अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। राज्य स्वास्थ्य मंत्री अतुल गर्ग के बाद अब जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय भी इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पताल छोड़ कर निजी हॉस्पिटल की शरण में पहुँच गए हैं। कुछ दिन पहले वे कोरोना संक्रमित हो गए थे। जब बुखार नहीं उतरा तो वे कौशांबी स्थित यशोदा अस्पताल पहुंचे। जहां उनका सीटी स्कैन कराया गया। सीटी स्कैन में कोविड निमोनिया होने का पता चला। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी हालत स्थिर है। बुखार में सुधार हो रहा है। वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है।
यशोदा अस्पताल के ऑपरेशनल हेड डॉ. सुनील डागर ने बताया कि जिलाधिकारी कई दिनों पहले कोविड पॉजिटिव हो गए थे। वह अपना इलाज होम आइसोलेशन में करवा रहे थे। बुखार नहीं उतरने पर शुक्रवार रात उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बुखार का कारण जानने के लिए उनका सीटी स्कैन किया। इसकी जांच रिपोर्ट में उन्हें कोविड निमोनिया पाया गया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। निमोनिया की दवा का फायदा उन्हें हुआ है। अब पहले से कम बुखार आ रहा है।
डॉ. डागर ने बताया कि जिलाधिकारी को फिलहाल ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ी है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम लगातार उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है। इस टीम में डॉ. आरके मणि, डॉ. अर्जुन खन्ना, डॉ. अंकित सिन्हा एवं डा. अंशुमन त्यागी शामिल हैं। वहीं कोविड पॉजिटिव हो गईं जिलाधिकारी की पत्नी का इलाज होम आइसोलेशन में चल रहा है।
आपको बता दें कि पिछले साल जब उत्तर प्रदेश के राज्य स्वास्थ्य मंत्री और गाज़ियाबाद के विधायक कोरोना संक्रमित पाए गए थे तो उन्होंने भी सरकारी अस्पताल को छोड़ प्राइवेट अस्पताल में ही अपना इलाज कराया था।
कोविड19 संक्रमण की दूसरी लहर में गाज़ियाबाद की स्वास्थ्य सेवाओं और प्रशासनिक व्यवस्थाओं में भारी कमियाँ उजागर होने के बाद जिलाधिकारी की जिले भर में आलोचना हो रही थी। अस्पतालों से लेकर श्मशान घाट तक चारों ओर हाहाकार मचा हुआ थी और स्थिति जिलाधिकारी के नियंत्रण के बाहर नज़र आ रही थी। इस बीच अचानक जिलाधिकारी कार्यालय से सूचना आई कि डीएम कोरोना पॉज़िटिव हैं और होम आइसोलेशन में चले गए हैं। फिलहाल जीडीए वीसी कृष्णा करुणेश को कार्यकारी जिलाधिकारी बनाया गया है।