बुधवार, 10 मार्च 2021

"महामृत्युंजय" मंत्र 'संपादकीय'

ओम त्रयंबकम यजामहे, सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।उर्वारुकमिव बंधनात, मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्। नम्ः शिवाय्

'महाशिवरात्रि
' भगवान शिव के विवाह की कथा के अनुसार, (शिव महापुराण आदि ग्रंथ) यह पारंपरिक त्योहार मनाने की परंपरा है। भारत के साथ नेपाल, आदि दुनिया के कई अन्य देशों में भी 'महाशिवरात्रि' का पर्व बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। सनातन उत्पत्ति का आधार और अंत भगवान शिवशंकर को ही माना जाता है। इस दिन आस्था पूर्वक व्रत और वृतांत का तुरंत प्रभाव देखने को मिलता है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को 'महाशिवरात्रि' का व्रत किया जाता है। हिन्दू पुराणों के अनुसार, इसी दिन सृष्टि के आरंभ में मध्यरात्रि मे भगवान शिव ब्रह्मा से रुद्र के रूप में प्रकट हुए थे। इसीलिए इस दिन को महाशिवरात्रि कहा जाता है। 'महाशिवरात्रि के प्रसंग को हमारे वेद, पुराणों में बताया गया है, कि जब समुद्र मन्थन हो रहा था उस समय समुद्र में चैदह रत्न प्राप्त हुए। उन रत्नों में हलाहल भी था। जिसकी गर्मी से सभी देव दानव त्रस्त होने लगे तब भगवान शिव ने उसका पान किया। उन्होंने लोक कल्याण की भावना से अपने को उत्सर्ग कर दिया। इसलिए उनको महादेव कहा जाता है। जब हलाहल को उन्होंने अपने कंठ के पास रख लिया तो उसकी गर्मी से कंठ नीला हो गया। तभी से भगवान शिव को नीलकंठ भी कहते हैं। शिव का अर्थ कल्याण होता है। जब संसार में पापियों की संख्या बढ़ जाती है, तो शिव उनका संहार कर लोगों की रक्षा करते हैं। इसीलिए उन्हें शिव कहा जाता है। योगिक परम्परा में इस दिन और रात को इतना महत्व इसलिए दिया जाता है। क्योंकि यह आध्यात्मिक साधक के लिए जबर्दस्त संभावनाएं प्रस्तुत करते हैं। आधुनिक विज्ञान कई चरणों से गुजरने के बाद आज उस बिंदु पर पहुंच गया है। जहां वह प्रमाणित करता है, कि हर वह चीज जिसे आप जीवन के रूप में जानते हैं। पदार्थ और अस्तित्व के रूप में जानते हैं। जिसे आप ब्रह्मांड और आकाशगंगाओं के रूप में जानते हैं। वह सिर्फ एक ही ऊर्जा है। जो लाखों रूपों में खुद को अभिव्यक्त करती है। माना जाता है, कि इस दिन शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते है। 'महाशिवरात्रि' का व्रत रखना सबसे आसान माना जाता है। इसलिये बच्चों से लेकर बूढ़ो तक सभी इस दिन व्रत रखते हैं। 'महाशिवरात्रि' के व्रत रखने वालों के लिये अन्न खाना मना होता है। इसलिये उस दिन फलाहार किया जाता है। राजस्थान में व्रत के समय गाजर, बेर का सीजन होने से गांवों में लोगों द्धारा गाजर, बेर का फलाहार किया जाता है। लोग मन्दिरों में भगवान शिव की पूजा करते हैं व उन्हे आक, धतूरा चढ़ाते हैं। भगवान शिव को विशेष रूप से भांग का प्रसाद लगता है। इस कारण इस दिन काफी जगह शिवभक्त भांग घोट कर पीते हैं। पुराणों में कहा जाता है कि एक समय शिव पार्वती जी कैलाश पर्वत पर बैठे थी। उसी समय पार्वती ने प्रश्न किया, कि इस तरह का कोई व्रत है। जिसके करने से मनुष्य