शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

बैंकों के डिविडेंड भुगतान को सीमित करने का निर्देश

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल में बीते वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बैंकों के डिविडेंड भुगतान को सीमित करने का निर्देश दिया है। इसके पहले आरबीआई ने उसके पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान भी बैंकों को डिविडेंड का भुगतान करने से रोक दिया था। बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का बैंकों के वित्तीय सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंकाओं को देखते हुए ये रोक लगाई गई है। रिजर्व बैंक की ओर इस संबंध में जारी किए गए दिशानिर्देश में कहा गया है कि अगर बैंक चाहें तो 31 मार्च 2021 को खत्म हुए वित्त वर्ष के लिए अंश धारकों को डिविडेंड का भुगतान कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए शर्त ये है कि ये डिविडेंड पे-आउट रेशियो के 50 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए। 
उल्लेखनीय है कि बैंकों के डिविडेंड भुगतान के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने 4 मई 2004 को एक समान नियमों की घोषणा की थी। इसके तहत सभी बैंकों के लिए कुछ मानक तय किए गए थे, जिनको पूरा करने के बाद ही बैंक डिविडेंड का भुगतान कर सकते हैं। इन मानकों के तहत अंश धारकों को डिविडेंड का भुगतान करने के लिए बीते दो वित्त वर्षों में बैंकों का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (कैपिटल एडिक्वेसी रेशियो) 9 फीसदी से अधिक होना चाहिए, ताकि उनके पास डिविडेंड के भुगतान के बाद भी पर्याप्त पूंजी बनी रहे। इसके साथ ही बैंकों का नेट एनपीए भी 8 फीसदी से कम होना चाहिए। 
आरबीआई की ओर से डिविडेंड भुगतान को लेकर जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर जिस गति से बढ़ रही है, उससे आर्थिक अनिश्चितता जैसे हालात बनने का खतरा बन गया है। ऐसी स्थिति में बैंकों का मजबूत बने रहना काफी अहम है। इसलिए उन्हें पहले ही जरूरी कदम उठाते हुए अपनी पूंजी की सुरक्षा करनी चाहिए। साथ ही पूंजी में कमी आने की किसी भी आशंका या नुकसान के डर को न्यूनतम कर देना चाहिए। 
भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों की वजह से बैंकों ने पिछले साल तो डिविडेंड का भुगतान नहीं ही किया था, इस साल भी नए गाइडलाइन के कारण डिविडेंड के भुगतान की संभावना काफी कम हो गई है। सरकारी बैंकों की तर्ज पर वित्त वर्ष 2020-21 का डिविडेंड देने में निजी बैंक भी कंजूसी कर सकते हैं। इस क्रम में आमतौर पर डिविडेंड देने में आगे रहने वाला एचडीफएसी बैंक भी पहले ही साफ कर चुका है कि वो इस साल डिविडेंड का भुगतान नहीं करेगा। 

कनाडा ने भारत-पाक के विमानों पर लगाया प्रतिबंध

ओटावा/ इस्लामाबाद/ नई दिल्ली। कनाडा ने भारत और पाकिस्तान से आने वाली सभी यात्री विमानों पर आगामी 30 दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। कनाडा के परिवहन मंत्री उमर अलघाबरा ने कहा कि भारत और पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और इन देशों से यहां आये विमान यात्रियों में कोविड-19 के काफी मामले सामने आये हैं। जिसके कारण यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध फिलहाल 30 दिनों के लिए लागू किया गया है।

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण    
1. अंक-250 (साल-02)
2. शनिवार, अप्रैल 24, 2021
3. शक-1984,चैत्र, कृष्ण-पक्ष, तिथि- द्वादशी, विक्रमी सवंत-2078। ग्यारहवां रोजा, सहरी 04:31, इफ्तार 06:47। 11 रमजान, हिजरी 1442।
4. सूर्योदय प्रातः 06:20, सूर्यास्त 06:50।
5. न्‍यूनतम तापमान -12 डी.सै., अधिकतम-36+ डी.सै.।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
http://www.universalexpress.page/
email:universalexpress.editor@gmail.com
संपर्क सूत्र :- +919350302745  
                     (सर्वाधिकार सुरक्षित)

गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

दूसरी लहर से उबरने में मदद करने के लिए तैयार

नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत इस समय कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। यहां हालात दिन ब दिन गंभीर होते जा रहे हैं। रिकॉर्ड संख्या में रोज सामने आ रहे मरीजों के साथ ऑक्सीजन की किल्लत ने समस्या और भयावह कर दी है और मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर धराशायी होने की कगार पर पहुंच गया है। इसी बीच भारत के साथ लगभग हर मुद्दे पर विरोधी भाव रखने वाले पड़ोसी देश चीन ने कहा है कि वह इस संकट के समय में महामारी की दूसरी लहर से उबरने में भारत की मदद करने के लिए तैयार है। 
बता दें कि पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोना संक्रमण के तीन लाख 14 हजार 835 नए मामले दर्ज किए गए और 2104 मरीजों की मौत हुई है। यह महामारी की शुरुआत से अब तक किसी देश में एक दिन का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। अभी तक एक दिन में किसी भी देश में इतनी संख्या में कोरोना मरीज नहीं मिले थे। भारत में कोरोना के कुल मामलों की संख्या अब एक करोड़ 60 लाख 3821 पर पहुंच गया है। जो केवल अमेरिका से कम है। अमरिका में अब तक तीन करोड़ 26 लाख 4757 मामले मिले हैं।

बैंक को लाइसेंस रद्द करने से पहले नोटिस जारी किया

राणा ओबराय            
नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक और बैंक को लाइसेंस रद्द करने से पहले कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। फ्रॉड का शिकार बन चुके इस बैंक का नाम ‘संबंध फिनसर्व प्राइवेट लिमिटेड’ है। फ्रॉड के बाद इस बैंक का नेटवर्थ आरबीआई द्वारा तय की गई लिमिट से भी कम होने लगा और हाल के महीनों में बैंक की वित्‍तीय स्थिति बद से बद्तर होती चली गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संबंध फिनसर्व को आरबीआई ने कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि आखिर क्‍यों उसका लाइसेंस कैंसिल नहीं किया जाना चाहिए। बैंक के नेटवर्थ में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि संबंध फिनसर्व बैंक के लाइसेंस कैंसिल करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। हालांकि, आरबीआई की ओर इस मामले पर अभी तक कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है। संबंध फिनसर्व के अधिकारियों ने भी कोई बयान नहीं दिया है।

फर्जी डिग्री लेकर नौकरियां हथियाने वालों की छुट्टी

राणा ओबराय                
शिमला। विनियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया, कि सरकार के विभिन्न विभागों में एमबीयू से शिक्षा प्राप्त कई लोग नौकरियां कर रहे हैं। सरकार से मंजूरी मिलते ही जांच कमेटियों का गठन किया जाएगा।
हिमाचल निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग:
मानव भारती विश्वविद्यालय (एमबीयू) से फर्जी डिग्री लेकर हिमाचल प्रदेश में सरकारी नौकरियां हथियाने वालों की छुट्टी होने वाली है। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने मुख्य सचिव अनिल खाची को पत्र लिखकर फर्जी डिग्रियों की जांच करने की मंजूरी मांगी है। सरकार अगर आयोग को जांच की मंजूरी देती है तो एमबीयू से डिग्री लेने वालों का आंकड़ा जुटाकर विभिन्न विभागों से इस बाबत जानकारी ली जाएगी।
विनियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि सरकार के विभिन्न विभागों में एमबीयू से शिक्षा प्राप्त कई लोग नौकरियां कर रहे हैं। सरकार से मंजूरी मिलते ही जांच कमेटियों का गठन किया जाएगा। इस जांच से फर्जी और सही डिग्री प्राप्त करने वालों में अंतर हो जाएगा। एमबीयू की अभी तक करीब 35 हजार डिग्रियां फर्जी मिली हैं।

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...