गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

जांच से बचने के लिए एयरपोर्ट से भागे 300 यात्री

सिलचर। अनिवार्य कोविड-19 जांच से बचने के लिए बुधवार को असम के सिल्चर हवाई अड्डे पर 300 से अधिक यात्रियों ने हंगामा किया और वहां से भाग गए। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी और कहा कि इन लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी। कछार जिले के अतिरिक्त उपायुक्त सुमित सत्तवान ने बताया कि छह विमानों से देश के विभिन्न हिस्सों से कुल 690 यात्री सिल्चर हवाईअड्डे पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 जांच के लिए हवाईअड्डे पर तथा पास में स्थित तिकोल मॉडल अस्पताल में इन यात्रियों के नमूने लिए जाने थे। अधिकारी ने कहा, ”जांच शुल्क के लिए 500 रुपये के भुगतान को लेकर लगभग 300 यात्रियों ने इन दोनों स्थानों पर हंगामा किया।”

‘आक्रांता’ की भूमिका में आ गई यूपी सरकार: प्रियंका

अकांशु उपाध्याय                         
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बीच राज्य सरकार पर शासन करने में पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार लोगों की रक्षा करने और सहयोग देने की भूमिका पहले ही छोड़ चुकी थी और अब तो वह ‘आक्रांता’ की भूमिका में आ गई है। पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने कहा कि कोविड-19 संकट से निपटने में भाजपा सरकार की तरफ से एक फिर से लोगों के प्रति ‘अहंकारी, अधिनयाकवादी और अमानवीय रवैया’ देखने को मिला। उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब उत्तर प्रदेश में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड 33,214 मामले सामने आए और 187 लोगों की मौत हो गई।उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के हालात के बारे में पूछे जाने पर प्रियंका ने कहा कि बुनियादी मुद्दा यह है कि राज्य सरकार जनता की रक्षा करने, सुविधा देने और सहयोग देने का काम बहुत पहले बंद कर चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया, ”उसने (राज्य सरकार) लगातार आक्रांता की भूमिका अख्तियार कर रखी है। कोविड महामारी से वह जिस तरह निपट रही है। उससे उत्तर प्रदेश के लोगों के प्रति एक बार फिर से उसका अहंकारी, अधिनयाकवादी और अमानवीय रवैया दिखा है।”
प्रियंका ने दावा किया कि शासन के स्तर पर सबसे बड़ी विफलता यह रही कि कोई योजना नहीं थी, कोई तैयारी नहीं थी और कोई दूरदर्शिता नहीं थी। उन्होंने कहा, ”दुनिया के कई देशों ने इस महामारी की दूसरी लहर का सामना किया। हमने उनसे क्या सीखा? हमने पहली लहर और दूसरी लहर के बीच के समय का कैसे इस्तेमाल किया?” उनके मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार के खुद के सीरो सर्वेक्षण के परिणाम से पता चलता है कि पांच करोड़ लोग वायरस के संपर्क में आए और यह इस बात का संकेत था कि दूसरी लहर आ रही है।

फोर-स्टार होटल में विस्फोट होने से 4 लोगों की मौत

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में ब्लूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में एक फोर-स्टार होटल में विस्फोट से एक पुलिस अधिकारी समेत चार लोगों की मौत हो गयी और 12 अन्य घायल हो गये।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि क्वेटा स्थित सेरेना होटल में बुधवार की रात करीब 22.15 बजे यह घटना हुई। होटल के पार्किंग क्षेत्र में हुए विस्फोट से एक पुलिस अधिकारी और होटल का एक सुरक्षा गार्ड समेत चार लोगों की मौत हो गयी, जबकि 12 अन्य घायल हुए हैं। विस्फोट से बहुत से वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है।
पाकिस्तान के समाचारपत्र डॉन ने पुलिस महानिरीक्षक ताहिर राय के हवाले से बताया कि विस्फोट के बाद होटल की घेराबंदी कर दी गयी और आतंकवाद निरोधक दस्ते को घटना की जांच के निर्देश दिये हैं।

मोदी विश्वविद्यालय के खिलाफ महामारी के तहत मामला

नरेश राघानी         
सीकर। राजस्थान में कोरोना संक्रमण की रोकथाम में सहयोग नहीं करने पर चिकित्सा विभाग की ओर से लक्ष्मणगढ़ में मोदी विश्वविद्यालय के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया गया है।
सूत्रों ने आज बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. राजीव ढाका की ओर से पुलिस में दी गई रिपोर्ट में 16 अप्रैल से अब तक मोदी विश्वविद्यालय में 68 से अधिक पॉजिटिव मिले चुके हैं। प्रशासन ने संस्थान प्रबंधन को सरकारी गाइडलाइन की कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए। इसके बावजूद प्रबंधन ने कोरोना रोकथाम में कोई सहयोग नहीं किया बल्कि लापरवाही भी बरतते हुए कोरोना संक्रमित छात्राओं को उनके घर भी भेज दिया, ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ गई।चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट पर पुलिस ने महामारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दरअसल जिला प्रशासन ने मोदी विश्वविद्यालय प्रबंधन को कोविड प्रभावित छात्रों को उपचार के लिए सांवली अस्पताल भेजने के निर्देश दिए थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने हॉस्टल में कोविड के तहत क्वाॅरंटीन करने का दावा किया। लेकिन जांच में आया कि 68 से अधिक छात्राएं विभिन्न जिलों एवं राज्यों के लिए चुपके से रवाना कर दी गई। जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन को पता होने के बावजूद भी प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी गई।

