बुधवार, 27 जनवरी 2021

प्रदर्शन के लिए जुटे पुलिस के सेवानिवृत्त कर्मी

दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त कर्मी प्रदर्शन के लिए जुटे, पर यातायात प्रभावित
अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के बाद बुधवार को आईटीओ पर यातायात गतिविधियां दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त कर्मियों के प्रदर्शन के चलते प्रभावित रही। दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त कर्मी मंगलवार को हुई हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली यातायात पुलिस ने बताया कि मिंटो रोड से कनॉट प्लेस की तरफ जाने वाले मार्ग तथा आईटीओ से इंडिया गेट की ओर जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया है। पुलिस ने बताया कि गाजीपुर बाजार, एनएच-9, एनएच-24 भी बंद हैं। दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाले यात्रियों को शाहदरा और डीएनडी से होकर जाने की सलाह दी गई है। कृषक संगठनों की केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया था।
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जन संपर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा के सबंध में 22 प्राथमिकियां दर्ज हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इस घटना में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

भारत-पाकिस्तान युद्ध पर फिल्म बनाएंगे: निखिल

भारत-पाकिस्तान युद्ध पर फिल्म बनाएंगे निखिल 
द्विवेदी

मुंबई। बॉलीवुड फिल्मकार निखिल द्विवेदी भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित फिल्म बनाने जा रहे हैं। निखिल द्विवेदी पिछले काफी समय से फिल्म पर काम कर रहे थे। और गणतंत्र दिवस पर उन्होंने फिल्म का ऐलान कर दिया है। फिल्म का नाम है। 1971′ जो की भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित है। माना जा रहा है। कि यह फिल्म साल की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक होगी।
निखिल ने कहा भारत ने कभी असली लड़ाई नहीं देखी। ऐसे में मैं चाहता हूं कि मैं इसे इतिहास की किताबों से ही दिखा सकूं। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं इसे जितना हो सके उतना रियल रख सकूं। हम इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाना चाहते हैं। फिल्म में कास्टिंग का काम अभी भी जारी है।

गृह मंत्रालय ने उपद्रवियों के खिलाफ दिए निर्देश

बड़े एक्शन की तैयारी में गृह मंत्रालय

नई दिल्ली। अगर गृह मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो लाल किला सहित दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में उपद्रव की घटनाओं को लेकर वो बेहद गंभीर है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस सहित सभी पड़ोसी राज्यों की पुलिस को उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं। इस बीच दिल्ली में 26 जनवरी को हुए बवाल की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी।

दिल्ली: किसान नेता ने कहा, लाठी लेकर आओ

किसान नेता राकेश टिकैत ने माना कि उसने ही कहा था कि लाठी लेकर आओ, बिना डंडे का कोई झंडा होता है। क्या?”
अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के कई इलाकों में पुलिस और किसानों की भिड़ंत के मामले में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सफाई देते हुए कहा है। कि उन्होंने किसानों से लाठी लाने को कहा था। इसके साथ ही उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि कोई बताए कि क्या बिना डंडे के भी कोई झंडा होता है।क्या दरअसल, टिकैत ने उस वायरल वीडियो पर अपनी सफाई दी है। जिसमें उन्हें किसानों से लाठी-डंडे लेकर ट्रैक्टर रैली में आने को कहते हुए सुना जा रहा है।

