बुधवार, 26 मई 2021

विदेशों द्वारा टीके के दान पर निर्भर भारत: गांधी

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने देश में कोरोना रोधी टीकाकरण की कथित तौर पर धीमी गति होने को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि टीके को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी प्रचार का साधन बना दिया गया जिस कारण दुनिया का सबसे बड़ा टीका निर्माता राष्ट्र भारत आज दूसरे देशों द्वारा किए जा रहे टीके के दान पर निर्भर है। उन्होंने सरकार से सवाल करने संबंधी अपनी ‘जिम्मेदार कौन?’ श्रृंखला के तहत फेसबुक पोस्ट में यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री के अनुसार, जब सरकार ने पिछले साल ही टीकाकरण की पूरी योजना तैयार कर ली थी, तब ये हालात पैदा क्यों हुए?
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने कहा, ‘‘पिछले साल 15 अगस्त को मोदी जी ने लाल किले से भाषण में कहा कि उनकी सरकार ने टीकाकरण की पूरी योजना तैयार कर ली है। भारत के टीका उत्पादन और टीका कार्यक्रमों की विशालता के इतिहास को देखते हुए यह विश्वास करना आसान था कि मोदी सरकार इस काम को तो बेहतर ढंग से करेगी।’’ उनके मुताबिक, ‘‘इस विश्वास का कारण था कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1948 में चेन्नई में वैक्सीन यूनिट व 1952 में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (पुणे) को स्थापित कर भारत के टीका कार्यक्रम को एक उड़ान दी थी। हमने सफलतापूर्वक चेचक, पोलियो आदि बीमारियों को शिकस्त दी। आगे चलकर भारत दुनिया में वैक्सीन का निर्यात करने लगा और आज वह दुनिया का सबसे बड़ा टीका उत्पादक है।’’

प्रियंका ने दावा किया कि कड़वी सच्चाई यह है कि महामारी की शुरूआत से ही भारत में टीका आम लोगों की जिंदगी बचाने के औज़ार के बजाय प्रधानमंत्री के निजी प्रचार का साधन बन गया। इसके चलते सबसे बड़ा टीका उत्पादक भारत अन्य देशों से मिलने वाले टीके के दान पर निर्भर हो गया और टीकाकरण के मामले में दुनिया के कमजोर देशों की कतार में शामिल हो गया।

उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत की 130 करोड़ की आबादी के मात्र 11 प्रतिशत हिस्से को टीके की पहली खुराक और मात्र 3 प्रतिशत लोगों को पूरा टीकाकरण नसीब हुआ है। प्रियंका ने सवाल किया, ‘‘मोदीजी के टीका उत्सव की घोषणा के बाद पिछले एक महीने में टीकाकरण में 83 प्रतिशत की गिरावट आ गई। जिम्मेदार कौन?’’ कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार ने देश को टीके की कमी के दलदल में धकेल दिया है। टीके पर अब बस मोदीजी की फोटो ही है, बाकी सारी जिम्मेदारी राज्यों के ऊपर डाल दी गई है। आज राज्यों के मुख्यमंत्री लगातार केंद्र सरकार को टीके की कमी होने की सूचना भेज रहे हैं।’’ प्रियंका ने कहा, ‘‘ मोदी जी के बयान के अनुसार, उनकी सरकार पिछले साल ही टीकाकरण की पूरी योजना के साथ तैयार थी, तब जनवरी 2021 में मात्र 1 करोड़ 60 लाख टीके का ऑर्डर क्यों दिया गया?’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘मोदीजी की सरकार ने भारत के लोगों को कम टीका लगाकर, ज्यादा टीका विदेश क्यों भेज दिया? दुनिया का सबसे बड़ा टीका उत्पादक भारत आज दूसरे देशों से टीका मांगने की स्थिति में क्यों आ गया और वहीँ ये निर्लज्ज सरकार इसे भी उपलब्धि की तरह प्रस्तुत करने की कोशिश क्यों कर रही है?’’

काला दिवस: सरकार विरोधी नारे, पुतले भी फूंके

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपने आंदोलन के छह माह पूरे होने पर बुधवार को ‘काला दिवस’ मनाया और इस दौरान उन्होंने काले झंडे फहराए, सरकार विरोधी नारे लगाए, पुतले जलाए और प्रदर्शन किया। गाजीपुर में प्रदर्शन स्थल पर थोड़ी अराजकता की भी खबर है, जहां किसानों ने भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती के बीच केन्द्र सरकार का पुतला जलाया। 
‘काला दिवस’ प्रदर्शन के तहत किसानों ने तीन सीमा क्षेत्रों सिंघू, गाजीपुर और टिकरी पर काले झंडे लहराए और नेताओं के पुतले जलाए।दिल्ली पुलिस ने लोगों से कोरोना वायरस संक्रमण से हालात और लागू लॉकडाउन के मद्देनजर इकट्ठे नहीं होने की अपील की है और कहा कि प्रदर्शन स्थल पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वह कड़ी नजर बनाए रखे है। किसान नेता अवतार सिंह मेहमा ने कहा कि न केवल प्रदर्शन स्थल पर बल्कि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के गांवों में भी काले झंडे लगाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने अपने घरों और वाहनों पर भी काले झंडे लगाए हैं। मेहमा ने कहा, ”सरकार के नेताओं के पुतले जलाए गए। आज का दिन यह बात दोहराने का है कि हमें प्रदर्शन करते हुए छह माह हो गए हैं लेकिन सरकार जिसके कार्यकाल के आज सात वर्ष पूरे हो गए, वह हमारी बात नहीं सुन रही है।”

