रविवार, 16 मई 2021

कोरोना के खिलाफ रूस-भारत की संयुक्त लड़ाई

हरिओम उपाध्याय   
नई दिल्ली। रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन ‘स्पूतनिक वी’ की दूसरी खेप रविवार को भारत पहुंची। भारत में रूस के राजदूत निकाेले कुदाशेव ने यह जानकारी दी। ‘स्पूतनिक वी’ की दूसरी खेप आज भारत के हैदराबाद पहुंची। कुदाशेव ने ट्वीट कर कहा, “स्पूतनिक वी’ की दूसरी खेप आज हैदराबाद पहुंच गई है। हम हम यह देखकर खुश हैं कि कोविड-19 के खिलाफ रूस-भारत की संयुक्त लड़ाई मजबूती से आगे बढ़ रही है।”रूसी राजदूत ने कहा कि ‘स्पूतनिक वी’ कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ भी प्रभावी है और वैक्सीन की दूसरा खेप समय पर भारत पहुंच गई है। ‘स्पूतनिक वी’ की पहली खेप एक मई को भारत पहुंची थी। इसके बाद 14 मई को हैदराबाद में इस वैक्सीन की पहली खुराक दी गई।

मध्य-पूर्व शांति प्रक्रिया अपने मूल रास्ते से भटक गई

शंघाई। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शनिवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी के साथ फ़ोन पर बात की। इस दौरान दोनों विदेश मंत्रियों ने फ़लस्तीनी-इसराइल संषर्घ पर चर्चा की। इस बातचीत में चीन ने इस हालिया संघर्ष पर अपनी स्थिति को भी स्पष्ट किया। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि हाल के दिनों में इसराइल-फ़लस्तीनी संघर्ष काफ़ी बढ़ गया और हिंसक हुआ है। इससे बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है और ये स्थिति चिंता में डालने वाली है।

शाह महमूद क़ुरैशी से फ़ोन पर हुई बातचीत के दौरान वांग यी ने कहा कि आज जिस तरह से हालात बिगड़े हैं उसका सबसे बड़ा और अहम कारण है कि लंबे समय से फ़लीस्तीनी मुद्दे पर कोई न्यायसंगत समाधान नहीं निकाला जा सका है। उन्होंने कहा, “ख़ासतौर पर हाल के सालों में मध्य-पूर्व शांति प्रक्रिया अपने मूल रास्ते से भटक गई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को गंभीरता से लागू नहीं किया गया है और सबसे अहम स्वतंत्र देश के निर्माण के फ़लीस्तीनी अधिकार की लगातार अवहेलना की गई है। जिसकी वजह से यह स्थिति यहां आ पहुंची है।”

पाकिस्तान
वांग यी ने मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि जब तक फ़लीस्तीनी मुद्दे का न्यायोचित समाधान नहीं निकाला जाता तब तक ना ही फ़लीस्तीन और इसराइल के बीच शांति हो सकेगी और ना ही मध्य-पूर्व भी पूरी तरह शांत हो सकेगा। वांग यी ने सुरक्षा परिषद की भूमिका को अहम बताते हुए कहा, “अभी संघर्ष-विराम और हिंसा रोकने पर ज़ोर दिया जा रहा है और अब यह सुरक्षा परिषद की ज़िम्मेदारी है कि वो जल्द से जल्द फ़लस्तीनियों और इसराइल के बीच के तनाव को कम करे।” उन्होंने बताया कि मई महीने के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के तौर पर चीन ने फ़लस्तीन-इसराइल संघर्ष को लेकर दो बार आपातकालीन बैठक के लिए दबाव बनाया है और साथ ही कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए परिषद के मार्गदर्शन के लिए एक प्रेस-विज्ञप्ति का मसौदा भी तैयार किया है। उन्होंने बताया, “हालांकि यह अफ़सोस की बात है कि परिषद अभी तक किसी समझौते तक पहुंचने में असफल रही है।”वांग यी ने अमेरिका के संदर्भ में कहा कि“अमेरिका इंटरनेशनल-जस्टिस के उलट में खड़ा है।”उन्होंने कहा कि काउंसिल के सभी सदस्यों से अपनी ज़िम्मेदारियों का निर्वहन करने और शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रभावी प्रयास करने के लिए आग्रह किया गया है। वांग यी की इस बातचीत में प्रमुख बात दो देश निर्माण की थी।

