शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

हिंसा: लाल किले की कई ऐतिहासिक वस्तुएं गायब

हिंसा की वजह से लाल किले की कई ऐतिहासिक वस्तुएं गायब, इमारत को पहुंची अपूर्णीय क्षति
अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर हिंसा और उपद्रव की घटना के बाद लाल किले की ऐतिहासिक इमारत को अपूरणीय क्षति पहुंची है। ये बात केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कही है। उन्होंने रिपोर्टर्स से बातचीत के दौरान बताया कि तिरंगा फहराने की जगह के करीब स्थापित किए गए 2 ऐतिहासिक पीतल के कलश गायब हैं। किले का मुख्य दरवाजा भी क्षतिग्रस्त हुआ है। पटेल ने कहा क्षतिग्रस्त हुई कलाकृतियां बेहद अमूल्य थीं। कितना भी पैसा खर्चकर इनकी भरपाई मुमकिन नहीं। हालांकि सरकार 26 जनवरी के दौरान हुई झड़प में 17वीं शताब्दी की इस इमारत को हुए आर्थिक नुकसान का लेखाजोखा तैयार कर रही है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक-अधिकारियों ने बताया कि लाल किले को प्रदर्शनकारियों ने बेहद नुकसान पहुंचाया है। किले की गुंबद के ऊपरी हिस्से पर मौजूद कम से कम 3 बेशकीमती कलश गायब हैं। टिकट काउंटर में तोड़ फोड़ हुई टॉयलेट, एअर कंडीशनर को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। किले के महत्व को बताने के लिए जगह-जगह लगी शिलाओं को उखाड़ फेंका गया। स्टाफ रूम्स में तोड़-फोड़ हुई। सीढ़ियां और रेलिंग तोड़ी गईं। सीसीटीवी कैमरे को तोड़ा गया। अधिकारियों के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ को ठीक करने में महीनों लगेंगे किले के बाहर लाइट, किले का मुख्य दरवाजा समेत कई कीमती चीजों के साथ तोड़फोड़ हुई संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बताया कि 72वीं रिपब्लिक परेड प्रदर्शनी को भी प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया इसे सैलानियों के लिए किले में रखा जाना था। पटेल ने बताया रिपोर्ट पुलिस को सौंपी जा चुकी है। आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने पुलिस से संपर्क साधकर कहा है। कि ऐतिहासिक इमारत को क्षतिग्रस्त करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। एएसआइ ने पुलिस से तोड़फोड़ करने वालों पर द एनसियंट मोन्युमेंट ऐंड आर्कियोलोजिकल ऐंड आर्कियोलोजिकल साइट्स ऐंड रिमेंस एक्ट के तहत कार्रवाई करने की अपील की है।

थमता आंदोलन फिर हुआ तेज, टिकैत ने बदला सीन

थमता आंदोलन फिर हुआ तेज, टिकैत ने बदला सीन, जानिए दिल्ली आने-जाने के कौन से रास्ते बंद और खुले।
नई दिल्ली। ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन काफी हद तक बिखर गया है। कई किसान संगठनों ने आंदोलन की राह छोड़ दी है। और इसी को देखते हुए माना जा रहा था। कि जल्द ही किसान आंदोलन पूरी तरह से ख़त्म हो जायेगा| वहीं बीते वीरवार को दिल्ली-यूपी की सीमा गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन को हटाने की कवायद की गई मगर कुछ हो न सका। दरअसल, गाजीपुर बॉर्डर पर से कई किसान संगठन और उनके समर्थन में उतरे किसान आंदोलन खत्म करके के जा चुके हैं। जिसके बाद बचे हुए आंदोलनकारियों को यहां से हटने को कहा गया था ताकि गाजीपुर बॉर्डर पूरी तरह से साफ़ हो जाये और यहाँ पर आना-जाना सुचारु रूप से शुरू हो सके। लेकिन यहाँ पर जमकर बैठे किसान नेता राकेश टिकैत ने पूरा सीन बदल दिया। राकेश टिकैत रोते हुए नजर आये और उन्होने तरह-तरह की भावनात्मक बातें की जिससे खाली हो रहे गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर भीड़ उमड़ पड़ी। राकेश टिकैत का कहना है। कि वह आंदोलन तबतक ख़त्म नहीं करेंगे जबतक मसला सुलझ नहीं जाता। चाहें जो भी जो जाए वह धरना देते रहेंगे और इस मुद्दे पर सरकार से बातचीत करेंगे| वह हार मानने वाले नहीं। इधर, आंदोलन को देखते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कुछ रास्ते बंद कर दिए हैं। ट्रैफिक को और रास्तों पर डायवर्ट किया गया है।दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बताया
एनएच-24,गाजीपुर बॉर्डर आने और जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा सिंघु, औचंडी, मंगेश, सबोली, पियू मनियारी बॉर्डर बंद है। लामपुर, सफियाबाद, सिंघु स्कूल और पल्ला टोल टैक्स बॉर्डर खुल गई। नरेला के पास एनएच44 से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है। कि लोग बाहरी रिंग रोड,जीटीक सड़क और एनएच 44 से बचें।

