शनिवार, 15 मई 2021
मोदी के आपत्तिजनक पोस्टर लगाए, 9 लोग अरेस्ट
मृत्यु दर 1.09 फीसदी, रिकवरी रेट 83 फीसदी
गाइडलाइन उल्लंघन में 3754 का चालान, गिरफ्तार
सत्येंद्र ठाकुर
नई दिल्ली। द्वारका जिले की पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान आईपीसी, एपिडेमिक और कालाबाज़ारी के मामलों को मिला कर 566 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही इस दौरान डीडीएमए की गाइडलाइन उल्लंघन मामले में 3754 लोगों का चालान भी किया है।
डीसीपी द्वारका, संतोष मीणा के अनुसार द्वारका जिले की पुलिस ने अप्रैल महीने के 19 तारिख से 12 मई के बीच कुल 566 लोगों को गिरफ्तार किया है। 3754 लोगों को चालान किया गया है। इस दौरान द्वारका जिले की पुलिस ने आईपीसी के तहत 442 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा, वहीं 116 आरोपियों को एपिडेमिक एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया। जबकि 8 आरोपी कालाबाज़ारी के मामले में गिरफ्तार हुए हैं।
मंगल पर सूक्ष्म जीवन तो नहीं हो गया संक्रमित ?
पिछले कुछ सालों में मंगल अभियानों की संख्या में बहुत तेजी आई है। हाल ही में मंगल पर प्रोब, रोवर और ऑर्बिटर की संख्या बढ़ गई है। जहां यूएई और चीन के यान अब भी मंगल के चक्कर लगा रहे हैं। अमेरिका के नासा के बहुत से रोवर मंगल पर घूम रहे हैं। अब एक अनुवांशिकीविद का कहना है कि इस बात की संभावना है कि कुछ सूक्ष्मजीवी पृथ्वी से मंगल पर पहुंच गए होंगे।
हो सकती है बड़ी समस्या
अगर ऐसा वाकई हो गया है तो यह वैज्ञानिकों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या हो सकता है। यह उन आंकड़ों में गड़बड़ी कर सकता है जो मंगल पर जीवन की तलाश के लिए जमा किए जा रहे हैं। इससे मंगल ग्रह पर जीवन या जीवन के संकेत खोजने के पर सवाल पैदा कर सकता है जो बहुत से अभियानों को प्रमुख उद्देश्य है।
आसानी से खारिज नहीं किए जा सकते ये सवाल
मंगल ग्रह पर इस तरह के गंभीर सवालों को खारिज करना आसान नहीं है। मिडिया के मुताबिक अमेरिका के कोर्नेल यूनिवर्सिटी में वेइल कॉर्नेल मेडिसिन में जैवभौतिकी, फिजियोलॉजी और जीनोमिक्स के प्रोफेसर क्रिस्टोफर मेसन का कहना है कि वैज्ञानिकों का दूसरे ग्रह पर जीवन की खोज करते समय यह सुनिश्चित करना होगा कि वह वाकई उसी ग्रह का जीवन है ना कि पृथ्वी में पले बढ़े संक्रमण के कारण जीवन।
मंगल यात्रियों के लिए भी हो सकती समस्या
इस संक्रमण से केवल शोध में ही समस्या होगी ऐसा नहीं है बल्कि मंगल पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को भी समस्या हो सकती है। भविष्य में ये सूक्ष्मजीवी उनके स्वास्थ्य के साथ ही उनकी सहायता के लिए गए उपकरणओं के लिए भी समस्या बन सकते हैं। मेसन को संदेह है कि हो सकता है कि मंगल पर मानव डीएनए भी 1971 और उसके बाद पहुंच गया हो। 1971 में मंगल ग्रह पर सोवियत संघ के दो अन्वेषण यान मंगल की सतह पर उतरे थे।
यह तय करना जरूरी
मेसन का कहना है कि मंगल पर धूल की वैश्विक आंधी से इन यानों से डीएनए मंगल की सतह तक पहुंच गए हों। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जो जीवन हम पता लगा रहे हैं वह पृथ्वी से ही आया जीवन ना हो। ऐसा होने पर यह तय करना आसान नहीं होगा कि जो संकेत मिले हैं वे मंगल के मूल जीवन के ही संकेत हैं या नहीं।
नासा यह प्रयास करता है अभी वैसे तो नासा यह सुनिश्चित करता है कि उसके अंतरिक्ष यान, लैंडर, और रोवर पूरी तरह से विसंक्रमित हों। इसके लिए वह इन्हें खास तरह के कमरों में विकसित करता है जिससे किसी भी तरह का संक्रमण और अशुद्धता किसी नाजुक उपकरण में गड़बड़ी ना पैदा कर दे जिससे वहां से संकेत आने में किसी तरह की कोई समस्या हो। इसके लिए नासा ISO-5 जैसे कठोर प्रोटोकॉल का पालन करता है।
