शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

पोलैंड सरकार ने देश में गर्भपात पर लगाया बैन

पोलैंड सरकार ने देश में गर्भपात पर लगाया बैन, महिलाओं का विरोध प्रदर्शन

वारसॉ। पोलैंड की सरकार ने गर्भपात पर लगभग पूरी तरह से बैन लगा दिया है। इसको लेकर देश में महिलाओं में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। पोलैंड में भ्रूण में किसी भी तरह की दिक्कत आने पर कानूनी तौर पर महिलाएं गर्भपात करा सकती थीं। हालांकि, नए नियम के अनुसार गर्भपात पर अब लगभग पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। पिछले साल 22 अक्टूबर को वहां की एक कोर्ट ने ये आदेश जारी किया था जिसे पोलैंड की सरकार ने अब लागू किया है। गर्भपात को गैरकानूनी बताते वाले कोर्ट के आदेश के खिलाफ महिलाएं पिछले साल से ही विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। पोलैंड की राजधानी वॉरसॉ और अन्य शहरों में महिलाओं के अधिकार की मांग के लिए और इस कानून के विरोध के लिए महिलाएं, और संगठन सड़कों पर उतर आए हैं। पोलैंड की कुछ महिलाओं का कहना है, कि अगर भ्रूण में कोई दिक्कत होने पर वो गर्भपात नहीं कर सकतीं तो फिर वो बच्चे पैदा करने की कोशिश भी नहीं करेंगी।

2 दिनों की यात्रा पर बंगाल पहुंचेंगे गृहमंत्री शाह

आज रात 2 दिनों की यात्रा पर बंगाल पहुंचेंगे अमित शाह, बीजेपी में शामिल हो सकते हैं कई नेता

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में इस साल चुनाव है। इसको लेकर काफी गहमागहमी भी है। इसी के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य के 2 दिवसीय दौरे पर शुक्रवार रात कोलकाता पहुंच रहे हैं।अमित शाह के इस हाई-प्रोफाइल बंगाल दौरे के दौरान प्रदेश की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और अन्य दलों से कई नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। जानकरी के मुताबिक नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर अमित शाह लगभग 11 बजे पहुंचेंगे। शाह की बंगाल की पिछली यात्रा के दौरान, तृणमूल कांग्रेस नेता और पूर्व राज्य परिवहन मंत्री सुवेंदु अधिकारी 19 दिसंबर को भाजपा में शामिल हो गए थे। शाह कलनादिया जिले के मायापुर में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस का दौरा करने वाले हैं। वह उत्तर 24-परगना के ठाकुरनगर क्षेत्र में एक रैली को भी संबोधित करेंगे। यहां मतुआ समुदाय का वर्चस्व है। 31 जनवरी को शाह कोलकाता में भारत सेवाश्रम संघ का दौरा करेंगे और हावड़ा जिले के डुमुरजला स्टेडियम में रैली करेंगे जहां कई नेताओं के भाजपा में शामिल होने की उम्मीद है।

ट्रेक्टर मालिक किसानों से एचसी ने मांगा जवाब

ट्रैक्टर मालिक किसानों से 10 लाख तक के पसर्नल बॉन्ड व जमानत मांगने पर याचिका दाखिल, एचसी ने मांगा जवाब
बृजेश केसरवानी   
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ट्रैक्टर मालिक किसानों से भारी राशि के पर्सनल बॉन्ड और जमानतें मांगने के मामले में डीएम, सीतापुर से जवाब तलब किया है। दरअसल सीतापुर के डीएम ने जिले के ट्रैक्टर मालिक किसानों को नोटिस भेजा था। सीआरपीसी की धारा-111 के तहत ये नोटिस भेजा गया था। इसमें कानून व्यवस्था पर संकट की आशंका के चलते नोटिस देने की बात कही गई थी। नोटिस में ट्रैक्टर मालिक किसानों से 50 हज़ार से लेकर 10 लाख तक के पर्सनल बॉन्ड और इतनी ही रक़म की दो जमानतें मांगी गई थीं। डीएम सीतापुर के इस आदेश पर जनहित याचिका हाईकोर्ट में दाखिल हुई है। मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी को होगी। जिलाधिकारी से निर्देश प्राप्त कर कोर्ट को अवगत कराने का आदेश अपर महाधिवक्ता को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति राजीव सिंह की खंडपीठ ने अरुन्धति धुरू की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है।

ए छोरियों हट जाओ, क्या ट्रैक्टर के नीचे आना है ?

