गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

देश के सबसे ऊंचे क्रिकेट स्टेडियम का होगा निर्माण

श्रीराम मौर्य             

शिमला। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले लाहौल-स्पीति के सिस्सू में देश के सबसे ऊंचे क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। इसके लिये पहली बाधा पार कर ली गई है। स्टेडियम के लिए स्थानीय पंचायत और राजस्व विभाग ने 38 बीघा जमीन की निशानदेही के बाद फाइल वन विभाग को भेज दी है। वन विभाग अब प्रदेश सरकार से आशयपत्र मिलने के इंतजार में है। स्टेडियम के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। लाहौल-स्पीति जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सुरेद्र ठाकुर ने बताया कि सात वर्ष पूर्व सिस्सू में स्टेडियम निर्माण की कवायद शुरू हुई थी। कुल्लू जिले में रोहतांग स्थित अटल सुरंग के उत्तरी छोर से महज आठ किमी दूर 11000 हजार फीट की ऊंचाई पर प्रस्तावित यह क्रिकेट स्टेडियम देश में सबसे ऊंचा होगा। इसकी क्षमता 10 हजार दर्शकों की होगी। अभी सोलन के चायल में देश का सबसे ऊंचा क्रिकेट स्टेडियम है। जो 7500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इसका निर्माण वर्ष 1891 में पटियाला के महाराजा भूपेंद्र सिंह ने कराया था।

ऑक्सीजन की आपूर्ति, आपदा प्रबंधन कानून लागू

अकांशु उपाध्याय         

नई दिल्ली। केन्द्र ने बृहस्पतिवार को राज्यों को निर्देश दिया कि वे चिकित्सकीय ऑक्सीजन का निर्बाध उत्पादन-आपूर्ति और उसका अंतरराज्यीय परिवहन सुनिश्चित करें। मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस आदेश की अवहेलना होने पर संबंधित जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जवाबदेह होंगे। कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण ऑक्सीजन की मांग में वृद्धि के बाद कुछ राज्यों द्वारा अन्य राज्यों को चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित किए जाने की खबरों की पृष्ठभूमि में केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कठोर आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत यह आदेश जारी किया। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए आपदा प्रबंधन कानून लागू किया। भल्ला ने कहा कि कोविड-19 के मध्य और गंभीर लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सकीय ऑक्सीजन की पर्याप्त और निर्बाध उपलब्धता महत्वपूर्ण है और संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखना आवश्यक है। गृह सचिव ने कहा, ”इसलिए, कोविड-19 मरीजों के प्रबंधन हेतु देश भर में चिकित्सकीय ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, आपदा प्रबंधन कानून के तहत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए, राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष की हैसियत से अधोहस्ताक्षरी, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को अपने अधिकार क्षेत्र में निम्न निर्देशों का पालन सुनिश्चत करने का निर्देश देता है।

कोरोना से संबंधित स्थिति को आपातकाल करार दिया

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने देश में कोविड-19 से संबंधित स्थिति को बृहस्पतिवार को ”राष्ट्रीय आपातकाल” करार दिया और हजारों टन ऑक्सीजन के उत्पादन तथा रोगियों के लिए इसकी नि:शुल्क आपूर्ति जैसे आधार पर तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित स्टरलाइट कॉपर इकाई को खोलने के वेदांता समूह के आग्रह पर सुनवाई को सहमत हो गया। न्यायालय ने कहा कि वह याचिका पर कल सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने तमिलनाडु सरकार की आपत्ति को नहीं माना जिसने शुरू में वेदांता की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने और इसे खोले जाने का विभिन्न आधारों पर विरोध किया तथा यह भी कहा कि शीर्ष अदालत इस तरह के अनुरोध को पूर्व में खारिज कर चुकी है। पीठ ने कहा कि हम यह सब समझते हैं। हम सुनिश्चित करेंगे कि संयंत्र सभी पर्यावरण नियमों का पालन करे और इसकी ऑक्सीजन उत्पादन इकाई को काम करने की अनुमति दी जाएगी। हम ऑक्सीजन संयंत्र के मुद्दे पर हैं। न्यायालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में कहा कि देश में लगभग राष्ट्रीय आपातकाल है और आप (तमिलनाडु सरकार) समाधान की बात नहीं करते। हम इस पर (वेदांता की याचिका) कल सुनवाई करेंगे।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि देश को ऑक्सीजन की अत्यंत आवश्यकता है और केंद्र प्रत्येक स्रोत से ऑक्सीजन प्राप्त कर रहा है। वेदांता अपने संयंत्र को शुरू करना चाहता है। लेकिन वेदांता को केवल स्वास्थ्य उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन उत्पाद करने के वास्ते इसे (संयंत्र) शुरू करने की अनुमति दीजिए। मेहता ने कहा कि पर्यावरण रक्षा और जीवन रक्षा चुनने के मुद्दे पर हमें अवश्य ही जीवन रक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।

