शंघाई। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शनिवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी के साथ फ़ोन पर बात की। इस दौरान दोनों विदेश मंत्रियों ने फ़लस्तीनी-इसराइल संषर्घ पर चर्चा की। इस बातचीत में चीन ने इस हालिया संघर्ष पर अपनी स्थिति को भी स्पष्ट किया। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि हाल के दिनों में इसराइल-फ़लस्तीनी संघर्ष काफ़ी बढ़ गया और हिंसक हुआ है। इससे बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है और ये स्थिति चिंता में डालने वाली है।
शाह महमूद क़ुरैशी से फ़ोन पर हुई बातचीत के दौरान वांग यी ने कहा कि आज जिस तरह से हालात बिगड़े हैं उसका सबसे बड़ा और अहम कारण है कि लंबे समय से फ़लीस्तीनी मुद्दे पर कोई न्यायसंगत समाधान नहीं निकाला जा सका है। उन्होंने कहा, “ख़ासतौर पर हाल के सालों में मध्य-पूर्व शांति प्रक्रिया अपने मूल रास्ते से भटक गई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को गंभीरता से लागू नहीं किया गया है और सबसे अहम स्वतंत्र देश के निर्माण के फ़लीस्तीनी अधिकार की लगातार अवहेलना की गई है। जिसकी वजह से यह स्थिति यहां आ पहुंची है।”
पाकिस्तान
वांग यी ने मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि जब तक फ़लीस्तीनी मुद्दे का न्यायोचित समाधान नहीं निकाला जाता तब तक ना ही फ़लीस्तीन और इसराइल के बीच शांति हो सकेगी और ना ही मध्य-पूर्व भी पूरी तरह शांत हो सकेगा। वांग यी ने सुरक्षा परिषद की भूमिका को अहम बताते हुए कहा, “अभी संघर्ष-विराम और हिंसा रोकने पर ज़ोर दिया जा रहा है और अब यह सुरक्षा परिषद की ज़िम्मेदारी है कि वो जल्द से जल्द फ़लस्तीनियों और इसराइल के बीच के तनाव को कम करे।” उन्होंने बताया कि मई महीने के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के तौर पर चीन ने फ़लस्तीन-इसराइल संघर्ष को लेकर दो बार आपातकालीन बैठक के लिए दबाव बनाया है और साथ ही कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए परिषद के मार्गदर्शन के लिए एक प्रेस-विज्ञप्ति का मसौदा भी तैयार किया है। उन्होंने बताया, “हालांकि यह अफ़सोस की बात है कि परिषद अभी तक किसी समझौते तक पहुंचने में असफल रही है।”वांग यी ने अमेरिका के संदर्भ में कहा कि“अमेरिका इंटरनेशनल-जस्टिस के उलट में खड़ा है।”उन्होंने कहा कि काउंसिल के सभी सदस्यों से अपनी ज़िम्मेदारियों का निर्वहन करने और शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रभावी प्रयास करने के लिए आग्रह किया गया है। वांग यी की इस बातचीत में प्रमुख बात दो देश निर्माण की थी।
चीन
उन्होंने कहा कि फ़लस्तीनियों के मुद्दे को दो देश निर्माण से सुलझाया जा सकता है। यही एकमात्र और अंतिम उपाय है, जिससे इस मुद्दे का समाधान संभव है। चीन रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फ़लस्तीन-इसराइल संघर्ष पर होने वाली डिबेट (वाद-विवाद) की मेज़बानी करेगा। चीन की ओर से उम्मीद जताई गई है कि सभी पक्ष इस मुद्दे पर एकजुट होकर आगे आएंगे और अपनी बात रखेंगे। वांग यी ने चीन के विचार रखते हुए कहा कि “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को दो-राष्ट्र के तहत समाधान को मंजूरी दे देनी चाहिए और फ़लस्तीन, इसराइल से दो-देश समाधान के आधार पर शांति वार्ता को शुरू करने के लिए आग्रह करना चाहिए।”
वांग यी ने कहा कि चीन फ़लस्तीनियों के अधिकारों की बहाली के लिए अपने प्रयासों को जारी रखेगा। वांग यी ने कहा कि चीन राजनीतिक बातचीत से इस मामले का उचित समाधान निकालने को लेकर दृढ़-प्रतिज्ञ है। उन्होंने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अरब लीग और ओआईसी की भूमिका को भी बेहद अहम बताया है। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री क़ुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान सुरक्षा परिषद में न्याय व्यवस्था बनाए रखने के लिए चीन के प्रयासों की सराहना करता है। उन्होंने कहा, “हमारा देश संघर्ष विराम और हिंसा को रोकने के लिए और साथ ही शांति व्यवस्था कायम करने के लिए चीन के साथ मिलकर आगे बढ़ने का इच्छुक है।”