शनिवार, 30 जनवरी 2021

खाप पंचायतों का फैसला, आंदोलन का समर्थन

राणा ओबरॉय  

चंडीगढ़। लगातार चल रहा किसान आंदोलन अब जान आंदोलन में तब्दील हो चुका है। एक तरफ सरकार तो दूसरी तरफ किसान दोनों ही अपनी जिद पर अड़े है। कहना गलत नहीं होगा कि किसान और सरकार दोनों में टकराव का माहौल बना हुआ है। बतादें कि दिल्ली में हुए हंगामे को लेकर सरकार सख्त रूख अपना रही है तो वहीं दूसरी तरफ किसान भी अब बड़े हुजूम के आठ बॉर्डरों पर पहुंचने लगे है। और इस आंदोलन को न्य रूप दे रहे है।बताना लाजमी है कि किसानों का धरने को आज 65 दिन हो गए है वही 26 जनवरी की ट्रेक्टर पैरेड की घटना के बाद सरकार सख्त एक्शन के मूड में किसी भी तरह से किसानों के धरने को उठाना चाहती है। वहीं कल गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के नेतृत्व में चल रहे धरने पर पेरामिल्ट्री फोर्स के साथ यूपी पुलिस लुकआउट नोटिस जारी कर उनकी गिरफ्तारी करने को लेकर पहुंची तो किसान नेता राकेश टिकैत ने किसान धरने की ज़बरदस्ती उठाने पर सुसाइड करने और सरकार की साजिश बताते हुए निकले आसुंओ ने रिएक्शन करना शुरू कर दिया। उनके सर्मथन में रात में हरियाणा में गांव गांव में मीटिंग में मीटिंग पंचायते हो रही है।

बतादें कि कल सभी खापें अपने स्तर पर मीटिंग कर दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे धरणो पर कूच करेगी।  26 जनवरी को जो हुआ उसकी निंदा करता हूँ। लेकिन जो किसान आंदोलन का साजिश करने का काम सरकार ने किया वह सब के सामने आ चुका है। मैं खुद बीजेपी में 20 साल रहा हूँ इनका कोई सौदा नही है। जो किसानों के ऊपर हमले हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए। तो वहीं दूसरी तरफ हरदीप अहलावत रोहतक 84 खाप प्रधान ने बताया कि आज की हरियाणा भर की सभी खापों के प्रधानों की बैठक हुई है इस बैठक में किसान आंदोलन धरने को लेकर हुई है हमारा समर्थन पहले भी रहा और आगे भी रहेगा। सर्व सहमति से फैसला लिया गया है कल सभी हरियाणा के गांवों से किसान अपने ट्रेक्टर ट्रॉलियों में उससे भी ज्यादा संख्या में धरने स्थलों पर जाएंगे। सरकार ने 26 जनवरी को घटना करवाई वह सरकार की साजिश थी। दादरी के निर्दलीय विधायक व सांगवान खाप के प्रधान सोमबीर सांगवान ने बताया कि हमारी आज की मीटिंग हरियाणा के तमाम खाप प्रधानों के साथ थी। जो सरकार ने किसान को कमजोर,लोकतंत्र का बदनाम करने की साजिश की है। आज रोहतक के जाट भवन में सर्व खाप की बैठक हुई इस बैठक में हरियाणा की डेढ़ दर्जन भर खापों के प्रधानों ने हिस्सा लिया।

इस सर्व खाप बैठक में सरकार द्वारा किसान आंदोलन को तोड़ने की साजिश करार देते हुए कल हरियाणा के सभी गांवों से किसानों को भारी संख्या में अपने ट्रेक्टरों के साथ किसानों के धरणो पर जाने का आहवान किया है। साथ मे 26 जनवरी की ट्रेक्टर पैरेड के नाम पर जो लाल किले पर घटना हुई उसकी निंदा भी की। खापों की यह बैठक रोहतक84 खाप प्रधान हरदीप अहलावत की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में दादरी के निर्दलीय विधायक व सांगवान खाप के प्रधान सहित कई खापों के प्रधान मौजूद रहे। वह सबके सामने है। हमारी खापों का किसान आंदोलन को तन मन धन से समर्थन है। खाप प्रधानों ने फैसला लिया कि इससे ज्यादा संख्या में अब पहुंच कर अपना समर्थन करे। हमारी किसान नेता राकेश टिकैत व चढूनी से बात हुई है हमने आश्वासन दिया है कि खापें उनके साथ है।

टिकरी बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा, हाई अलर्ट

बताना लाजमी है कि एक बार फिर से किसानों का हुजूम बॉर्डरों की तरफ बढ़ने लगा है। बता दें कि दिल्ली-हरियाणा को जोडऩे वाले सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनरत किसान व स्थानीय ग्रामीण आमने-सामने आ गए। बॉर्डर पर तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए प्रशासन ने बहादुरगढ़ के साथ लगते टिकरी बॉर्डर पर भी हाई अलर्ट जारी किया है। अर्द्धसैनिक बलों की 15 टुकडय़िां यहां सुरक्षा की दृष्टि से तैनात की गई। टिकरी बॉर्डर और झाड़ोदा बॉर्डर पर बैरीकैडिंग की संख्या बढ़ाई गई है। 3 कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर टिकरी बॉर्डर पर डटे किसानों का आज 67 वां दिन रहा। टिकरी बॉर्डर पर दिनभर सभा का आयोजन होता रहा। किसानों के 15 किलोमीटर पड़ाव में भी अलग-अलग जगह बैठकों का दौर चला।

