सोमवार, 8 मार्च 2021

पेट्रोल-डीजल के दाम पर सदन में किया हंगामा

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि को लेकर हंगामा किया। जिसके कारण उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सभापति एम वेंकैया नायडू ने शून्यकाल में कहा कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे की ओर नियम 267 के तहत कार्यस्थगन नोटिस मिला है। जिसमें उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया है। नियम 267 के तहत सदन का सामान्य कामकाज स्थगित कर किसी अत्यावश्यक मुद्दे पर चर्चा की जाती है।

क्या खिलाड़ी धोनी के रिकॉर्ड्स तोड़ देंगे ऋषभ ?

अहमदाबाद। अनुभवी भारतीय खिलाड़ी रोहित शर्मा ने कहा कि ऋषभ पंत की आक्रामक बल्लेबाजी शैली से टीम-टीम प्रबंधन को तब तक कोई परेशानी नहीं है। जब तक वह अपना ‘काम’ ठीक तरीके से कर रहे हैं। भारत के दिग्गज विकेटकीपर एमएस धोनी के रिकॉर्ड को तोड़ देंगे। अनुभव के साथ, ऋषभ पंत एक लंबा रास्ता तय करेंगे। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच के दूसरे दिन के खेल के बाद शुक्रवार को कहा कि इस तरह से बल्लेबाजी करते हुए पंत जब असफल हो तो लोगों को उनकी आलोचना करने में कमी करनी चाहिए। कुछ समय पहले तक गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलने के लिये आलोचना का सामना करने वाले पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट के दूसरे दिन 118 गेंद में 101 रन की पारी खेल कर मैच पर भारत का दबदबा कायम कर दिया।
भारत ने 6 मार्च को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार जीत दर्ज करते हुए टेस्ट सीरीज 3-1 से जीती। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज जीतना हो या इंग्लैंड के खिलाफ, जो खिलाड़ी हीरो बनकर उभरा उसका नाम है। ऋषभ पंत. अब पूर्व भारतीय विकेटकीपर और चीफ सेलेक्टर किरण मोरे ने कहा है। कि पंत एक दिन धोनी के रिकॉर्ड्स तोड़ देंगे।
पंत ने चौथे टेस्ट मैच में 101 रनों की पारी खेलकर भारत को रफ पैच से खेल में वापस ला दिया और वाशिंगटन सुंदर के साथ एक मजबूत साझेदारी बनाई। वापसी में सुंदर ने 96 रनों की रोमांचक पारी खेलकर भारत को कमांडिंग पोजिशन में धकेल दिया। मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भी पंत की तारीफ की और कहा कि उन्होंने पिछले कुछ महीनों में शिविर में किसी और की तुलना में कड़ी मेहनत की है। खेल और फिटनेस से संबंधित उनके निरंतर ट्रेनिंग ने उन्हें ये परिणाम दिए हैं।
इसी संदर्भ में, भारत के पूर्व विकेटकीपर किरण मोरे भी उन लोगों की सूची में शामिल हो गए जो इस समय पंत की प्रशंसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अब तक के 20 टेस्ट मैचों में पंत का दूसरा टेस्ट मैच शतक है। उनकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए वह दिन दूर नहीं जब वह भारत के दिग्गज विकेटकीपर एमएस धोनी के रिकॉर्ड को तोड़ देंगे। अनुभव के साथ, ऋषभ पंत एक लंबा रास्ता तय करेंगे।
किरण मोरे ने पंत की तारीफ में कहा, ‘आप हर दिन सीखते हैं। आप अलग-अलग पिचों पर अलग-अलग मिट्टी के प्रकारों को रखकर सीखते हैं। आप दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों और पेसरों को ध्यान में रखकर सीखते हैं। जो इस समय भारत के पास हैं। आपको अवलोकन करके सीखना होगा वह एमएस धोनी के रिकॉर्ड को तोड़ देंगे अनुभव के साथ पंत एक लंबा रास्ता तय करेंगे।