फेसबुक-व्हाट्सएप की दायर याचिका को खारिज किया

अकांशु उपाध्याय                          
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज प्रतिस्पर्द्धा आयोग के जांच के आदेश के खिलाफ फेसबुक और व्हाट्सएप की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है। अब व्हाट्स ऐप और फेसबुक के खिलाफ प्रतिस्पर्धा आयोग की जांच जारी रहेगी। जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने पिछले 13 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
 सुनवाई के दौरान व्हाट्स ऐप की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा था कि व्हाट्स ऐप की प्राईवेसी पॉलिसी पर प्रतिस्पर्द्धा आयोग को आदेश देने का क्षेत्राधिकार नहीं है। इस मामले पर सरकार को फैसला लेना है। उन्होंने कहा था कि व्हाट्स ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी यूजर्स को ज्यादा पारदर्शिता उपलब्ध कराना है। इस पॉलिसी से व्यावसायिक सेवाओं का बेहतर उपयोग करने की सुविधा है। व्हाट्स ऐप की व्यावसायिक सेवा अलग है जो फेसबुक से लिंक की गई है। उन्होंने कहा था कि व्हाट्स ऐप किसी यूजर की निजी बातचीत को नहीं देखता है। नई प्राईवेसी पॉलिसी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
 फेसबुक की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि यह फेसबुक और व्हाट्स ऐप की संयुक्त नीति नहीं है। ऐसे में प्रतिस्पर्द्धा आयोग का फेसबुक के खिलाफ फैसला देना बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा था कि ये मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, ऐसे में प्रतिस्पर्द्धा आयोग को आदेश देने का कोई क्षेत्राधिकार नहीं है। उन्होंने प्रतिस्पर्द्धा आयोग के आदेश पर रोक लगाने की मांग की।

18 वर्ष से ऊपर के लोगों को लगेगा निशुल्‍क टीका

भोपाल। मध्‍य प्रदेश में मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिमण्‍डल की बुधवार को हुई अहम बैठक में निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को राज्‍य सरकार की ओर से निशुल्‍क कोरोना टीका लगाया जाएगा। यह वैक्‍सीनेशन एक मई से शुरू होगा। 
इस संदर्भ में सीएम शिवराज ने एक ट्वीट भी किया और लिखा कि '' पीएम ने राहत भरी सौगात दी है। 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के नागरिकों को भी टीका लगाया जाएगा। भारत सरकार की डीटेल्ड गाइडलाइन आएगी लेकिन मध्यप्रदेश में 18 साल से ज़्यादा की उम्र वालों को भी निशुल्क ही टीका लगाया जाएगा। टीकाकरण को व्यापक गति देना है। #कोविड-19,'' । इसी के साथ इस अहम बैठक में अपने मंत्री सहयोगियों को मुख्‍यमंत्री शिवराज ने नए सिरे से कोविड-19 नियंत्रण के लिए जिम्‍मेदारियों का बंटवारा किया। 
उन्‍होंने एक अन्‍य ट्वीट भी किया जिसमें बताया ''उन्‍होंने कहा कि सागर ज़िले की बीना रिफायनरी ने ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की है। ऑक्सीजन का परिवहन न करना पड़े इसके लिए रिफायनरी प्लांट के पास ही 1,000 बिस्तर का अस्पताल बनाना प्रारम्भ कर दिया गया है।
मुख्‍यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कोविड संक्रमण की रोकथाम और कोविड-19 संक्रमित मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। इसके अंतर्गत ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश के लगभग सभी जिलों के जिला अस्पतालों में नये ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के साथ एयर सेपरेशन यूनिट की स्थापना और ऑक्सीजन प्रदाय की व्यवस्था की जा रही है। 
 केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के लिए स्वीकृत 8 ऑक्सीजन प्लांट में से चार ऑक्सीजन प्लांट खंडवा, उज्जैन, शिवपुरी और सिवनी जिले में शुरू हो गये हैं। दो प्लांट मंदसौर और जबलपुर में अगले 2 दिन में और रतलाम, मुरैना जिले में अगले एक सप्ताह में शुरू हो जायेंगे।

ऑक्सीजन उत्पादन करने वाली कंपनी को नोटिस जारी

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। आदेश के बाद भी एक निजी कंपनी द्वारा दिल्ली सरकार को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं किए जाने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए ऑक्सीजन उत्पादन करने वाली कंपनी आईनॉक्स को नोटिस जारी कर यह बताने के लिए कहा है, कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए।
जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की बेंच ने 19 अप्रैल को आईनॉक्स से तत्काल प्रभाव से दिल्ली सरकार से हुए समझौते के तहत 140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति बहाल करने के आदेश दिए थे। अब दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने बेंच को बताया कि कंपनी ने ऑक्सीजन आपूर्ति बहाल करने के आदेश का पालन नहीं किया है और इस वजह से अस्पतालों में कोरोना से पीड़त मरीजों के लिए ऑक्सीजन की काफी कमी हो गई है।
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से सैकड़ों कोरोना पीड़ित मरीजों की जान खतरे में है। मेहरा ने बेंच को बताया कि यदि कंपनी समय रहते ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू नहीं करती है तो न सिर्फ सैकड़ों मरीजों की जान जा सकती है। बल्कि इससे राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है।

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

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