आपके धाम को प्राप्त कर सके ? तब उन्होंने यह कथा सुनाई थी, कि प्रत्यना नामक देश में एक व्यक्ति रहता था। जो जीवों को बेचकर अपना भरण पोषण करता था। उसने सेठ से धन उधार ले रखा था। समय पर कर्ज न चुकाने के कारण सेठ ने उसको शिवमठ में बन्द कर दिया। सयोग से उस दिन फाल्गुन बदी त्रयोदशी थी। वहां रातभर कथा, पूजा होती रही, जिसे उसने भी सुना। अगले दिन शिघ्र कर्ज चुकाने की शर्त पर उसे छोड़ा गया। उसने सोचा रात को नदी के किनारे बैठना चाहिये। वहां जरूर कोई न कोई जानवर पानी पीने आयेगा। अतः उसने पास के बील वृक्ष पर बैठने का स्थान बना लिया। उस बील के नीचे शिवलिंग था। जब वह अपने छिपने का स्थान बना रहा था। उस समय बील के पत्तों को तोडकर फेंकता जाता था, जो शिवलिंग पर ही गिरते थे। वह दो दिन का भूखा था। इस तरह से वह अनजाने में ही शिवरात्रि का व्रत कर ही चुका था। साथ ही शिवलिंग पर बेल-पत्र भी अपने आप चढ़ते गये। एक पहर रात्रि बीतने पर एक गर्भवती हिरणी पानी पीने आई। उस व्याध ने तीर को धनुष पर चढ़ाया, किन्तु हिरणी की कातर वाणी सुनकर उसे इस शर्त पर जाने दिया कि सुबह होने पर वह स्वयं आयेगी। दूसरे पहर में दूसरी हिरणी आई। उसे भी छोड़ दिया। तीसरे पहर भी एक हिरणी आई उसे भी उसने छोड़ दिया और सभी ने यही कहा कि सुबह होने पर मैं आपके पास आऊंगी। चैथे पहर एक हिरण आया। उसने अपनी सारी कथा कह सुनाई, कि वे तीनों हिरणियां मेरी स्त्री थी। वे सभी मुझसे मिलने को छटपटा रही थी। इस पर उसको भी छोड़ दिया और कुछ और भी बेल-पत्र नीचे गिराये। इससे उसका हृदय बिल्कुल पवित्र, निर्मल तथा कोमल हो गया। प्रातः होने पर वह बेल-पत्र से नीचे उतरा। नीचे उतरने से और भी बेल पत्र शिवलिंग पर चढ़ गये। अतः शिवजी ने प्रसन्न होकर उसके हृदय को इतना कोमल बना दिया, कि अपने पुराने पापों को याद करके वह पछताने लगा और जानवरों का वध करने से उसे घृणा हो गई। सुबह वे सभी हिरणियां और हिरण आये। उनके सत्य वचन पालन करने को देखकर उसका हृदय दुग्ध सा धवल हो गया और वह फूट-फूट कर रोने लगा। 'महाशिवरात्रि' आध्यात्मिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण है। इस रात धरती के उत्तरी गोलार्ध की स्थिति ऐसी होती है, कि इंसान के शरीर में ऊर्जा कुदरती रूप से ऊपर की ओर बढ़ती है। इस दिन प्रकृति इंसान को अपने आध्यात्मिक चरम पर पहुंचने के लिए प्रेरित करती है। गृहस्थ जीवन में रहने वाले लोग महाशिवरात्रि को शिव की विवाह वर्षगांठ के रूप में मनाते हैं। सांसारिक महत्वाकांक्षाएं रखने वाले लोग इस दिन को शिव की दुश्मनों पर विजय के रूप में देखते हैं। योगियों और संन्यासियों के लिए यह वह दिन है। जब शिव कैलाश पर्वत के साथ एकाकार हो गए थे। योगिक परम्परा में शिव को ईश्वर के रूप में नहीं पूजा जाता है। बल्कि उन्हें प्रथम गुरु, आदि गुरु माना जाता है। जो योग विज्ञान के जन्मदाता थे। कई सदियों तक ध्यान करने के बाद शिव एक दिन वह पूरी तरह स्थिर हो गए। उनके भीतर की सारी हलचल रुक गई और वह पूरी तरह स्थिर हो गए। वह दिन 'महाशिवरात्रि' था। इसलिए संन्यासी 'महाशिवरात्रि' को स्थिरता की रात के रूप में देखते हैं।

चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'

12 मार्च को चीन के विरुद्ध 1 साथ आएंगे 4 देश

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी/टोक्यो/सिडनी। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए चार देश एकजुट होकर रास्ता खोजने की तैयारी में हैं। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के चतुष्कोणीय गठबंधन या क्वाड ढांचे के तहत पहला शिखर सम्मेलन ऑनलाइन प्रारूप में 12 मार्च को आयोजित होगा। विदेश मंत्रालय की ओर से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, चारों देशों के नेता साझा हित के रीजनल और ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा करेंगे और एक मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने की दिशा में सहयोग के व्यावहारिक क्षेत्रों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ हिस्सा लेंगे। क्वाड रूपरेखा के तहत नेताओं का पहला शिखर सम्मेलन 12 मार्च को डिजिटल तरीके से आयोजित होगा।’ मंत्रालय ने कहा कि शिखर सम्मेलन समकालीन चुनौतियों जैसे लचीली आपूर्ति श्रृंखला, उभरती और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, समुद्री सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन पर विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करेगा। उसने कहा, ‘नेता कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों पर चर्चा करेंगे और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित, समान वितरण और किफायती टीका सुनिश्चित करने में सहयोग के अवसरों का पता लगाएंगे।’

शरीर को अंदर से खोखला करती है सिगरेट, जानिए

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। हर साल मार्च महीने के दूसरे बुधवार को नो स्‍मोकिंग डे 2021 मनाया जाता है। इसे मनाने का मकसद लोगों को स्‍मोकिंग छोड़ने के लिए जागरुक करना है। आप कम सिगरेट पीते हों या ज्यादा इसका असर आपके पूरे बॉडी सिस्टम पर पड़ता है। आइए जानते हैं, कि स्मोकिंग किस तरह धीरे-धीरे पूरे शरीर को अंदर से खोखला कर देती है। नर्वस सिस्टम पर असर- सिगरेट में पाया जाने वाला निकोटीन आपके नर्वस सिस्टम पर बहुत बुरा असर डालता है। ये आपके दिमाग में पहुंच कर कुछ समय के लिए तो आपको बहुत एक्टिव महसूस कराता है। लेकिन जैसे ही इसका असर खत्म होता है। आपको थकान महसूस होती है। और फिर से सिगरेट पीने की तलब होने लगती है। निकोटीन की लत लग जाने पर स्मोकिंग की आदत छोड़ने में बहुत दिक्कत महसूस होती है। श्वसन तंत्र पर असर- जब आप स्मोक करते हैं। तो आप उन पदार्थों को शरीर के अंदर ले जाते हैं। जो आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। रोजाना सिगरेट पीने से समय के साथ-साथ ये नुकसान बढ़ता जाता है। और इसकी वजह से और भी कई दिक्कतें होने लगती हैं। सिगरेट पीने वालों में इम्फेसिमा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और लंग कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर असर- स्मोकिंग आपके पूरे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम यानी हृदय प्रणाली को खराब कर देती है। निकोटीन की वजह से नसें बहुत सख्त हो जाती हैं। जिससे ब्लड फ्लो में दिक्कत आती है। धीर-धीरे इसकी वजह से धमनी रोग हो जाता है। स्मोकिंग की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, खून की नसें कमजोर हो जाती हैं। और ब्लड क्लॉट्स होने लगते हैं। ये सारी चीजें स्ट्रोक का खतरा बढ़ाती हैं। बालों, स्किन और नाखून पर असर- फेफड़ों के बाद 
स्मोकिंग का सबसे ज्यादा असर इंटीग्यूमेंट्री सिस्टम पर होता है। इसकी वजह से आपके स्किन में साफतौर बदलाव देखा जा सकता है। हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, स्मोकिंग करने से स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (स्किन कैंसर) का खतरा बढ़ जाता है। स्मोकिंग से नाखूनों में फंगल इंफेक्शन होने लगता है। और बाल तेजी से झड़ने और सफेद होने लगते हैं। पाचनतंत्र पर असर- स्मोकिंग से मुंह, गले और ग्रासनली का कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। स्मोकिंग करने वाले ज्यादातर लोग पैनक्रिएटिक कैंसर का शिकार होते हैं। स्मोकिंग का इंसुलिन पर भी प्रभाव पड़ता है। जिसकी वजह से टाइप 2 डायबिटीज और इससे जुड़े जोखिम बढ़ने की संभावना हो जाती है। सेक्सुएलिटी और जेनिटल ऑर्गन पर असर- निकोटीन का असर पुरुषों और महिलाओं के जेनिटल ऑर्गन पर भी पड़ता है। इसकी वजह से पुरुषों में सेक्सुअल परफॉर्मेंस कम हो जाता है। वहीं महिलाओं में यौन इच्छा की कमी होने लगती है। निकोटीन सेक्स हार्मोन के स्तर को कम करता है। कैसे छोड़ें स्मोकिंग की आदत- स्मोकिंग छोड़ना बहुत मुश्किल का काम है। लेकिन डॉक्टर से सलाह लेकर आप एक प्लान बनाकर इस पर काम कर सकते हैं। कई नॉन प्रिस्क्रिप्शन और प्रिस्क्रिप्शन दवाएं हैं। जो स्मोकिंग छोड़ने में मदद करती हैं। स्मोकिंग छोड़ने के लिए आप किसी सेंटर की भी मदद ले सकते हैं। स्मोकिंग छोड़ने से धीरे-धीरे आपका पूरा बॉडी सिस्टम ठीक होने की तरफ बढ़ने लगता है।

