सोमवार, 5 अप्रैल 2021

बच्चों के संग परीक्षा पर चर्चा करेंगे पीएम मोदी

 अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को बच्चों के संग परीक्षा पर चर्चा करेंगे। पीएम मोदी ने खुद ट्वीट करके जानकारी दी कि 7 अप्रैल शाम 7 बजे परीक्षा पर चर्चा करूंगा। पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि दिलचस्प सवाल-जवाब व साथ ही बहादुर एग्जाम वैरिस, माता-पिता और शिक्षकों के साथ एक यादगार चर्चा होगीं तो जरूरी देंखे परीक्षा पर चर्चा। बता दें कि वैसे तो बच्चों के बोर्ड एग्जाम फरवरी-मार्च में शुरू हो जाते हैं लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्कूलों को एक बार फिर से बंद कर दिया गया है और हालात सामान्य होने पर बच्चों के एग्जाम होंगे।

भारत: 24 घंटों में मिलें 1,03,764 कोरोना संक्रमित

अकांंशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। देश में कोरोना के कहर ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। वर्ल्डोमीटर के मुताबिक रविवार रात तक 24 घंटों के दौरान मिले कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,03,764 पर पहुंच गई। महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक यह एक दिन में मिले कुल संक्रमितों की सर्वाधिक संख्या है। इससे पहले 16 सितंबर, 2020 को एक दिन में 97,894 नए मामले मिले थे, जो महामारी की पहली लहर का सर्वोच्च आंकड़ा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दौरान 24 घंटों में देश में 513 कोरोना मरीजों की मौत हुई। इसके साथ ही भारत अब अमेरिका के बाद ऐसा दूसरा देश बन गया है जहां एक दिन में कोरोना के एक लाख से ज्यादा मामले आए हों।
देश में कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार बनी हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दोगुना होने का समय अब घटकर 104 दिन रह गया है, जबकि एक मार्च को यह अवधि 504 दिन आंकी गई थी। इसके साथ ही कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश के भी जुड़ने से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों की श्रेणी में कुल 12 राज्य हो गए हैं। मंत्रालय ने कहा कि पिछले चौबीस घंटों के दौरान करीब 81 फीसदी आठ राज्यों महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात से हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 57,074 नए संक्रमण आए हैं। जबकि 5818 की संख्या के साथ छत्तीसगढ़ दूसरे और 4373 नए संक्रमणों के साथ कर्नाटक तीसरे नंबर पर है। दैनिक संक्रमणों की यह संख्या पिछले साल एक दिन की सर्वोच्च संक्रमण संख्या (पीक) 97 हजार के बेहद करीब है तथा एक-दो दिनों में उसे पार कर सकती है।

जंगलों की आग बुझाएंगा 'एयरफोर्स' का हेलीकॉप्टर

पंकज कपूर      
हल्द्वानी। उत्तराखंड के जंगल धू-धू कर जल रहे हैं। अभी तक लाखों की वन संपदा जलकर राख हो चुकी है जंगलों में लगी आग को काबू पाने में वन महकमा बेबस नजर आ रहा है। इसे देखते हुए अब केंद्र से हेलीकॉप्टर का सहारा लिया जा रहा है। इसी कड़ी में आज से कुमाऊं के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए एयर फोर्स का हेलीकॉप्टर मदद करेगा। जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अभियान पहाड़ों पर लगातार बढ़ रहे दावानल को देखते हुए अब एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर के जारिये जंगलों में लगी आग को बुझाया जाएगा। राज्य सरकार ने पहाड़ों में लगी आग बुझाने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी थी। जिसके बाद आज से कुमाऊं के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए केंद्र से भेजा गया एयर फोर्स का हेलीकॉप्टर मदद करेगा. आज से इस अभियान की शुरुआत होगी। पहाड़ों के जंगलों पर लगी आग को बुझाने के लिए एयर फोर्स का समन्वय करने की जिम्मेदारी तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार को सौंपी गई है। वो एयर फोर्स के जवानों के साथ इस अभियान में रहेंगे। डीएफओ संदीप कुमार एयर फोर्स के जवानों को जंगल में लगी आग से संबंधित जानकारी और जीपीएस लोकेशन के माध्यम से उपलब्ध कराएंगे। 

