शनिवार, 27 फ़रवरी 2021

कुत्तों को खाना खिलाने का विवाद पहुंचा हाईकोर्ट

कुत्तों को खाना खिलाने का विवाद पहुंचा कोर्ट, जानिए फिर अदालत ने क्या कहा।
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) से, आवारा कुत्तों को खिलाने को लेकर राष्ट्रीय राजधानी के वसंत कुंज के एक सेक्टर के निवासियों और पशु प्रेमियों के बीच विवाद के मामले में दखल देने को कहा है। अदालत ने एडब्ल्यूबीआई को उन स्थानों को चिह्नित करने को कहा है। जहां पर कुत्तों को खिलाया जा सकता है। ताकि आसपास के क्षेत्र में शांति और सद्भाव की स्थिति कायम रहे। 
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने वसंत कुंज के ई-2 ब्लॉक के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) द्वारा डाली जा रही अड़चन के खिलाफ पशु प्रेमियों द्वारा दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। अधिवक्ता अभीक चिमनी द्वारा दाखिल याचिका में अदालत को बताया गया कि जब भी वे सड़कों पर रहने वाले कुत्तों को खाना देने का प्रयास करते हैं। तो स्थानीय निवासी इसमें रुकावट डालते हैं। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय ने 2009 में एक आदेश में एडब्ल्यूबीआई को कुत्तों को खाना देने के लिए कॉलोनियों में जगह चिह्नित करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा ऐसा प्रतीत होता है। कि स्थान चिह्नित करने पर सहमति नहीं बन पायी। आरडब्ल्यूए को आशंका है। कि ब्लॉक के खुले क्षेत्र में बच्चे और बुजुर्ग निवासी भी घूमते-टहलते हैं। इससे उन्हें दिक्कतें हो सकती हैं।
अदालत ने निर्देश दिया कि, क्षेत्र में शांति और सद्भाव कायम रखने के लिए एडब्ल्यूबीआई 8 मार्च को दो प्रतिनिधियों को भेजकर आरडब्ल्यूए और याचिकाकर्ताओं के साथ बैठक करेगा। बैठक के दौरान निवासियों से बात कर कुत्तों को भोजन देने के लिए ऐसे स्थान को चिह्नित किया जाएगा जहां पर बच्चे, वरिष्ठ नागरिक नहीं आते-जाते। इस निर्देश के साथ अदालत ने पशुप्रेमियों की याचिका का निपटारा कर दिया।

गुजरात के शहरों में 15 दिन के लिए बढ़ा रात्रि कर्फ्यू

लौट के कोरोना फिर से आया, इन शहरों में 15 दिन के लिए बढ़ाया गया कर्फ्यू
अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के बाद अहमदाबाद सहित राज्य के चार प्रमुख शहरों में लगाया गया रात का कर्फ्यू 15 दिन और बढ़ाने का निर्यण किया है। अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट में रात के कर्फ्यू की अवधि 28 फरवरी को समाप्त हो रही थी। शुक्रवार रात जारी एक बयान में कहा गया कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले हाल में बढ़ने के बाद सरकार ने चार नगर निगमों में रात का कर्फ्यू 15 दिन और बढ़ाने का फैसला किया है।
गौरतलब है। कि पिछले वर्ष दीपावली के बाद इन शहरों में संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद पहली बार रात का कर्फ्यू लगाया गया था। और यह पांचवीं बार है। जब रात्रि कर्फ्यू की अवधि को बढ़ाया गया है। यह कर्फ्यू आधी रात से शुरू हो कर सुबह छह बजे तक चलता है। लेकिन बयान में यह नहीं बताया गया है। कि बढ़ाए गए रात्रिकालीन कर्फ्यू का वक्त क्या रहेगा।मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शुक्रवार को गुजरात में संक्रमण के हालात की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी। जिसके बाद यह बयान जारी किया गया है। बयान के अनुसार राज्य में कोविड-19 टीकाकरण अभियान के प्रथम चरण में कुल 4.82 लाख स्वास्थ्य कर्मियों में से 4.07 लाख से अधिक को टीके की पहली खुराक दी गई थी।इसमें कहा गया कि अब तक 1.23 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की दूसरी खुराक दी जा चुकी है।