यूपी: बुंदेलखंड बन रहा उद्योग और पर्यटन का हब

हरिओम उपाध्याय  
लखनऊ। दुर्गम रास्ते, प्यास बुझाने को पानी की किल्लत, औद्योगिक शून्यता। साल 2017 के पहले तक शौर्य और संस्कार की ऐतिहासिक धरती बुंदेलखंड की यही पहचान थी। अब बुंदेलखंड विकास के नए प्रतिमानों ने बुंदेलखंड की नई पहचान गढ़ दी है। इस क्षेत्र की संस्कृति और ऐतिहासिकता को संरक्षित करने के साथ ही प्रदेश की योगी सरकार इसे उद्योग और पर्यटन का हब बनाने में लगी है। बुंदेलखंड को लेकर जारी योजनाओं के पूरा होने पर हर क्षेत्र में नाम के अनुरूप इसकी तस्वीर भी बुलंद होगी।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ ही इस क्षेत्र से हवाई सेवा, डिफेंस कॉरिडोर, रामायण सर्किट, मेडिकल कॉलेज, औद्योगिक क्लस्टरों का विकास इसका जरिया बनेगी।
बुंदेलखंड दौरे पर मंगलवार को ललितपुर में बंडई बांध परियोजना के लोकार्पण समारोह में इस क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मास्टर प्लान की झलक दिखाई। उनकी चाहत विकास के माध्यम से बुंदेलखंड की ख्याति धरती का स्वर्ग जैसा करने की है। अपने संबोधन में उन्होंने इस बात को साझा भी किया। 2017 में मुख्यमंत्री बनने के साथ ही बुंदेलखंड को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में कदम बढ़ा दिया था। नतीजा, आज सबके सामने है।
विकास की अनिवार्य शर्त रोड कनेक्टिविटी के साथ ही एयर कनेक्टिविटी पर खासा फोकस बुंदेलखंड की बदहाली की एक बड़ी वजह यातायात की दुर्गम स्थिति थी। देश और प्रदेश की राजधानी तक इस क्षेत्र से आना-जाना दुरूह था। योगी ने विकास के अपने मास्टर प्लान में रोड कनेक्टिविटी का ध्यान रखते हुए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू कराया। आधा काम हो चुका है। और इस साल के अंत तक बुंदेली विकास इसी एक्सप्रेसवे पर सरपट भागता नजर आएगा।
जिस बुंदेलखंड में एक्सप्रेसवे की ही बात कल्पना थी। वहां हवाई सेवा को भी पंख लगने जा रहे हैं। बुंदेली धरा की धर्मनगरी चित्रकूट के अलावा योगी सरकार ललितपुर, झांसी से भी फ्लाइट की सुविधा देने की घोषणा कर चुकी है। चित्रकूट का हवाईअड्डा तो खूबसूरती का मिसाल बनेगा।

रावत के इस्तीफे के बाद, आप अध्यक्ष ने दी बधाईं

पंकज कपूर  
जसपुर। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी के अल्पसंख्याक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर यूनुस चौधरी ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा ने मान लिया है, कि उनके द्वारा बनाया गया। मुख्यमंत्री विकास कार्य करने में विफल है। उन्होंने कहा कि 4 साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड प्रदेश में कोई कार्य नहीं किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ऐसे मुख्यमंत्री से त्रिस्त हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से भाजपा ने अपने चुनावी दौर में उत्तराखंड प्रदेश में विकास करने के जो वादे किए थे।
वह वादे हवा हवाई थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर रहा है। इससे पहले भाजपा के कई विधायकों ने मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। भाजपा ने यह मान लिया है। की भ्रष्टाचार के जो आरोप मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने लगाए थे वह आरोप ठीक थे। उन्होंने प्रदेश की जनता को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे मुख्यमंत्री की विदाई से गैरसैंण में महिलाओं के ऊपर हुए लाठीचार्ज का न्याय मिला है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी गैरसैण में महिलाओं के ऊपर हुए लाठीचार्ज के बाद से ही मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही थी। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में जनता बीजेपी को उखाड़ फेंकने का कार्य करेगी क्योंकि जनता अब भाजपा के बहकावे में आने वाली नहीं है। जनता भाजपा की नीतियों को भलीभांति पहचान चुकी है और आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी फुल बहुमत के साथ उत्तराखंड में सरकार बनाएगी।