अवैध कच्ची शराब के साथ 17 अभियुक्त गिरफ्तार

हरिओम उपाध्याय         
सीतापुर। तापुर पुलिस अधीक्षक सीतापुर आर.पी. सिंह द्वारा अवैध शराब के निष्कर्षण, बिक्री व परिवहन के विरुद्ध अभियान चलाकर प्रभावी कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देश के अनुपालन के क्रम में जनपदीय पुलिस द्वारा कुल 375 लीटर अवैध शराब सहित 3 भट्ठी  के साथ 17 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अग्रिम विधिक कार्यवाहा की गयी। थाना महोली द्वारा 3 अभियुक्त के कब्जे से 70 ली. कच्ची शराब बरामद। जैलेश पत्नी लक्ष्मण निवासी रुसतम नगर अनिल कोरी पुत्र मंगू कोरी निवासी बम्भौरा 3.पिन्कू सक्सेना निवासी उरदौली थाना महोली जनपद सीतापुर के कब्जे से कुल 70 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद कर आबकारी अधिनियम पंजीकृत कर कार्यवाही की गयी। थाना बिसवां द्वारा 1 अभियुक्त के कब्जे से 40 ली. कच्ची शराब बरामद। 1.अयोध्या पुत्र जगदीश निवासी अमरनगर। रामशंकर जयसवाल पुत्र स्व. चौधरी निवासी ग्राम पुरैनी थाना बिसवांजनपद सीतापुर के कब्जे से कुल 40 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद कर आबकारी अधिनियम पंजीकृत कर कार्यवाही की गयी। थाना रामपुर मथुरा द्वारा 1 अभियुक्त के कब्जे से 20 ली. कच्ची शराब बरामद।बृजेन्द्र पुत्र राम सेवक निवासी गवचरा थाना रामपुर मथुरा सीतापुर के कब्जे से कुल 20 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद कर आबकारी अधिनियम पंजीकृत कर कार्यवाही की गयी। थाना रामकोट द्वारा 01 अभियुक्त के कब्जे से 15 ली. कच्ची शराब बरामद। 1.परवन पुत्र रामेश्वर निवासी खूबपुर थाना रामकोट जनपद सीतापुर के कब्जे से कुल 15 लीटर अवैध कच्ची  शराब बरामद कर आबकारी अधिनियम पंजीकृत कर कार्यवाही की गयी। थाना खैराबाद द्वारा 2 अभियुक्त के कब्जे से 40 ली0 कच्ची शराब सहित 1 भट्ठी बरामद–1.रामेश्वरी पत्नी हरिश्चन्द्र 2.प्रमोद पुत्र शिवनाथ निवासीगण भगौतीपुर थाना खैराबाद जनपद सीतापुर के कब्जे से कुल 40 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद कर आबकारी अधिनियम पंजीकृत कर कार्यवाही की गयी।

