शनिवार, 15 मई 2021

पत्नी की हत्या, बच्चों पर जानलेवा हमला, आत्महत्या

कविता गर्ग   

गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर में दिलदारनगर थाना क्षेत्र के उसिया गांव में दिल दहला देने वाली घटना हुई है। गांव के रहने वाले पुलिस के हेड कांस्टेबल ने अपनी पत्नी की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी। यही नहीं सिपाही ने अपने 5 बच्चों पर भी जानलेवा हमला किया। इसके बाद हेड कांस्टेबिल ने खुद ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। हमले में 3 बच्चे गम्भीर रूप से घायल हैं, जिन्हें इलाज के लिए वाराणसी ट्रामा सेंटर भेज गया है।

बताया जा रहा है कि उसिया गांव में रहने वाले मुंशी यादव पुलिस विभाग में हेड कांस्टेबिल थे और वर्तमान में फतेहपुर जिले में तैनात थे। वो जनवरी में छुट्टियां लेकर घर आये थे, तब से वापस ड्यूटी ज्वाइन नहीं की थी। बताया जा रहा है कि हेड कांस्टेबिल को चर्म रोग था। बीमारी के चलते सिपाही सीरियस डिप्रेशन में चल रहा था। लोगों का कहना है कि इसी के चलते उसने दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया।

3 बच्चे गंभीर हालत में वाराणसी रेफर

गाजीपुर के एसपी ओपी सिंह ने बताया कि हेड कांस्टेबल मुंशी यादव ने धारदार हथियार से अपनी पत्नी रीना की गला काट कर हत्या कर दी। इसके बाद उसने अपने 5 बच्चों पर भी जानलेवा हमला किया, जिसमे 3 की हालत गम्भीर है। घटना को अंजाम देने के बाद सिपाही ने गांव से बाहर रेलवे ट्रैक पर गुजर रही ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर ली। फिलहाल गम्भीर रूप से घायल बच्चों को इलाज के लिए वाराणसी रेफर किया गया है।

पुलिस मामले की कार्यवाही में जुटी हुई है।

नीरा को व्हाइट हाउस का वरिष्ठ सलाहकार बनाया

अकांशु उपाध्याय  

वाशिंगटन/नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा कैबिनेट के लिए चुनी गईं भारतीय मूल की नीरा टंडन को व्हाइट हाउस का वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया गया है। इससे पहले उन्हें बाइडन द्वारा प्रबंधन एवं बजट कार्यालय का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था लेकिन विरोध के बीच मार्च में उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था।

सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस (सीएपी) के संस्थापक जॉन पोडेस्टा ने एक बयान में कहा कि नीरा बुद्धिमत्ता, कड़ी मेहनत और राजनीतिक दृष्टि बाइडन प्रशासन के लिए अहम साबित होगी। हालांकि हमें सीएपी में उनकी विशेषज्ञता और लीडरशिप की कमी खलेगी जिसका 2003 में गठन किया गया था। मार्च में व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति जो बाइडन के बजट कार्यालय में नीरा टंडन को निदेशक बनाने का नामांकन प्रस्ताव वापस ले लिया था। दोनों पार्टियों में नीरा के नाम पर उठा विरोध खत्म नहीं किया जा सका था। नीरा ने भी नाम वापसी की घोषणा कर दी थी, क्योंकि वे डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकनों के बीच अपने नामांकन की पुष्टि के लिए पर्याप्त वोट जुटाने में नाकाम रहीं।

बता दें कि टंडन के नामांकन की पुष्टि का रास्ता पहले ही कठिन था और उन्हें पूर्व में कई सांसदों के खिलाफ किए गए ट्वीट के कारण विरोध का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि उन्होंने ऐसे 1,000 से ज्यादा ट्वीट डिलीट कर सीनेटरों से माफी भी मांग ली थी लेकिन उनका विरोध कम नहीं हुआ था। तब बाइडन ने कहा था कि मैं उनके अनुभव, कौशल और विचारों का बहुत सम्मान करता हूं और चाहता हूं कि मेरे प्रशासन में उनकी कोई भूमिका हो। और आखिरकार बाइडन ने उन्हें इतना महत्वपूर्ण पद देते हुए नई जिम्मेदारी सौंप दी

नीरा के नाम पर पुष्टि का अनुरोध बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने भी खारिज कर दिया था। तब बाइडन ने कहा था- ‘सुश्री टंडन ने कहा है कि प्रबंधन कार्यालय और बजट निदेशक के लिए उनका नामांकन वापस ले लिया जाए और मैंने उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।’ नीरा टंडन भारतीय मूल की अमेरिकी राजनीतिज्ञ और “सेंटर फॉर अमेरिकी प्रोग्रेस” की अध्यक्ष हैं। यह उत्तरदायित्व उन्होने नवंबर 2011 में ग्रहण किया। नीरा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और बिल क्लिंटन के प्रशासन में अधिकारी रह चुकी हैं। 10 सितंबर 1970 की जन्म तिथि है इस वक़्त आयु 50 वर्ष,

