रविवार, 31 जनवरी 2021

यूपी में बदलेगा आरटीओ का कामकाज, सेवाएं बंद

कल से बदल जायेगा यूपी में आरटीओ का कामकाज़, बंद हो जाएंगी ये 13 सेवाएं
अश्वनी उपाध्याय  
गाजियाबाद। यूपी परिवहन विभाग अब हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। सोमवार यानी 1 फरवरी से वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होने से गाजियाबाद आरटीओ सहित प्रदेश के लगभग सभी परिवहन कार्यलयों में गाड़ियों से जुड़े 13 काम बंद हो जाएंगे। परिवहन विभाग ने एक फरवरी से इस नियम को लागू कर दिया है। खासकर अब व्यावसायिक वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य हो गया है। पिछले दिनों ही यूपी सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा था। कि अगर 15 अप्रैल तक वाहनों पर एचएसआरपी नहीं लगी तो 16 अप्रैल से 5 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा।
दरअसल, 1 फरवरी से गाजियाबाद और नोएडा सहित प्रदेश के सभी आरटीओ में बिना एचएसआरपी के वाहनों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की सेकेंड कॉपी, वाहन का रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर, पता परिवर्तन, रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण, अनापत्ति प्रमाण पत्र, हाइपोथैकेशन कैंसिलेशन, हाइपोथैकेशन एंडोर्समेंट, नया परमिट, अस्थाई परमिट, विशेष परमिट, ईएमआई वाले वाहनों का निस्तारण, मंथली टैक्स और नेशनल परमिट के काम नहीं होंगे।
गाजियाबाद के एआरटीओ (प्रशासन) विश्वजीत प्रताप सिंह न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं। शासन की तरफ से बिना एचएसआरपी के 13 कामों को फिलहाल रोकने के आदेश मिले हैं। जो 1 फरवरी से लागू होंगे। इसलिए वाहन मालिक एचएसआरपी जल्द से जल्द लगा लें। वाहन मालिक ऑनलाइन भी बुकिंग कर सकते हैं।

चैन्नई: ऑटो ड्राइवर ने पेश की इमानदारी की मिसाल

ऑटो ड्राइवर ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, लाखों के गहनों से भरा बैग वापस लौटाया, पूरी खबर पढ़कर आप भी करेंगे सलाम

चेन्नई। पुलिस ने रूट्स से फुटेज देखे और ऑटो रिक्शा का पता लगाने में कामयाब रही चेन्नई के एक ऑटो ड्राइवर ने ईमानदारी का परिचय देते हुए लोगों का दिल जीत लिया। ऑटो ड्राइवर सरवन कुमार ने यात्री का एक बैग वापस लौटाया जिसमें 20 लाख रुपये की ज्वैलरी थी। उसकी ईमानदारी के लिए चेन्नई पुलिस ने उसे सम्मानित किया है। दरअसल पॉल ब्राइट नाम का एक व्यक्ति अपने रिश्तेदार के शादी समारोह में शामिल होने के बाद फिर ऑटो में जा रहे थे। उनके पास कई बैग थे। जिनमें एक बैग ज्वैलरी से भरा था। पॉल यात्रा के दौरान फोन पर बात करने में लगे हुए था। और ऑटो से उतरने के दौरान ज्वैलरी से भरे बैग को वहीं छोड़ दिया। कुमार ने बाद में पीछे की सीट पर पड़े बैग को देखा लेकिन वह यह नहीं समझ पाया कि इसे मालिक को कैसे लौटाया जाए। इसी बीच पॉल ब्राइट को बैग गायब होने का ध्यान आया और वह घबरा गया पॉल ने क्रोमपेट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने रूट्स से फुटेज देखे और ऑटो रिक्शा का पता लगाने में कामयाब रही। पुलिस के ऑटो मालिक के पास जा जाने से पहले ही कुमार ज्वैलरी का बैग लेकर पुलिस स्टेशन पहुंच गया। पुलिस ने सरवन कुमार को एक गुलदस्ता देकर सम्मानित किया और ईमानदारी के लिए उनकी सराहना की। इस घटना की खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर आई तो लोग कुमार की ईमानदारी की तारीफ करने लगे और उसके कार्य को मानवता में विश्वास बनाए रखने वाला बताया।