देश में 11 करोड़ से कम रह गई किसानों की संख्या

अंकाशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। देश की जनगणना के अनुसार, देश में खेती में लगे हुए कुल 26.3 करोड़ लोगों में से 45% यानी 11.8 करोड़ किसान थे और शेष लगभग 55% यानी 14.5 करोड़ खेतिहर मज़दूर थे। पिछले 10 वर्षों में यदि किसानों के मज़दूर बनने की दर वही रही हो। जो कि 2000 से 2010 के बीच थी, तो माना जा सकता है कि खेतिहर मज़दूरों की संख्या 15 करोड़ से काफ़ी ऊपर जा चुकी होगी। जबकि किसानों की संख्या 11 करोड़ से और कम रह गयी होगी। मगर ग्रामीण क्षेत्र की सबसे बड़ी आबादी होने के बावजूद खेतिहर मज़दूरों की बदहाली और काम व जीवन के ख़राब हालात की बहुत कम चर्चा होती है।
पिछले दो दशकों के दौरान, भारत में 3.50 लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्या की। इनमें भी सबसे बड़ी संख्या ग़रीब और निम्न-मँझोले किसानों की थी। किसानों की आत्महत्या के सवाल पर संसद से लेकर सड़क तक चर्चा हुई है, लेकिन खेतिहर मज़दूरों की दुर्दशा को लगातार नज़रअन्दाज़ किया गया है। इस तबक़े के आत्महत्या के आँकड़े ही 2013 तक प्रकाशित और उपलब्ध नहीं थे। जबसे इनके अलग से आँकड़े उपलब्ध हैं, तब से देखें तो 2014 में 6,750 खेतिहर मज़दूरों ने आत्महत्या की, 2015 में 4,595, 2016 में 5,019 और 2019 में 4,324 खेतिहर मज़दूरों ने आत्महत्या कर ली।
आज जो लोग इस तरह की बातें कर रहे हैं कि धनी किसानों की कमाई ज़्यादा होगी तो मज़दूरों की हालत भी सुधरेगी, उनसे पूछा जाना चाहिए कि अगर ऐसा है तो खेतिहर मज़दूरों की सबसे अधिक आत्महत्याएँ उन्हीं इलाक़ों में क्यों होती हैं जहाँ खेती अधिक विकसित है और जहाँ धनी किसानों-फ़ार्मरों की बड़ी संख्या है? तथाकथित हरित क्रान्ति का फ़ायदा उठाने वाले आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और पंजाब जैसे विकसित खेती वाले राज्यों में सबसे ज़्यादा खेतिहर मज़दूर क्यों अपनी जान लेने पर मजबूर हो जाते हैं? इन्हीं राज्यों में खेतिहर मज़दूरों की सामाजिक-आर्थिक दुर्दशा भयंकर क्यों है?
पंजाब में, कुल 99 लाख कार्यबल में से, एक-तिहाई से अधिक लोग किसान या खेतिहर मज़दूर के रूप में खेती में लगे हुए हैं। राज्य में खेती से जुड़े 35 लाख लोगों में से 15 लाख (43%) खेतिहर मज़दूर हैं। यहाँ कुल कृषि कार्यबल में मज़दूरों का अनुपात कम होने का एक बड़ा कारण यह है कि बहुत बड़ी संख्या में प्रवासी खेतिहर मज़दूर भी पंजाब आकर काम करते हैं। पंजाब के खेतिहर मज़दूरों में से लगभग दो-तिहाई दलित हैं जबकि राज्य में उनकी कुल आबादी लगभग 28 प्रतिशत है। इनके शोषण को अति शोषण में तब्दील करने में इनकी जातिगत स्थिति का भी एक योगदान है।
आज धनी किसान आन्दोलन के समर्थक कह रहे हैं कि खेती में बड़ी पूँजी के आने से मशीनीकरण बढ़ेगा जिससे बेरोज़गारी बढ़ेगी। मगर हक़ीक़त यह है कि पिछले तीन-चार दशकों के दौरान खेती का मशीनीकरण लगातार बढ़ता ही रहा है और इससे जहाँ खेतों की उत्पादकता और किसानों के मुनाफ़े में इज़ाफ़ा हुआ, वहीं खेतिहर मज़दूरों के हिस्से में बेरोज़गारी और ग़रीबी ही आयी है।
पंजाब में खेती में पूँजीवादी विकास से न केवल रोज़गार में कमी आयी है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मज़दूरी की दरें भी कम हुई हैं। इस प्रक्रिया ने लाखों खेतिहर मज़दूरों की आमदनी कम करके उन्हें ख़राब जीवनस्थितियों में धकेल दिया है। मज़दूरों के प्रति धनी किसानों के रवैये का अनुमान पिछले वर्ष की घटनाओं से लगाया जा सकता है। जब लॉकडाउन के दौरान पंजाब और हरियाणा में प्रवासी मज़दूरों का आना रुक गया था, तो मज़दूरी बढ़ने लगी थी क्योंकि श्रम की माँग बढ़ रही थी। ऐसे में, पंजाब और हरियाणा के धनी किसानों-कुलकों ने अपनी पंचायतें बुलाकर खेतिहर मज़दूरी पर सीलिंग तय कर दी थी। किसी भी मज़दूर को उससे ज़्यादा मज़दूरी नहीं दी जा सकती थी। यदि कोई माँगता तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाता। इन मज़दूरों को अपने गाँव से बाहर जाकर मज़दूरी करने की भी इजाज़त नहीं थी। बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखण्ड आदि से पंजाब और हरियाणा में जाने वाले प्रवासी मज़दूरों की बात करें, तो उनके शोषण और उत्पीड़न में भी धनी किसानों-कुलकों का वर्ग कोई कसर नहीं छोड़ता है।
घटती आमदनी के कारण हज़ारों खेतिहर मज़दूर क़र्ज़ के जाल में फँसे हुए हैं और आर्थिक बदहाली, क़र्ज़ का बोझ और निराशा बड़े पैमाने पर उन्हें अपनी जान लेने जैसा क़दम उठाने पर मजबूर कर रहे हैं। राज्य में किसानों की आत्महत्याओं पर काफ़ी चर्चा हुई है लेकिन न केवल खेतिहर मज़दूरों की आत्महत्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया है बल्कि उन्हें मामूली और सामान्य घटनाएँ बताने की भी कोशिश होती रही है।