झारखंड: गांव में अक्सर दिव्यांग पैदा होते है बच्चे

रांची। झारखंड के घाटशिला के डुमरिया प्रखंड के चाईडीहा गांव मे कई ऐसे बच्चे है। जो कुपोषित के शिकार है। आज सोमवार को ये बच्चे दिव्यांग होकर लाचार और बेवश होकर खाट पर पड़े हैं। कई ऐसे कुपोषित बच्चे थे। जिनकी मौत हो चुकी है। चाईडीहा के रहने वाले जगदीश सिंह के दो पुत्र और पुत्री है। दो पुत्री तो ठीक है। लेकिन दो पुत्र दोनों कुपोषित के शिकार होने पर दो में से एक की मौत हो चुकी है और दूसरा घाट पर पड़े पड़े अपनी लाचार अपनी जिन्दगी के दिन गिन रहा है। कुपोषित बच्चा कृष्णा सिंह दिनभर अपने घाट पर ही पड़े रहते है। ना बोल पाते है। और ना ही चल पाते है। उसकी मां बसंती सिंह दिनभर अपने बेटे की देखभाल में लगी रहती है। पहले दो पुत्र कृष्णा सिंह और मेघनात सिंह - जिसमें छोटा मेघनाथ सिंह की मौत हो चुकी है। पहले दोनों भाई एक ही खाट पर पड़ा रहते थे। लेकिन अब मेघनाथ सिंह की मौत के बाद कृष्णा सिंह अकेल ही खाट पर पड़ा रहता है। चाईडीहा गांव में रूद्ध सिंह की पुत्री यशोदा सिंह भी कुपोषण का शिकार है। अभी वह तीन साल की है। लेकिन चल नही पाती है। और ना ही बोल पाती है। अपनी मां की गोद में ही वह खेलती रहती है। रूद्ध सिंह ने अपनी पुत्री को डॉक्टरों को दिखाया जिस पर डॉक्टरों ने कहा कि आने वाले समय में बच्ची चलेगी और बोलेगी भी। लेकिन तीन साल होने को है बच्ची ना ही चल पाती है। और ना ही बोल पाती है। इस गांव में विशेश्वर सिंह जिनका एक हाथ दिव्यांग है। विशेश्वर सिंह भी बताते है। कि उनका एक हाथ बचपन से ही खराब है। एक हाथ खराब होने पर वह कही काम भी नही कर पाता है। दिव्यांग से जो पेंशन 1000 रूपय मिलता है। उसी से वह अपना घर चलाता है। इसी गांव में कुपोषित बच्चा जिनकी मौत हो गई है। वह दशरथ सिंह के 14 वर्षीय पुत्र, मिलू सिंह के 3 वर्षीय पुत्री और कृष्णा पातर के 4 वर्षीय पुत्र की मौत हो चुकी है। ग्रामीण बताते है। कि इस गांव में अक्सर दिव्यांग बच्चा ही पैदा हुआ, किस कारण से उन्हें नहींं पता नहीं है।