मेसन का दावा है कि यह असंभव है कि मंगल के अभियानों में जो भी यान आदि गए हैं वे सौ प्रतिशत ही सूक्ष्मजीवन से मुक्त हों। नासा के इन सफाई कमरों में भी सूक्ष्मजीवन के प्रमाण पाए गए हैं। वे विकिरण रोधी होने के साथ ठंडे वातावरण में भी पनप सकते हैं। ऐसे में मंगल पर एक मजबूत किस्म के सूक्ष्मजीव पहुंचे हों इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।
संक्रमण से सीएम ममता के छोटे भाई का निधन
मीनाक्षी लोधी
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के छोटे भाई असीम बनर्जी का आज (शनिवार को) निधन हो गया। उनकी मौत की वजह कोरोना बताई जा रही है। शनिवार सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली। जानकारी के अनुसार वह मेडिका हाॅस्पिटल में भर्ती थे। मुख्यमंत्री के परिवार में शोक है।
पत्नी की हत्या, बच्चों पर जानलेवा हमला, आत्महत्या
कविता गर्ग
गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर में दिलदारनगर थाना क्षेत्र के उसिया गांव में दिल दहला देने वाली घटना हुई है। गांव के रहने वाले पुलिस के हेड कांस्टेबल ने अपनी पत्नी की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी। यही नहीं सिपाही ने अपने 5 बच्चों पर भी जानलेवा हमला किया। इसके बाद हेड कांस्टेबिल ने खुद ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। हमले में 3 बच्चे गम्भीर रूप से घायल हैं, जिन्हें इलाज के लिए वाराणसी ट्रामा सेंटर भेज गया है।
बताया जा रहा है कि उसिया गांव में रहने वाले मुंशी यादव पुलिस विभाग में हेड कांस्टेबिल थे और वर्तमान में फतेहपुर जिले में तैनात थे। वो जनवरी में छुट्टियां लेकर घर आये थे, तब से वापस ड्यूटी ज्वाइन नहीं की थी। बताया जा रहा है कि हेड कांस्टेबिल को चर्म रोग था। बीमारी के चलते सिपाही सीरियस डिप्रेशन में चल रहा था। लोगों का कहना है कि इसी के चलते उसने दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया।
3 बच्चे गंभीर हालत में वाराणसी रेफर
गाजीपुर के एसपी ओपी सिंह ने बताया कि हेड कांस्टेबल मुंशी यादव ने धारदार हथियार से अपनी पत्नी रीना की गला काट कर हत्या कर दी। इसके बाद उसने अपने 5 बच्चों पर भी जानलेवा हमला किया, जिसमे 3 की हालत गम्भीर है। घटना को अंजाम देने के बाद सिपाही ने गांव से बाहर रेलवे ट्रैक पर गुजर रही ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर ली। फिलहाल गम्भीर रूप से घायल बच्चों को इलाज के लिए वाराणसी रेफर किया गया है।
पुलिस मामले की कार्यवाही में जुटी हुई है।नीरा को व्हाइट हाउस का वरिष्ठ सलाहकार बनाया
अकांशु उपाध्याय
वाशिंगटन/नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा कैबिनेट के लिए चुनी गईं भारतीय मूल की नीरा टंडन को व्हाइट हाउस का वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया गया है। इससे पहले उन्हें बाइडन द्वारा प्रबंधन एवं बजट कार्यालय का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था लेकिन विरोध के बीच मार्च में उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था।
सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस (सीएपी) के संस्थापक जॉन पोडेस्टा ने एक बयान में कहा कि नीरा बुद्धिमत्ता, कड़ी मेहनत और राजनीतिक दृष्टि बाइडन प्रशासन के लिए अहम साबित होगी। हालांकि हमें सीएपी में उनकी विशेषज्ञता और लीडरशिप की कमी खलेगी जिसका 2003 में गठन किया गया था। मार्च में व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति जो बाइडन के बजट कार्यालय में नीरा टंडन को निदेशक बनाने का नामांकन प्रस्ताव वापस ले लिया था। दोनों पार्टियों में नीरा के नाम पर उठा विरोध खत्म नहीं किया जा सका था। नीरा ने भी नाम वापसी की घोषणा कर दी थी, क्योंकि वे डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकनों के बीच अपने नामांकन की पुष्टि के लिए पर्याप्त वोट जुटाने में नाकाम रहीं।
बता दें कि टंडन के नामांकन की पुष्टि का रास्ता पहले ही कठिन था और उन्हें पूर्व में कई सांसदों के खिलाफ किए गए ट्वीट के कारण विरोध का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि उन्होंने ऐसे 1,000 से ज्यादा ट्वीट डिलीट कर सीनेटरों से माफी भी मांग ली थी लेकिन उनका विरोध कम नहीं हुआ था। तब बाइडन ने कहा था कि मैं उनके अनुभव, कौशल और विचारों का बहुत सम्मान करता हूं और चाहता हूं कि मेरे प्रशासन में उनकी कोई भूमिका हो। और आखिरकार बाइडन ने उन्हें इतना महत्वपूर्ण पद देते हुए नई जिम्मेदारी सौंप दी
नीरा के नाम पर पुष्टि का अनुरोध बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने भी खारिज कर दिया था। तब बाइडन ने कहा था- ‘सुश्री टंडन ने कहा है कि प्रबंधन कार्यालय और बजट निदेशक के लिए उनका नामांकन वापस ले लिया जाए और मैंने उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।’ नीरा टंडन भारतीय मूल की अमेरिकी राजनीतिज्ञ और “सेंटर फॉर अमेरिकी प्रोग्रेस” की अध्यक्ष हैं। यह उत्तरदायित्व उन्होने नवंबर 2011 में ग्रहण किया। नीरा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और बिल क्लिंटन के प्रशासन में अधिकारी रह चुकी हैं। 10 सितंबर 1970 की जन्म तिथि है इस वक़्त आयु 50 वर्ष,
राष्ट्रीयता: अमेरिकी की है,पति का नाम बेंजामिन एडवर्ड्स (विवाह 1999),माता-पिता का नाम माया टैंडेन
भाई: राज टैंडेन है
शिक्षा: कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, Yale Law School से की थी।
डेलावेयर के विलमिंगटन में बिडेन के सत्ता हस्तांतरण मुख्यालय में टंडन ने कहा था नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की मां श्यामला की तरह मेरी मां माया का जन्म भी भारत में हुआ था। कई पीढ़ियों के लाखों लोगों की तरह वे बेहतर जिंदगी की तलाश में अमेरिका आई थीं। टंडन का जन्म मैसाचुसेट्स के बेडफोर्ड में हुआ था।उन्होंने कहा कि मैं बोस्टन उपनगर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में पली-बढ़ी। जब मैं 5 साल की थी तब मेरे माता-पिता का तलाक हो गया और मेरी मां पर 2 बच्चों की जिम्मेदारी आ गई और तब उनके पास कोई नौकरी भी नहीं थी।
टंडन ने कहा कि उनके पास विकल्प था कि या तो वे भारत वापस चली जाएं, जहां तलाक एक कलंक था और अवसर सीमित या फिर अपने अमेरिकी सपने के लिए लड़ती रहें। वे यहीं रुकीं। हम खाने के लिए ‘फूड स्टैम्प’ पर निर्भर थे। हम किराया भरने के लिए ‘सेक्शन 8’ (वाउचर) पर निर्भर थे। उन्हें फिर एक ट्रैवल एजेंट की नौकरी मिली और फिर उन्होंने बेडफोर्ड में घर लिया और अपने बच्चों की पढ़ाई पूरी कराई। टंडन ने कहा कि मैं यहां आज अपनी मां का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं और साथ ही उस देश का भी जिसने हम पर विश्वास रखा। मैं आज यहां ‘सामाजिक कार्यक्रमों’ की वजह से ही हूं। अगर अमेरिकी सीनेट से भी इस पद के लिए टंडन (50) के नाम की मंजूरी के बाद वे व्हाइट हाउस में प्रभावशाली ‘प्रबंधन और बजट कार्यालय’ की प्रमुख बनने वाली पहली अश्वेत महिला है।
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