गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

आवागमन पर किसी भी तरह की नहीं लगेगी पाबंदी

अकांशु उपाध्याय                   
नई दिल्ली। देश भर में कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार ने आज एक बड़ा कदम उठाते हुए सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से कहा है कि मेडिकल आक्सीजन के कंटेनरों के आवागमन पर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं लगायी जायेगी। केन्द्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत हासिल अधिकारों के तहत सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश दिया जाता है कि वे आक्सीजन ले जाने वाले वाहनों पर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं लगा सकते। राज्य सरकारों से कहा गया है कि उनके परिवहन प्राधिकारण आक्सीजन आपूर्ति करने वाले वाहनों पर किसी तरह की पाबंदी नहीं लगा सकते।साथ ही राज्य सरकार उनके यहां आक्सजीन का उत्पादन वाली कंपनियों पर यह पाबंदी भी नहीं लगा सकती कि वहां बनने वाली आक्सीजन दूसरे राज्य को नहीं दी जा सकती। कोई भी कंपनी उस राज्य में कहीं भी और दूसरे राज्य में कहीं भी ऑक्सीजन आपूर्ति करने के लिए स्वतंत्र है। औद्योगिकी इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन के इस्तेमाल पर पहले ही पाबंदी है और केवल नौ उद्योगों को ही आक्सीजन के इस्तेमाल में छूट दी गयी है।
केन्द्रीय गृह सचिव ने कहा है कि जिला मजिस्ट्रेट , उप आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक , पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस उपायुक्त की जिम्मेदारी है कि वे इन निर्देशों पर अमल सुनिश्चित करे। कुछ राज्यों द्वारा दूसरे देश में आक्सजीन के आवागमन पर पाबंदी लगाये जाने की खबरों के बाद यह कदम उठाया गया है।

व्यापारिक प्रतिष्ठानों को 6 बजे तक बंद करने का फैंसला

राणा ओबराय               
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने कोरोना के लगातार बढ़ रहे केसों को देखते हुए शुक्रवार से प्रदेश के सभी बाजार तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों को शाम छह बजे बंद करने का फैसला किया है। इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों को सूचित कर दिया गया है। 
हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई राज्य स्तरीय कोरोना मॉनिटरिंग कमेटी के अध्यक्ष एवं गृहमंत्री अनिल विज ने गुरुवार को बताया कि कोरोना पर काबू पाने के लिए सख्त कदम उठाने अनिवार्य हैं। जिसके चलते आज की बैठक में फैसला लिया गया है कि शुक्रवार से प्रदेश के सभी शहरों तथा कस्बों में बाजार शाम छह बजे बंद कर दिए जाएंगे। जिससे मार्केट में भीड़ आदि जमा नहीं होगी। 
विज ने कहा कि इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा गैरजरूरी भीड़ को जमा होने से रोका जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों द्वारा शाम के समय कोरोना गाइडलाइन के साथ जरूरी कार्य किए जाएंगे उन्हें पहले संबंधित एसडीएम की मंजूरी लेनी होगी। विज ने कहा कि कोरोना को लेकर रोजाना रिव्यू किया जा रहा है। अभी प्रदेश में लॉकडाउन जैसी स्थिति नहीं है लेकिन कोरोना पर काबू पाने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। जिसके चलते मार्केट को शाम छह बजे बंद करने का फैसला लिया गया है।

कोलकाता एचसी ने चुनाव आयोग को लगाईं फटकार

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोरोना प्रकोप के बावजूद नेताओं की जनसभा और रोड शो पर पाबंदी लगाने में विफल चुनाव आयोग को कोलकाता हाई कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश टीवीएन राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान चुनाव आयोग शेषन द्वारा किए गए कार्यों का एक हिस्सा भी करके दिखाएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि अब हमें ही टीएन शेषन का काम करना होगा। 
 दरअसल, पश्चिम बंगाल में भी कोरोना लगभग बेकाबू हाे रहा है। राज्य में कोराेना के रोजाना लगभग 10 हजार के करीब मामले सामने आ रहे हैं। इस पर हाई कोर्ट ने आयोग से कड़े कदम उठाने को कहा था, लेकिन 16 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक के बाद चुनाव आयोग ने केवल एक गाइडलाइन जारी कर कोरोना का पालन करने को कहा था। इसी मामले में सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि केवल सर्कुलर जारी कर चुनाव आयोग अपनी भूमिका से पल्ला नहीं झाड़ सकता। उनके पास पूरे अधिकार हैं और क्षमता भी लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। चुनाव आयोग के पास क्विक रिस्पांस टीम है और पूरे अधिकार भी। कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद नहीं हैं। इसीलिए कोई आदेश नहीं दिया जा रहा लेकिन राज्यभर के सभी अधिकारियों को महामारी रोकथाम के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराना होगा।