ऑक्सीजन की आपूर्ति, उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की

अकांशु उपाध्याय                    
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता और इसकी आपूर्ति को लेकर बृहस्पतिवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और इस दौरान ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाए जाने के रास्तों और विकल्पों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जारी एक बयान के मुताबिक इस बैठक में प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने, उसके वितरण की गति तेज करने और स्वास्थ्य सुविधाओं तक उसकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तेज गति से काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस दौरान अधिकारियों ने पिछले कुछ सप्ताहों में ऑक्सीन की आपूर्ति बेहतर करने की दिशा में उठाए गए कदमों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया। बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री को बताया गया कि राज्यों की ऑक्सीजन की मांग और उसके अनुसार उसकी पर्याप्त आपूर्ति के लिए सभी राज्य सरकारों के साथ सहयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री को यह भी बताया गया कि कैसे राज्यों की ऑक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ रही है। बयान के मुताबिक 20 राज्यों की ओर से प्रतिदिन 6785 मीट्रिक टन तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन की वर्तमान मांग के मुकाबले 21 अप्रैल से उन्हें 6822 मीट्रिक टन प्रतिदिन आवंटित की जा रही है।
बैठक के दौरान बताया गया कि पिछले कुछ दिनों में तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन की उपलब्धता 3300 मीट्रिक टन प्रतिदिन बढ़ी है। इसमें निजी और सरकारी इस्पात संयंत्रों, उद्योगों, ऑक्सीजन उत्पादकर्ताओं का योगदान शामिल है। गैर-आवश्यक उद्योगों की ऑक्सीजन आपूर्ति पर रोक लगाकर भी ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाई गई है।

आवागमन पर किसी भी तरह की नहीं लगेगी पाबंदी

अकांशु उपाध्याय                   
नई दिल्ली। देश भर में कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार ने आज एक बड़ा कदम उठाते हुए सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से कहा है कि मेडिकल आक्सीजन के कंटेनरों के आवागमन पर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं लगायी जायेगी। केन्द्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत हासिल अधिकारों के तहत सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश दिया जाता है कि वे आक्सीजन ले जाने वाले वाहनों पर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं लगा सकते। राज्य सरकारों से कहा गया है कि उनके परिवहन प्राधिकारण आक्सीजन आपूर्ति करने वाले वाहनों पर किसी तरह की पाबंदी नहीं लगा सकते।साथ ही राज्य सरकार उनके यहां आक्सजीन का उत्पादन वाली कंपनियों पर यह पाबंदी भी नहीं लगा सकती कि वहां बनने वाली आक्सीजन दूसरे राज्य को नहीं दी जा सकती। कोई भी कंपनी उस राज्य में कहीं भी और दूसरे राज्य में कहीं भी ऑक्सीजन आपूर्ति करने के लिए स्वतंत्र है। औद्योगिकी इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन के इस्तेमाल पर पहले ही पाबंदी है और केवल नौ उद्योगों को ही आक्सीजन के इस्तेमाल में छूट दी गयी है।
केन्द्रीय गृह सचिव ने कहा है कि जिला मजिस्ट्रेट , उप आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक , पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस उपायुक्त की जिम्मेदारी है कि वे इन निर्देशों पर अमल सुनिश्चित करे। कुछ राज्यों द्वारा दूसरे देश में आक्सजीन के आवागमन पर पाबंदी लगाये जाने की खबरों के बाद यह कदम उठाया गया है।

व्यापारिक प्रतिष्ठानों को 6 बजे तक बंद करने का फैंसला

राणा ओबराय               
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने कोरोना के लगातार बढ़ रहे केसों को देखते हुए शुक्रवार से प्रदेश के सभी बाजार तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों को शाम छह बजे बंद करने का फैसला किया है। इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों को सूचित कर दिया गया है। 
हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई राज्य स्तरीय कोरोना मॉनिटरिंग कमेटी के अध्यक्ष एवं गृहमंत्री अनिल विज ने गुरुवार को बताया कि कोरोना पर काबू पाने के लिए सख्त कदम उठाने अनिवार्य हैं। जिसके चलते आज की बैठक में फैसला लिया गया है कि शुक्रवार से प्रदेश के सभी शहरों तथा कस्बों में बाजार शाम छह बजे बंद कर दिए जाएंगे। जिससे मार्केट में भीड़ आदि जमा नहीं होगी। 
विज ने कहा कि इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा गैरजरूरी भीड़ को जमा होने से रोका जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों द्वारा शाम के समय कोरोना गाइडलाइन के साथ जरूरी कार्य किए जाएंगे उन्हें पहले संबंधित एसडीएम की मंजूरी लेनी होगी। विज ने कहा कि कोरोना को लेकर रोजाना रिव्यू किया जा रहा है। अभी प्रदेश में लॉकडाउन जैसी स्थिति नहीं है लेकिन कोरोना पर काबू पाने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। जिसके चलते मार्केट को शाम छह बजे बंद करने का फैसला लिया गया है।

कोलकाता एचसी ने चुनाव आयोग को लगाईं फटकार

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोरोना प्रकोप के बावजूद नेताओं की जनसभा और रोड शो पर पाबंदी लगाने में विफल चुनाव आयोग को कोलकाता हाई कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश टीवीएन राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान चुनाव आयोग शेषन द्वारा किए गए कार्यों का एक हिस्सा भी करके दिखाएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि अब हमें ही टीएन शेषन का काम करना होगा। 
 दरअसल, पश्चिम बंगाल में भी कोरोना लगभग बेकाबू हाे रहा है। राज्य में कोराेना के रोजाना लगभग 10 हजार के करीब मामले सामने आ रहे हैं। इस पर हाई कोर्ट ने आयोग से कड़े कदम उठाने को कहा था, लेकिन 16 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक के बाद चुनाव आयोग ने केवल एक गाइडलाइन जारी कर कोरोना का पालन करने को कहा था। इसी मामले में सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि केवल सर्कुलर जारी कर चुनाव आयोग अपनी भूमिका से पल्ला नहीं झाड़ सकता। उनके पास पूरे अधिकार हैं और क्षमता भी लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। चुनाव आयोग के पास क्विक रिस्पांस टीम है और पूरे अधिकार भी। कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद नहीं हैं। इसीलिए कोई आदेश नहीं दिया जा रहा लेकिन राज्यभर के सभी अधिकारियों को महामारी रोकथाम के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराना होगा।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...