किसान नेता ने घटना की जांच कराने की मांग की

किसान नेता राकेश टिकैत ने की मांग, लाल किले की घटना की हो जांन
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। किसान नेता राकेश टिकैत ने लाल किला परिसर में कल लोगों के प्रवेश करने तथा धार्मिक झंडा फराये जाने की घटना की जांच कराने की मांग की है। राकेश टिकैत ने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में लाल किला में घुसने और वहां झंडा फहराये जाने वालों को चिन्हित करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले लोगों का किन राजनीतिक दलों और व्यक्तियों से संबंध था। इसकी जांच करायी जानी चाहिये। किसान नेता ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों से लाल किला जाने का आह्वान नहीं किया था। पहले से निर्धारित मार्ग पर आगे बढ़ रहे थे। उन्होंने कहा कि परेड के लिए पहले से निर्धारित कुछ मार्गों की घेराबंदी की गयी थी। जिसकी भी जांच करायी जानी चाहिये। किसान नेता ने कहा कि जिस किसी ने भी पुलिस कर्मियों पर ट्रैक्टर चढाने का प्रयास किया उनकी पहचान की जानी चाहिये और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिये। किसान संगठनों और पुलिस के बीच समझौते के बाद गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी में किसान परेड निकालने पर सहमति बनी थी। उल्लेखनीय है। कि कल किसान परेड के दौरान काफी लोग ट्रैक्टर के साथ लाल किला परिसर में घुस गये थे। और वहां एक धार्मिक झंडा फहराया था। और तोड़फोड़ की थी। किसान संगठन तीन कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने तथा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर 63 दिनों से राजधानी की सीमाओं पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

राजस्थान: सड़क हादसें में 8 की मौत, 4 घायल

राजस्थान में भीषण सड़क हादसा, आठ की मौत, चार घायल

जयपुर। राजस्थान के टोंक जिले में मंगलवार देर रात एक सड़क हादसे में आठ लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि चार अन्य घायल हो गए।
टोंक सदर थाने के थानाधिकारी दशरथ सिंह ने बताया कि यह हादसा रात लगभग सवा दो बजे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 12 पर हुआ। यात्रियों से भरी एक बड़ी जीप को ट्रोले ने पीछे से टक्कर मारी, जिसके बाद जीप एक पुलिया और ट्रोले के बीच फंस गई। उन्होंने बताया कि आठ लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी जबकि चार अन्य घायल हो गए। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जीप में सवार लोग मध्य प्रदेश के जीरापुर (राजगढ़) के रहने वाले थे।

किसान हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा में शामिल किसानों की पहचान करने के लिए कई सीसीटीवी फुटेज और तमाम वीडियो को खंगाला जा रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। खासकर लाल किले और किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। कृषक संगठनों की केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था। अतिरिक्त पीआरओ (दिल्ली पुलिस) अनिल मित्तल ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के एकीकृत संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा पर चर्चा के लिए बुधवार को एक बैठक भी बुलाई है। इससे पहले सिंघू बॉर्डर पर पंजाब के 32 किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी एक बैठक करेंगे।
एसकेएम की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर रैली का प्रस्ताव पेश किया गया था। ट्रैक्टर परेड के संबंध में मोर्चा के साथ दिल्ली पुलिस की कई दौर की बैठक हुयी थी। पुलिस ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने चार मार्गों पर शांतिपूर्ण परेड निकालने का आश्वासन दिया था, लेकिन मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे छह से सात हजार ट्रैक्टर सिंघू बॉर्डर पर एकत्र हो गए और तय मार्गों के बजाय मध्य दिल्ली की ओर जाने पर जोर देने लगे।
उन्होंने बताया कि बार-बार समझाने के बावजूद निहंगों की अगुवाई में किसानों ने पुलिस पर हमला किया और पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया। गाजीपुर एवं टीकरी बॉर्डर से भी इसी तरह की घटना की खबरें आईं। इसके बाद गाजीपुर एवं सिंघू बॉर्डर से आये किसानों की एक बड़ा समूह आईटीओ पहुंच गया और उसने लुटियन जोन की तरफ जाने का प्रयास किया।
उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका तो किसानों का एक वर्ग हिंसक हो गया उन्होंने अवरोधक तोड़ दिये तथा वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को कुचलने का प्रयास किया। हालांकि बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज करके हिंसक भीड़ को नियंत्रित किया। लेकिन यहां से वे लाल किले की ओर बढ़ गए।
बयान के अनुसार, मंगलवार को लगभग 90 मिनट तक अफरा-तफरी मची रही, किसान अपनी ट्रैक्टर परेड के निर्धारित मार्ग से हटकर इस ऐतिहासिक स्मारक तक पहुंच गए थे। वहां वे उस ध्वज-स्तंभ पर भी अपना झंडा लगाते दिखे, जिसपर प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को लाल किला परिसर से हटा दिया था।

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