बरेली: कलेक्ट्रेट परिसर में कई विभागों के टूटे ताले

बरेली: कलेक्ट्रेट परिसर में कई विभागों के टूटे ताले, दो लैपटॉप, एक मोबाइल समेत अन्य सामान चोरी
संदीप मिश्र 
बरेली। कलेक्ट्रेट परिसर स्थित कामर्शियल कोर्ट के मंडलीय कार्यालय, आबकारी विभाग के मालखाना और भूलेख विभाग के कार्यालय के चोरों ने ताले तोड़ दिए। चोर भूलेख कार्यालय से दो लैपटॉप, एक मोबाइल बिना सिम के, एक डिवाइस चुरा ले गये। आबकारी के मालखाने से भी सामान चोरी हुआ है। कई फाइलें भी चोरी होने की चर्चा है।
इस मालखाने में अवैध शराब के पकड़े गये सामान रखा था। यहां का कुछ सामान कामर्शियल कोर्ट की छत पर बिखरा मिला। तमंचा, बीयर की खाली केन प्लास्टिक के कट्टे भी पड़े मिले। पुलिस ने सामान कब्जे में ले लिया है। चोरी की घटना गुरूवार की रात की बताई जा रही है। कामर्शियल कोर्ट कार्यालय से कोई सामान चोरी नहीं हुआ है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

भारत के टॉप सरकारी अस्पताल, बेहतर इलाज

भारत के ये है। टोप बेस्ट सरकारी अस्पताल, यहां होता है। बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज, आप भी जानें
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। भारत के कई ऐसे सरकारी अस्पताल हैं। जहां बड़ी से बड़ी बीमारियों का सस्ती इलाज होता हैं। इसके बारे में सभी लोगों को सही जानकारी होनी चाहिए ताकि लोग किसी भी बीमारी का इलाज कम से कम खर्च पर वो करा सके।
ये हैं। भारत के टॉप-5 सबसे बेस्ट सरकारी अस्पताल, सभी को जानना ज़रूरी।
1 .अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली: भारत के सबसे बेस्ट सरकारी अस्पतालों में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली पहले नंबर पर हैं। बता दें की इस अस्पताल में सभी प्रकार के बीमारियों का इलाज होता हैं।
2 .पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़। भारत के सबसे बेस्ट सरकारी अस्पतालों में पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ दूसरे नंबर पर हैं।
इस अस्पताल में कई तरह की उच्च स्तरीय व्यवस्था भी मौजूद हैं। आप यहां बड़े दे बड़े बीमारियों का इलाज करा सकते हैं।
3 .सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली। भारत के बेस्ट अस्पतालों में सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली का नाम आता हैं। सरकार ने इस अस्पताल में कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा रखी हैं। यहां सस्ते दामों पर बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज करा सकते हैं।
4 .दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, नई दिल्ली। बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज कराने के लिए दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, नई दिल्ली भी अच्छा माना जाता हैं। इस अस्पताल में कई तरह की फैसलिटी मौजूद हैं। यह देश के बेस्ट अस्पतालों में मौजूद हैं।
5 किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल, मुंबई। बता दें की मुंबई का किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल देश के बेस्ट अस्पतालों में से एक हैं। आप इस अस्पतालों में सस्ते दामों पर बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज करा सकते हैं। यहां करीब-करीब सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जाता हैं।

5 साल में 1 दिन स्कूल नही पहुंची शिक्षिका, वेतन

यूपी का शिक्षा विभाग महान है। पांच साल में एक दिन स्कूल नही पहुंची शिक्षिका, फिर भी मिलता रहा वेतन, तीन पर मामला दर्ज

लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा घपला सामने आया है। एक शिक्षिका का 1297 दिनों तक गैर हाजिर रहने के बाद भी उसका वेतन जारी होता रहा। मामले का खुलासा होने के बाद अब आरोपी शिक्षिका और उसके पति समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराकर गैरहाजिरी के दौरान वेतन के रूप में ली गई धनराशि की रिकवरी कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है। डीएम ने शिक्षिका से रिकवरी के आदेश भी दिए हैं।
अफसरों और शिक्षिका की साठ-गांठ का यह मामला अजीमनगर थाना क्षेत्र के सैदनगर ब्लाक के कुम्हरिया गांव के प्राथमिक स्कूल से जुड़ा हुआ है। यहां प्रीति यादव नाम की एक शिक्षका की तैनाती लगभग 62 माह (2011 से 2015) तक रही है। वह स्कूल से लगातार गैरहाजिर रही
पांच सालों में वह 1297 दिन गैर हाजिर रही। रजिस्ट्रर में उसे गैर हाजिर दिखाया गया है। लेकिन उसके वेतन का भुगतान कर दिया जाता रहा। खास बात यह है। कि तत्कालीन बीएसए ने उसके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे।
एबीएसए ने भी वेतन जारी करने की संस्तुति नहीं की थी। इसके बाद भी वेतन जारी कर दिए गए थे। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद जिलाधिकारी ने जांच बैठा दी और बीएसए से रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम के आदेश पर अजीमनगर थाने में खंड शिक्षाधिकारी प्रेम सिंह राणा की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एसओ रविंद्र कुमार ने पुष्टि की कि आरोपी शिक्षिका, उसके पति और एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
फिलहाल बाराबंकी में तैनात है। शिक्षिका
सैदनगर के कुम्हरिया कलां गांव के स्कूल में तैनात रही शिक्षिका प्रीति यादव 2011 में रामपुर में तैनात हुई थीं। वह 2005 से शिक्षिका के पद पर तैनात हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्य लक्ष्मी ने बताया कि प्रीति यादव 15 जुलाई 2011 से रामपुर में तैनात थी। ज्वाइन करने के दो दिन बाद से ही वह गैरहाजिर हो गईं। खंड शिक्षाधिकारी ने उसके खिलाफ कार्रवाई को लिखा। वेतन रोकने के आदेश हुए, लेकिन जब बैंक स्टेटमेंट जारी हुआ तो पता चला कि वेतन जारी हो रहा है। तत्कालीन बीएसए ने सेवा समाप्ति को भी लिखा था। लेकिन जब सेवा समाप्ति का नोटिस जारी हुआ तो उक्त शिक्षिका अंतरजनपदीय तबादले के तहत बाराबंकी चली गई। कार्रवाई के लिए बाराबंकी के बीएसए को भी लिखा गया है।
अफसरों की साठ-गांठ से निकलता रहा वेतन
रामपुर। स्कूल न जाने वाली शिक्षिका का वेतन यूं ही नहीं निकलता रहा। इसके पीछे अफसरों और लेखा विभाग से जुड़े अफसरों और कर्मियों की साठ-गांठ भी कम जिम्मेदार नहीं है। ब्लाक स्तर से बीएसए दफ्तर और लेखा दफ्तर और आला अफसरों तक की साठ-गांठ के चलते यह सब हुआ है। इस तरह के कई केस सामने आ चुके है।

46 साल के व्यक्ति ने खरीदी, 12 साल की लड़की

46 साल के व्यक्ति को 10,000 रुपये में 12 साल की लड़की बेची

नेल्लोर। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में एक दंपति ने अपनी 12 साल की लड़की को 46 वर्षीय एक व्यक्ति को बेच दिया। दंपति ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि उन्हें अपनी बड़ी बेटी का इलाज करना था। उनकी बड़ी बेटी सांस के रोग से पीड़ित है। चिन्ना सुब्बैया ने नाबालिग से शादी की। हालांकि महिला और बाल विकास अधिकारियों ने लड़की को बचा लिया। नाबालिग को जिला बाल स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया है। जहां उसकी काउंसलिंग की जा रही है।
कोट्टूर निवासी दंपति से उनके पड़ोसी सुब्बैया ने मुलाकात की। उसने कथित तौर पर 10,000 रुपये में सौदा किया। रिपोर्ट के अनुसार लड़की के माता-पिता ने 25,000 रुपये मागे थे। इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सुब्बैया की पत्नी ने झगड़े के बाद उसे छोड़ दिया था। नाबालिग से शादी करने के बाद वह उसे अपने रिश्तेदार के यहां धामपुर जिले में ले आया। जहां नाबालिग ने रोना शुरू कर दिया, जिसके बाद पड़ोसियों ने उससे पूछताछ की और गांव के सरपंच को मामले की जानकारी दी। गांव के सरपंच ने तब बाल विकास विभाग से संपर्क किया।