फ्रांस: डसॉल्ट के मालिक ओलिवियर दसॉ की मौत

पेरिस। फ्रांस के अरबपतियों में से एक और राफेल फाइटर जेट बनाने वाली कंपनी के मालिक ओलिवियर दसॉ की हेलिकॉप्‍टर हादसे में मौत हो गई। दसॉ फ्रांस की संसद के सदस्‍य थे। ओलिवियर दसॉ छुट्टियां मनाने गए थे। इसी दौरान उनका निजी हेलिकॉप्टर नॉर्मंडी दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उनकी मौत हो गई। दसॉ की मौत पर फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शोक जताया है। फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्विटर पर लिखा, ‘ओलिवियर दसॉ फ्रांस से प्यार करते थे। उन्होंने उद्योगपति, स्थानीय निर्वाचित अधिकारी, कानून निर्माता, वायु सेना के कमांडर के तौर पर देश की सेवा की. उनका आकस्मिक निधन एक बहुत बड़ी क्षति है। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना।
गौरतलब है। कि ओलिवियर 2002 से लेस रिपब्लिक पार्टी के विधायक थे। और इनके दो भाई और बहन थे। साथ ही वह परिवार के उत्तराधिकारी थे। उनके दादा मार्सेल, एक विमानिकी इंजीनियर और प्रतिष्ठित आविष्कारक थे। उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फ्रांसीसी विमानों में इस्तेमाल किया जाने वाला एक प्रोपेलर विकसित किया था। जो आज भी विश्वभर में प्रसिद्ध है।
बता दें कि दुर्घटना के दौरान ओलिवयर छुट्टियों पर थे। 2020 फोर्ब्स की अमीरों की सूची के अनुसार डसॉल्ट को अपने दो भाइयों और बहन के साथ दुनिया का 361वां सबसे अमीर शख्स बताया गया था। उन्होंने अपनी राजनीतिक भूमिका के कारण किसी भी तरह के हितों के टकराव से बचने के लिए दसॉ बोर्ड से अपना नाम वापस ले लिया था।
 