गाजियाबाद बॉर्डर से रवाना हुए, दिल्ली में किसान

अश्वनी उपाध्याय   
गाजियाबाद। आंदोलन को लेकर एक बार फिर से किसानों में भारी जोश देखने को मिला। उकलाना गांव के भैरी अकबरपुर गांव बॉथम, पाबड़ा, किनाला सहित अनेक गांव से किसान कल रात्रि और आज सुबह गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हो गए। गांव भैरी अकबरपुर में सैकड़ों की संख्या में किसान बाबा रामदेव मंदिर में इकट्ठे हुए और पहले सरकार और मोदी के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाए। उसके बाद उन्होंने एक मीटिंग बुलाई है। जिसमें फैसला लिया कि किसान राकेश टिकैत के समर्थन में इस बार टिकरी व सिंघु नही बल्कि गाजीपुर बॉर्डर पहुंचेंगे। किसानों ने साफ कहा कि सरकार उनके आंदोलन को कमजोर आंकने की भूल ना करे।

यूपी: महापंचायत के लिए मंच की तैयारियां शुरू

मुजफ्फरनगर। महापंचायत के लिए मंच की तैयारियां शुरू। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात, प्रदर्शन से ताकत दिखाएंगे भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में होगी महापंचायत नरेश टिकैत बोले, किसानों के लिए हम कुर्बान हो जाएंगे। अब धरना नहीं उठेगा, वहां से कई लाशें उठेंगी नरेश टिकैत उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में आज होने वाली भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत के लिए जीआईसी के मैदान में तैयारियां शुरू हो गई है। मैदान में सुबह ही भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बता दें कि प्रशासन और भारतीय किसान यूनियन के बीच संभावित टकराव टल गया है। प्रशासन ने किसान पंचायत की इजाजत दे दी है। वहीं सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। यातायात सुचारू रहे इसके लिए रूट में फेरबदल किया गया है।एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि महापंचायत के दौरान शहर के महावीर चौक से सर्कुलर रोड होते हुए सुजडू चुंगी तक का मार्ग पूरी तरह बंद रहेगा। मेरठ की ओर से आने वाले सभी वाहन हाईवे से होते हुए वाया भोपा बाईपास से शहर में प्रवेश करेंगे। वहीं, शामली और बड़ौत की ओर से आने वाले सभी वाहन भी पीनना-वहलना बाईपास होते हुए हाईवे और वहां से भोपा बाईपास होकर शहर में प्रवेश करेंगे। यहीं से होकर जाएंगे। किसी भी वाहन को वहलना चौक से सुजडू चुंगी होते हुए सर्कुलर रोड से होकर शहर में घुसने की इजाजत नहीं होगी। किसानों के सभी वाहनों के लिए यहीं मार्ग आरक्षित किया गया है। महापंचायत में पहुंचने वाले सभी किसानों व अन्य लोगों के वाहन वहलना चौक से सुजडू चुंगी और वहां से सर्कुलर रोड होते हुए महावीर चौक स्थित महापंचायत स्थल पर पहुंचेंगे और वहीं पर पार्क होंगे सहारनपुर के नागल क्षेत्र से भी भाकियू कार्यकर्ता मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं सहारनपुर-मुजफ्फरनगर हाईवे पर देवबंद कोतवाली क्षेत्र में बॉर्डर पर स्थित घलोली चेक पोस्ट पर पुलिसकर्मी तैनात है। उधर, सरधना, जानी, सरूरपुर थाना क्षेत्रों के अलग-अलग गांवों से किसान ट्रैक्टर से गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने की तैयारी में हैं। गंग नहर पटरी मार्ग पर अलग-अलग स्थानों पर पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन यह निर्देश दिए गए हैं। कि किसानों के जाते हुए वीडियोग्राफी कराई जाए और उन पर नजर रखी जाए। जिन गांवों में किसान एकत्र हो रहे हैं उन पर भी पुलिस व खुफिया विभाग नजर रखे हैं। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने गुरुवार अपराह्न करीब तीन बजे सिसौली के किसान भवन पर किसानों की पंचायत बुलाई। पंचायत में किसान बिरादरी पर लगे हुए आरोप को नकारा गया।