चीन
उन्होंने कहा कि फ़लस्तीनियों के मुद्दे को दो देश निर्माण से सुलझाया जा सकता है। यही एकमात्र और अंतिम उपाय है, जिससे इस मुद्दे का समाधान संभव है। चीन रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फ़लस्तीन-इसराइल संघर्ष पर होने वाली डिबेट (वाद-विवाद) की मेज़बानी करेगा। चीन की ओर से उम्मीद जताई गई है कि सभी पक्ष इस मुद्दे पर एकजुट होकर आगे आएंगे और अपनी बात रखेंगे। वांग यी ने चीन के विचार रखते हुए कहा कि “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को दो-राष्ट्र के तहत समाधान को मंजूरी दे देनी चाहिए और फ़लस्तीन, इसराइल से दो-देश समाधान के आधार पर शांति वार्ता को शुरू करने के लिए आग्रह करना चाहिए।”

वांग यी ने कहा कि चीन फ़लस्तीनियों के अधिकारों की बहाली के लिए अपने प्रयासों को जारी रखेगा। वांग यी ने कहा कि चीन राजनीतिक बातचीत से इस मामले का उचित समाधान निकालने को लेकर दृढ़-प्रतिज्ञ है। उन्होंने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अरब लीग और ओआईसी की भूमिका को भी बेहद अहम बताया है। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री क़ुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान सुरक्षा परिषद में न्याय व्यवस्था बनाए रखने के लिए चीन के प्रयासों की सराहना करता है। उन्होंने कहा, “हमारा देश संघर्ष विराम और हिंसा को रोकने के लिए और साथ ही शांति व्यवस्था कायम करने के लिए चीन के साथ मिलकर आगे बढ़ने का इच्छुक है।”

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण    
1. अंक-274 (साल-02)
2. सोमवार, मई 17, 2021
3. शक-1984, बैसाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- षष्ठी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 06:01, सूर्यास्त 07:07।
5. न्‍यूनतम तापमान -13 डी.सै., अधिकतम-38+ डी.सै.।
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शनिवार, 15 मई 2021

26 मई को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे 40 किसान संघों के प्रधान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन के छह माह होने पर 26 मई को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। डिजिटल तरीके से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में लोगों से 26 मई को अपने घरों, वाहनों, दुकानों पर काला झंडा लगाने की अपील की है। राजेवाल ने कहा, ”26 मई को इस प्रदर्शन के छह महीने हो जाएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार बनाने के सात साल पूरे होने के अवसर पर यह हो रहा है। हम इसे काला दिवस के तौर पर मनाएंगे।” केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत पानी की बौछारों और अवरोधकों का सामना करते हुए बड़ी संख्या में किसान 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर आए थे।

पीएम ने देश में महामारी की स्थिति की समीक्षा की

अकांशु उपाध्याय                

नई दिल्ली। कोरोना महामारी का प्रकोप देश के ग्रामीण हिस्सों में बढ़ने के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य संसाधन पुख्ता करने और घर-घर जाकर जांच करने तथा निगरानी करने पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से एक उच्च स्तरीय बैठक में देश में कोरोना महामारी की स्थिति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल संसाधनों पर फोकस करने तथा घर-घर जाकर जांच करने और निगरानी बढ़ाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को समुचित उपकरण तथा संसाधन दिया जाना जरूरी है। इन क्षेत्रों में आसान तथा सरल भाषा में दिशा निर्देशों का प्रसार किये जाने की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इससे घरों में उपचार करा रहे लोगों को आसानी होगी।

लॉकडाउन: योगी आदित्यनाथ अंतिम फैसला लेंगे

हरिओम उपाध्याय               

लखनऊ। कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा या नहीं। इसका फैसला रविवार शाम तक लिए जाने की उम्मीद है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार शाम होने वाली कैबिनेट बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ अंतिम फैसला लेंगे।

हालांकि माना जा रहा है कि अब तक लॉकडाउन से मिली सफलता को देखते हुए इसे एक सप्ताह और बढ़ाया जा सकता हैं। इससे पहले सरकार ने वीकेंड कोरोना कर्फ्यू को 17 मई सुबह सात बजे तक बढ़ा दिया था। आपको बता दें कि प्रदेश में 30 अप्रैल से कोरोना कर्फ्यू लागू है। शुरू में इसे 3 मई तक लागू रहना था, लेकिन बाद में इसकी अवधि 6 मई तक बढ़ा दी गई थी। बाद में इसे और विस्तार देते हुए 10 मई तक कर दिया गया था और जिसे अब बढ़ाकर 17 मई किया गया है। बता दें कि यूपी में 30 अप्रैल के बाद से ही आंशिक कोरोना कर्फ्यू है। इसका असर यह हुआ कि कोरोना के सक्रिय मामलों में 60 हजार की कमी आ गई है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश सरकार 18 से 44 साल के लोगों का कोविड वैक्सीनशन कराने के लिए तेजी से काम कर रही है।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...