शुक्रवार, 22 जनवरी 2021

यूनिवर्सिटी के छात्रों को पीएम मोदी ने दिया ‘मंत्र’

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज असम के तेजपुर विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालय के छात्रों को शिक्षा का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि आज 1200 से ज़्यादा छात्रों के लिए जीवन भर याद रहने वाला क्षण है। आज से आपके करियर के साथ तेजपुर विश्वविद्यालय का नाम हमेशा के लिए जुड़ गया है। नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया के संघर्ष की दास्तां भी सुनाई। अपने संबोधन के शुरुआत में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज आप जितना खुश हूं मैं भी उतना खुश हूं. मुझे भरोसा है कि आपने तेजपुर में रहते हुए, इस यूनिवर्सिटी में जो सीखा है, देश की प्रगति प्रदेश की प्रगति को गति व ऊंचाई देगा।इस भरोसे की कई वजह भी हैं। पहला- तेजपुर के इस ऐतिहासिक स्थान से मिलने वाली प्रेरणा। दूसरा- विश्वविद्यालय में आपका काम बहुत उत्साह जगाने वाला है। तीसरा- पूर्वी भारत के सामर्थ्य पर, राष्ट्र निर्माण के लिए यहां के लोगों के प्रयासों पर मेरा ही नहीं देश का भी अटूट विश्वास है। उन्होंने कहा, ‘हमारा देश इस वर्ष अपनी आजादी के 75 साल में प्रवेश कर रहा है। सैकड़ों वर्षों की गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए असम के अनगिनत लोगों का योगदान रहा. अब आपको नए भारत के लिए, आत्मनिर्भर भारत के लिए जी करके दिखाना है. जीवन को सार्थक करके दिखाना है। अब से लेकर भारत की आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक यह 25-26 साल आपने जीवन के भी स्वर्णिम पल हैं. अगर 100 साल पहले का थोड़ा सा स्मरण करें तो आप ही की उम्र के लोगों के क्या करते थे, तो आपको आगे क्या करना है ये सोचने में देर नहीं लगेगी। यह आपके लिए गोल्डन पीरियड है। तेजपुर का तेज पूरे भारत पूरे विश्व में फैलाइये। नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमारी सरकार आज जिस तरह नार्थ ईस्ट के विकास में जुटी है, जिस तरह कनेक्टिविटी, शिक्षा स्वास्थ्य हर सेक्टर में काम हो रहा है, उससे आपके लिए अनेकों नई संभावनाएं बन रही है। इन संभावनाओं का पूरा पूरा लाभ उठाइए।आपके प्रयास ये बताते हैं कि आपमें क्षमता भी नया करने का सामर्थ भी है।तेज़पुर विश्वद्यालय की एक पहचान अपने इनोवेशन सेंटर के लिए भी है।आपके ग्रास रूट इनोवेशन वोकल फॉर लोकल को भी नई ताकत देते हैं। ये इनोवेशन स्थानीय समस्याओं को सुलझाने में काम आ रहे हैं जिससे विकास के नए द्वार खुल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘पानी को पीने योग्य बनाने की तेजपुर यूनिवर्सिटी ने कम कीमत वाली आसान टेक्नोलॉजी पर काम किया है। जिसका लाभ असम के साथ साथ कई राज्यों को भी हो रहा है। भारत में इस प्रकार की टेक्नोलॉजी से हर घर जल पहुंचाने का जल जीवन मिशन के सपने का सशक्तिकरण होगा।फसल के अवशेष हमारे किसानों पर्यावरण के लिए बड़ी चुनौती है। वेस्ट ऊर्जा को लेकर तेजपुर यूनिवर्सिटी में जो काम किया जा रहा है, उससे देश की बड़ी समस्या हल हो सकती है। प्रधानमंत्री ने छात्रों को मंत्र देते हुए कहा, ‘जीवन यात्रा में हमें अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।नदियां हमें बहुत कुछ सिखाती हैं।नदियां कई सहायक धाराओं से मिलकर बनती हैं फिर समंदर में जाकर मिल जाती हैं।हमें भी जीवन में अलग अलग लोगों से ज्ञान लेना चाहिए। सीखना चाहिए उस सीख के साथ आगे बढ़कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए। कोरोना के इस काल में आत्मनिर्भर भारत अभियान हमारी शब्दावली का अहम हिस्सा हो गया है. हमारे सपनों के अंदर वो घुल मिल गया है। हमारा पुरुषार्थ, हमारे संकल्प, हमारी सिद्धि, हमारे प्रयास ये सब हम अपने ईर्द-गिर्द महसूस कर रहे है। हर चुनौती, हर समस्या से निपटने का हमारे देश के युवा का अंदाज अब कुछ हटकर है। इसका एक ताजा उदाहरण हमने क्रिकेट की दुनिया में देखा है। बहुत से लोगों ने भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज को देखा होगा। इस हमारी टीम के सामने कई चुनौतियां आईं। हमारी पहले बहुत बुरी हार हुई, लेकिन फिर उतनी ही तेजी से उभरे भी। चोट लगने के बावजूद हमारे खिलाड़ी मैच बचाने के लिए मैदान पर डटे रहे। चैलेंजिंग कंडिशंस में निराश होने के बजाय हमारे युवा खिलाड़ियों ने चैलेंज का सामना किया। कुछ खिलाड़ियों को अनुभव भले ही कम था, लेकिन हौसला उतना ही बुलंद दिखा। उन्हें जैसे ही मौका मिला, इतिहास बना दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज का भारत समस्या के समाधान के लिए प्रयोगों से भी नहीं डरता बड़े स्तर पर काम करने से भी पीछे नहीं हटता।हर गरीब परिवार को घर देने का अभियान भारत में हर घर जल पहुंचाने का अभियान भारत में. सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना भारत में अब सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भी भारत में.’ उन्होंने कहा कि अब हमारे वैक्सीन से जुड़े रिसर्च उत्पादन से जुड़ी क्षमता, भारत के साथ ही दुनिया के अनेक देशों को सुरक्षा कवच का विश्वास दे रही है।

