केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर कृषि सेस लगाया गया है। डीजल पर चार रुपये और पेट्रोल पर ढाई रुपये का सेस लगाया गया है। हालांकि, कहा जा रहा है कि ये सेस कंपनियों को देना होगा और आम लोगों पर इसका कोई असर नहीं होगा।
आम करदाता को नहीं मिली कोई राहत
टैक्स पेयर पर बोझ डालने का वक्त नहीं। टैक्स सिस्टम पारदर्शी रखने का वक्त है। आम करदाता को टैक्स में कोई नई छूट नहीं। जीएसटी अब चार साल पुरानी हो गई है। जीएसटीएन सिस्टम की क्षमता भी बढ़ाई गई है। फेक बिलर्स की पहचान हो रही है। पिछले कुछ महीनों में रेकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन हुआ है। टैक्स ऑडिट की लिमिट 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करने का प्रस्ताव। इस तरह सरकार ने टैक्सेशन सिस्टम की जटिलता को खत्म करने का प्रयास किया।
सोना चांदी के सामान होंगे सस्ते
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लोहे और स्टील के उत्पाद सस्से होंगे। साथ ही सोना चांदी के सामान भी सस्ते होंगे। तांबे के सामान पर भी 2.5 फीसदी कस्टम ड्यूटी घट गई है। देश में अब चमड़ा के निर्यात पर रोक लगेगी।
इलेक्ट्रॉनिक सामान मंहगा होगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विदेशी मोबाइल महंगे हो जाएगें, क्योंकि कस्टम ड्यूटी 20 फीसदी बढ़ा दी गई है। साथ ही देश में बनने वाले मोबइल और चार्जर महंगे होंगे, क्योंकि इनपर कस्टम ड्यूटी 2.5 फीसदी बढ़ गई है। मतलब यह है कि इलेक्ट्रोनोकि सामान महंगा हो जाएगा। साथ ही ऑटो पॉर्ट्स भी महंगे होंगे।
वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में राहत दी जाएगी। 75 की उम्र पार कर चुके वरिष्ठ नागरिकों को अब आईटीआर भरने की जरूरत नहीं होगी। यानी अब वह इनकम टैक्स नहीं भरेंगे।
डिजिटल जनगणना और स्पेश मिशन का ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने आगामी जनगणना के लिए 3,726 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं और पहली बार देश में डिजिटल जनगणना होगी। सरकार एक राष्ट्रीय भाषा अनुवाद पहल पर भी काम कर रही है। सीतारमण ने पांच साल में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के परिव्यय के साथ गहरे महासागर में मिशन के परिचालन की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार ने संविदा विवादों के त्वरित निस्तारण के लिए सुलह की प्रणाली स्थापित की है। सरकार ने नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन विधेयक लाने का भी प्रस्ताव रखा है।
पंद्रह हजार से अधिक विद्यालयों में सुधार का प्रस्ताव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश में शिक्षा को और गुणवत्तपूर्ण बनाने के लिए लायी गयी नयी शिक्षा नीति के अंतर्गत पंद्रह हजार से अधिक विद्यालयों में गुणवत्ता की दृष्टि से सुधार किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। सीतारमण ने कहा कि नई शिक्षा नीति को देशवासियों ने तहे दिल से स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में नयी शिक्षा नीति के तहत पंद्रह हजार से अधिक विद्यालयों में शिक्षा के स्तर में गुणवत्ता की दृष्टि से सुधार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट में सौ नये सैनिक स्कूल खोलने का भी प्रस्ताव किया गया है। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी जिससे यहां के युवाओं को फायदा होगा।
कृषि कानूनों को लेकर किया विरोध
जब वित्त मंत्री बजट पेश कर रही थीं, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, आम आदमी पार्टी के भगवंत मान और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने तीन हालिया कृषि कानूनों को लेकर विरोध दर्ज कराया। वे हाथों में तख्ती लिये हुए थे जिसमें केंद्र सरकार से तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग वाले नारे लिखे थे। विरोध कर रहे तीनों सांसद सदन के गलियारे में खड़े थे
किसानों पर सरकार का ध्यान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एमएसपी में कई बदलाव हुए हैं। सरकार का किसान और ग्रामीण क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान है। 6 सालों में सरकार ने एमएसपी डेढ़ गुना किया है। देश में गेंहूं उगाने वाले किसानों की संख्या बढ़ी है। सरकार ने 2020-21 में किसानों से एक लाख 41 हजार 930 करोड़ का धान खरीदा है। जैसे ही बजट में कृषि क्षेत्र का ज़िक्र हुआ संसद में काले कानून वापस लो के नारे लगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि धान के मामले में वर्ष 2013-14 में किसानों को कुल 63,928 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया था जो वर्ष 2019-20 बढ़कर 1,41,930 करोड़ रूपये हो गयी। दाल के मामले में वर्ष 2013-14 में किसानों को कुल 263 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया था जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 10,530 करोड़ रूपये हो गयी।
पूंजीगत व्यय 5.54 लाख करोड़ रुपये का ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है। सीतारमण ने आम बजट 2021-22 पेश करते हुए 2021-22 में पूंजीगत व्यय बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है। चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पूंजीगत व्यय का बजट 4.39 लाख करोड़ रुपये है।
