शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021

तेजी पर विराम, 984 अंक लुढ़क कर बंद हुआ सेंसेक्स

कविता गर्ग              

मुंबई। शेयर बाजारों में पिछले चार दिनों से जारी तेजी पर शुक्रवार को विराम लग गया और बीएसई सेंसेक्स 984 अंक लुढ़क कर बंद हुआ। एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट के रुख के बीच वित्तीय कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सूचकांक 983.58 अंक यानी 1.98 प्रतिशत का गोता लगाकर 48,782.36 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 263.80 अंक यानी 1.77 प्रतिशत टूटकर 14,631.10 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लि. को हुआ। इनमें 4 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आयी। इसके अलावा, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक, एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचयूएल, टीसीएस और मारुति आदि शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी। दूसरी तरफ, ओएनजीसी, सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज और बजाज ऑटो लाभ में रहे। रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा कि वैश्विक बाजार में कमजोर रुख के बीच वित्तीय कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से घरेलू शेयर बाजार टूटा।

यूपी: 24 घंटें में कोरोना से 332 लोगों की मौंत हुईं

हरिओम उपाध्याय            

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटें के दौरान कोविड-19 से सर्वाधिक 332 लोगों की मौंत हुई है और 34,626 नए मरीजों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। अपर मुख्‍य सचिव स्‍वास्‍थ्‍य अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कोविड-19 से 332 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में अब तक महामारी में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 12,570 हो गई है। उन्होंने बताया कि इस अवधि में संक्रमण के 34,626 नए मामले आए हैं जिन्हें मिलाकर प्रदेश में अबतक कुल 12,52,324 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। प्रसाद ने बताया कि पिछले 24 घंटों में बीमारी से कुल 32,494 लोग ठीक हुए हैं। इसके साथ ही अबतक 9,28,971 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं।

मानवता: 100 वर्षों में सबसे बड़ा संकट हैं 'कोरोना'

अकांशु उपाध्याय         

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी को पिछले 100 वर्षों में सबसे बड़ा संकट करार देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों की समूची मशीनरी एकजुट होकर इस संकट का मुकाबला कर रही है। मोदी ने शुक्रवार को यहां मंत्रिपरिषद की कई घंटे तक चली बैठक में देशभर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। बैैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि कोरोना महामारी के कारण पिछले 100 वर्षों में मानवता के सामने सबसे बड़ा संकट खड़ा हुआ है। जो पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती बन गया है।

कोरोना: विश्व में 31.62 लाख के अधिक लोगाें की मौंत

वाशिंगटन डीसी। विश्व में कोरोना संक्रमण का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है और इस वायरस के संक्रमण से अभी तक 15.05 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं 31.62 लाख के अधिक लोगाें की मौत हो चुकी है। कोरोना संक्रमण से मरने वालों में अमेरिका शीर्ष पर है। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केंद्र (सीएसएसई) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार दुनिया के 192 देशों एवं क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 15 करोड़ पांच लाख 30 हजार 783 हो गयी है। जबकि 31 लाख 62 हजार 166 लोगों की मौत हो चुकी है। वैश्विक महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है और यहां संक्रमितों की संख्या तीन करोड़ 22 लाख 88 हजार से अधिक हो गयी है। जबकि 5,75,193 मरीजों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। दुनिया में कोरोना संक्रमितों के मामले में भारत दूसरे स्थान पर और मृतकों के मामले में चौथे स्थान पर है। संक्रमितों की कुल संख्या एक करोड़ 87 लाख 62 हजार 976 हो गयी है और इस वायरस के संक्रमण को एक करोड़ 53 लाख 84 हजार 418 लोग मात दे चुके है और अभी तक 2,08,330 लोगों की मौत हो चुकी है।