राष्ट्रीयता: अमेरिकी की है,पति का नाम बेंजामिन एडवर्ड्स (विवाह 1999),माता-पिता का नाम माया टैंडेन
भाई: राज टैंडेन है
शिक्षा: कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, Yale Law School से की थी।

डेलावेयर के विलमिंगटन में बिडेन के सत्ता हस्तांतरण मुख्यालय में टंडन ने कहा था नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की मां श्यामला की तरह मेरी मां माया का जन्म भी भारत में हुआ था। कई पीढ़ियों के लाखों लोगों की तरह वे बेहतर जिंदगी की तलाश में अमेरिका आई थीं। टंडन का जन्म मैसाचुसेट्स के बेडफोर्ड में हुआ था।उन्होंने कहा कि मैं बोस्टन उपनगर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में पली-बढ़ी। जब मैं 5 साल की थी तब मेरे माता-पिता का तलाक हो गया और मेरी मां पर 2 बच्चों की जिम्मेदारी आ गई और तब उनके पास कोई नौकरी भी नहीं थी।

टंडन ने कहा कि उनके पास विकल्प था कि या तो वे भारत वापस चली जाएं, जहां तलाक एक कलंक था और अवसर सीमित या फिर अपने अमेरिकी सपने के लिए लड़ती रहें। वे यहीं रुकीं। हम खाने के लिए ‘फूड स्टैम्प’ पर निर्भर थे। हम किराया भरने के लिए ‘सेक्शन 8’ (वाउचर) पर निर्भर थे। उन्हें फिर एक ट्रैवल एजेंट की नौकरी मिली और फिर उन्होंने बेडफोर्ड में घर लिया और अपने बच्चों की पढ़ाई पूरी कराई। टंडन ने कहा कि मैं यहां आज अपनी मां का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं और साथ ही उस देश का भी जिसने हम पर विश्वास रखा। मैं आज यहां ‘सामाजिक कार्यक्रमों’ की वजह से ही हूं। अगर अमेरिकी सीनेट से भी इस पद के लिए टंडन (50) के नाम की मंजूरी के बाद वे व्हाइट हाउस में प्रभावशाली ‘प्रबंधन और बजट कार्यालय’ की प्रमुख बनने वाली पहली अश्वेत महिला है।

450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में साझेदारी

हरिओम उपाध्याय   
वाशिंगटन। जलवायु परिवर्तन संबंधी मामलों पर अमेरिका के विशेष दूत जॉन केरी ने कहा कि अमेरिका ने 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के भारत के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करने के लिए जलवायु परिवर्तन पर उसके साथ साझेदारी की है। केरी ने अमेरिकी सांसदों से कहा, ”प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। हमने इसी प्रतिबद्धता के कारण भारत के साथ साझेदारी की है, क्योंकि उसके पास पर्याप्त निधि और प्रौद्योगिकी नहीं है।”उन्होंने जलवायु परिवर्तन संबंधी मामलों पर इस सप्ताह सुनवाई के दौरान प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के सदस्यों से कहा, ”इसलिए, हम उनकी मदद कर रहे हैं।” सांसद जोए विल्सन ने केरी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के लोगों के लिए ”बेहतरीन काम” किया है।
केरी ने कहा कि भारत द्वारा कार्बन उत्सर्जन में बड़े पैमाने पर कटौती किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के देश मिलकर जितना कार्बन उत्सर्जन करते हैं, अकेला चीन उससे भी अधिक उत्सर्जन करता है। केरी ने केहा, ”यदि चीन इन प्रयासों में शामिल नहीं होता है और इनका हिस्सा नहीं बनता है, तो अमेरिका और दुनिया के शेष देश अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते।”

टीके के बाद छूट, सदन में मास्क पहनना अनिवार्य

वाशिंगटन। अमेरिका में कोविड-19 रोधी टीकों की दोनों खुराक लेने वाले लोगों के लिए मास्क पहनने की अनिवार्यता खत्म होने के बाद कई नेता बिना मास्क लगाए नजर आए। अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने कहा कि आखिरकार बिना मास्क लगाए रहना ऐसा लगता है जैसे ”हम आगे बढ़ रहे हों।” वहीं, एक रिपब्लिकन सिनेटर ने कहा कि मास्क न लगाने से ”निश्चित रूप से अच्छी तरह बातचीत करने में मदद मिलती है।”बहरहाल, सदन में सांसदों ने सभी 435 सदस्यों के कोविड-19 रोधी टीके लगवाने तक मास्क पहनने की आवश्यकता पर आपत्ति जताई। सरकार वाशिंगटन में नए संघीय दिशा निर्देश जारी करने पर काम कर रही है कि जिसमें उन नियमों में ढील दी जाए कि कम मास्क पहनना चाहिए।
रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि जिन लोगों ने टीके की दोनों खुराक ले ली हैं उन्हें मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। हालांकि कैपिटोल हिल (अमेरिकी संसद) में डॉ. ब्रायन मोनहैन के ज्ञापन के अनुसार सांसदों को सदन में मास्क पहनना होगा। हाल ही में एक सर्वेक्षण से पता चला कि सदन में करीब हर चार में से एक सांसद को दोनों टीके नहीं लगे हैं। सांसद सदन में भाषण देते वक्त अपने मास्क उतार सकते हैं लेकिन इसके बाद उन्हें मास्क पहनना होगा।

