मंगलवार, 20 अप्रैल 2021
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विश्व में संक्रमितों की संख्या-14,20,97,803 हुई
या देवी सर्वभूतेषु सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता: नवरात्रि
माँ दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्र-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में कुछ भी उसके लिए अगम्य नहीं रह जाता है। ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है।
मार्कंडेय के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व- ये आठ सिद्धियाँ होती हैं। ब्रह्मावैवर्त पुराण के श्रीकृष्ण जन्म खंड में यह संख्या अठारह बताई गई है। इनके नाम इस प्रकार हैं- माँ सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियाँ प्रदान करने में समर्थ हैं। देवीपुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी अनुकम्पा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वे लोक में 'अर्द्धनारीश्वर' नाम से प्रसिद्ध हुए। माँ सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। इनका वाहन सिंह है। ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं। इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प है। प्रत्येक मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वह माँ सिद्धिदात्री की कृपा प्राप्त करने का निरंतर प्रयत्न करे। उनकी आराधना की ओर अग्रसर हो। इनकी कृपा से अनंत दुख रूप संसार से निर्लिप्त रहकर सारे सुखों का भोग करता हुआ वह मोक्ष को प्राप्त कर सकता है।
नवदुर्गाओं में
नवदुर्गाओं में माँ सिद्धिदात्री अंतिम हैं। अन्य आठ दुर्गाओं की पूजा उपासना शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार करते हुए भक्त दुर्गा पूजा के नौवें दिन इनकी उपासना में प्रवत्त होते हैं। इन सिद्धिदात्री माँ की उपासना पूर्ण कर लेने के बाद भक्तों और साधकों की लौकिक, पारलौकिक सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति हो जाती है। सिद्धिदात्री माँ के कृपापात्र भक्त के भीतर कोई ऐसी कामना शेष बचती ही नहीं है, जिसे वह पूर्ण करना चाहे। वह सभी सांसारिक इच्छाओं, आवश्यकताओं और स्पृहाओं से ऊपर उठकर मानसिक रूप से माँ भगवती के दिव्य लोकों में विचरण करता हुआ उनके कृपा-रस-पीयूष का निरंतर पान करता हुआ, विषय-भोग-शून्य हो जाता है। माँ भगवती का परम सान्निध्य ही उसका सर्वस्व हो जाता है। इस परम पद को पाने के बाद उसे अन्य किसी भी वस्तु की आवश्यकता नहीं रह जाती। माँ के चरणों का यह सान्निध्य प्राप्त करने के लिए भक्त को निरंतर नियमनिष्ठ रहकर उनकी उपासना करने का नियम कहा गया है। ऐसा माना गया है कि माँ भगवती का स्मरण, ध्यान, पूजन, हमें इस संसार की असारता का बोध कराते हुए वास्तविक परम शांतिदायक अमृत पद की ओर ले जाने वाला है। विश्वास किया जाता है कि इनकी आराधना से भक्त को अणिमा, लधिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, सर्वकामावसायिता, दूर श्रवण, परकामा प्रवेश, वाकसिद्ध, अमरत्व भावना सिद्धि आदि समस्त सिद्धियों नव निधियों की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा गया है कि यदि कोई इतना कठिन तप न कर सके तो अपनी शक्तिनुसार जप, तप, पूजा-अर्चना कर माँ की कृपा का पात्र बन सकता ही है। माँ की आराधना के लिए इस श्लोक का प्रयोग होता है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में नवमी के दिन इसका जाप करने का नियम है।
स्तुति
अर्थ
हे माँ! सर्वत्र विराजमान और माँ सिद्धिदात्री के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे अपनी कृपा का पात्र बनाओ।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
सोमवार, 19 अप्रैल 2021
सेना वापसी के बाद सुरक्षा से पल्ला झाड़ा: अमेरिका
वाशिंगटन डीसी। वर्षो तक अफगानिस्तान की सुरक्षा में लगे रहे अमेरिका ने अब सेना वापसी के बाद की सुरक्षा से अपना पल्ला झाड़ लिया है। अमेरिका ने कहा है कि सेना वापसी के बाद अफगानिस्तान की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं ले सकता है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जैक सुलीवान से फॉक्स न्यूज के कार्यक्रम में यह सवाल किया गया कि 2011 में जब इराक से अमेरिकी सेना वापसी के बाद इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने कब्जा कर लिया था। तब राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दोबारा सेना भेजी थी। अफगानिस्तान में सेना वापसी के बाद ऐसी परिस्थितियों पर अमेरिका क्या करेगा। एनएसए जैक सुलीवान ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन की दोबारा सेना भेजने की कोई मंशा नहीं है। कोई भी सेना वापसी के बाद सुरक्षा की गारंटी नहीं ले सकता। हमने अफगानिस्तान को सक्षम बनाने में पूरी तरह मदद की है। उनके सुरक्षा बलों को ताकत बढ़ाने के लिए संसाधन उपलब्ध कराए हैं। उपकरण देकर क्षमता में वृद्धि की है, प्रशिक्षण भी दिया है। यह समय अब सुरक्षा बलों की वापसी का है। यहां के लोगों को अपनी सुरक्षा के बारे में खुद कदम बढ़ाने होंगे। अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा है कि अफगानिस्तान अपनी सुरक्षा करने में सक्षम है।
भाजपा के टिकट पर चुनाव, फिर कांग्रेस में वापसी
सिरसा। जिलें में कांग्रेस का कुनबा बढ़ सकता है। वर्ष 2014 में पूर्व मंत्री जगदीश नेहरा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने 2014 का विधानसभा चुनाव रानियां विधानसभा से भाजपा के टिकट पर लड़ा था। पूर्व मंत्री जगदीश नेहरा के पुत्र सुरेंद्र नेहरा एक बार फिर कांग्रेस में घर वापसी करने जा रहे हैं।
निजी सुत्रो के अनुसार, मंगलवार को गुरुग्राम में कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा और प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल की मौजूदगी में सुरेंद्र नेहरा कांग्रेस का दामन थामेंगे।
स्मरण रहे जगदीश नेहरा हरियाणा के कद्दावर नेता रहे हैं और कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों में शिक्षा और सिंचाई मंत्रालय का कार्यभार संभाल चुके हैं।
'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला
'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला इकबाल अंसारी नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...
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उपचुनाव: 9 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी संदीप मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतगणना जारी है। यूपी कीे क...
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