उत्पीड़न से परेशान महिला, जान देने का किया प्रयास

कौशाम्बी। कोखराज थाना क्षेत्र के मूरतगंज चौकी अन्तर्गत अशरफपुर गांव के समीप रेलवे ट्रैक पर एक महिला ने ससुराल वालो के उत्पीड़न से परेशान होकर जान देने का प्रयास किया है। लेकिन ग्रामीणों को जैसे ही जानकारी लगी उन्होंने महिला को बचा लिया है। मामले की सूचना पुलिस को दे दी गई है।
जानकारी के अनुसार आपको बता दे कि सीमा पत्नी सनोज उम्र लगभग 35 वर्ष निवासी काजू थाना चरवा की रहने वाली है। वह शुक्रवार को ससुराल वालो की प्रताड़ना से परेशान होकर रेलवे लाइन में जान देने जा रही थी। जैसे ही वह रेलवे ट्रैक पर पहुची और बीचो बीच खड़ी हो गयी। तभी ट्रैन को आते देख कुछ लोगो की नज़र उस महिला पर पड़ी तो वह महिला की तरफ दौड़े और उस महिला को  ट्रैन के चपेट में आने से पहले ही बचा लिया। जब महिला से इस घटना के बारे में पूछा गया तो महिला ने अपने ससुराल वालों के ऊपर मारपीट व हमेशा उत्पीड़न करने  का आरोप लगाते हुए जान देने की बात कही। तब लोगो ने तुरंत डायल 112 को सूचित किया सूचना मिलते ही मौके पर पहुची पुलिस ने जांच पड़ताल कर महिला के घर वालो को सूचित कर महिला को समझा बुझाकर घर भेज दिया गया है।
समीर अहमद 

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल पाएं गए संक्रमित

अकांशु उपाध्याय                       
नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शुक्रवार को बताया कि वह कोविड-19 से संक्रमित हो गये हैं और उन्हें हल्के लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि वह अपने आवास में पृथक-वास में रहते हुए काम जारी रखेंगे और दिल्ली के हालात पर नजर रखेंगे। उन्होंने ट्वीट किया, ”मैं कोविड-19 से संक्रमित हो गया हूं। मुझे संक्रमण के हल्के लक्षण हैं। लक्षण दिखने शुरू होते ही मैं पृथक-वास में चला गया। मेरे संपर्क में जो भी आये थे, उनकी भी जांच की गई है। मैं अपने आवास से ही काम जारी रखूंगा और दिल्ली में हालात पर नजर रखूंगा।” उपराज्यपाल ने पिछले महीने तीरथ राम शाह अस्पताल में अपनी पत्नी के साथ कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक ली थी।

इंटरनेट पर मदद की गुहार, रोक नहीं लगानी चाहिए

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि इंटरनेट पर मदद की गुहार लगा रहे नागरिकों पर रोक इस आधार पर नहीं लगाई जानी चाहिए कि वे गलत शिकायत कर रहे हैं। न्यायालय ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर राष्ट्रीय संकट है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, ” सूचना का निर्बाध प्रवाह होना चाहिए।शीर्ष अदालत ने केंद्र, राज्यों और सभी पुलिस महानिदेशकों को निर्देश दिया कि वे ऐसे किसी भी व्यक्ति पर अफवाह फैलाने के आरोप पर कोई कार्रवाई नहीं करे जो इंटरनेट पर ऑक्सीजन, बिस्तर और डॉक्टरों की कमी संबंधी पोस्ट कर रहे हैं। पीठ ने साफ तौर पर कहा कि परेशान नागरिकों के ऐसे किसी भी पोस्ट पर कार्रवाई होने पर हम उसे अदालत की अवमानना मानेंगे। न्यायालय ने टिप्पणी की कि अग्रिम मोर्चे पर कार्य कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को भी इलाज के लिए अस्पताल में बिस्तर नहीं मिल रहे हैं।पीठ ने कहा कि हमें 70 साल में स्वास्थ्य अवसंरचना की, जो विरासत मिली है, वह अपर्याप्त है और स्थिति खराब है। शीर्ष अदालत ने कहा कि छात्रावास, मंदिर, गिरिजाघरों और अन्य स्थानों को कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र बनाने के लिए खोलना चाहिए। पीठ ने कहा कि केंद्र को राष्ट्रीय टीकाकरण मॉडल अपनाना चाहिए क्योंकि गरीब आदमी टीका के लिए भुगतान करने में सक्षम नहीं होगा।
न्यायालय ने पूछा, ”हाशिये पर रह रहे लोगों और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की आबादी का क्या होगा? क्या उन्हें निजी अस्पतालों की दया पर छोड़ देना चाहिए?” न्यायालय ने कहा कि सरकार विभिन्न टीकों के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम पर विचार करे और उसे सभी नागरिकों को मुफ्त में टीका देने पर विचार करना चाहिए।
पीठ ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र चरमराने के कगार पर है और इस संकट में सेवानिवृत्त डॉक्टरों और अधिकारियों को दोबारा काम पर रखा जा सकता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि निजी टीका उत्पादकों को यह फैसला करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए कि किस राज्य को कितनी खुराक मिलेगी। पीठ ने केंद्र को कोविड-19 की तैयारियों पर पावर प्वाइंट प्रस्तुति की अनुमति दे दी।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...