शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

8 हजार की रिश्वत लेते हुए अधिकारी किया अरेस्ट

राणा ओबराय          
चंडीगढ़। हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो की टीम ने बेरी के सामाजिक शिक्षा और पंचायत अधिकारी सत्यवान को 8 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफतार किया है। झज्जर जिला के गांव एमपी माजरा के सरपंच, दिनेश कुमार ने राज्य चौकसी ब्यूरो में शिकायत दी, कि ग्राम पंचायत द्वारा गांव में लगभग 60 लाख रुपये के विकास कार्य करवाए गए हैं। इस राशि की अदायगी करने के लिए सामाजिक शिक्षा और पंचायत अधिकारी ने उसके पक्ष में रिपोर्ट तैयार करने हेतू 2 लाख रुपये रिश्वत की मांग की। जिसमें से 1 लाख 20 हजार रुपये पहले ही वह आरोपी सत्यवान को दे चुका था। बकाया राशि में से 8 हजार रुपये आज दिए जाने थे। सरपंच की शिकायत पर राज्य चौकसी ब्यूरो ने तहसीलदार नरेन्द्र दलाल को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट व तेजपाल पटवारी को छाया गवाह नियुक्त किया और सत्यवान को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफतार किया। सत्यवान के खिलाफ थाना राज्य चौकसी ब्यूरो, रोहतक में अभियोग सं. 2 धाराधीन 7/7 भ्रष्टाचार अधिनियम दर्ज करके पूछताछ की जा रही है और अभियोग का जांच कार्य प्रगति पर है।

पत्नी व ससुरालियों पर लगाया बलात्कार का आरोप

अतुल त्यागी        
हापुड़। जनपद के थाना सिंभावली क्षेत्र में पुलिस विभाग में उस वक्त अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। जब एक व्यक्ति ने अपने पुत्र की पत्नी व उसके ससुरालियों पर अपनी बेटी के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की रिपोर्ट लिखवाने थाना सिंभावली पहुंची। जिस की तहरीर पर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल उसकी रिपोर्ट दर्ज की और इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिसे पूछताछ चल रही है। पुलिस द्वारा कार्रवाई प्रारंभ कर दी। इस संदर्भ में पुलिस कप्तान नीरज कुमार जादोन ने कहा कि अपराधियों मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है और बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।

पत्रकार पहचान-पत्र सहित 2 शातिर ठग गिरफ्तार

अतुल त्यागी           
हापुड़। जनपद के थाना कोतवाली पुलिस को उस वक्त बड़ी कामयाबी हाथ लगीं। जब पुलिस ने दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया। जिनके कब्जे से पुलिस ने 770800 रूपये की नकली करंसी बरामद की और उसके साथ-साथ 18 मोबाइल फोन चोरी के व फर्जी पते के आधार कार्ड और न्यूज़ चैनल के दो फर्जी पहचान पत्र व डाक विभाग का फर्जी पहचान पत्र एक चोरी की मोटरसाइकिल फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई और दो फैंसी चाकू अवैध भी बरामद किए। यह लोग शातिर किस्म के अपराधी हैं और यह आम जनता से ठगी करते थे। यह लोग नकली नोट की खेप अपने साथियों को सप्लाई करते थे। इस संदर्भ में कप्तान नीरज कुमार जादौन ने बताया कि यह लोग पुलिस से बचने के लिए नकली आईडी व पहचान पत्र लेकर चलते थे और नोटों की फोटो कॉपी कर नकली नोट छापते थे। जहां अंधेरा हो जाता था। वहीं आम जनता के बीच इन नक़ली नोटों को चलाने का कार्य करते। यह लोग अपने साथियों को कम कीमत में यह रुपए देने के लिए आए थे गिरफ्तार अभियुक्त।