हटके: पिता की अर्थी को 12 बेटियों ने दिया कंधा

बेटियों को सलाम! पिता की अर्थी को 12 बेटियों ने दिया कंधा, पूरा गांव हुआ शामिल
वाशीम। आमतौर पर भारतीय समाज में माता-पिता के पार्थिव शरीर को कंधा और मुखाग्नि देने की परंपरा बेटों की है। लेकिन महाराष्ट्र में एक पिता की अर्थी को 12 बेटियों ने कंधा देकर यह साबित कर दिया कि माता-पिता के लिए हर संतान बराबर है। महाराष्ट्र के वाशीम जिले के शेंदुरजना गांव में पुरुष प्रधान संस्कृति को पीछे छोड़ 12 बेटियों ने अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया 92 साल के बुजुर्ग सखाराम गणपतराव काले का 29 जनवरी को निधन हो गया। उन्हें कोई पुत्र तो नहीं था। लेकिन 12 बेटियां जरूर थी। अंतिम संस्कार में बेटे की कमी उनकी 12 बेटियों ने पूरी कर दी और उनके पार्थिव शरीर को कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचाया और मुखाग्नि दी। मृतक सखाराम गणपतराव काले गांव में बतौर सामाजिक कार्यों में हमेशा सक्रिय रहते थे। जिस कारण पूरा गांव उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुआ। अंतिम संस्कार के बाद उनकी बेटियों ने कहा कि हमारे पिता की अंतिम इच्छा थी कि हम सब उनका अंतिम संस्कार करें, और हमने उनकी अंतिम इच्छा पूरी की है। उनकी बेटी भाग्यश्री ने कहा हम 12 बहने हैं। पिताजी के अर्थी को कंधा और मुखाग्नि देकर उनकी अंतिम इच्छा पूरी की है। हमने दिखा दिया कि हम बेटों से कम नहीं हैं।

दर्शक क्षमता के साथ चल सकेंगे सिनेमाघर: जावड़ेकर

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को कहा कि एक फरवरी से देश भर में सिनेमाघरों को कोविड-19 के सुरक्षा नियमों का पालन करने के साथ शत-प्रतिशत दर्शक क्षमता के साथ परिचालन की अनुमति होगी। मंत्री ने मानक संचालन प्रक्रियाओं को जारी करते हुए कहा कि टिकटों की डिजिटल बुकिंग और अलग-अलग समय पर शो के आयोजन को बढ़ावा दिया जाएगा। जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि एक अच्छी खबर है। फरवरी में लोग सिनेमाघरों में फिल्में देख सकते हैं और उनका आनंद ले सकते हैं क्योंकि हम सिनेमाघरों में शत-प्रतिशत क्षमता के साथ दर्शकों के आने की अनुमति दे रहे हैं। सिनेमाघर अब शत-प्रतिशत दर्शक क्षमता के साथ खुल सकते हैं। हम टिकटों की यथासंभव ऑनलाइन बुकिंग को प्रोत्साहन देते हैं।

