रविवार, 18 अप्रैल 2021

पीएम ने महामारी से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की और कोरोना से बचाव के एहतियाती उपायों तथा 45 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों के टीकाकरण की जरूरत पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया और कोरोना से बचाव तथा कोरोना संक्रमित मरीजों के समुचित उपचार के लिए टेस्टिंग, बेड, दवाइयाँ, वैक्सिीन, तथा स्वास्थ्यकर्मियों की जरूरत आदि की जानकारी ली। उन्होंने जनता को हर संभव सहायता त्वरित रूप से उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये। चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने इस बात पर विशेष रूप से जोर दिया कि दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी का पालन सभी लोगों द्वारा किया जाये। प्रधानमंत्री ने वैक्सीनेशन अभियान के महत्त्व पर बल देते हुए कहा की प्रशासन 45 साल से ज्यादा की उम्र के सभी लोगों को इस हेतु जागरूक करें। उन्होंने प्रशासन को भी पूरी संवेदनशीलता से वाराणसी के लोगों की संभव सहायता करने के लिए कहा।
मोदी ने देश के सभी डॉक्टरों, सभी मेडिकल स्टाफ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस संकट की घडी में भी वह अपने कर्त्तव्य का निष्ठापूर्ण पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें पिछले साल के अनुभवों से सीखते हुए सतर्क रहकर आगे बढ़ना है। उन्होंने बताया कि वाराणसी के प्रतिनिधि के रूप में वह आम जनता से भी निरंतर फीडबैक ले रहे हैं।
वाराणसी में पिछले 5-6 वर्षों में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और आधुनिकीकरण से कोरोना से लड़ने में सहायता मिली है। इसके साथ वाराणसी में बेड्स, आईसीयू और ऑक्सिजन की उपलब्धता को बढ़ाया जा रहा है। मरीजों की बढ़ी हुई संख्या से उत्पन्न दबाव को देखते हुए हर स्तर पर प्रयास बढाने की जरुरत पर भी प्रधनमंत्री ने विशेष बल दिया।   उन्होंने कहा कि जिस तरह वाराणसी प्रशासन ने तेजी के साथ ‘काशी कोविड रिस्पोन्स सेन्टर’ स्थापित किया है, वैसी ही तेजी हर कार्य में लायी जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने ‘टेस्ट, ट्रेक और ट्रीट’ पर जोर देते हुए कहा कि पहली लहर की तरह ही वायरस से जीतने के लिए यही रणनीति अपनानी होगी। उन्होंने संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोगों और जांच रिपोर्ट को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने पर भी बल दिया।

बंगाल: राहुल ने प्रचार की सभी चुनावी रैलियां रद्द की

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में होने वाली अपनी सभी चुनावी रैलियां रविवार को रद्द कर दीं। उन्होंने सभी अन्य नेताओं को बड़ी जन सभाएं करने के परिणामों के बारे में सोचने की सलाह दी। गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 हालात के मद्देनजर, मैं पश्चिम बंगाल में अपनी सभी रैलियां स्थगित कर रहा हूं। मैं सभी नेताओं को सलाह देना चाहता हूं कि वे मौजूदा परिस्थितियों में बड़ी जनरैलियां आयोजित करने के परिणामों के बारे में गहराई से विचार करें।’’

देश में कोरोना वायरस से बढ़ते मामलों के बीच रैलियां करने के लिए कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना करती रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महामारी से निपटने के बजाए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचार करके स्तब्ध करने वाली संवेदनहीनता का परिचय दे रहे हैं।चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री को दिल्ली में रहकर अपना काम करना चाहिए और मुख्यमंत्रियों के साथ समन्वय बनाकर कोरोना वायरस से निपटना चाहिए।

प्रधानमंत्री आठ चरणीय पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में जनरैलियों को संबोधित कर रहे हैं। भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। देश में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 2,61,500 नए मामले सामने आने के साथ कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 1,47,88,109 पर पहुंच गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक उपचाराधीन मामले 18 लाख के पार पहुंच गए हैं। मंत्रालय द्वारा सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक, 1,501 संक्रमितों की मौत होने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,77,150 पर पहुंच गई।