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के मंडावली थाने में तैनात इंस्पेक्टर (एटीओ) पुष्पलता ने किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रवक्ता राकेश टिकैत पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया है। महिला इंस्पेक्टर का आरोप है कि टिकैत जुबान से कुछ और इशारों में कुछ और कह रहे थे। उनका इरादा किसानों को तय रूट पर न भेजकर दिल्ली की ओर भेजना था। पुष्पलता और उनके साथ मौजूद महिला एसआई सुमन कुशवाहा जब बैरिकेड तोड़ रहे ट्रैक्टरों पर लटककर उसको रोकने की कोशिश कर रही थीं तो टिकैत ने देसी अंदाज में कहा, “ए छोरियों हट जाओ, क्या ट्रैक्टर के नीचे आना है। पुष्पलता ने बताया कि किसानों की भीड़ के आगे फोर्स कम थी। किसान जबरन बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली की ओर निकल गए। इंस्पेक्टर पुष्पलता ने बताया कि वह मूलरूप से गांव चांदतारा, खरखौदा, मेरठ की रहने वाली हैं। 26 जनवरी को उनकी ड्यूटी गाजीपुर अंडरपास पर थी। ट्रैक्टर रैली को यहीं से मुड़कर आनंद विहार की ओर जाना था। सुरक्षा बलों को वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया था कि रैली दोपहर 12 बजे शुरू होगी, लेकिन 9.30 बजे से ही किसानों ने अपनी रैली शुरू कर दी। इस बीच कुछ किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़कर एनएच-24 की सर्विस लेन से दिल्ली की ओर कूच करने का प्रयास किया तो वह एसआई सुमन के साथ ट्रैक्टर के आगे आ गईं। उस समय राकेश टिकैत भी वहां मौजूद थे। पुष्पलता के मुताबिक टिकैत ने किसानों को रोकने का बिल्कुल भी प्रयास नहीं कहा...। किसान बैरिकेड तोड़ रहे थे तो वह दिखावे के लिए उनको आनंद विहार की ओर जाने के लिए कह रहे थे। पुष्पलता के मुताबिक जिस ट्रैक्टर पर वह लटकी थीं। उस ट्रैक्टर चालक ने रेस देकर उनको डराने का प्रयास किया। लेकिन वह बिल्कुल भी नहीं डरीं। आखिर में उस ट्रैक्टर वाले को आनंद विहार की ओर ही जाना पड़ा।

मामला, समाजसेवी की शिकायत पर दर्ज कराया

विजय भाटी   

गौतम बुद्ध नगर। दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में नोएडा पुलिस ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर एवं छह पत्रकारों समेत आठ लोगों के खिलाफ राजद्रोह एवं अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया है। नोएडा के सेक्टर 20 थाने में यह मामला एक समाजसेवी की शिकायत पर दर्ज कराया गया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसक किसान प्रदर्शन से संबंधित अपुष्ट खबरें चलाईं तथा ट्वीट किए। पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) राजेश एस ने बताया कि अर्पित मिश्रा नामक समाजसेवी ने थाना सेक्टर 20 में रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, जफर आगा, परेशनाथ, अनंतनाथ तथा विनोद के जोस सहित आठ लोगों के नाम लिए गए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी में भादंसं के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी कानून की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। नोएडा पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

