गुरुवार, 1 अप्रैल 2021

चुनाव के कारण मुख्य परीक्षाओं में नई तिथि तय की

हरिओम उपाध्याय       

लखनऊ। यूपी पंचायत चुनाव के कारण मेरठ के चौधरी चरण सिंह विवि ने दस अप्रैल से 14 जून तक प्रस्तावित मुख्य परीक्षाओं में पांच दिनों के समस्त पेपर बदलते हुए नई तिथि तय कर दी है। चुनावों से विवि की परीक्षाएं अब 10 अप्रैल से शुरू होकर 19 जून तक चलेंगी। परीक्षाएं पूर्व निर्धारित तीन पालियों में ही होंगी। केवल पांच कार्य दिवसों को छोड़ बाकी पेपर में कोई बदलाव नहीं होगा। चौ.चरण सिंह विवि कैंपस में पीजी डिप्लोमा इन आरएस एंड जीआईएस, पीजी डिप्लोमा इन योगा साइंस एवं डिप्लोमा इन वैदिक मैथेमेटिक्स कोर्स में प्रथम सेमेस्टर मुख्य, एक्स एवं बैक, विषय सेमेस्टर दिसंबर 2020, सत्र 2020-21 की परीक्षाएं आठ अप्रैल को राजेश पायलट स्पोर्ट्स हॉस्टल में होंगी। पेपर दस से एक बजे तक होंगे। वहीं कैंपस में एमएससी पॉलिमर साइंस पेपर कोड पीएससी-1001 एवं 1002 का पेपर क्रमश: छह एवं आठ अप्रैल को होगा।

चौ.चरण सिंह विवि ने एमए और एमकॉम ओल्ड कोर्स फाइनल का परीक्षा कार्यक्रम भी जारी कर दिया है। दोनों कक्षाओं में ओल्ड कोर्स के पेपर 22 अप्रैल से 25 मई तक 11 से दो बजे तक होंगे। विवि ने सेल्फ फाइनेंस स्कीम में जारी वार्षिक प्रणाली में प्रोफेशनल कोर्स के परीक्षा फॉर्म अब 11 अप्रैल तक भरे जाएंगे। भरे गए फॉर्म 12 अप्रैल तक कॉलेज में जबकि कॉलेज ये फॉर्म 13 अप्रैल तक कैंपस में जमा करेंगे। जिन कोर्स के फॉर्म भरे जाएंगे उनमें बीएफए, बीएससी बॉयोटेक्नोलॉजी, बीएससी ऑनर्स बॉयोटेक्नोलॉजी, बीएससी माइक्रोबॉयोलॉजी, बीएससी ऑनर्स माइक्रोबॉयोलॉजी, बीए-बीएड, बीएलएड, बीपीटी, बीओटी, बीएमएलटी, बीएमबीआरडीआईटी, बीएमएम, बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी इन नर्सिंग, एमपीटी, एमओटी, एमएससी नर्सिंग के मुख्य, एक्स एवं बैक फॉर्म शामिल हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण   

1. अंक-228 (साल-02)
2. शुक्रवार, अप्रैल 02, 2021
3. शक-1984,चैत्र, कृष्ण-पक्ष, तिथि- पंचमी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 06:29, सूर्यास्त 06:46।
5. न्‍यूनतम तापमान -16 डी.सै., अधिकतम-37+ डी.सै.।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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बुधवार, 31 मार्च 2021

चीनी कार्रवाई को 'नरसंहार' घोषित किया

वाशिंगटन डीसी/ बीजिंग। अमेरिका के चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच, बाइडन प्रशासन ने मंगलवार (स्थानीय समय) को चीन के शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम उइगर समुदाय और अन्य जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ चीनी कार्रवाई को 'नरसंहार' घोषित किया। दरअसल, ‘2020 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रेक्टिसेज' मंगलवार को जारी किया गया। इस रिपोर्ट में चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि '2020 में शिनजियांग प्रांत में मुख्य रूप से मुस्लिम उइगरों और अन्य जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ जो नरसंहार हुए वह इंसानियत के खिलाफ अपराध है।'

