अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने ‘हैशटैगरिजाइनमोदी’ को बाधित कर दिया। जिसमें कोविड-19 महामारी से निपटने की सरकार के तरीके की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की जा रही थी। घंटों बाद इस हैशटैग को बहाल करते हुए कंपनी ने कहा, उसने गलती से यह कदम उठाया था। कंपनी ने बुधवार को हैशटैग को बाधित करने के कदम पर बृहस्पतिवार को सफाई देते हुए कहा कि यह सरकार के आदेश पर नहीं किया गया था। उल्लेखनीय है कि फेसबुक पहली सोशल मीडिया कंपनी नहीं है जिसने कोविड-19 महामारी पर सरकार की आलोचना करने वाले पोस्ट को सेंसर किया है। ट्विटर ने भी सरकार के आदेश पर और फर्जी खबर करार दिए जाने पर कई पोस्ट को हटाया है या वहां तक पहुंच बाधित की है। फेसबुक के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि हमने गलती से इस हैशटैग को अस्थायी रूप से बंद किया था, न कि भारत सरकार द्वारा हमें ऐसा करने के लिए कहा गया था। हमने इसे बहाल कर दिया है।गुरुवार, 29 अप्रैल 2021
रूस: भारत को 20 टन चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली/ मास्को। रूस ने बृहस्पतिवार को भारत को 20 टन चिकित्सा सामग्रियों की आपूर्ति की। जिनमें आक्सीजन सांद्रक, वेंटीलेटर, दवा शामिल हैं। रूस की ओर से भारत को यह सहायता ऐसे समय में की गई है। जब देश कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की चुनौतियों का सामना कर रहा है। रूस की नागरिक आपदा सेवाओं की देखरेख करने वाली सरकारी एजेंसी ‘इमरकॉम’ द्वारा परिचालित दो परिवहन विमानों से चिकित्सा सामग्रियां दिल्ली लायी गईं। रूस द्वारा इन राहत सामग्रियों की आपूर्ति तब की गई है। जब एक दिन पहले ही महामारी की स्थिति और उससे निपटने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत हुई है। रूसी राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने कहा, ” रूसी इमरकॉम द्वारा परिचालित दो अति आवश्यक उड़ान यहां पहुंची जिनमें 20 टन माल लाया गया। इनमें आक्सीजन सांद्रक, फेफड़े के वातायन संबंधी उपकरण, मॉनिटर तथा कोरोना वायरस रोधी एवं अन्य आवश्यक दवा शामिल हैं।”
महाराष्ट्र को मांग से ज्यादा ऑक्सीजन क्यों: एचसी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने केंद्र से बृहस्पतिवार को पूछा कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को मांग से ज्यादा ऑक्सीजन क्यों मिल रही है। जबकि दिल्ली का आवंटन आम आदमी पार्टी की सरकार के आग्रह के हिसाब से बढ़ाया नहीं गया है। न्यायमू्र्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने केंद्र से यह सवाल पूछा। पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि केंद्र सरकार को या तो इससे उचित ठहराना होगा या अब जब स्थिति उसके सामने आई है तो इसमें ‘सुधार’ करना होगा।सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार अदालत के सवाल पर जवाब देगी और मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को अधिक ऑक्सीजन देने का कारण बताएगी। मेहता ने कहा, “ऐसे राज्य हैं। जिन्हें मांग से कम आपूर्ति की गई है। हम इसकी तर्कसंगत व्याख्या करेंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने अदालत के समक्ष एक सूची रखी जिसमें विभिन्न राज्यों द्वारा की गई ऑक्सीजन की मांग और उन्हें की गई आपूर्ति का ब्यौरा था। उन्होंने कहा कि केवल दिल्ली को उतनी मात्रा नहीं मिली है जितनी उसने मांगी है जबकि अन्य को उनकी मांग जितना या उससे ज्यादा मिल रहा है। अदालत ऑक्सीजन संकट और कोविड-19 वैश्विक महामारी से जुड़े अन्य मामलों को लेकर दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
खतरों को कुचलने के लिए क्षमताएं बरकरार रखेंगे
वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी साहस एवं बलिदान के 20 वर्ष बाद सैनिकों को घर वापस बुलाने का समय आ गया है। उन्होंने साथी नागरिकों को आश्वासन दिया कि उनका प्रशासन देश के लिए भविष्य में पनपने वाले खतरों को कुचलने के लिए क्षमताएं बरकरार रखेगा। बाइडेन ने यह आश्वासन बुधवार को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में अपने पहले भाषण में युद्ध से थक चुके अमेरिकियों को दिया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, अमेरिकी पराक्रम एवं बलिदान के 20 वर्षों बाद, वक्त हमारे सैनिकों को घर वापस बुलाने का है। ऐसा करते हुए भी हम देश के सामने भविष्य में आने वाले खतरों को कुचलने के लिए एड़ी चोटी की क्षमताएं बरकरार रखेंगे। उन्होंने कहा, लेकिन यह भूल न करें – आतंकवादियों का खतरा 2001 के बाद से अफगानिस्तान से इतर भी पनपा है और हमें अमेरिका के लिए कहीं से भी उभरने वाले खतरों के प्रति चौकन्ना रहना होगा। अलकायदा और आईएसआईएस की मौजूदगी यमन, सीरिया, सोमालिया और अफ्रीका तथा पश्चिम एशिया के अन्य हिस्सों और उनसे परे भी हैं।