दक्षिणपंथी भाजपा के कोबरा बनकर लौटे अभिनेता

मनोज सिंह ठाकुर 
मुंबई। ये तस्वीर है गौरांग चक्रवर्ती की। दूसरा नाम मिथुन चक्रवर्ती। 1982 की डिस्को डांसर का जिम्मी। इस जिम्मी की शोहरत ऐसी थी, कि सोवियत यूनियन में राजकपूर के बाद सबसे ज़्यादा इसी का चेहरा पहचाना गया। वो भारत का पहला डिस्को डांसर था। पुणे का प्रोडक्ट होने से पहले मिथुन नक्सली थे। अपने भाई की एक्सीडेंट में मौत के बाद उन्हें परिवार के पास लौटना पड़ा वरना वो नक्सल आंदोलन की राह पर निकल ही चुके थे।
1976 में मिथुन को मृगया में एक्टिंग का मौका मिला और पहली ही फिल्म के बाद उनकी झोली में बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड था। 80 का पूरा दशक मिथुनमय था। शोहरत उनकी सोवियत यूनियन तक पहुंची और 1986 में वो देश के सबसे ज्यादा टैक्स देनेवाले शख्स बन गए। 1989 में तो उनकी 19 फिल्म बाज़ार में थीं। और एक-दूसरे के कलेक्शन के लिए ही चुनौती बन गईं। मिथुन हिंदी फिल्मों के अलावा दूसरी भाषाओं में भी फिल्में कर रहे थे। इतना सारा काम करते हुए 90 के दशक में उनको थकान होने लगी। नतीजतन वो ऊटी चले गए और वहां एक शानदार होटल बनवाया।
मुंबई के शोर से बचने के लिए उन्होंने ऐलान कर दिया कि जो फिल्में ऊटी या आसपास शूट होंगी वो उनमें ही काम करेंगे और डिस्काउंट भी देंगे। इस ऐलान ने कम बजट वालों को एक मौका दे दिया और उसके बाद हमारी पीढ़ी ने उनकी वो फिल्में देखीं जो बजट में बेहद कमज़ोर थीं लेकिन मिथुन की वजह से शानदार बिज़नेस कर रही थीं। 1995 की एक फिल्म जल्लाद में उन्हें फिल्मफेयर की ओर से बेस्ट विलेन का अवॉर्ड भी मिल गया। नायक से लेकर खलनायक तक मिथुन ने कोई भी रोल नहीं छोड़ा था।
गरीब से लेकर अमीर, सताये हुए पात्र से लेकर सताने वाले तक, बदला लेनेवाले से लेकर हंसोड़ तक के रोल में वो हिट रहे। उन्होंने अंधाधुंध फिल्में साइन कर डाली। हालत ये थी। कि खुद तो वो 1995 से 1999 तक देश के सबसे बड़े टैक्सपेयर थे लेकिन उनकी एक फिल्म का बिज़नेस दूसरी फिल्म का बिज़नेस काट रहा था। प्रोड्यूसर्स को इस समस्या का समाधान नज़र ही नहीं आ रहा था। मिथुन ही मिथुन के लिए चुनौती बन सकते थे। बाकी सब दूसरे नंबर थे। छोटे बजट वालों के लिए मिथुन तारनहार थे।
दूसरी तरफ कल तक नक्सली रहे मिथुन ने होटल्स की पूरी चेन ही खोल डाली। ऊटी से शुरू हुआ सफर मधुमलाई, दार्जिलिंग, कोलकाता तक चला गया था। इसके अलावा मिथुन्स ड्रीम फैक्ट्री नाम का उनका प्रोडक्शन हाउस फिल्में बना रहा था। जिसके अपने दर्शक थे। 90 के आखिर तक आते-आते उन्होंने बंगाली फिल्मों में ही काम करना शुरू कर दिया मगर जब उनका कम बैक हिंदी में हुआ तो उन्होंने गुरू जैसी फिल्म भी दी। इसके अलावा वो हर साल इक्का-दुक्का हिंदी फिल्में करते ही रहे हैं।
वीर, गोलमाल-3, हाउसफुल-2, ओह माई गॉड, खिलाड़ी 786 के अलावा उन्होंने बेटे मिमोह के साथ भी फिल्म की। मिथुन को खास उनकी खास तरह की फिल्में ही नहीं बनाती बल्कि इसके इतर किए गए काम भी हैं। जिस सिंटा को आज इंडस्ट्री जानती है। वो दिलीप कुमार और सुनील दत्त के साथ मिलकर मिथुन ने ही बनाई थी। टीवी पर भी उनकी उपस्थिति पिछले कई सालों से बनी हुई है। बंगाली दर्शकों के ज़हन पर तो मिथुन 35 सालों से हावी हैं। बिग बॉस का बांग्ला वर्ज़न वही होस्ट करते हैं। तृणमूल कांग्रेस ने मिथुन को 2014 में राज्यसभा भेजा लेकिन 2016 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
वैसे लोगों को कम ही जानकारी है। कि प्रणव मुखर्जी को राष्ट्रपति पद के लिए ममता का समर्थन उन्होंने ही जुटाया था। सारिका के साथ मिथुन की मुहब्बत हमेशा चर्चा में रही। 1979 में मिथुन ने शादी सारिका से नहीं हेलेना ल्यूक से की। इसके बाद योगिता बाली उनकी पत्नी बनीं। 80 के दशक तक आते -आते श्रीदेवी उनसे प्यार कर बैठीं। अफवाहें उड़ने लगी कि दोनों ने गुपचुप शादी कर ली है। बाद में मिथुन ने इन अफवाहों की पुष्टि कर दी। वो शादी भी अपने अंत तक पहुंच ही गई और मिथुन फिर से योगिता बाली के साथ थे।
आज मिथुन दा 71 साल के हैं। ज़िंदगी के तमाम उतार चढ़ावों के साथ उन्होंने राजनीति का भी एक चक्र पूरा जी लिया। धुर वामपंथी से होते हुए वो 2014 में टीएमसी के सहारे राज्यसभा चले गए थे। संसद में उन्होंने तीन बार से ज़्यादा चेहरा नहीं दिखाया। फिर 2016 में शारदा चिटफंड स्कीम में उनका नाम आया. ईडी ने तलब कर लिया. अचानक मिथुन को अहसास हुआ कि उनकी सेहत ख़राब है। तो एक ही साथ सांसदी, टीएमसी, सियासत सबको छोड़ दिया। 
अब वो दक्षिणपंथी भाजपा के कोबरा बनकर लौटे हैं। चर्चा ये है कि पहले एक अन्य दिग्गज को बल्लेबाज़ी करनी थी मगर उसने सेहत का हवाला दे दिया तो उनकी जगह मिथुन दा उतरे हैं। ये तो पता नहीं कि मिथुन सिर्फ प्रचार करेंगे या चुनाव भी लड़ेंगे लेकिन राजनीति में उनकी गहरी रुचि होने के बावजूद निष्क्रियता बहुत चर्चित रही है। देखें कि ये वाला डिस्को कब तक चलता है।

