगी के कारण राम लड्डू बेच रहे अभिनेता

शैलेश श्रीवास्तव   
मिर्जापुर। कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर के लोग परेशान है। लाखों लोगों ने अपनो को खो दिया और बाकी बचे लोग बेरोजगारी से जुझ रहे है। हर फिल्ड की तरह कोविड-19 की वजह से मनोरंजन जगत में भी सन्नाटा छाया हुआ हैकोरोना की वजह से अब तक कई सेलेब काम ना होने की वजह से अपनी खराब आर्थिक स्थिति का खुलासा कर चुके हैं। इस बीच ‘मिर्जापुर’ के अभिनेता ने भी एक फोटो शेयर है। मिर्जापुर के ‘पंडित जी’ यानी राजेश तैलंग की फोटो तेजी से वायरल हो रही है।तस्वीर में राजेश तैलंग सड़क पर खोमचा लगाए दिखाई दे रहे हैं। 
हैरानी की बात ये है कि एक्टर ने ये फोटो खुद ही शेयर की है। उन्होंने ट्विटर पर अपनी ये फोटो पोस्ट की है, जिसमें वह सड़क पर खोमचा लगाकर राम लड्डू बेचते नजर आ रहे हैं। राजेश तैलंग की ये फोटो देखकर उनके फैंस काफी परेशान है। कई यूजर्स ने कमेंट करते हुए चिंता जाहिर की है। जहां कुछ को लग रहा है कि एक्टर की ये फोटो किसी शो या मूवी की शूटिंग की हो सकती है तो कई उनसे उनकी आर्थिक स्थिति को लेकर सवाल कर रहे हैं।
एक यूजर ने पूछ कि ‘ये कौन हैं?’ इसके जवाब में एक्टर कहते हैं- ‘नवाब भाई, मैं राजेश तैलंग हूं। एक एक्टर। उम्मीद करता हूं आप ठीक होंगे। सुरक्षित रहें।’ वहीं एक यूजर ने लिखा- ‘राजेश भाई, तब तक एक प्लेट राम लड्डू हमें भी खिला दीजिए। ’बता दें कि राजेश तैलंग ने ‘मिर्जापुर’ में ‘गुड्डू भइया’ यानी अली फजल और ‘बबलू भइया’ यानी विक्रांत मैसी के पिता ‘पंडित जी’ का किरदार निभाया था। उनके अभिनय की काफी सरहाना भी हुई थी।

संक्रमित गुमशुदा मौतों की संख्याओं की छानबीन

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। कोरोना से जितने लोग संक्रमित हुए हैं, उनमें एक चौथाई की ही जांच हो पाई है। यही हाल कोरोना से होने वाली मौतों का भी है। अस्पतालों में मरने वालों का तो रिकॉर्ड है, लेकिन जो घर-गांव, सड़क और झोलाछाप नर्सिंगहोमों में मर गए, उनके बारे में कुछ पता नहीं। निजी अस्पतालों के रिकॉर्ड में भी घपला है। मौतों को कई-कई दिन के बाद पोर्टल पर अपलोड किया गया। उनमें बहुत सी मौतों के छिपा लेने का भी संदेह है।

हर तरफ आंकड़े दबाए जाने की खबरें छपने और बहस शुरू होने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी कोरोना की गुमशुदा मौतों की संख्या पता करने की कोशिश में लग गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ताजा रिपोर्ट में कोरोना संक्रमितों और मौतों का आंकड़ा कम दर्ज किए जाने की बात कही गई है। पांच से नौ सितंबर 2020 में हुए सीरो सर्वे की रिपोर्ट में भी इसके संकेत मिले थे। नगर में 1442 लोगों के सैंपल की जांच की गई थी।इस दौरान 16 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले। बाकी 1426 की रिपोर्ट निगेटिव थी। जब सीरो टेस्ट हुआ तो इनमें 23 फीसदी के शरीर में कोरोना की एंटी बॉडीज पाई गईं। इसका मतलब, ये लोग कोरोना से संक्रमित हुए और ठीक हो गए। हर संक्रमित सेे संक्रमण की एक चेन भी होगी, जिसकी जांच नहीं की गई।

अगर जांच होती संक्रमितों की संख्या तीन गुना से अधिक हो सकती थी। इसी तरह की स्थिति कोरोना से होने वाली मौतों की भी है।  बहुत से रोगी अस्पतालों में कोरोना से मरे, लेकिन रिकार्ड में आने से रह गए। निजी अस्पतालों ने धांधली की। शासन के निर्देश के बाद मौत का आंकड़ा उसी दिन अपडेट नहीं किया।

डाटा फीडिंग डेस्क होने के बाद भी देर की गई। संदेह है कि डाटा फीडिंग में भी आंकड़ों में खेल किया गया। इसके अलावा सबसे अधिक संख्या तो अस्पताल न पहुंच पाने वाले कोरोना रोगियों की है। माना जा रहा है कि अगर सब रिकार्ड हुआ होता तो आंकड़ा कुछ और ही होता। यही संदेह डब्ल्यूएचओ ने भी जाहिर किया है।