भारत: 1 ऐसा आईलैंड जो गया वापस नहीं आया

भारत का एक ऐसा आइलैंड यहां रहती है बहुत ही खतरनाक प्रजाति, वहां जो भी गया जिन्दा नहीं लौटा
दुनियाभर में आज भी कई ऐसी जनजातियां मौजूद हैं। जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ऐसी ही एक जनजाति भारत के अधिकार क्षेत्र में आने वाले नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड पर रहती है। जिनका आधुनिक मानव सभ्यता से कोई लेना-देना नहीं है। इस जनजाति के लोग इतने ज्यादा आक्रामक और खतरनाक हैं। कि वे किसी को अपने आस-पास फटकने नहीं देते ऐसे में सरकार ने यहां लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने कई बार इस आइलैंड के लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन हर बार निराशा ही मिली सन् 2004 में आई सुनामी के बाद भारत सरकार ने इस द्वीप पर मौजूद लोगों की खबर लेने के लिए सेना का एक हेलिकॉप्टर भेजा था। लेकिन यहां के लोगों ने उस पर भी हमला कर दिया. हवाई तस्वीरों से यह साफ होता है। कि ये जनजाति खेती नहीं करती, क्योंकि इस पूरे इलाके में अब भी घने जंगल हैं। इससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि यह जनजाति शिकार पर निर्भर है। बहुत से लोगों का मानना है। कि इस जनजाति तक पहुंच बनाई जानी चाहिए। वहीं, कुछ मानते हैं। कि उन्हें अपने हाल पर छोड़ देना ही ठीक है।
23 किलोमीटर में फैले इस आइलैंड पर ये जनजाति करीब 60,000 सालों से रह रही हैं। ऐसा माना जाता है कि इनकी संख्या कुल 100 के आसपास है। इन लोगों को लॉस् भी कहा जाता है। कुछ रिपोर्टों में इसे दुनिया की सबसे अलग-थलग रहने वाली जनजाति करार दिया गया है। यह आइलैंड बंगाल की खाड़ी में पोर्ट ब्लेयर से 50 किलोमीटर दूर स्थित है।

राहत: सख्त गाइडलाइन के साथ खुलेंगे सिनेमाघर

फरवरी से खुलेंगे सिनेमाघर, नई गाइडलाइन का सख्ती से करना होगा पालन 
कविता गर्ग
मुंबई। थिएटर में फिल्म देखने के शौकीन लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। कि अब देश में 1 फरवरी से सभी सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स पूरी क्षमता के साथ खोल दिए जाएंगे। हालांकि इस संबंध में सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा नई गाइडलाइन भी जारी की गई है। जिसे सख्ती से पालन करना जरूरी होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालयन ने भी शनिवार को देश के सभी सिनेमा हॉल को 1 फरवरी से 100 फीसदी क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दे दी है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सिनेमाघरों के लिए नई गाइड लाइन का प्रारुप भी जारी कर दिया है।
नई गाइडलाइन के तहत इन नियमों का करना होगा पालन।
सार्वजनिक स्थान पर थूकना सख्त मना है।
सिनेमाघर में प्रवेश के दौरान मास्क लगाना अनिवार्य है।
सभी दर्शकों के स्वास्थ्य की स्व-निगरानी करना और बीमारी की स्थिति में जल्द से जल्द हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करना।
दर्शकों के मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप को इंस्टाल और उपयोग सभी को सलाह देना।
सिनेमाघरों और वेटिंग क्षेत्र के बाहर 6 फीट की भौतिक दूरी का अनिवार्य पालन
पहले 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने की दी थी अनुमति
गौरतलब है। कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पहले सिनेमाघरों को 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दे दी थी। लेकिन अब मंत्रालय ने 100 फीसदी क्षमता के साथ मल्टीप्लेक्स व सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति दे दी है। फिल्म वितरकों और थिएटर मालिकों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। गौरतलब है कि बीते साल मार्च से ही देश में सिनेमाघर बंद थे। जो अक्टूबर तक नहीं खुले थे। अक्टूबर में सरकार ने कुछ नियमों के साथ 50 फीसदी क्षमता के साथ सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति दे दी थी।

आंदोलन: पीएम मोदी के बयान पर बोले नरेश टिकैत

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। किसान नेता नरेश टिकैत ने रविवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरिमा का सम्मान करेंगे। वे अपने आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। नरेश टिकैत का यह बयान ऐसे समय आया है, जब प्रधानमंत्री ने कहा कि कि सरकार से किसानों की बातचीत में महज ‘‘एक फोन कॉल की दूरी’’ है। ढटिकैत ने कहा कि सरकार को ‘‘हमारे लोगों को रिहा करना चाहिए और वार्ता के अनुकूल माहौल तैयार करना चाहिए।’’ उन्होंने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच गाजीपुर सीमा पर कहा, ‘‘एक सम्मानजनक स्थिति पर पहुंचा जाना चाहिए। हम दबाव में कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।’’

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...