बलिया में महंत ने किशोरी से किया दुष्कर्म, मुकदमा

संदीप मिश्र 
बलिया। एक किशोरी से बलिया जिले के खैराखास मठ के महंत और उसके दो शिष्यों द्वारा पिछले सात वर्षों से दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने 3 जनवरी 2021 को पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। लेकिन आरोपी पुलिस की गिरफ्त से अभी दूर हैं।
पीड़िता ने शुक्रवार को बलिया में डीआईजी आजमगढ़ मंडल, सुभाष चंद्र दूबे से शिकायत किया कि आरोपी महंत और उसके शिष्य उसे डरा धमका रहे हैं। इसके बाद यह मामला सामने आया। पीड़िता का आरोप है। कि अदालत से आदेश के बाद भी पुलिस आरोपियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
मूल रूप से सुल्तानपुर निवासी और वर्तमान में उभांव थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली किशोरी ने आरोप लगाया है। कि महंत भूपन तिवारी उर्फ मौना बाबा, निवासी सदर गोड़वा थाना ललिया जनपद बलरामपुर और उसका शिष्य जगत नारायण दुबे निवासी खैराखास थाना उभाव जनपद बलिया और राजेश कुमार गुप्ता उर्फ पप्पू निवासी मालगोदाम रोड, बेल्थरा रोड थाना उभांव जनपद बलिया वर्ष 2015 से उसका शारीरिक शोषण कर रहे थे।
पीड़िता के मुताबिक, मठ का महंत उसका रिश्तेदार है। उसके पिता की मृत्यु के बाद शिक्षा-दीक्षा के लिए वह उसे मठ ले आया था। मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। और शीघ्र ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मामले का खुलासा करने के लिए प्रभावी जांच का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया गया है।

रैली में भीड़, ₹66 लाख में 3 रेलगाड़ियां बुक की

 अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी की रैली में भीड़ जुटाने के लिए बीजेपी ने 66 लाख रुपए में 3 रेलगाड़ियां बुक कीं। अलीपुरद्वार, मालदा और हरीशचंद्रपुर से गाड़ियां रवाना हुईं। मिलेनियम पोस्ट की ख़बर के मुताबिक़ 22-22 बोगियों वाली दो ट्रेन की बुकिंग 26 और 22 लाख में हुई। जबकि, 16 बोगी वाली एक ट्रेन 18 लाख में बुक हुई।
अब 11 महीने पहले की उन तस्वीरों के बारे में सोचिए जब देश के अलग-अलग कोनों से लाखों-करोड़ों लोग अप्रत्याशित लॉकडाउन के बाद जानवरों की तरह पैदल चल रहे थे। सैकड़ों लोग सड़कों पर चलते-चलते मर गए थे। 
मोदी सरकार और बीजेपी तब तमाशा देख रही थी। अलबत्ता, विपक्षी पार्टियों ने जब मज़दूरों के लिए बसें बुक कीं तो उसमें अड़ंगा डाल रही थी। पूरे देश से झूठ बोल रही थी। कि ट्रेन किराये का 85 फ़ीसदी हिस्सा सब्सिडी के तौर पर केंद्र सरकार दे रही है। मज़दूरों से पैसे लूटे जा रहे थे। 
मज़दूर जब घर जाना चाह रहे थे तो सरकार जाने नहीं दे रही थी। अभी लोग घर में हैं तो उन्हें घर से उठाकर मैदान लाने के लिए ट्रेन चलवा रही है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...