उधर, झाड़ोदा बॉर्डर पर सुरक्षा की दृष्टि से मिट्टी से भरे ट्रकों को खड़ा किया गया। साथ में यहां सुरक्षा पहरा कड़ा किया गया। शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने बैरीकैडिंग इस तरीके से की है कि कोई अकेला व्यक्ति भी यहां से न निकल पाए। पुलिस ने सबसे पहले लोहे के बैरीकैड पर कटीली तारें भी लगाई हैं। इसके बाद 2-3-ट्रकों को मिट्टी से भरकर खड़ा किया गया है। इससे आगे 200 मीटर पर फिर लोहे के बैरीकैड और फिर दिल्ली में झाड़ोदा गांव के नजदीक से निकल रही ड्रेन पर भी बैरीकैडिंग की गई है। भारी संख्या में पुलिस कर्मियों और अर्द्ध सैनिक बलों को लगाया गया है। कच्चे रास्तों पर भी बैरीकैडिंग कर दी गई है। फिलहाल टिकरी और झाड़ोदा बॉर्डर से लोगों की आवाजाही बिल्कुल बंद कर दी गई है। 

निगम की गाड़ी से बुजुर्गों को कूड़े के ढेर में छोड़ा

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसमें नगर निगम कर्मियों द्वारा कमजोर बुजुर्गों को एक गाड़ी में भरकर इंदौर-देवास हाईवे पर छोड़ने का वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया। वीडियो में निगम के कुछ कर्मचारी एक बुजुर्ग कमजोर महिला और एक पुरुष बुजुर्ग को गाड़ी से उतारते और फिर बैठाते हुए दिख रहे हैं। गाड़ी में कुछ और बुजुर्ग व उनका सामान नजर आ रहा है। वीडियो शिप्रा के आसपास का बताया जा रहा है। लेकिन यह साफ नहीं हुआ है कि यह किस दिन का वाकया है। मौके पर मौजूद किसी भी व्यक्ति ने यह वीडियो शूट करते हुए बताया कि निगमकर्मी बुजुर्गों को सड़क किनारे फेंकने आए हैं और बुजुर्गों को इंदौर नगर निगम का गाड़ी में भरकर लाया गया है।

जब गांव वाले वीडियो बनाने लगे और कर्मियों को फटकारा तो कर्मी उन्हें फिर गाड़ी में बैठाने लगे। ग्रामीणों ने कर्मियों से कहा कि कम से कम बुजुर्गों को इस तरह नहीं फेंकना चाहिए। नगर निगम के कर्मचारियों की संख्या तीन थी, जो यह अमानवीय काम कर रहे थे। जिस गाड़ी से बुजुर्गों को हाईवे पर बेसहारा कर छोड़ने लाया गया था, उसका नंबर एमपीएफ 7622 था और यह निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते की गाड़ी है।अधिकारियों से पता करने पर यह कहा गया कि इस मामले की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि इसी महीने स्वच्छता सर्वेक्षण होना है ‍और इसके चलते लगातार पांचवीं बार सबसे स्वच्छ शहर का तमगा हासिल करने के लिए इंदौर नगर निगम कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।

आंदोलनरत पंजाब के एक और किसान की मौत

अकांशु उपाध्याय  
 नई दिल्ली। कृषि कानून को लेकर चल रहा आंदोलन अब नया रूप ले चुका है। एक तरफ आंदोलन को लेकर सरकार और किसानों के बीच में टकराव का माहौल बना हुआ है। तो वहीं दूसरी तरफ एक और किसान ने अपनी जिंदगी से हाथ दो दिया है। बताना लाजमी है कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में एक और किसान की मौत का मामला सामने आया है।

मृतक की पहचान करीब 55 वर्षीय जगशेर सिंह के रूप में हुई है। जगशेर पंजाब के बरनाला जिले का रहने वाला था। पिछले काफी समय से आंदोलन में शामिल था। बीच-बीच में गांव में चला जाता था। इस दफा 23 जनवरी को आया था। फिलहाल बालोर चौक के नजदीक ठहरा हुआ था। रात को खाना खाकर सोया था। सुबह बेसुध मिला। किसान उसे अस्पताल में ले गए तो चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। हृदयाघात आशंका जताई जा रही है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

1. अंक-167 (साल-02)
2. रविवार, जनवरी 31, 2021
3. शक-1983, माह, कृष्ण-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी संवत 2077।

4. प्रातः 07:09, सूर्यास्त 05:48

5. न्‍यूनतम तापमान -05 डी.सै.,अधिकतम-19+ डी.सै.।

6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।

8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110

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शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

आंदोलन: किसानों की आवाज दबाने की कोशिश

संदीप मिश्र   

बरेली। दिल्ली बवाल के बाद किसान आंदोलन को लेकर कई किसान संगठन के स्थानीय नेता अपने-अपने नेतृत्व के आगामी दिशा निर्देश मिलने के इंतजार में हैं। वहीं, भाकियू से जुड़े तमाम नेता शुक्रवार दोपहर में आंदोलन के समर्थन में दिल्ली के लिए कूच कर गए। इधर, प्रशासन ने भी किसान संगठनों के आगमी रुख को लेकर निगरानी बना रखी है। दरअसल, दिल्ली के आंदोलन के दौरान परिस्थितियां बदलने के बाद से सभी किसान संगठन सकते में हैं। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने बताया गणतंत्र दिवस पर खुराफातियों ने लालकिला पर उप्रदव कर माहौल बिगाड़ा इसी आड़ में पुलिस अपने बल का प्रयोग कर किसानों का धरना समाप्त कराना चाहती है, जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा किसानों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। इसलिए शुक्रवार को वह बड़ी संख्या में किसानों के साथ गाजीपुर के लिए ट्रक आदि वाहनों के जरिये रवाना हो गए। शनिवार तड़के सुबह भी भाकियू से जुड़े तमाम पदाधिकारी गाजीपुर कूच करेंगे।

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...