सैंध: उपद्रवियों का आंदोलन में घुसने का प्रयास

राणा ओबराय     
नई दिल्ली। किसान आंदोलन के दाैरान शुक्रवार को 
हिंसक हो गया। जब स्थानीय लोगों और किसान संगठनों के सदस्यों के बीच झड़प हो गई। दोपहर करीब 1 बजे नरेला की तरफ से आए लोग धरनास्थल पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए किसानों से बॉर्डर खाली करने की मांग करने लगे। इनका कहना था कि किसान आंदोलन के चलते लोगों के कारोबार ठप हो रहे हैं। करीब 1.45 बजे ये लोग किसानों के टेंट तक पहुंच गए और उनकी जरूरत के सामान तोड़ दिए। इसके बाद किसानों और लोगों के बीच झड़प शुरू हो गई। दोनों ओर से पथराव भी हुआ। पुलिस ने बीच-बचाव की कोशिश की। लेकिन स्थिति बिगड़ते देख लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस झड़प में कई लोगों को चोटें आई हैं। कुछ पुलिसकर्मियों को भी गंभीर चोटें लगी हैं। अलीपुर थाने के एसएचओ पर तलवार से भी हमला हुआ है। इस अफरातफरी के बीच प्रदर्शनकारी की तलवार से अलीगढ़ के एसएचओ प्रदीप पालीवाल घायल हो गए। सिंघू सीमा पर पुलिस ने कथित तौर पर स्थानीय होने का दावा करने वालों और किसानों पर बल प्रयोग किया। स्थानीय होने का दावा करने वाले लोग विरोध स्थल खाली करने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान किसानों से उनकी झड़प हो गई। प्रदर्शनस्थल पर अराजक तत्वों ने एक पंडाल से लेकर वाशिंग मशीन तक तोड़ दिया। हालांकि सवाल अब ये उठ रहे हैं कि जहां दिल्ली जलबोर्ड के टैंकर भी नहीं जा पा रहे। वहां स्थानी प्रदर्शनकारी कैसे पहुंचे। अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। शुक्रवार दोपहर सिंघु बॉर्डर पर कई गांवों के किसानों ने प्रदर्शन कर मांग की कि किसान यहां से जाएं। उन्होंने कहा कि किसानों के इस तरह से 2 महीने से भी अधिक समय से प्रदर्शन करने के चलते न केवल कारोबार प्रभावित हुआ है, बल्कि सैकड़ों लोग बेरोजगार तक हो चुके हैं।

नंगा-नाच से सारा किसान वर्ग दोषी नही हो जाता

राणा ओबराय    
चंडीगढ। जो किसान आंधी, तूफान और अंधेरी रातों को चीरते हुए धरती से अन्न पैदा करता है। वह किसान कभी खोफ के साये तले नही रह सकता। देश का इतिहास रहा है, जब-जब देश पर मुसीबत आती है। तब-तब किसान और जवान देश की रक्षा के लिए आगे आतेें है। ज्यादा समय हो गया है। किसान अपनी मांगों को मनवाने के हाड़तोड़ ठंड में शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठा है। यदि किसानों के रूप में अराजक तत्व आंदोलन में शामिल होकर गणतन्त्र दिवस के अवसर पर नँगा नाच करते हैं, तो उससे सारा किसान वर्ग दोषी नही हो जाता है। जिस तरह से दिल्ली प्रशासन ने संघर्षरत किसानों के धरना स्थल की बिजली पानी काट दिया और पुलिस के भारी बंदोबस्त से किसानों पर दबाव बना कर राकेश टिकैत को गिरफ्तार की योजना बनाई थी। उस योजना को राकेश टिकैत के बहे आंसुओं ने देश के किसानों की अंतरात्मा को चीर के रख दिया। यूपी हरियाणा पंजाब के किसानों ने रात को ही दिल्ली की तरफ वापसी कूच कर दिया। हरियाणा के कंडेला और अम्बाला क्षेत्र के किसानों ने राकेश टिकैत के नारे लगा कर कहा हम तुम्हारे साथ है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गणतन्त्र दिवस के मौके पर लालकिले के उपर उपद्रवियों द्वारा झंडा लहराने से जिस किसान आंदोलन को सरकार लगभग खत्म होना मान रही थी। उस आंदोलन को राकेश टिकैत की आंखों से निकले आंसुओ और उसकी अंतरात्मा की आवाज से रातोरात आंदोलन ने फिर से गति पकड़कर किसानों को एकजुट कर दिया।

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...