शुक्रवार, 26 मार्च 2021

मुख्तार को यूपी की जेल में किया जाएगा शिफ्ट: एससी

 अकाशुं उपाध्याय

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब की रोपड़ जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को दो हफ्ते में उत्तर प्रदेश की जेल भेजने का आदेश दिया है। प्रयागराज की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट यह तय करेगी कि मुख्तार अंसारी बांदा जेल में या किसी और जेल में रखना है। मुख्तार अंसारी के मुकदमे और उसकी कस्टडी ट्रांसफर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया।
आपको बता दें, पूर्वांचल के माफिया डॉन और बहुजन समाज पार्टी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश की जेल में शिफ्ट किए जाने की कवायद चल रही थी। लेकिन पंजाब का रोपड़ जेल प्रशासन बार-बार अड़ंगा लगा दे रहा था। इसे लेकर यूपी और पंजाब सरकारों के बीच इन दिनों सियासी और कानूनी जंग छिड़ी हुई थी। इस मामले में यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। यहां पर मुख्तार ने कहा कि यूपी में मुझे जान का खतरा है।मुख़्तार के खिलाफ इलाहाबाद की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में 10 मुक़दमे हैं। इनमें से डबल मर्डर का एक मामला फाइनल स्टेज पर है। ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। और कभी भी फैसला आ सकता है। इसके अलावा बाकी नौ मुकदमों में छह में इन दिनों गवाही के साथ ट्रायल चल रहा है। बाकी तीन मुकदमों में अभी अदालत ने मुख्तार पर चार्ज फ्रेम यानी आरोप तय नहीं किये है।

एक्ट्रेस सुशांत की बहन को एससी से राहत नहीं मिलीं

 अकाशुं उपाध्याय

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सुशांत सिंह राजपूत की बहन की उस अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की शिकायत पर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से मना करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गयी है।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने सुशांत की बहन प्रियंका सिंह की अपील को खारिज करते हुए कहा कि उसकी इस मामले में विचार करने में दिलचस्पी नहीं है। प्रियंका ने उच्च न्यायालय के 15 फरवरी के आदेश को चुनौती दी है। इस आदेश में प्रियंका के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गयी थी। प्रार्थी ने कहा कि मीडिया की खबरों के जरिये पुलिस के सामने लाये गये आरोपों पर विचार करके अदालत ने अपने अधिकार क्षेत्र से आगे जाकर काम किया है। सुशांत की प्रेमिका रहीं रिया ने पुलिस के समक्ष अपनी शिकायत में आरोप लगाया था। कि सुशांत की बहनों ने एक चिकित्सक, तरुण कुमार के साथ मिलकर अभिनेता को प्रतिबंधित दवाएं दिलाने के लिए गलत परामर्श प्राप्त करने की साजिश रची थी। इसी शिकायत के आधार पर पिछले साल सात सितंबर को प्रियंका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
प्रियंका सिंह ने अपनी याचिका में कहा जांच एजेंसी सीबीआई, जो यहां प्रतिवादी संख्या 3 है। ने भी विशेष रूप से कहा था। कि प्राथमिकी दर्ज करना स्पष्ट रूप से गलत है। और बिना अधिकार क्षेत्र के है। उच्च न्यायालय के समक्ष प्रतिवादी संख्या तीन का हलफनामा भी कहता है। कि इस अदालत के संज्ञान के मुताबिक महाराष्ट्र पुलिस द्वारा जांच पड़ताल को बंद किये जाने के बाद कोई दूसरी प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती।
इसमें कहा गया है। शिकायती और अभियोजन एजेंसी ने स्पष्ट कहा है। कि कोई मामला नहीं बनता, उसके बाद भी उच्च न्यायालय ने बिना कानून के प्रयोग के दर्ज की गयी दूसरी प्राथमिकी को रद्द नहीं किया।
याचिका के अनुसार उच्च न्यायालय ने प्रियंका की बहन मीतू सिंह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी थी। लेकिन मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ रिया चक्रवर्ती का पूरा पक्ष उन खबरों पर आधारित है। जिनकी कोई प्रामाणिकता नहीं है। गौरतलब है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (34) 14 जून, 2020 को मुंबई के बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में फांसी से लटके मिले थे।

पीएम शेख हसीना के साथ मुलाकात करेंगे मोदी

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। कोरोना और लॉक डाउन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले विदेश यात्रा पर बांग्लादेश रवाना हो गए हैं। सांस्कृतिक और कूटनीति के लिहाज से यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरान वह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद अपनी पहले विदेश दौरे पर पड़ोसी मित्र देश बांग्लादेश जाकर खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री हसीना के निमंत्रण पर 26-27 मार्च को बांग्लादेश के दौरे पर रहेंगे और शुक्रवार को बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शिरकत करेंगे।

मास्क नहीं पहनने पर 500 रुपए का जुर्माना होगा

रायपुर। कोरोना के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सार्वजनिक स्थलों में बगैर मास्क या फेसकवर के पाए जाने पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। राज्य सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इसके लिए महामारी रोग अधिनियम-1897 के तहत पूर्व में जारी अधिसूचना में संशोधन का आदेश जारी कर दिया है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए लोगों से मास्क लगाकर ही अपने घरों से बाहर निकलने, सोशल और फिजिकल डिस्टेसिंग का कड़ाई से पालन करने कहा गया है।