एक चौथाई संक्रमितों की हो पाई होगी जांच

स्वरूपनगर के रहने वाले और अमेरिका के इमरजेंसी सेवाओं के विशेषज्ञ डॉ. कृष्ण कुमार का कहना है कि कानपुर की आबादी अधिक है। एक चौथाई संक्रमितों की ही जांच हो पाई होगी। अगर सबकी होती तो आंकड़ा कुछ और होता। कोरोना संक्रमण की चेन बड़ी लंबी खिंचती चली जाती है। बहुत से लोग बिना लक्षण के होते हैं, वे खुद बिना इलाज ही ठीक हो जाते हैं लेकिन संक्रमण बहुत फैला देते हैं।

कोरोना काल में 13 हजार अंतिम संस्कार

जिले के श्मशान घाटों पर एक अप्रैल से पांच मई के बीच साढ़े 11 अंतिम संस्कार होने का अनुमान है। आम दिनों में रोजाना लगभग सौ के औसत से 35 दिनों में लगभग साढ़े तीन हजार अंतिम संस्कार होते थे। इसी तरह शहर के तीस कब्रिस्तानों में भी 35 दिनों में लगभग डेढ़ हजार जनाजों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। आम दिनों में यह संख्या 10 से 12 के बीच होती थी। कोरोना काल में हुए अंतिम संस्कार और सुपुर्द-ए-खाक में संक्रमित मरीजों के अलावा अन्य बीमारियों से हुई मौतें भी शामिल है।

बर्रा के रहने वाले रवि श्रीवास्तव (54) की आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद घर वाले अस्पतालों में लेकर भागते रहे। कोविड कमांड सेंटर से फोन करवाया गया, फिर भी बेड नहीं मिला। ऑक्सीजन लेवल गिरता गया। आखिर में मौत हो गई। इनका रिकार्ड कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में नहीं है। मौत 17 अप्रैल को हुई थी।

सुजातगंज की रहने वाली 60 वर्षीय महिला और उनकी 23 साल की बेटी की कोरोना से मौत हुई। पहले उन्हें आर्यनगर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए घरवाले कोशिश करते रहे। इस बीच, मौत हो गई। इनकी मौत भी कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में दर्ज नहीं हुई।

कोरोना रोगियों की कुछ मौतें छूट गई थीं। तीन बार विशेष अभियान चलाकर छूटी हुई मौतों को आंकड़े में शामिल किया गया। इसी वजह से कभी-कभी एक दिन में बहुत अधिक मौतें अपलोड हो गईं। अब भी पता किया जा रहा है कि अगर किसी की मौत कोरोना से हुई है तो उसे आंकड़ों में जोड़ा जाएगा।

हाथ पैरों में ठोकी कील, पीड़ित ने खुद रचा षड्यंत्र

संदीप मिश्र   

बरेली। पुलिस पर अपने हाथ-पैर में कील ठोक देने का आरोप लगाने वाले युवक ने अब कबूल किया है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने यह काम खुद किया था। पुलिस ने उसके इस बयान का वीडियो बनाकर जारी किया है। इसके साथ उसके खिलाफ कार्रवाई करने की भी तैयारी कर रही है। जोगीनवादा में रहने वाला रंजीत बुधवार को अपनी मां शीला के साथ एसएसपी ऑफिस पहुंचा था। एसएसपी के सामने उसने आरोप लगाया कि 24 मई की रात मास्क न लगाने की वजह से जोगीनवादा चौकी की पुलिस ने उसे पकड़ा और फिर उसके हाथ-पैर में कील ठोक दीं।

एसएसपी ने मामले की जांच कराई तो पता चला कि रंजीत पुलिसकर्मी से मारपीट करके भागा था जिसकी रिपोर्ट भी दर्ज है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह पुलिस पर हाथ-पैर में कील ठोकने का आरोप लगा रहा है।पुलिस ने बृहस्पतिवार को जांच की तो पता चला कि सिपाही से मारपीट के बाद रंजीत जोगीनवादा में ही मैसर के जरी कारखाने पर पहुंचा था जहां उसने खुद ही एक व्यक्ति से अपने हाथ और पैर में कील ठुकवाई थी।उन लोगों ने इसके फोटो खींच लिए और पुलिस को दे दिए। पुलिस ने यह फोटो रंजीत को दिखाए तो उसने कबूल कर लिया कि अपने हाथ-पैर में कीलें खुद उसने ठुकवाई थीं। पुलिस ने उसके कबूलनामे का वीडियो बनाकर भी सार्वजनिक किया है। इसके साथ रंजीत के खिलाफ कार्रवाई की भी तैयारी कर रही है।

फिर ठोक सकता हूं कील
रंजीत ने बताया कि उसने उलटे पांव के अंगूठे और अंगुली में कील फंसाकर अपने हाथ में ठोकी थी। इस पर  एसएसपी ने आश्चर्य जताते हुए उससे पूछा कि उसे क्या दर्द नहीं हुआ तो वह बोला, कील मंगवाओ अभी फिर ठोककर दिखा सकता है।

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने जानकारी दी है कि रंजीत ने पुलिस पर जो आरोप लगाए थे, वे झूठे पाए गए हैं। रंजीत ने खुद ही कील ठोकने की बात स्वीकार कर ली है। उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। 

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...