बढ़ते मामलों के कारण जेईई-मेन्स को किया स्थगित

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने रविवार को बताया कि 27 से 30 अप्रैल के बीच होने वाली इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जेईई-मेन्स को कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण स्थगित कर दिया गया है। निशंक ने ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 संबंधी मौजूदा हालात के मद्देनजर, मैंने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक को जेईई (मेन्स)- अप्रैल सत्र स्थगित करने की सलाह दी है।  उन्होंने कहा,  मैं यह दोहराना चाहता हूं कि हमारे छात्रों की सुरक्षा और उनका अकादमिक करियर बचाना मेरी और शिक्षा मंत्रालय की प्राथमिकता है। एनटीए के आधिकारिक आदेश में कहा गया है। कोविड-19 संबंधी मौजूदा हालात और परीक्षार्थियों एवं परीक्षा संबंधी पदाधिकारियों की सुरक्षा एवं कुशलता को ध्यान में रखते हुए जेईई-(मेन्स) अप्रैल सत्र को स्थगित करने का फैसला किया गया है। आदेश में कहा गया, संशोधित तारीखों की घोषणा बाद में और परीक्षा से कम से कम 15 दिन पहले की जाएगी।गौरतलब है कि इस वर्ष से छात्रों की सुविधा के लिये यह प्रवेश परीक्षा साल में चार बार आयोजित की जायेगी और छात्रों को अपना स्कोर बेहतर करने का एक मौका मिल सकेगा। इसके तहत पहला सत्र फरवरी में आयोजित किया गया था और मार्च में दूसरा सत्र। अगला सत्र अप्रैल एवं मई में आयोजित होना था। पहले सत्र में 6.2 लाख उम्मीदवार उपस्थित हुए थे। जबकि परीक्षा के दूसरे सत्र मे 5.5 लाख छात्र बैठे थे।
इस सप्ताह में सीबीएसई ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को रद्द कर दिया था जबकि 12वीं कक्षा की परीक्षा को स्थगित कर दिया था। इसी प्रकार से सीआईएससीई बोर्ड एवं कई राज्यों के बोर्ड ने या तो परीक्षा रद्द कर दी या स्थगित कर दिया। गौरतलब है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के रविवार के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोविड-19 संक्रमण के एक दिन में 2,61,500 मामले दर्ज किये गए और कुल मामला 1,47,88,109 हो गसा। देश में सक्रिय मामलों की संख्सर 18 लाख को पार कर गई है।

देश में कोरोना के 2,61,500 नए मामलें सामने आएं

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 2,61,500 नए मामले सामने आने के साथ कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 1,47,88,109 पर पहुंच गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक उपचाराधीन मामले 18 लाख के पार पहुंच गए हैं। मंत्रालय द्वार सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक 1,501 संक्रमितों की मौत होने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,77,150 पर पहुंच गई। संक्रमण के मामलों में लगातार 39वें दिन वृद्धि हुई है। देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 18,01,316 हो गई है। जो संक्रमण के कुल मामलों का 12.18 प्रतिशत है। जबकि, संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की दर गिरकर 86.62 प्रतिशत रह गई है। आंकड़ों के मुताबिक इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,28,09,643 हो गई है और मृत्यु दर गिरकर 1.20 प्रतिशत हो गई है। भारत में कोविड-19 के मामले पिछले साल सात अगस्त को 20 लाख की संख्या पार कर गए थे। इसके बाद संक्रमण के मामले 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के पार चले गए थे।
वैश्विक महामारी के मामले 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ से अधिक हो गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक, 17 अप्रैल तक 26,65,38,416 नमूनों की जांच की जा चुकी है जिनमें से 15,66,394 नमूनों की जांच शनिवार को की गई।

