रविवार, 23 मई 2021
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
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शनिवार, 22 मई 2021
इजराइल की प्रतिबद्धता में कोई बदलाव नहीं: यूएसए
वाशिंगटन डीसी/ जेरूसलम। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि इजराइल की सुरक्षा के प्रति उनके प्रशासन की प्रतिबद्धता में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फिलीस्तीनियों के लिए एक अलग राष्ट्र बनाकर द्वि-राष्ट्र समाधान ही दोनों के बीच संघर्ष को समाप्त कर सकता है। बाइडन की यह टिप्पणी तब आई जब एक दिन पहले ही इजराइल और हमास के बीच मिस्र की मध्यस्थता में युद्धविराम की घोषणा के साथ 11 दिन से चला आ रहा संघर्ष समाप्त हुआ।
बाइडन ने अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मेरी प्रतिबद्धता में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इजरायल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता, कोई तर्क-वितर्क नहीं। कोई बदलाव नहीं, कोई भी नहीं, लेकिन मैं आपको बताता हूं एक बदलाव हो सकता है। यह बदलाव कि हमें अब भी द्वि-राष्ट्र समाधान की जरूरत है। यही एकमात्र रास्ता है। मेरा मानना है कि हम अब आगे बढ़ सकते हैं। मेरा पहले भी यही मानना था। संघर्षविराम पर बातचीत से पहले ही।’
सिद्धू के अलावा पार्टी नेताओं में कैप्टन से नाराजगी
चंडीगढ़। विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस में अंदर की उथल-पुथल बढ़ती जा रही है। कहीं न कहीं अब पंजाब में कांग्रेस विभाजित होती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच टकराव की स्थिति किस मोड़ पर जाकर क्या परिणाम देगी ? कुछ नहीं कहा जा सकता। वहीं, खबर यह भी है कि नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा अन्य पार्टी नेताओं में भी कैप्टन से नाराजगी का माहौल है। इस बीच यह चर्चा भी खूब जोरों पर है कि पार्टी में शांति कायम करने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का नया प्रधान बनाया जा सकता है।
बतादें कि, अभी पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ हैं और अब उनकी जगह नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदेश प्रधान बनने की बात उछल रही है। कहा जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू लोगों के बीच एक मशहूर चेहरा हैं और वह अपने जरिये चुनाव में कांग्रेस को लाभ पहुंचाने का काम कर सकते हैं। फिलहाल, पार्टी में कई नेताओं का यह भी मानना है कि नवजोत सिंह सिद्धू पर पार्टी को ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। सिद्धू सिर्फ अमृतसर तक ही सीमित है। उनके तिरछे चलने से पार्टी की फिजा पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। सिद्धू सिर्फ दबाव बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। इन नेताओं का कहना है कि पंजाब में पार्टी के पास अभी कैप्टन से बड़ा चेहरा नहीं है। पार्टी कैप्टन को नजरअंदाज करती है, तो उसके लिए जीत आसान नहीं होगी। इधर, पार्टी भी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार के बाद पंजाब पार्टी नेतृत्व कैप्टन पर दबाव डालने की स्थिति में नजर नहीं आ रही है। ऐसे में पार्टी को अगला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री कैप्टन के नेतृत्व में ही लड़ना होगा। पार्टी हाईकमान को भी लगता है कि कैप्टन ही पंजाब में उसकी नैया को पार लगा सकते हैं। कांग्रेस मानती है कि किसान आंदोलन के बाद भाजपा को पंजाब चुनाव में बहुत ज्यादा कुछ मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में तमाम नाराजगी के बावजूद सिद्धू कांग्रेस का हाथ नहीं छोड़ेंगे और कैप्टन के सहारे ही पंजाब में कांग्रेस की दोबारा वापसी हो सकेगी, लेकिन पार्टी हाईकमान सिद्धू वाली टेंशन को भी दूर करने में जुटी हुई है। पार्टी हाईकमान को डर है कि यहां कांग्रेस में यह आपसी कलह चुनाव में कहीं न कहीं तो नुकसान पहुंचाने का काम कर ही सकती है। ऐसे में पार्टी हाईकमान कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। बतादें कि, इससे पहले चर्चा चली थी नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस छोड़कर दोबारा भाजपा में जायेंगे, लेकिन इसी बीच पंजाब कांग्रेस के प्रभारी बनकर आये उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने सिद्धू को मनाने की पुरजोर कोशिश की और वह एक पल इसमें सफल होते हुए भी नजर आये। सिद्धू जो कैप्टन से दूरी बनाकर रखे हुए थे। दोनों ने साथ बैठकर लंच किया और बाद में भी काफी दिन साथ-साथ दिखे, परन्तु यह सब ज्यादा दिन तक नहीं चल सका। नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर फिर बदल गए। अब देखना तो यह होगा कि सिद्धू के तेवर ठीक करने के लिए कांग्रेस क्या करती है और जैसे कि यह चर्चा जोरों पर है कि उन्हें पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाया जा सकता है?
पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की आशंका: यास
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को कहा कि चक्रवात यास के “बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान” में बदलने और 26 मई को ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की आशंका है। शनिवार को पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर एक निम्न दबाव वाला क्षेत्र बना।
एक कम दबाव का क्षेत्र चक्रवात के गठन का पहला चरण होता है। यह आवश्यक नहीं है कि सभी निम्न दबाव वाले क्षेत्र चक्रवाती तूफान में तब्दील होते हैं। आईएमडी ने कहा, ” एक निम्न दबाव के क्षेत्र के कल, 23 मई की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य क्षेत्र पर विक्षोभ में केंद्रित होने की आशंका है। इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। जो 24 मई तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है और अगले 24 घंटों में बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है।”
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