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि संभावित मौजूदा ढांचागत परिसंपत्तियों के लिए राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन शुरू की जाएगी। इसके तहत गेल (इंडिया) लि. , इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) की पाइपलाइनों का मौद्रिकरण किया जाएगा।
सात बंदरगाह परियोजनाओं के लिए करीब 2000 करोड़ रुपए की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने 2000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से सात बंदरगाह परियोजनाओं की घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत कार्यान्वित की जाएंगी। उन्होंने पीपीपी मोड के जरिए 2000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से सात बंदरगाह परियोजनाओं का प्रस्ताव किया है। भारत में अभी 12 प्रमुख बंदरगाह हैं जो केंद्र सरकार के नियंत्रण में हैं। इनमें दीनदयाल (पूर्ववर्ती कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, न्यू मेंगलूर, कोच्चि, चेन्नई, पारादीप, कोलकाता (हल्दिया सहित) शामिल हैं।
इंश्योरेंस सेक्टर में FDI को बढ़ावा
सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) की सीमा को बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। इस कदम का उद्देश्य विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करना है। वित्त मंत्री ने कहा कि सभी वित्तीय उत्पादों के लिए निवेशक चार्टर पेश किया जाएगा। यह सभी वित्तीय निवेशकों का अधिकार होगा। उन्होंने बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने तथा रक्षोपाय के साथ विदेशी भागीदारी तथा नियंत्रण की अनुमति के लिए बीमा अधिनियम-1938 में संशोधन का प्रस्ताव किया। आम बजट 2021-22 पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि नए ढांचे के तहत ज्यादातर निदेशक और बोर्ड तथा प्रबंधन स्तर के अधिकारी निवासी भारतीय होंगे। कम से कम 50 प्रतिशत निदेशक स्वतंत्र निदेशक होंगे। इसके अलावा मुनाफे का एक निश्चित प्रतिशत सामान्य आरक्षित निधि के रूप में रखा जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में गैस पाईपलाइन प्रोजेक्ट का ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में गैस पाईपलाइन प्रोजेक्ट शुरू होगा। तीन साल में 100 नए जिलों में योजना शुरू होगी। कपड़ा उद्योग को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी और सक्षम बनाने के लिए 3 वर्षों की अवधि में 7 टैक्सटाईल पार्क स्थापित किए जाएंगे।
उज्ज्वला योजना में एक करोड़ और परिवारों को जोड़ा जाएगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उज्ज्वला योजना में एक करोड़ और परिवारों को जोड़े जाने की घोषणा की है। सीतारमण ने कहा कि देश के गरीब परिवारों की महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर देने की योजना एक मई 2016 में शुरू की गयी थी। उन्होंने कहा कि घरों में पाइप के जरिए गैस पहुंचाने और वाहनों को सीएनजी मुहैया कराने के सिटी गैस वितरण नेटवर्क का विस्तार कर 100 और जिलों को इसके दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सामान्य वहन क्षमता के नियमन की खातिर परिवहन प्रणाली आपरेटर (टीएसओ) की भी घोषणा की।
बिजली क्षेत्र के लिए बड़ा ऐलान
निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि सरकार की ओर से 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की स्कीम लॉन्च की जा रही है, जो देश में बिजली से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम करेगा। सरकार की ओर से हाइड्रोजन प्लांट बनाने का भी ऐलान किया गया है। बिजली क्षेत्र में PPP मॉडल के तहत कई प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा।
परिवहन के लिए 18,000 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने कहा कि दिसंबर 2023 तक ब्रॉड गेज रेल पटरियों का शत-प्रतिशत विद्युतीकरण होगा। रेलवे के लिए रिकॉर्ड 1,10,055 करोड़ रुपये मुहैया कराये जाएंगे जिसमें से 1,07,100 करोड़ रुपये 2021-22 में पूंजी व्यय के लिए निर्धारित होंगे।
बंगाल हाईवे के लिए 25 हजार करोड़ रुपये
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल तथा असम में राष्ट्रीय राजमार्गों को बढावा देने के लिए बजट-2021-22 में विशेष प्रावधान किए हैं। सीतारणम ने कहा कि इन सभी राज्यों में ढांचागत विकास को महत्व दिया जा रहा है इसलिए वहां राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए विशेष योजना बनायी गयी है। पश्चिम बंगाल के लिए 25,000 करोड़ रुपये की लागत से 675 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया जाएगा। इसी तरह से असम में अगले तीन साल के दौरान 1300 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाएंगे। बंगाल और असम में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। सीतारमण ने कहा कि केरल में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए 65,000 करोड़ रुपये के निवेश से 1100 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य किया जाएगा। इसी तरह से तमिलनाडु में 1.03 लाख करोड़ रुपये की लागत से 3,500 किमी के राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया जाएगा।