प्राइमरी शिक्षक पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किएं

राणा ओबराय      
चंडीगढ़। शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए अच्छी खबर है। पंजाब में प्राइमरी शिक्षक पदों के लिए आवेदन आमत्रित किए हैं। पंजाब के स्कूल शिक्षा विभाग ने इन पदों के लिए एक बार फिर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब आवेदन 21 अप्रैल 2021 तक कर सकते हैं। इसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि पहले 21 दिसंबर 2020 को ही समाप्त हो चुकी थी। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत प्री प्राइमरी शिक्षकों के 8393 पद भरे जाने हैं। आवेदन शुल्क सामान्य वर्ग के लिए 1000 रुपये व एससी/एसटी के प्री प्राइमरी शिक्षक पद के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास होने के साथ नर्सरी टीचर एजुकेशन में डिप्लोमा मांगा गया है। 12वीं में न्यूनतम 45% अंक होने जरूरी हैं। साथ में अभ्यर्थी को 10वीं कक्षा में पंजाबी भाषा भी पढ़ा होना जरूरी है। 500 रुपये है।इस भर्ती प्रकिया के लिए नोटिफिकेशन 24 नवंबर 2020 को जारी किया गया था। जबकि आवेदन एक दिसंबर 2020 को शुरू हुए थे। अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी पंजाब के स्कूल एजुकेशन रिक्रूटमेंट बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।

10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 की डेटशीट जारी की

नरेश राघानी    
जयपुर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 की डेटशीट जारी कर दी है। राज्य में 10वीं की बोर्ड परीक्षा 25 मई तक और 12वीं की बोर्ड परीक्षा 29 मई 2021 तक चलेगी। वहीं राजस्थान बोर्ड राज्य में स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल से 12वीं परीक्षा में राज्य में पहला स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा को विदेश में पढ़ाई करने का मौका देगी।बोर्ड की ओर से जारी सूचना के अनुसार राज्य में प्रथम आने वाली छात्रा को 4 वर्षीय डिग्री की पढ़ाई के लिए विदेश में पढ़ने का अवसर मिलेगा।जिसका सारा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। बोर्ड ने इस संबंध में अपने अधिकारिक अकाउंट से ट्वीट कर जानकारी दी है।

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...