मेडिकल कॉलेज में कोविड वार्ड को पोलिंग बूथ में बदला

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोरोना की दूसरी लहर के बीच जारी विधानसभा चुनाव पर पहले ही सवाल उठ रहे हैं। राज्य से एक बड़ी ही लापरवाही भरी खबर सामने आई है। राज्य में आज छठे चरण का मतदान हो रहा है और इसके लिए रायगंज के एक मेडिकल कॉलेज में कोविड वॉर्ड को पोलिंग बूथ में बदल दिया गया। इससे गुस्सा इंदिरा कॉलोनी के स्थानीय लोगों ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शनकारी स्थानीय लोगों का कहना है कि कोविड वॉर्ड को पोलिंग बूथ बनाए जाने से उनके कोरोना संक्रमित होने का खतरा है।
दैनिक हिंदुस्तान में छपी खबर के अनुसार एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हम अपना वोट नहीं डाल सकते क्योंकि यह असुरक्षित है। हमें नहीं पता कि उस जगह को सैनेटाइज किया भी गया या नहीं, हम अंदर नहीं जाएंगे। हमारे ऊपर भी परिवार की जिम्मेदारी है। सरकार कोविड-19 के नियमों को लेकर भाषण दे रही है और फिर हमसे ऐसी जगहों पर मतदान करवा रही है। हमें नया बूथ चाहिए।’ स्थानीय निवासियों ने विरोध में कई घंटे तक सड़क को ब्लॉक कर के रखा। प्रदर्शन बढ़ता देख प्रशासन ने बूथ को सैनेटाइज किया।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटों के अंदर कोरोना वायरस के 10 हजार 784 नए मामले आए हैं। वहीं, 5 हजार 616 मरीज ठीक हो गए हैं। कोरोना के कारण इस दौरान 58 मरीजों ने दम तोड़ा है। राज्य में अभी कोरोना के 63 हजार 496 ऐक्टिव मामले हैं। 

पदाधिकारियों ने डीएम शंकर पांडेय के साथ की बैठक

अश्वनी उपाध्याय            
गाजियाबाद। जनपद में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखकर बुधवार को आईएमए एवं नर्सिंग होम एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय के साथ वर्चुअल मीटिंग की। दोनों संस्थाओं ने जिलाधिकारी को विश्वास दिलाया कि वह जिला प्रशासन के साथ संयुक्त रूप से मिलकर इस महामारी को परास्त करेंगे। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने विभिन्न निर्णय लिए। डीएम ने टास्क फोर्स समिति का गठन किया है। टास्क फोर्स में अपर जिलाधिकारी (नगर) गाजियाबाद, डॉ. शरद गुप्ता, डॉ. आशीष कुमार, डॉ. सतबीर सिंह व डॉ. राकेश कुमार गुप्ता को शामिल किया गया है। टास्क फोर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वह निजी क्षेत्र के अस्पतालों और सरकार के बीच समन्वय बनाए रखेंगे और समस्याओं का निस्तारण कराएंगे।बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद में ऑक्सीजन की उपलब्धता के संबंध में समीक्षा की। समीक्षा में पाया कि जनपद में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। सिर्फ एक-दो जगह निजी अस्पतालों में यह समस्या उत्पन्न हुई है। उन्होंने अपनी मांग से ज्यादा ऑक्सीजन की उपलब्धता के संबंध में मरीजों को देखते हुए मांग की। इस संबंध में सभी निजी क्षेत्रों के अस्पतालों की मांग को निर्धारित कराया जा रहा है। जिससे ऑक्सीजऩ की उपलब्धता बराबर बनी रहे।