बिटकॉइन में किया ट्रांजेक्शन तो बताना होगा कारण

 अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने पारदर्शिता को बेहतर करने के लिए कड़े खुलासा अनिवार्यताओं को लागू किया है। अब कंपनियों को अपने क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन का खुलासा करना होगा। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी कानून में ऑडिट, ऑडिटर और खातों से संबंधित विभिन्न नियमों में संशोधन किया है। कंपनी कानून-2013 के शेड्यूल तीन में बदलाव के अलावा खुलासा अनिवार्यताओं को बढ़ाया गया है। इसमें क्रिप्टोकरेंसी में कंपनी के लेनदेन का ब्योरा भी शामिल है।
1 अप्रैल से लागू होगा नियम कंपनी कानून का क्रियान्वयन करने वाले कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इन बदलावों को अधिसूचित कर दिया। ये बदलाव एक अप्रैल से प्रभावी होंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर कंपनियां क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार करती हैं। तो इस मामले में पारदर्शिता होनी चाहिए। यह जानकारी दी जानी चाहिए कि इस तरह की व्यापार गतिविधियों से कितना पैसा बनाया गया है।
क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर चिंता बरकरार भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है। कि केंद्रीय बैंक को बाजार में क्रिप्टोकरेंसीके कारोबार को लेकर चिंताएं हैं। आरबीआई ने इस बारे में सरकार को अवगत कराया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में केंद्रीय बैंक और वित्त मंत्रालय के बीच कोई मतभेद नहीं है। और दोनों वित्तीय स्थिरता को लेकर प्रतिबद्ध हैं। आगे कहा कि हमें इस बारे में केंद्र की तरफ से अंतिम निर्णय का इंतजार करना चाहिए।
क्रिप्टोकरेंसी के लेकर सरकार की तरफ से कुछ भ्रम पैदा करने वाले संकेत आने के बीच दास ने यह बात कही है। इस प्रकार की मुद्राओं में काफी उतार-चढ़ाव को देखते हुए इसे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने का इरादा जताने के बाद, सरकार ने बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को लेकर कुछ नरम रुख दिखाया है।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर किसानों ने लगाए बैरिकेड

अश्वनी उपाध्याय      
गाजियाबाद। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने सुबह करीब 6:00 बजे दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे की दिल्ली से गाजियाबाद आने वाली लेन को बैरिकेड लगा कर बंद कर दिया। किसान वहां पर ढोलक और घंटी बजा कर होली का आनंद भी ले रहे हैं। किसानों ने दिल्ली से कौशांबी जाने वाली लेन को भी बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया है। हालांकि इस लाइन पर दिल्ली पुलिस ने पहले से ही बैरिकेडिंग लगाई हुई है मगर किसानों ने इससे कुछ दूरी पर अपनी बैरिकेडिंग लगा दी है। पंजाब और हरियाणा में रेल यातायात किसानों, कृषि मजदूरों, कमीशन एजेंटों, ट्रेड यूनियनों और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के विरोध के रूप में बुरी तरह प्रभावित हुआ और साख ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी चक्काजाम किया गया है।

भारतीय रेलवे ने बताया, ‘प्रदर्शनकारी पंजाब और हरियाणा के 31 स्थानों पर बैठे हैं, जो दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर डिवीजन में रेल आवाजाही को प्रभावित कर रहे हैं। 32 स्थानों पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित, 4 शताब्दी ट्रेनें रद हैं। भारतीय किसान यूनियन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष, राजवीर सिंह जादौन ने आज के भारत बंद पर कहा, हमारे आंदोलन को लगभग चार महीने पूरे होने जा रहे हैं। भारत बंद में हमें लोगों, व्यापारियों, ट्रांसपोर्टर का सहयोग मिल रहा है। इससे सरकार को संदेश जाएगा। हम वार्ता के लिए 24 घंटे तैयार हैं।’

'भारत बंद' का असर, यातायात बुरी तरह प्रभावित

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। पार्टी और ट्रेड यूनियनों से ऊपर उठकर शुक्रवार को किसानों द्वारा किए जा रहे 12 घंटे लंबे राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन को पंजाब और हरियाणा में अच्छी खासी प्रतिक्रिया मिली है। यहां सामान्य जन-जीवन प्रभावित रहा। वहीं चंडीगढ़ में स्थिति लगभग सामान्य रही। किसानों, खेत के मजदूरों, कमीशन एजेंटों, ट्रेड यूनियनों और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा रेल की पटरियों पर जमा होने और राष्ट्रीय राजमार्गों पर चक्काजाम करने से यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वैसे इस दौरान दोनों राज्यों में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। इसके अलावा विरोध और चक्काजाम के चलते आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को प्रभावित नहीं होने दिया गया।
विरोध के दौरान कई किसान संघों के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस शासित पंजाब में कई जगहों पर दुकानदारों-व्यापारियों से अपना काम बंद करने को कहा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि विरोध को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दोनों राज्यों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्रहण) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि किसान रेल और सड़क आंदोलन को पूरी तरह से रोकेंगे। साथ ही टैक, अन्य वाहनों को भी अनुमति नहीं दी जाएगी। ट्रक यूनियन ने भी किसानों को अपना समर्थन दिया है।
वहीं किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने भी अपने सभी कार्यालय बंद करने की घोषणा की है। समिति अमृतसर के स्वर्ण मंदिर समेत पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के सभी गुरुद्वारों के मामलों का प्रबंधन करती है। एसजीपीसी अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने कहा कि केंद्र को कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए।

'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं

'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर थाना खालापार पर आय...