सौर पैनल खरीदने पर रोक लगाने की मांग: अमेरिका

वाशिंगटन डीसी/ बीजिंग। अमेरिका में रिपब्लिक पार्टी के सांसदों के एक समूह ने चीन द्वारा शिनजियांग प्रांत में कथित तौर पर बंधुआ मजदूरी कराए जाने के मद्देनजर संघीय धन के इस्तेमाल से चीन में स्थित कंपनियों से सौर पैनल खरीदने पर रोक लगाने की मांग की है और इस संबंध में एक विधेयक पेश किया है।    
इस विधेयक के लिए प्रबंधन और बजट कार्यालय के निदेशक द्वारा मानक और दिशा-निर्देश तैयार करने की जरूरत है। ताकि, चीनी सोलर पैनल खरीदने के लिए संघीय धन के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया जा सके। इसमें संघीय विभागों और एजेंसियों द्वारा खरीदे गए सौर पैनलों की मात्रा के बारे में एक रिपोर्ट भी संसद में प्रस्तुत करने का प्रावधान है।

यूपी: लोन देने वाले बैंकों पर सीबीआई का शिकंजा

कानपुर। 3500 करोड़ रुपए के बैंक डिफॉल्टर रोटोमैक समूह पर कार्रवाई के साथ जांच एजेंसियों ने आंख मूंदकर लोन देने वाले बैंकों पर भी शिकंजा कस दिया है। सीबीआई के साथ-साथ सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन विंग ने भी बैंक के अफसरों को जांच के दायरे में लिया है। सात बैंकों के करीब 54 अधिकारियों से पूछताछ होगी। रोटोमैक ग्रुप में बैंकों के 3700 करोड़ डूबने के बाद एक तरफ विक्रम कोठारी और राहुल कोठारी से सीबीआई लगातार पूछताछ कर रही है तो दूसरी ओर सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ)  विंग भी जांच कर रही है। इसी कड़ी में सामने आया कि महज 200 करोड़ की सिक्योरिटी के एवज में 2600 करोड़ बैंकों ने दे दिए। जांच में ये भी पाया गया है कि रोटोमैक को सिक्योरिटी से 12 गुना ज्यादा लोन दे दिया गया। बैंक अफसरों की मिलीभगत के प्रमाण मिलने के बाद जांच का दायरा और बढ़ गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इलाहाबाद बैंक, ओरिएंटल बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक के उन अधिकारियों से पूछताछ होगी। जिन्होंने 2008 से 2013 के बीच अरबों का लोन पास किया। इतना बड़ा लोन पास करने का अधिकार कानपुर तो छोड़िए, लखनऊ स्थित स्टेट मुख्यालय के पास भी नहीं होता। इसलिए बैंकों के हेडक्वार्टर से जुड़े उच्चाधिकारियों से जांच एजेंसियां पूछताछ करेगी। चीफ जनरल मैनेजर रैंक का अधिकारी भी पांच करोड़ से ज्यादा का लोन अपने हस्ताक्षर से पास नहीं कर सकता। प्रारंभिक पड़ताल में एसएफआईओ विंग ने निदेशक स्तर के उन अफसरों की लिस्ट तैयार की है। जो मुख्यालय से सीधे फोन कर लोन देने का फरमान जारी करते थे।

3 कैदियों की क्षमा याचिका खारिज करना हास्यास्पद

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस फैसले को ‘हास्यास्पद’ बताया। जिसमें तीन कैदियों की क्षमा याचिका खारिज करने के पीछे उनके सामाजिक आर्थिक स्थिति ठीक न होने का हवाला दिया गया। आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन कैदियों की क्षमा याचिका यूपी सरकार की ओर से यह कहकर खारिज कर दी गई, कि उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति ठीक नहीं। सुप्रीम कोर्ट में जजों ने इस दलील पर सवाल खड़े किए। सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस फैसले को हास्यास्पद बताया गया और इन तीन कैदियों को अंतरिम जमानत दी गई। 16 साल बाद यह कैदी बाहर आएंगे। तीनों ही कैदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।जस्टिस संजय किशन कौल और आर सुभाष रेड्डी की बेंच ने राज्य अधिकारियों के फैसले पर सवाल खड़े किए। साथ ही कहा कि ऐसा लगता है कि यह फैसला अधिकारियों की ओर से बिना दिमाग का इस्तेमाल किए किया गया। यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी ने दोबारा से याचिका स्वीकार करने की बात कही।

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...