देश के नागरिकों व सरकारों से एकजुट होने की अपील

अकांशु उपाध्याय                     
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए पूरे देश के नागरिकों और सभी सरकारों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि सभी लोग मिल कर आपदा से लड़ेंगे, तभी भारत बचेगा। केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि अगर हम मिलकर लड़े, तो हमारे सारे संसाधन एक साथ इस्तेमाल होंगे और हमारी ताकत बढ़ेगी। लेकिन हम बंट गए, तो हमें कोई नहीं बचा पाएगा। उन्होंने कहा, हम सभी राज्यों की मदद को तैयार हैं। दिल्ली के पास ज्यादा ऑक्सीजन और दवाई होगी, तो दूसरे राज्यों को देंगे। कोरोना कम होने पर दूसरे राज्यों में जरूरत पड़ने पर अपने डाॅक्टरों को भी भेजेंगे। मुझे उम्मीद है कि हम अपने देशवासियों और सभी राज्यों की मदद करेंगे और कोरोना को हराने के लिए एक भारत बन कर काम करेंगे। हमें पूरी दुनिया को दिखाना है कि विश्व में सबसे ज्यादा कोविड मामले होने के बावजूद भारत के लोगों और सरकारों ने कैसे मिल कर लड़ा और कोरोना को हराया।मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार हर राज्य को ऑक्सीजन का कोटा तय करती है। देशभर में जितनी भी ऑक्सीजन बनती है। केंद्र सरकार तय करती है कि किस राज्य को कितनी ऑक्सीजन मिलेगी। मौजूदा हालात में दिल्ली को कितनी ऑक्सीजन चाहिए? दिल्ली सरकार ने अपना एक आंकलन लगाया, जिसके हिसाब से दिल्ली को रोजाना 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है। केंद्र सरकार ने हमारा कोटा कल तक 378 टन तय किया हुआ था।
केंद्र सरकार ने यह कोट कल शाम को बढ़ाकर 480 टन कर दिया है। इसके लिए हम केंद्र सरकार के बहुत-बहुत आभारी हैं। हालांकि हमें अभी और भी काफी ऑक्सीजन चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार ने कोटा जितना भी बढ़ाया है, उसके लिए हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं। श्री केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार यह भी तय करती है कि जो आपके कोटे की ऑक्सीजन है, वह कौन सी कंपनी देगी। जैसे- दिल्ली में ऑक्सीजन नहीं बनती है। दिल्ली की सारी ऑक्सीजन दिल्ली के बाहर के दूसरे राज्यों से राज्यों से आती है।
केंद्र सरकार तय करती है कि इस राज्य की यह कंपनी आपको इतने किलो ऑक्सीजन देगी। उदाहरण स्वरूप राजस्थान की यह कंपनी की आपको इतने किलो ऑक्सीजन देगी और हरियाणा की कंपनी इतने किलो ऑक्सीजन देगी। इस तरह केंद्र सरकार कंपनियां तय करती है कि किस कंपनी से दिल्ली को अपने कोटे की ऑक्सीजन आएगी।
अब दूसरी समस्या यहां पर आ रही है कि यह जो कंपनियां, जिन राज्यों में हैं, उनमें से कुछ राज्यों की सरकारों ने उन कंपनियों से, जिनमें से दिल्ली के कोटे की ऑक्सीजन आनी थी, वो भेजनी बंद कर दी। राज्यों ने कहा कि पहले हम अपने राज्य में इस्तेमाल करेंगे। दिल्ली का कोटा भी हम इस्तेमाल करेंगे। दिल्ली के जो ट्रक हैं वह जाने नहीं देंगे।

बंगाल को दिल्ली के 'दो गुंडों' के हाथों में नहीं जाने देंगें

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हर समय एक राष्ट्र, एक पार्टी, एक नेता चिल्लाती रहती है, लेकिन लोगों की जान बचाने के लिए टीके की एक कीमत तय नहीं कर सकती। बनर्जी ने ट्विटर पर कहा कि भाजपा हर समय एक राष्ट्र, एक पार्टी और एक नेता चिल्लाती रहती है लेकिन लोगों की जिंदगी बचाने के लिए टीके की एक कीमत तय नहीं कर सकती। हर भारतीय को उम्र, जाति, पंथ, स्थान की परवाह किए बिना मुफ्त वैक्सीन की आवश्यकता होती है। भारत सरकार को कोविड-19 वैक्सीन के लिए एक मूल्य तय करना चाहिए, चाहे केन्द्र या राज्य कोई भी इसके लिए भुगतान करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की राज्य में एक बार फिर से लॉकडाउन लगाने की अभी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी लॉकडाउन लगाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। ऐसा करने से लोग अपनी आजीविका कैसे चलायेंगे। रात्रि कर्फ्यू भी इसका कोई समाधान नहीं है।
बनर्जी ने दक्षिण दिनाजपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें राजनीति का अच्छा खासा अनुभव है और वह बंगाल को दिल्ली के “दो गुंडों” के हाथों में नहीं जाने देंगें। मैं कोई खिलाड़ी नहीं हूँ, लेकिन मैं यह अच्छी तरह से जानती हूँ कि कैसे खेलना चाहिए। मैं इससे पहले लोकसभा में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी थी। हम दिल्ली के दो गुंडों के समक्ष बंगाल का आत्मसमर्पण नहीं करा सकते। इस बीच तृणमूल कांग्रेस महासचिव और राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी क्या आप परेशान लोगों का राेना नहीं सुन सकते। यह वही भारत है, जिसने आपको वोट दिया था और अब वह सांस लेने के लिए तड़प रहा है।

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...