अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। दूसरी लहर ने पूरे देश में तबाही मचा है दी है और ऐसा पहली बार है। जब भारत में एक दिन में 2.60 लाख से अधिक कोरोना के केस सामने आए हैं। कोरोना की बढ़ती इस भयावह रफ्तार को देखते हुए एक बार फिर से देश में लॉकडाउन की आहट सुनाई देने लगी है। फिलहाल, देश की करीब 57 फीसदी आबादी पाबंदियों की जद में है। मगर जिस तरह से कोरोना बेलगाम हो चुका है। ऐसे में सरकार के पास एकमात्र विकल्प लॉकडाउन बचता है। हालांकि, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि देश में जल्दबाजी में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा और फिलहाल ऐसी स्थिति भी नहीं दिख रही है।
दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक इंटरव्यू में अमित शाह से जह पूछा गया कि पिछले साल की तरह, कोरोना को नियंत्रित करने के लिए क्या लॉकडाउन ही विकल्प है? शाह ने कहा- हम कई स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा कर रहे हैं। शुरू में लॉकडाउन का उद्देश्य अलग था। हम बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और उपचार की रेखा तैयार करना चाहते थे। तब हमारे पास कोई दवा या टीका नहीं था। अब स्थिति अलग है। फिर भी, हम मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर रहे हैं। आम सहमति जो भी हो, हम उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे। मगर जलदबाज़ी में लॉकडाउन करने जैसी स्थिति नहीं दिख रही।
एक अन्य सवाल में शाह से पूछ गया कि- इससे पहले कोरोना की पहली लहर के दौरान कई पहल हुईं।आपातकाल वाली चीजें अब क्यों नहीं है? इसपर वह बोले- यह सच नहीं है। मुख्यमंत्रियों के साथ दो बैठकें हुईं और मैं भी मौजूद था। अभी, राज्य के राज्यपालों के साथ एक बैठक हुई थी। सरकारों के समर्थन के लिए सामाजिक क्षेत्र में शेयरहोल्डर्स को आगे बढ़ाने के लिए हमारी बैठक हुई है। टीकाकरण के मोर्चे पर वैज्ञानिकों के साथ बात हुई है और चिकित्सा प्रोटोकॉल में सुधार के लिए एक बैठक हुई है। इससे लड़ने की तैयारी पूरी तरह से की जा रही है। इस समय संक्रमण की गति इतनी अधिक है कि यह लड़ाई थोड़ी मुश्किल है। लेकिन मुझे भरोसा है कि इस पर हमारी जीत होगी।
इंटरव्यू में गृहमंत्री से पूछा गया कि- कोरोना के नए वैरिएंट को अधिक भयानक बताया जा रहा है। क्या आप इसके बारे में चिंतित हैं? उन्होंने कहा कि- हर कोई चिंतित है। मुझे भी इसकी चिंता है। हमारे वैज्ञानिक इससे लड़ने के लिए काम कर रहे हैं। मुझे भरोसा है कि हम जीतेंगे। मुझे लगता है कि उछाल मुख्य रूप से वायरस के नए म्यूटेंट के कारण है। कई देशों में उछाल देखा जा रहा है। वैज्ञानिक इसका अध्ययन कर रहे हैं और इस पर एक निष्कर्ष समय से पहले होगा।