महिला दिवस पर महिलाओं को किया गया सम्मानित

पंकज कपूर   
गदरपुर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला कांग्रेस कमेटी द्वारा महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष श्रीमती रीना कपूर की अध्यक्षता में चक्की मोड़ राम लीला मैदान में ब्लॉक अध्यक्ष रेखा रावत द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे 65 गदरपुर विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस प्रभारी अलका पाल की मौजूदगी में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को किया गया सम्मानित। वही कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रीना कपूर और 65 गदरपुर विधानसभा क्षेत्र की प्रभारी अलका पार्क एवं ब्लॉक अध्यक्ष रेखा रावत की मौजूदगी में रामलीला मैदान चक्की मोड़ मैं आयोजित कार्यक्रम में महिला कल्याण संस्था दिनेशपुर की अध्यक्ष हीरा जगपंगी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ती गीता पपोला, गदरपुर नगर पालिका सभासद लीना संजीव झाम, पूर्व बीडीसी रेवती देवी, आशा कार्यकर्ती अनीता, ममता पानू, गीता दुमका के अलावा नेशनल खिलाड़ी ज्योति पवार को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पर्वतीय समाज की महिलाओं द्वारा पारंपारिक वेशभूषा में सुंदर चाचरी नृत्य की प्रस्तुति कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। वहीं आदिवासी बुक्सा समाज की महिलाओं द्वारा होली के मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति करते हुए उत्तराखंड की संस्कृति को संजोए रखा।
वही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष श्रीमती रीना कपूर ने कहा कि महिलाएं पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। उन्होंने हर क्षेत्र में अपनी सक्रियता को साबित किया है। वही 65 गदरपुर विधानसभा क्षेत्र की प्रभारी अलका पाल ने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़कर कार्य कर रही हैं। एवं ब्लॉक अध्यक्ष रेखा रावत ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी अतिथियों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया। वही कार्यक्रम का संचालन नंदा बल्लभ पांडे एवं किशोर सावंत ने किया। इस अवसर पर कांग्रेस की वरिष्ठ महिला नेत्री ममता हालदार, सोनी पाल, हसीन बानो, लीला रावत, मथुरा देवी, प्रियंका मौर्य, सुकलो देवी, मंजू त्रिपाठी, तेरसू देवी, चेतो देवी, चंपा देवी, बागलो देवी, जहांगीर कौर, युवा कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वरुण कपूर, तारक बछड़ा, विकास सरकार, संजीव झाम, गोविंद सिंह, मनोज देवराडी, किशोर सामंत, चंद्र सिंह चौटाला, साहिल गुंबर, सहित तमाम क्षेत्रवासी मौजूद थे।

फोटो-मोबाइल नंबर आधार से कनेक्ट करें, या जोडें

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। आधार कार्ड, आपकी पहचान बताने वाले अहम डॉक्यूमेंट्स में से एक है। सभी तरह की स्कीम्स और सर्विसेज का फायदा उठाने के लिए अक्सर, आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है। आधार कार्ड में आपका नाम, पता, फोटो और बायोमीट्रिक डीटेल्स दिए गए होते हैं। कई लोगों के आधार कार्ड में उनकी पुरानी फोटो लगी होती है। कई लोगों के साथ ऐसा भी है। कि उनके आधार कार्ड की फोटो क्लीयर नहीं है। ऐसे में अगर आप अपने आधार कार्ड का फोटो बदलवाना चाहते हैं। या आधार कार्ड में कोई नया मोबाइल नंबर अपडेट करना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं। कि कैसे आप ये दोनों प्रक्रिया पूरा कर सकते हैं।
अपना फोटोग्राफ ले जाना की जरूरी नहीं।
आधार कार्ड में फोटोग्राफ अपडेट करने के लिए आपको किसी परमानेंट एनरॉलमेंट सेंटर पर जाना होगा। यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक, जिस व्यक्ति का आधार कार्ड है। उसे इस काम के लिए आधार सेंटर पर जाना होगा। आधार कार्ड में फोटो अपडेट करने के लिए जरूरी नहीं है। कि आप अपना फोटोग्राफ लेकर जाएं, क्योंकि सेंटर पर ही वेब कैमरे के जरिए आपकी फोटो तुरंत खींच ली जाएगी। आधार कार्ड में फोटोग्राफ अपडेट होने में 90 दिन तक का समय लग सकता है।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...