संसद में बोले राष्ट्रपति कोविंद, जवानों का बलिदान

संसद में बोले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, एलएसी पर शांति भंग करने की कोशिश, जवानों ने दिया सर्वोच्च बलिदान
अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी और सख्त प्रोटोकॉल के बीच संसद का बजट सत्र शुरू हो गया। 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवां घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी और सख्त प्रोटोकॉल के बीच संसद का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया है। सत्र की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे हैं। वे अपने अभिभाषण में अगले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की योजना और नीतिगत दृष्टि पर प्रकाश डालेंगे। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इसका बहिष्कार करने का फैसला लिया है। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों से सदन की गरिमा को बनाए रखने और सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। मुझे आशा है। कि ये सत्र बेहतर होगा। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर भी सरकार का जोर है। कुछ दिन पहले ही सरकार ने एचएएल को 83 स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के निर्माण का ऑर्डर दिया है। जून 2020 में हमारे 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवां घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। हर देशवासी इन शहीदों का कृतज्ञ है। मेरी सरकार, देश के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है। और सतर्क भी है। आयुष्मान भारत- सेहत योजना लागू होने के बाद जम्मू कश्मीर के हर परिवार को 5 लाख रु तक के मुफ्त इलाज का लाभ मिलना तय हुआ है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद, कुछ महीने पहले लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव की प्रक्रिया भी सफलता-पूर्वक संपन्न हुई है। नक्सली हिंसा की घटनाओं में बड़ी कमी आई है। और नक्सल प्रभावित क्षेत्र का दायरा सिमट रहा है। मेरी सरकार की विकास नीति को जम्मू कश्मीर के लोगों ने भी भरपूर समर्थन दिया है। कुछ सप्ताह पहले ही, आजादी के बाद पहली बार, जम्मू कश्मीर में जिला परिषद के चुनाव सफलता के साथ संपन्न हुए हैं। ब्रू शरणार्थियों के पुनर्वास को शांति और सौहार्द के साथ पूरा किया जा रहा है। इसी प्रकार ऐतिहासिक बोडो शांति समझौता भी हुआ है। जिसे सफलतापूर्वक लागू किया गया है। समझौता होने के बाद इस बार बोडो टैरीटोरियल काउंसिल के चुनाव भी सफलता के साथ पूरे हुए हैं।आज पूर्वोत्तर में उग्रवाद समाप्ति की ओर है। और हिंसा की घटनाओं में बड़ी कमी आई है। हिंसा के रास्ते पर भटके युवा अब विकास और राष्ट्र-निर्माण की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इसका लाभ पूर्वोत्तर के किसानों, युवाओं और उद्यमियों, सभी को होगा। अर्थ ब्रह्मपुत्र’ प्रोग्राम से ‘इंटीग्रेटेड नेशनल वाटरवेज’ का विकास कर, ब्रह्मपुत्र और बराक नदी को विकास की धारा बनाने का प्रयास जारी है। ब्रह्मपुत्र नदी असम सहित उत्तर-पूर्वी राज्यों की ‘जीबोनधारा’ है। इसी जीवनधारा को आर्थिक-गतिविधियों का आधार बनाकर विभिन्न राष्ट्रीय जलमार्गों के आरंभ के लिए काम हो रहा है। देश को गैस बेस्ड इकोनॉमी बनाने के लिए गैस कनेक्टिविटी पर भी तेज गति से काम किया जा रहा है। कुछ दिनों पहले ही कोच्चि-मैंगलुरू गैस पाइपलाइन का लोकार्पण किया गया है। डोभी-दुर्गापुर गैस पाइपलाइन का निर्माण ‘ऊर्जा गंगा’ का प्रवाह बढ़ा रहा है। दुनिया की सबसे ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा का गौरव अपने साथ रखने वाले केवड़िया से अब देश के अनेक शहरों से सीधे ट्रेनें भी चलने लगी हैं। गुजरात के हजीरा और घोघा के बीच शुरू की गई रो-पैक्स फेरी सेवा हो या फिर केवड़िया और साबरमती रिवर फ्रंट के बीच सी-प्लेन सेवा, ये भारत में वॉटर ट्रांसपोर्ट को नया आयाम दे रहे हैं। कुछ दिन पहले ही पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के सेक्शंस, देश को समर्पित किए गए हैं। ये फ्रेट कॉरिडोर पूर्वी भारत में औद्योगीकरण को प्रोत्साहन देने के साथ ही रेल यात्रा में होने वाली अनावश्यक देरी को भी कम करेंगे। चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर तक सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल हो अटल टनल हो या फिर चार धाम सड़क परियोजना हमारा देश विकास के कार्यों को आगे बढ़ाता रहा। कोरोना के इस काल में प्रत्येक भारतीय का जीवन बचाने के प्रयासों के बीच अर्थव्यवस्था को जो हानि हुई थी। उससे भी अब देश उबरने लगा है। इस मुश्किल समय में भी भारत दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षक स्थान बनकर उभरा है। मैन्युफेक्चरिंग से जुड़े 10 सेक्टर्स के लिए पहली बार देश में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लागू की गई है। इसका लाभ इलेक्ट्रॉनिक्स सहित अनेक दूसरे सामान की मैन्युफेक्चरिंग में दिखने भी लगा है। फेसलेस टैक्स असेसमेंट और अपील की सुविधा देने के साथ ही मेरी सरकार ने देश में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए कंपनी अधिनियम के अनेक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बना दिया है।