इससे पहले इस महीने की शुरुआत में, बाइडेन ने घोषणा की थी कि वह 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला लेंगे। अमेरिका अफगानिस्तान से सैनिकों की अंतिम टुकड़ियों को बुलाने की प्रक्रिया इस साल एक मई से शुरू करेगा। जनवरी में बाइडेन के राष्ट्रपति पद संभालने के वक्त अफगानिस्तान में 2,500 से 3,000 अमेरिकी सैनिक थे।
कवि कुंवर बेचैन का अस्पताल में कोरोना से निधन
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश के जाने-माने कवि कुंवर बेचैन का गुरुवार दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। कवि कुंवर बेचैन और उनकी पत्नी संतोष कुंवर कोरोना संक्रमित हो गए थे। 12 अप्रैल को दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। दोनों दिल्ली के लक्ष्मीनगर स्थित सूर्या अस्पताल में भर्ती थे। बाद में डॉ. कुंवर बेचैन को आनंद विहार स्थित कोसमोस अस्पताल में शिफ्ट किया गया। फिर नोएडा के कैलाश अस्पताल के मालिक डॉ. महेश शर्मा ने उनको अपने अस्पताल में बेड दिलवाया।
बेचैन की पत्नी की हालत स्थिर है। वह सूर्या अस्पताल में ही भर्ती हैं। डॉ. कुंअर बेचैन की स्थिति गंभीर होने पर कवि कुमार विश्वास ने उनके के लिए ट्वीट कर बेड, वेंटिलेटर की मांग की थी। कुमार विश्वास के ट्वीट के बाद गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा ने उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया। उन्होंने कुमार विश्वास से भी फोन पर बात की। डॉ. कुंअर बैचेन मशहूर गजल और गीतकार थे।
30 तक शैक्षिक कार्य बंद किएं जाने का आदेश जारी
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति के कारण कक्षा एक से आठ तक के सभी स्कूल अब सत्र के अंत यानी 20 मई तक बंद रहेंगे और शिक्षकों को घर से काम करने की इजाजत होगी। राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने बृहस्पतिवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए कहा “कोविड-19 की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अब वर्तमान शैक्षिक सत्र के अंत (20 मई 2021) तक बेसिक शिक्षा परिषद के सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों तथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की शिक्षिकाओं को घर से कार्य करने की अनुमति होगी। इससे पहले कक्षा एक से आठ तक के सभी परिषदीय /सहायता प्राप्त/ मान्यता प्राप्त व अन्य बोर्डो के विद्यालय को 30 अप्रैल तक शैक्षिक कार्य बंद किए जाने का आदेश जारी किया गया था।
महामारी को 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित करने को कहा
कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र को कोविड-19 महामारी को ”राष्ट्रीय आपदा” घोषित करने के लिए कहा है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोविड-19 प्रबंधन के ”महाराष्ट्र मॉडल” को देश के अन्य हिस्सों में भी लागू करना चाहिए। उन्होंने इस मॉडल के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।राउत ने कहा कि ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठकों के दौरान और केंद्र को पत्र लिखकर कोविड-19 संकट को ”राष्ट्रीय आपदा” घोषित करने के लिए कहा है। राज्यसभा सदस्य ने कहा, ”ठाकरे एक महीने से यह कह रहे हैं और यह अच्छी बात है कि उच्चतम न्यायालय ने भी इस पर गौर किया है।उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 के मामलों में बेतहाशा वृद्धि को मंगलवार को ”राष्ट्रीय संकट” बताया था और कहा था कि वह ऐसे वक्त में मूक दर्शक बने नहीं रह सकता। राउत ने कहा, ”उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय फिक्रमंद हैं और मामले पर गौर कर रहे हैं। यह अच्छी बात है और देश के लिए फायदेमंद होगी।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की ”छवि बिगाड़ने” की सभी कोशिशों के बावजूद राज्य सरकार इस महामारी से निपटने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। शिवसेना नेता ने कहा कि देश के बाकी राज्यों को कोविड-19 प्रबंधन के ”महाराष्ट्र मॉडल” को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा, ”हर किसी को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में राज्य सरकार के प्रयासों पर गौर करने और देश में बाकी जगहों पर भी महाराष्ट्र मॉडल लागू करने की जरूरत है।
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