लॉकडाउन लगाने का फैसला कलेक्टर खुद लें: सीएम

रायपुर। लॉकडाउन को लेकर छत्‍तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने बड़ा फैसला ल‍िया है। बघेल सरकार ने कलेक्टरों को अधिकार द‍िया है क‍ि लॉकडाउन लगाने का फैसला वह खुद लें और स्थानीय पर‍िस्‍थ‍ित‍ियों के अनुरूप कलेक्टर निर्णय ले सकेंगे। स्वास्थ्य मंत्री के परामर्श पर यह निर्देश जारी क‍िया गया है और मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव के माध्यम से कलेक्टरों को यह निर्देश द‍िया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार लॉकडाउन के संबंध में निर्णय लेने के लिए कलेक्टरों को मुख्य सचिव के माध्यम से निर्देशित किया हैं। उन्होंने यह निर्देश स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंह देव के परामर्श पर दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री से फोन पर लॉकडाउन करने का अनुरोध किया था, इस पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कलेक्टर को निर्णय लेने हेतु अधिकृत करने का निर्देश दिया और मुख्य सचिव ने कलेक्टर वीसी में निर्देश दिए।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम और टीकाकरण के संबंध में ली गई वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सभी जिला कलेक्टरों को मुख्यमंत्री के निर्देशों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार जिला कलेक्टर समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए आवश्यक निर्णय लें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए सभी उपाय करने के साथ साथ टीकाकरण को एक जनांदोलन का रूप दिया जाए, जिससे अधिक से अधिक लोग टीकाकरण के लिए प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं और प्रतिष्ठित व्यक्तियों का भी सहयोग लिया जाए।

रेल में मिलें 52 लाख, 2 हजार-5 सौ की गड्डियां

हरिओम उपाध्याय      
कानपुर। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस की पैंट्रीकार में मिले 1.40 करोड़ रुपये से भरे बैग की तफ्तीश चल ही रही थी कि गुरुवार को चौरीचौरा एक्सप्रेस से शहर आए फतेहपुर के खागा के एक व्यापारी के झोले से 52 लाख रुपये बरामद हुए हैं। इनकम टैक्स विभाग व्यापारी से पूछताछ कर रहा है।
सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर गुरुवार को ट्रेन आई तो खागा का व्यापारी विकास गुप्ता प्लेटफार्म नंबर दस की ओर से रेल लाइन पार करके घंटाघर जाने लगा। पटरियां पार करते देख आरपीएफ के एसआई राहुल यादव और सिपाही कारेलाल शर्मा ने उसे पकड़ लिया। तलाशी के दौरान व्यापारी के पास मिले झोले में नोटों की गड्डियां देख दोनों जवान हैरान हो गए।
व्यापारी को जीआरपी को सौंप दिया गया। जीआरपी सीओ की मौजूदगी में रुपये गिने गए तो 52,36,720 रुपये मिले। विकास गुप्ता ने बताया कि वह खागा में साबुन, अगरबत्ती और पान मसाले का व्यापार करता है।

के व्यापारियों से माल खरीदता है उसी का पैसा देने आया था। किस व्यापारी को कितना पैसा देना है इसके बाबत वह पूरी जानकारी नहीं दे सका। जीआरपी ने रकम जब्त कर इनकम टैक्स विभाग को सूचना दी। देर शाम विभाग की टीम ने व्यापारी से पूछताछ भी की।
झोले में थीं ये गड्डियां।
कहीं पंचायत चुनाव में तो रकम नहीं खपानी थी
आरपीएफ ने जब व्यापारी को पकड़ा तो उसने बताया कि वह कानपुर के भूसाटोली में अपने एक रिश्तेदार के यहां आ रहा था। जीआरपी उस रिश्तेदार के बारे में पता कर रही है। वहीं अधिकारी अनुमान लगा रहे हैं कि रुपयों का इस्तेमाल कहीं पंचायत चुनाव में तो नहीं होने वाला था। आतंकी गतिविधियों, फिरौती या किसी अन्य आपराधिक गतिविधियों में धन के इस्तेमाल तो होने वाला था।
 

