बिलासपुर। सिरगिट्टी थाना क्षेत्र के कोरमी के ग्रामीणों ने होमियोपैथी कप सिरप पीने वाले ग्रामीणों में मृतकों की संख्या आठ हो गई है। इस घटना से पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गई है। यहां शराब की जगह नशीली सिरप पीने वाले ग्रामीणों की जांच कर अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। दो ग्रामीणों की हालत अभी गंभीर बताई जा रही है।
कोरमी में रहने वाले कमलेश धुरी पिता बल्दूप्रसाद (32 वर्ष), अक्षय धुरी पिता पुन्न्ूलाल (21 वर्ष), राजेश धुरी पिता दशरथ (21 वर्ष), समारू धुरी पिता गजानंद (25 वर्ष), खेमचंद धुरी पिता रामलाल (40 वर्ष) व कैलाश धुरी पिता उमाशंकर (50 वर्ष) सहित अन्य ग्रामीणों को सर्दी-जुकाम व खासी की शिकायत थी। इस दौरान ग्रामीणों ने गांव के ही होम्योपैथिक डाक्टर को दिखाया। दरअसल, सर्दी-जुकाम व खांसी आने पर ग्रामीणों को कोरोना महामारी का खतरा हुआ।
इसके चलते उन्होंने स्थानीय होमियोपैथी क्लीनिक में उपचार कराना शुरू कर दिया। इस दौरान डाक्टर ने उन्हें ड्रोसेरा कप सिरप दवाई दी, जिसे ग्रामीणों को गुनगुने पानी में मिलाकर पीना था। इस दौरान ग्रामीणों ने इसे नशे के रूप में बिना पानी मिलाए ही पीना शुरू कर दिया। बीमार ग्रामीणों की देखादेखी अन्य ग्रामीणों ने भी ड्रोसेरा सिरप खरीद कर पीना शुरू कर दिया। इधर, बुधवार को सिरप पीने वाले ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें उल्टी होने लगी। इस दौरान ग्रामीण युवकों ने स्वजनों को दवा पीने की जानकारी दी। उल्टी होने के कारण परिवार वालों ने भी नजरअंदाज कर दिया।
इस बीच कमलेश और राजेश की मौत हो गई। इससे घबराए परिवार के लोगों को कोरोना से मौत की आशंका हुई और आनन-फानन में उनकी अंत्येष्टि भी कर दी। इधर, बुधवार दोपहर अक्षय और समारू की भी मौत हो गई। उन्हें भी कोरोना होने का संदेह हुआ और उनकी भी अंत्येष्टि कर दी गई। एक ही दिन में गांव में चार युवकों की मौत से हड़कंप मच गया। इसकी सूचना ग्रामीण ने सिरगिट्टी पुलिस की दी। खबर मिलते ही बुधवार की देर शाम थाना प्रभारी फैजूल शाह गांव पहुंचे। उन्होंने मृतक के परिवार वालों से इस संबंध में पूछताछ की। इसमें युवकों के कफ सीरप पीने की जानकारी मिली।