'यास' ओडिशा के निकट पहुंचा, हलचल हुईं तेज

बालासोर। ओडशा के भद्रक जिले में धामरा बंदरगार के निकट गंभीर चक्रवाती तूफान ‘यास’ के पहुंचने की प्रक्रिया बुधवार सुबह नौ बजे शुरू हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि चक्रवात बालासोर से करीब 50 किलोमीटर दूर तट पर बहनागा ब्लॉक के निकट धामरा के उत्तर और बहनागा के दक्षिण में पहुंचा। ‘डॉपलर’ रडार डेटा के अनुसार, इस दौरान 130-140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने बताया कि चक्रवात के पहुंचने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इस प्रक्रिया को पूरा होने में तीन से चार घंटे का समय लगेगा। बालासोर और भद्रक जिले इससे सबसे अधिक प्रभावित होंगे। उन्होंने बताया कि करीब 5.80 लाख लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया गया है।

मौसम विभाग ने पहले कहा था कि चक्रवात के दौरान हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटा रहने और इसके बढ़कर 185 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचने की संभावना है। जेना ने कहा कि चक्रवात अनुमानित समय से कुछ घंटों की देरी से पहुंचा क्योंकि इसकी रफ्तार 15-16 किलोमीटर प्रति घंटे से कम होकर 12 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई। उन्होंने बताया कि देर रात दो बजे के बाद चक्रवात की तीव्रता और नहीं बढ़ी। जेना ने कहा कि तीव्रता में कमी आने के कारण चक्रवात के पहुंचने के दौरान 165 किलोमीटर प्रति घंटे के बजाय 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। उन्होंने बताया कि इस दौरान कुछ जगह पेड़ उखड़ गए, लेकिन कोई बड़ी घटना नहीं हुई। कोलकाता में अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में पूर्वी मिदनापुर और दक्षिण 24 परगना के तटीय इलाकों में चक्रवात के कारण पानी भर गया और नदियों में जलस्तर बढ़ गया।

पूर्वी मिदनापुर के दीघा में 90 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलीं, जबकि दक्षिण 24 परगना के फ्रेसरगंज में 68 किलोमीटर और कोलकाता में 62 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। दक्षिण बंगाल में भी मंगलवार रात के बाद से काफी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने चक्रवात के दस्तक देने के दौरान पूर्वी मिदनापुर के निचले तटीय इलाकों में समुद्र में दो से चार मीटर और दक्षिण 24 परगना में दो मीटर ऊंची लहरें उठने का अनुमान जताया था। भुवनेश्वर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने बताया कि ओडिशा के अधिकतर हिस्सों में बारिश हुई। राज्य में पिछले 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश भद्रक जिले के चांदबाली (273 मिमी) में हुई। इससे बाद पारादीप (197 मिमी), बालासोर (51 मिमी) और भुवनेश्वर (49 मिमी) में बारिश हुई।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 2,08,921 नए मामलें

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 2,08,921 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,71,57,795 हो गई। वहीं, देश में मंगलवार को एक दिन में सर्वाधिक 22,17,320 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 24 घंटे में संक्रमण से 4,157 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,11,388 हो गई।

आंकड़ों के अनुसार, देश में मंगलवार को सर्वाधिक 22,17,320 नमूनों की जांच की गई। देश में अभी तक कुल 33,48,11,496 नमूनों की कोविड-19 संबंध जांच की गई है और नमूनों के संक्रमित आने की दर 9.42 प्रतिशत है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में लगातार दूसरे दिन नमूनों के संक्रमित पाए जाने की दर 10 प्रतिशत से कम है। संक्रमण की साप्ताहिक दर भी कम होकर 11.45 प्रतिशत हो गई है। देश में अभी 24,95,591 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 9.19 प्रतिशत है। वहीं, कुल 2,43,50,816 लोग अभी तक संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 89.66 प्रतिशत है। कोविड-19 से मृत्यु दर 1.15 प्रतिशत है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार गए। वहीं, 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए।

पिछली एक सदी में ऐसी महामारी नहीं देखी: पीएम

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी दशकों में, मानवता के सामने आया सबसे बुरा संकट है, जिसने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया है। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर वेसाक वैश्विक समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस चुनौती का मजबूती से मुकाबला कर रहा है और इसमें टीके की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 दशकों में मानवता के सामने आया सबसे बुरा संकट है। हमने पिछली एक सदी में ऐसी महामारी नहीं देखी। कोरोना ने दुनिया को बदलकर रख दिया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद पृथ्वी पहले जैसी नहीं रहेगी और हम घटनाओं को आने वाले समय में कोविड से पूर्व या कोविड से बाद की घटना के रूप में याद करेंगे। 

उन्होंने कहा कि अब इस महामारी को लेकर, बेहतर समझ विकसित हो गई है। हमारे पास टीके उपलब्ध हैं जो लोगों की जान बचाने और महामारी को हराने के लिए महत्वपूर्ण है। भारत को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है। प्रधानमंत्री ने इस महामारी में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस महामारी में जिन्होंने अपने प्रियजन को खोया और जो इससे पीड़ित रहे, वह उनके दुख में शामिल हैं। यह आयोजन भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के सहयोग से करता है। इसमें दुनिया भर के बौद्ध संघों के सर्वोच्च प्रमुख शामिल होते हैं। इस समारोह को दुनिया के 50 से अधिक प्रमुख बौद्ध धार्मिक नेता संबोधित करेंगे। वेसाक-बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्म, बुद्धत्व की प्राप्ति और महा परिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-284 (साल-02)
2. ब्रहस्पतिवार, मई 27, 2021
3. शक-1984, ज्येठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि- प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:55, सूर्यास्त 07:08।
5. न्‍यूनतम तापमान -12 डी.सै., अधिकतम-39+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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