वोटिंग मशीन ही शक के दायरे में, बचा क्या: प्रियंका

हरिओम उपाध्याय   

दिसपुर। असम में दूसरे चरण के मतदान के खत्म होते ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया। जिसमें पथरकंडी से बीजेपी उम्मीदवार की कार में कथित रूप से ईवीएम मशीनें देखी जा रही हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाकर वीडियो की जांच कराने की मांग की है। यह वीडियो असम के स्थानीय पत्रकार अतानु भूयन ने अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा पथरकंडी से बीजेपी उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की कार से ईवीएम मिलने के बाद स्थिति तनावपूर्ण है। देखते ही देखते कई कांग्रेस नेताओं ने इसे शेयर करके बीजेपी पर निशाना साधा। हालांकि अभी बीजेपी या चुनाव आयोग की तरफ से कई पर कोई बयान नहीं आया है।वायरल वीडियो में क्या दिख रहा है?

वीडियो में दिख रहा है कि सफेद रंग की जीप (जिसका नंबर AS 10B 0022 है) के अंगर ईवीएम देखी जा रही है। वीडियो में लोग यह कहते सुने जा रहे हैं कि जीप कृष्णेंदु पॉल की है। इसके बाद कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरोदलई से लेकर गौरव गोगोई ने इस पर ट्वीट किया और बीजेपी ने ईवीएम लूटने का आरोप लगाया।

हर बार सामने आते हैं ऐसे वीडियो: प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'हर बार ऐसे वीडियो सामने आते हैं जिनमें प्राइवेट गाड़ियों में ईवीएम ले जाते हुए पकड़े जाते हैं। अप्रत्याशित रूप से उनमें कुछ चीजें कॉमन होती है- गाड़ियां बीजेपी उम्मीदवार या उनके साथियों से जुड़ी होती हैं। वीडियो एक घटना के रूप में सामने आते हैं और फिर झूठ बताकर खारिज कर दिया जाता है।'

वीडियो एक्सपोज करने वालों को ही आरोपी बना देती है बीजेपी'

प्रियंका ने आगे लिखा, 'बीजेपी अपनी मीडिया मशीनरी का इस्तेमाल करके उन्हें ही आरोपी ठहरा देती है जिन्होंने वीडियो एक्सपोज किए। फैक्ट यह है कि ऐसे कई सारी घटनाएं रिपोर्ट की जा रही हैं लेकिन इन पर कुछ नहीं किया जा रहा है। चुनाव आयोग को इन शिकायतों पर निर्णायक रूप से कार्रवाई शुरू करने की आवश्यकता है और सभी राष्ट्रीय दलों को ईवीएम के इस्तेमाल की जरूरतों पर एक गंभीर पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।'

ईवीएम पर ही शक हो जाए तो बचा क्या?'

शशि थरूर ने ट्वीट किया, 'यह काफी चौंकाने वाला है। भारत की लोकतांत्रिक संस्कृति में आलोचकों का भी मानना है कि कम से कम चुनाव मुक्त और निष्पक्ष हों लेकिन हम चुनावी निरंकुश बन चुके हैं। अगर ईवीएम ही संदिग्ध हो जाए तो बचा क्या? चुनाव आयोग को इस पर तुरंत सार्वजनिक जांच करानी चाहिए।'

सिर्फ ईवीएम लूटकर ही जीत सकती है बीजेपी'

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने ट्वीट किया, 'सिर्फ इसी रास्ते से बीजेपी असम जीत सकती है- ईवीएम लूटकर। ईवीएम कैप्चरिंग, जैसे बूथ कैप्चरिंग हुआ करती थी। यह सब चुनाव आयोग की नाक के नीचे हो रहा है। लोकतंत्र के लिए दुखद दिन।'

असम आपको कभी माफ नहीं करेगा'

असम से कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदलोई ने ट्वीट किया, 'बीजेपी अनुशासित रूप से यह स्वीकार क्यों नहीं कर पा रही है कि वे असम चुनाव हार रहे हैं। ईवीएम चोरी करना और रिजल्ट में हेराफेरी आपके लिए अच्छा नहीं है। अगर चुनाव आयोग ने आपको माफ कर भी दिया तो भी असम कभी इसके लिए क्षमा नहीं करेगा।