पत्रकारों ने राष्ट्रपति जो बाइडन को भी बिना मास्क के देखा। यह पूछने पर कि क्या वह मास्क लगाए बिना अपने कामकाज के पहले दिन का आनंद उठा रहे हैं, तो इस पर उन्होंने कहा, ”हां”। करीब एक साल बाद पहली बार पत्रकार व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी के नियमित संवाददाता सम्मेलन में बिना मास्क लगाए गए। पेंटागन ने शुक्रवार को एलान किया कि टीकों की दोनों खुराक ले चुके रक्षा विभाग के कर्मचारियों को अदंर या बाहर मास्क पहनने की जरूरत नहीं है।

3 साल, 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा धन डकारा

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। साल 2016 में बिटकॉइन की चमक फीकी पड़ने लगी थी। वजह की, दो साल पहले मार्केट में आई और क्रिप्टो करेंसी। इसका नाम था वनकॉइन. ये क्रिप्टो करेंसी बुल्गारिया की एक कंपनी लाई थी। इस कंपनी की मालकिन थी रुजा इग्नातोवा। जो बेहद खूबसूरत थी और खुद इस क्रिप्टो करेंसी की ब्रांड एम्बेसडर भी थी।

रुजा इग्नातोवा ने पूरी दुनिया में घूम घूम कर कहा कि वनकॉइन भविष्य की करेंसी है। इसमें निवेश करना बेहद सुरक्षित है और सबसे ज्यादा फायदा देने वाली करेंसी भी यही है। यही नहीं, रुजा ने वनकॉइन को बिटकॉइन किलर करार दिया। मार्केट भी यही संकेत दे रहा था। वनकॉइन की कीमतें लगातार बढ़ रही थी और लोग उसमें जमकर पैसा लगा रहे थे। कुछ और बताने से पहले रुजा के बारे में बताना जरूरी है।
 रुजा इग्नातोवा ने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और जर्मनी की एक यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। उन्होंने बताया कि पीएचडी के बाद उन्होंने मैकेंजी ऐंड कंपनी के साथ काम किया है। ये कंपनी दुनिया की जानी मानी बिजनेस कंसल्टिंग कंपनी है।
रुजा ने महज तीन सालों (2014-2016) के बीच दुनिया भर से करीब 12 बिलियन डॉलर बटोरे। उसे पूरी दुनिया में क्रिप्टो करेंसी क्वीन कहा जाने लगा था। बड़े बड़े मीडिया हाउस उसकी कामयाबी पर कवर स्टोरी करने लगे थे और तभी आया साल 2017।
साल 2017 में रुजा ने कहा कि वो नई स्कीम ला रही है। फिर वो गायब हो गई। दुनिया भर के निवेशक बर्बाद हो गए। एफबीआई और एमआई5 जैसी एजेंसियां उसकी तलाश कर रही हैं.। माना जा रहा है कि उसने आपनी प्लास्टिक सर्जरी करा ली और चेहरा बदल लिया। मौजूदा समय में उसकी उम्र 41 साल की होगी, लेकिन पिछले 4 साल से उसे किसी ने देखा नहीं। इस तरह से रुजा ने महज 3 सालों में 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का धन डकार लिया और रहस्यमयी तरीके से गायब हो गई। वनकॉइन की गुत्थी सुलझाने में पूरी दुनिया की एजेंसियां नाकाम हैं।

भारत की स्थिति चिंताजनक बनी हुई: डब्ल्यूएचओ

जेनेवा। घेब्रेयियस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निपटने में भारत की मदद कर रहा है और हजारों की संख्या में ऑक्सीजन सांद्रक, अस्थायी व चल अस्पतालों के लिए टेंट, मास्क और अन्य चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति कर रहा है।

घेब्रेयियस ने मीडिया संवाद में कहा कि भारत की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, कई राज्यों में चिंतित करने के स्तर तक मामले, अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या और मौतों बढ़ रही हैं।उन्होंने कहा कि यहां कई राज्यों में संक्रमण के चिंतित करने वाली संख्या में मामले आ रहे हैं, अस्पतालों में लोग भर्ती हो रहे हैं और मौतें हो रही हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि महामारी का दूसरा साल दुनिया के लिए पहले साल के मुकाबले अधिक घातक होगा।

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