किसान आंदोलन के खिलाफ लोगों का हंगामा

किसान आंदोलन के खिलाफ स्थानीय लोगों का हंगामा-टेंट उखाड़े, किसान नेता पर भड़काने का आरोप, एसएचओ पर तलवार से हमला

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्‍टर मार्च के दौरान हुई हिंसा के बावजूद कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करने वाले किसान सिंघू बॉर्डर पर डटे हैं। किसानों के प्रदर्शन स्‍थल पर शुक्रवार को एक बार फिर से हंगामा हो गया। खुद को स्‍थानीयवासी बताने वाले लोगों का हुजूम वहां पहुंचा और धरना समाप्‍त कर रास्‍ता खोलने की मांग करने लगे। इन लोगों ने सिंघू बॉर्डर खाली करो भारत माता की जय तिरंगे का अपमान नही सहेंगे' के नारे लगाने लगे उन्होंने किसानों के टेंट को उखाड़ दिया है। इससे वहां के हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले तक दागने पड़े जानकारी के मुताबिक, इस अफरातफरी के बीच प्रदर्शनकारी की तलवार से बचाव में अलीपुर के एसएचओ प्रदीप पालीवाल घायल हो गए, उनका हाथ कट गया है। और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल भी हो गया है। सिंघू सीमा पर पुलिस ने कथित तौर पर स्थानीय होने का दावा करने वालों और किसानों पर बल प्रयोग किया। स्थानीय होने का दावा करने वाले लोग विरोध स्थल खाली करने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान किसानों से उनकी झड़प हो गई। एसएचऔ प्रदीप पालीवाल ने कहा कि वहाँ एक व्यक्ति तलवार से हमला करने को आगे बढ़ा जिसको बचाव के लिए आगे बढ़ा और वह मेरे हाथ पर जा लगा उन्होंने कहा मैंने देखा कि कुछ किसान नेता उनको भड़का रहे थे। इसमें उन्होंने पाल सिंह का नाम भी लिया। बताया जा रहा है। की सिंघू सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को वहां से हटाने के लिए बवाना और नरेला से कथित तौर पर स्थानीय लोग पहुंचे थे। उन्होंने किसानों पर पत्थरबाजी की और गालियां दी। कुछ किसानों ने लाठियां भी मारी काफी समय तक पुलिस ने कथित स्थानीयों को समझाया और फिर लाठी चार्ज किया।

किसानों के नाम पर प्रदर्शन, उपद्रवियों पर सख्ती

मोहसिन रजा का बयान- किसानों के नाम पर प्रदर्शन कर रहे उपद्रवियों पर होगी सख्ती, विपक्ष सेंक रहा रोटी-कर रहा ड्रामा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ और हज राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने किसान आंदोलन को लेकर शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसानों के नाम पर यूपी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे लोगों में उपद्रवियों पर सख्ती की जाएगी। इसके साथ ही मोहसिन रजा ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती पर भी हमला बोला उन्होंने कहा कि ये मुद्दाविहीन पार्टियां हैं। आंदोलन को भड़काती हैं। इनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। मोहसिन रजा ने इसके अलावा दिल्ली की आम आदमी पार्टी के लिए कहा कि ये वही लोग हैं। जिन्होंने कोरोना काल में दिल्ली से हमारे किसानों और मजदूरों भाइयों को बाहर फेंक दिया था। अब ड्रामा कर रहे हैं। ये लोग ड्रामा करने वाले लोग हैं। मोहसिन रजा ने कहा कि जिन लोगों ने किसानों के धरने को हाईजैक किया है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी यह लाल किले से लेकर हर जगह उपद्रव कर रहे हैं। ऐसे लोगों को सरकार चिन्हित करेगी।

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...