ननों को रेल से उतारने का मामला, 2 नेता गिरफ्तार

हरिओम उपाध्याय       
झांसी। उत्कल एक्सप्रेस से ननों को उतारे जाने के मामले में दिल्ली से कार्यवाही का आदेश आते ही जीआरपी ने इस मामले में दो हिंदूवादी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में जांच रिपोर्ट पूरी कर लखनऊ भेजी जा चुकी है।
19 मार्च को उत्कल एक्सप्रेस से उतारी गई नन व किशोरियों के मामले में खूब हल्ला मचा। इस मामले में लीविया थोमस, हेमलता (ईसाई धर्म की नन), श्वेता और बीतरंग के बयान मोबाइल से दर्ज होने के बाद प्रभारी एसपी सौमित्र यादव ने जांच पूरी कर रिपोर्ट लखनऊ सौप दी है। 
जांच पूरी होने के बाद गुरुवार को दिल्ली से आदेश आते ही जीआरपी कारवाही के लिए जुट गई। जीआरपी प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार सिंह को सूचना मिलने के बाद गुरुवार रात स्टेशन के पास से हिंदूवादी नेता अंचल व पुरुकेश अमरया को गिरफ्तार कर लिया गया। सीओ नईम मंसूरी ने पुष्टि की है।
अब एफआईआर कर दोनों को जेल भेजा जाएगा।
नौ दिन, 20 लोगों के बयान, दबिश और सीधे गिरफ्तारी
झांसी। उत्कल एक्सप्रेस से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं की सूचना पर ईसाई धर्म की दो नन और दो किशोरियों को उतारने के मामले ने उड़ीसा से लेकर दिल्ली व लखनऊ तक हल्ला मचा रहा।
24 मार्च से शुरू हुई जांच के दौरान अधिकारियों समेत बीस पुलिसवालों के बयान हुए। बृहस्पतिवार रात गृह मंत्रालय से कार्रवाई का आदेश आने के बाद जीआरपी ने आनन-फानन दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
धर्मांतरण की सूचना के बाद उत्कल एक्सप्रेस से नन व किशोरियों को जीआरपी लाया गया था। जांच दौरान नन व किशोरियों के सुबूत दिखाने के बाद चारों को छोड़ दिया गया था। राउरकेला पहुंचने के बाद पूरी जानकारी हुई थी। केरल के मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री अमित शाह के सामने पूरा मामला रखा था। अमित शाह के जांच का आदेश मिलने के बाद खलबली मच गई थी। गृह मंत्रालय ने पूरे मामले में जानकारी मांगी थी।
19 मार्च को हुई घटना के बाद पांच दिन बाद 24 मार्च को लखनऊ के प्रभारी एसपी सौमित्र यादव को पूरे प्रकरण की जांच के लिए झांसी भेजा गया। एसपी ने जीआरपी सीओ, जीआरपी इंस्पेक्टर, चार जीआरपी सिपाही, चार आरपीएफ कर्मी, चारों नन व किशोरियों समेत बीस लोगों के बयान दर्ज किए गए। ननों को जांच के लिए झांसी बुलाया गया था, लेकिन चारों ने झांसी आने से मना कर दिया था। इसके बाद मोबाइल से ही व्हाट्सएप के जरिए चारों के बयान दर्ज किए गए थे।
जीआरपी के साथ-साथ रेलवे व जांच एजेंसियां भी अपने स्तर से जांच में जुट गई थीं। गृह मंत्रालय से लगातार इनपुट लेने के चलते सभी पर प्रेशर बढ़ गया था। एसपी ने अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर लखनऊ भेज दी थी। लखनऊ से जांच रिपोर्ट सीधे गृह मंत्रालय भेजी गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर बृहस्पतिवार रात कार्रवाई का आदेश आते ही गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई।

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...