जेल से भागे 400 से ज्यादा कैदी, 25 कैदियों की मौत

जेल में हड़कंप, भागे 400 से ज्यादा कैदी, 25 कैदियों की मौत

पोर्ट-ओ-प्रिंस। हैती की सरकार ने शुक्रवार को कहा कि जेल से 400 से ज्यादा कैदी फरार हो गए हैं। और गोलीबारी की घटना में जेल निदेशक समेत 25 लोगों की मौत हो गई। यह घटना गुरुवार को राजधानी पोर्ट ओ प्रिंस के उत्तर पूर्व में स्थित क्रूआ दि बूके सिविल जेल में हुई। घटना के वक्त जेल में 1542 कैदी थे। इस जेल का निर्माण 2012 में कनाडा ने कराया था। वर्ष 2014 में इसी जेल से 300 से अधिक कैदी फरार हुए थे। मारे जाने वाले लोगों में एक शक्तिशाली गैंग का सरदार और जेल निदेशक भी शामिल हैं। यह घटना राजधानी पोर्ट-ओ-प्रिंस के बाहरी इलाके में गुरुवार को क्रॉक्स-डेस-बुकेट्स जेल में घटित हुई।
माना जा रहा है, कि गैंग लीडर अर्नेल जोसेफ को जेल से भगाने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया। जोसेफ हैती में 2019 में गिरफ्तारी से पहले तक दुष्कर्म, अपहरण और हत्या के आरोपों में वांछित भगोड़ा था। जेल से फरार होने के बाद उसके पैरों में जेल की चेन थी। और वह मोटरसाइकिल पर बैठकर भाग रहा था।
जोसेफ के भागने के एक दिन बाद उसे एक चेकप्वांइट पर देखा गया। पुलिस प्रवक्ता गैरी डेसोर्स ने कहा कि देखे जाने पर जोसेफ ने पुलिसवालों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसकी मौत हो गई। गैंग लीडर राजधानी पोर्ट ओ प्रिंस में स्थित गांग डी एडियो और अन्य समुदायों पर शासन करता था।
अधिकारियों ने अभी तक जेल तोड़े जाने को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी है। सिवाय इसके कि 60 कैदियों को दोबारा पकड़ लिया गया है। और मामले की जांच जारी है। राज्य सचिव, फ्रांट्ज़ एक्जेंटस ने कहा कि अधिकारियों ने जेल तोड़े जाने की घटना की जांच के लिए कई आयोग बनाए हैं। मारे जाने वालों में जेल निदेशक भी शामिल हैं। जिनकी पहचान पॉल जोसेफ हेक्टर के तौर पर हुई है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने कैदियों के फरार होने से पहले बड़ी संख्या में हथियारबंद लोगों को जेल के सुरक्षाकर्मियों पर गोलियां चलाते देखा था। गोलीबारी शुरू होने के काफी देर बाद तक जेल के अंदर गोलियों की आवाजें सुनाई देती रहीं। हैती के राष्ट्रपति जोवेलेन मोइस ने शुक्रवार को ट्वीट कर कैदियों के भागने और गोलीबारी की घटना की निंदा की और लोगों से धैर्य बनाए रखने को कहा।
वहीं कुछ लोगों का मानना है, कि घटना को एक प्रमुख व्यवसायी के बेटे क्लिफोर्ड ब्रांड्ट को मुक्त करने के लिए अंजाम दिया गया था। जिसे 2012 से प्रतिद्वंद्वी व्यवसायी के वयस्क बच्चों का अपहरण करने के आरोप में जेल में बंद किया गया है। डोमिनिकन रिपब्लिक सीमा के पास ब्रांड्ट को दो दिन बाद पकड़ लिया गया।

फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी

फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भविष्यवाणी क...