गुरुवार, 1 अप्रैल 2021
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
बुधवार, 31 मार्च 2021
चीनी कार्रवाई को 'नरसंहार' घोषित किया
सौर पैनल खरीदने पर रोक लगाने की मांग: अमेरिका
इस विधेयक के लिए प्रबंधन और बजट कार्यालय के निदेशक द्वारा मानक और दिशा-निर्देश तैयार करने की जरूरत है। ताकि, चीनी सोलर पैनल खरीदने के लिए संघीय धन के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया जा सके। इसमें संघीय विभागों और एजेंसियों द्वारा खरीदे गए सौर पैनलों की मात्रा के बारे में एक रिपोर्ट भी संसद में प्रस्तुत करने का प्रावधान है।
यूपी: लोन देने वाले बैंकों पर सीबीआई का शिकंजा
कानपुर। 3500 करोड़ रुपए के बैंक डिफॉल्टर रोटोमैक समूह पर कार्रवाई के साथ जांच एजेंसियों ने आंख मूंदकर लोन देने वाले बैंकों पर भी शिकंजा कस दिया है। सीबीआई के साथ-साथ सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन विंग ने भी बैंक के अफसरों को जांच के दायरे में लिया है। सात बैंकों के करीब 54 अधिकारियों से पूछताछ होगी। रोटोमैक ग्रुप में बैंकों के 3700 करोड़ डूबने के बाद एक तरफ विक्रम कोठारी और राहुल कोठारी से सीबीआई लगातार पूछताछ कर रही है तो दूसरी ओर सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) विंग भी जांच कर रही है। इसी कड़ी में सामने आया कि महज 200 करोड़ की सिक्योरिटी के एवज में 2600 करोड़ बैंकों ने दे दिए। जांच में ये भी पाया गया है कि रोटोमैक को सिक्योरिटी से 12 गुना ज्यादा लोन दे दिया गया। बैंक अफसरों की मिलीभगत के प्रमाण मिलने के बाद जांच का दायरा और बढ़ गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इलाहाबाद बैंक, ओरिएंटल बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक के उन अधिकारियों से पूछताछ होगी। जिन्होंने 2008 से 2013 के बीच अरबों का लोन पास किया। इतना बड़ा लोन पास करने का अधिकार कानपुर तो छोड़िए, लखनऊ स्थित स्टेट मुख्यालय के पास भी नहीं होता। इसलिए बैंकों के हेडक्वार्टर से जुड़े उच्चाधिकारियों से जांच एजेंसियां पूछताछ करेगी। चीफ जनरल मैनेजर रैंक का अधिकारी भी पांच करोड़ से ज्यादा का लोन अपने हस्ताक्षर से पास नहीं कर सकता। प्रारंभिक पड़ताल में एसएफआईओ विंग ने निदेशक स्तर के उन अफसरों की लिस्ट तैयार की है। जो मुख्यालय से सीधे फोन कर लोन देने का फरमान जारी करते थे।
3 कैदियों की क्षमा याचिका खारिज करना हास्यास्पद
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस फैसले को ‘हास्यास्पद’ बताया। जिसमें तीन कैदियों की क्षमा याचिका खारिज करने के पीछे उनके सामाजिक आर्थिक स्थिति ठीक न होने का हवाला दिया गया। आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन कैदियों की क्षमा याचिका यूपी सरकार की ओर से यह कहकर खारिज कर दी गई, कि उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति ठीक नहीं। सुप्रीम कोर्ट में जजों ने इस दलील पर सवाल खड़े किए। सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस फैसले को हास्यास्पद बताया गया और इन तीन कैदियों को अंतरिम जमानत दी गई। 16 साल बाद यह कैदी बाहर आएंगे। तीनों ही कैदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।जस्टिस संजय किशन कौल और आर सुभाष रेड्डी की बेंच ने राज्य अधिकारियों के फैसले पर सवाल खड़े किए। साथ ही कहा कि ऐसा लगता है कि यह फैसला अधिकारियों की ओर से बिना दिमाग का इस्तेमाल किए किया गया। यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी ने दोबारा से याचिका स्वीकार करने की बात कही।
केंद्रो पर निगरानी के लिए परीक्षा की तैयारियां शुरू
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। यूपी बोर्ड हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा केन्द्रों पर कड़ी निगरानी के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसके लिए प्रदेश के सभी मंडलों में कंट्रोल रूम स्थापित किए जायेंगे। कंट्रोल रूम की स्थापना के लिए सचिव परिषद दिब्यकांत शुक्ला ने सभी संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) को आदेश भी जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि अपने-अपने मंडल में सभी अधिकारी कंट्रोल रूम स्थापित किए जाने की कार्रवाई को शुरू कराया जाये। ताकि, परीक्षा के दौरान नकल माफिया न सफल हो सके। इस संबंध में जानकारी देते हुए सचिव परिषद ने बताया कि इस संबंध में अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के क्रम में ये आदेश जारी किया गया है।
निर्वाचन में नामांकन के दौरान लगाने होगें कागजात
गोंडा। त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2021 में नामांकन के दौरान लगाने होगें ये अभिलेख, जिला निर्वाचन अधिकारी ने विस्तृत निर्देश जारी किए। जिला निर्वाचन अधिकारी मार्कण्डेय शाही ने त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2021 में नामांकन करने वाले उम्मीदवारों को नामांकन पत्र के साथ संलग्न किए जाने वाले अभिलेखों के बारे में स्पष्ट करते हुए बताया है, कि सदस्य ग्राम पंचायत पद हेतु प्रत्याशियों को ग्राम पंचायत/क्षेत्र पंचायत/जिला पंचायत से अदेयता प्रमाण-पत्र, प्रारूप अ पर शपथ-पत्र एवं जाति प्रमाण-पत्र (आरक्षित होने की दशा में), जमानत धनराशि जमा करने का चालान या 385-शासकीय रसीद, निर्वाचक नामावली की स्वप्रमाणित प्रति (उम्मीदवार और प्रस्तावक), अनुलग्नक 1 क (घोषणा पत्र आपराधिक/शैक्षिक/चल-अचल सम्पति), उम्मीदवार का पासपोर्ट साइज ( 3.0×2.5 सेमी) फोटो संलग्न करनी होगी।इसी प्रकार प्रधान ग्राम पंचायत/सदस्य क्षेत्र पंचायत/सदस्य जिला पंचायत पद हेतु ग्राम पंचायत/क्षेत्र पंचायत/जिला पंचायत से अदेयता प्रमाण-पत्र, प्रारूप ब पर शपथ-पत्र एवं जाति प्रमाण-पत्र (आरक्षित होने की दशा में), जमानत धनराशि जमा करने का चालान या 385-शासकीय रसीद, निर्वाचक नामावली की स्वप्रमाणित प्रति (उम्मीदवार एवं प्रस्तावक), अनुलग्नक 1 (शपथ-पत्र, आपराधिक/शैक्षिक/चल-अचल सम्पति), उम्मीदवार एवं प्रस्तावक का पासपोर्ट साइज ( 3.0×2.5 सेमी) फोटो संलग्न करना अनिवार्य होगा।उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रत्याशी को चरित्र प्रमाण पत्र या अन्य किसी अभिलेखों की आवश्यकता नहीं होगी।
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