या देवी सर्वभू‍तेषु 'कालरात्रि' रूपेण संस्थिता: नवरात्रि

माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। दुर्गा पूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है। इस दिन साधक का मन 'सहस्रार' चक्र में स्थित रहता है। इसके लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है। देवी कालात्रि को व्यापक रूप से माता देवी - काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृित्यू, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है। रौद्री और धुमोरना देवी कालात्री के अन्य कम प्रसिद्ध नामों में हैं। माना जाता है कि देवी के इस रूप में सभी राक्षस,भूत, प्रेत, पिसाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है। जो उनके आगमन से पलायन करते हैं |यह ध्यान रखना जरूरी है कि नाम, काली और कालरात्रि का उपयोग एक दूसरे के परिपूरक है। हालांकि, इन दो देवीओं को कुछ लोगों द्वारा अलग-अलग सत्ताओं के रूप में माना गया है। डेविड किन्स्ले के मुताबिक, काली का उल्लेख हिंदू धर्म में लगभग 600 ईसा के आसपास एक अलग देवी के रूप में किया गया है। कालानुक्रमिक रूप से, कालरात्रि महाभारत में वर्णित, 600 ईसा पूर्व - 300 ईसा के बीच वर्णित है। जो कि वर्त्तमान काली का ही वर्णन है। सिल्प प्रकाश में संदर्भित एक प्राचीन तांत्रिक पाठ, सौधिकागम, देवी कालरात्रि का वर्णन रात्रि के नियंत्रा रूप में किया गया है। सहस्रार चक्र में स्थित साधक का मन पूर्णतः माँ कालरात्रि के स्वरूप में अवस्थित रहता है। उनके साक्षात्कार से मिलने वाले पुण्य (सिद्धियों और निधियों विशेष रूप से ज्ञान, शक्ति और धन) का वह भागी हो जाता है। उसके समस्त पापों-विघ्नों का नाश हो जाता है और अक्षय पुण्य-लोकों की प्राप्ति होती है।

वर्णन

इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र हैं। ये तीनों नेत्र ब्रह्मांड के सदृश गोल हैं। इनसे विद्युत के समान चमकीली किरणें निःसृत होती रहती हैं।

कालरात्रि का रक्तपान

माँ की नासिका के श्वास-प्रश्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएँ निकलती रहती हैं। इनका वाहन गर्दभ (गदहा) है। ये ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वरमुद्रा से सभी को वर प्रदान करती हैं। दाहिनी तरफ का नीचे वाला हाथ अभयमुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में लोहे का काँटा तथा नीचे वाले हाथ में खड्ग (कटार) है।

महिमा

माँ कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है।लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं। इसी कारण इनका एक नाम 'शुभंकारी' भी है। अतः इनसे भक्तों को किसी प्रकार भी भयभीत अथवा आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है। माँ कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं। दानव, दैत्य, राक्षस, भूत, प्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं। ये ग्रह-बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं। इनके उपासकों को अग्नि-भय, जल-भय, जंतु-भय, शत्रु-भय, रात्रि-भय आदि कभी नहीं होते। इनकी कृपा से वह सर्वथा भय-मुक्त हो जाता है।

माँ कालरात्रि के स्वरूप-विग्रह को अपने हृदय में अवस्थित करके मनुष्य को एकनिष्ठ भाव से उपासना करनी चाहिए। यम, नियम, संयम का उसे पूर्ण पालन करना चाहिए। मन, वचन, काया की पवित्रता रखनी चाहिए। वे शुभंकारी देवी हैं। उनकी उपासना से होने वाले शुभों की गणना नहीं की जा सकती। हमें निरंतर उनका स्मरण, ध्यान और पूजा करना चाहिए।

नवरात्रि दिवस

नवरात्रि की सप्तमी के दिन माँ कालरात्रि की आराधना का विधान है। इनकी पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है व दुश्मनों का नाश होता है, तेज बढ़ता है। प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में सातवें दिन इसका जाप करना चाहिए।

मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और कालरात्रि के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे पाप से मुक्ति प्रदान कर।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण   
1. अंक-245 (साल-02)
2. सोमवार, अप्रैल 19, 2021
3. शक-1984,चैत्र, कृष्ण-पक्ष, तिथि- सप्तमी, विक्रमी सवंत-2078। छटा रोजा, सहरी 04:33, इफ्तार 06:49। 06 रमजान, हिजरी 1442।
4. सूर्योदय प्रातः 06:20, सूर्यास्त 06:50।
5. न्‍यूनतम तापमान -14 डी.सै., अधिकतम-38+ डी.सै.।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
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कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...