टीम इंडिया पर फिदा हुए पीएम, डट कर खेलें

सिडनी/ नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से टेस्ट सीरीज अपने नाम कर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। टीम ने अनुभवी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी और तमाम तरह की चुनौतियों के बीच ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में पटखनी दी और इतिहास रचा। टीम इंडिया की इस जीत की हर तरफ तारीफ  है और उनके संघर्ष को सराहा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी पूरी टीम की तारीफ कर चुके हैं। शुक्रवार को असम के तेजपुर यूनिवर्सिटी के 18वें दीक्षांत समारोह में मौजूद 1200 छात्रों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पीएम ने भारतीय टीम का जिक्र करते हुए बताया कि खिलाड़ियों ने चोटिल होने के बावजूद लड़ाई को जारी रखा और ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रचा। उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम का खेल दृष्टिकोण में बदलाव का एक बड़ा उदाहरण है। पहला टेस्ट हारने के बाद भी उन्होंने लड़ना जारी रखा।मोदी ने कहा, ‘घायल होने के बाद भी वे जीत के लिए संघर्ष करते रहे और नए समाधान खोजते रहे। कुछ खिलाड़ी कम अनुभवी हो सकते हैं, लेकिन उनकी बहादुरी कम नहीं थी। उन्होंने सही प्रतिभा और स्वभाव के साथ इतिहास रचा।

गूगल ने अपना सर्च इंजन बंद करने की धमकी दी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। गूूगल ने ऑस्‍ट्रेलिया में अपना सर्च इंजन बंद करने की धमकी दी। धमकी के बाद आस्ट्रेलिया में हड़कंप मच गया है। बता दें कि ऑस्‍ट्रेलिया सरकार और गूगल के बीच ‘मीडिया पेमेंट लॉ’ को लेकर करीब एक महीने से गतिरोध चल रहा है। अब गूगल ने ऑस्‍ट्रेलिया सरकार को देश में अपना सर्च इंजन पर रोक लगाने की धमकी दे दी है। गूगल ने धमकी देते हुए कहा है कि अगर उसे लोकल न्यूज पब्लिशरों को भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता है तो कंपनी अपना सर्च इंजन देश में बंद कर देगी. वहीं ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि वह धमकियों पर प्रतिक्रिया नहीं देते हैं।

इससे पहले गूगल ने सर्च में ऑस्‍ट्रेलिया न्यूज वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया था. इस पर ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कहा था कि गूगल को हमारा कंटेंट पर रोक लगाने की बजाय उसके लिए भुगतान करने पर ध्यान देना चाहिए।

दरअसल, गूगल और ऑस्‍ट्रेलिया सरकार के बीच मीडिया भुगतान कानून को लेकर गतिरोध चल रहा है. ऑस्‍ट्रेलिया की सरकार इस कानून के मसौदे पर काम कर रही है। 

इस कानून के तहत गूगल और फेसबुक दोनों को लोकल मीडिया कंपनियों की खबरें अपने सर्च इंजन पर दिखाने के लिए भुगतान करना पड़ सकता है। संसद में अभी इस कानून पर बहस चल रही है। जल्द ही इस पर वोटिंग भी हो सकती है ऑस्‍ट्रेलिया सरकार के इस कानून का गूगल, फेसबुक के अलावा दूसरी टेक कंपनियां भी विरोध कर रही हैं। 

गूगल ने चेताया है कि अगर सरकार ने उसे मीडिया कंपनियों को भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया, तो ऑस्‍ट्रेलिया में फ्री सर्च सेवाओं को वापस लिया जा सकता है। फिर यहां के लोगों को गूगल का इस्तेमाल करने के लिए भुगतान करना पड़ेगा।

आम आदमी की बढ़ीं मुश्किलें, पेट्रोल महंगा हुआ


अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। पेट्रोल डिजल के दाम में पिछले कई दिनों से उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। वहीं दो दिन के विराम के बाद शुक्रवार को तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम में फिर बढ़त कर दी है। देश की राजधानी दिल्ली में 25 पैसे की बढ़त की गई है। जिसके पेट्रोल 85.45 रुपये और डीजल 75.63 रुपये लीटर हो गया है। वहीं देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले मुंबई में पेट्रोल 92 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया है और कोलकाता में पेट्रोल 86.87 रुपये और डीजल 79.23 रुपये लीटर हो गया है। बता दें कि आज पेट्रोल-डीजल की कीमत में 25 पैसे प्रति लीटर की बढ़त की गई है। 

सरकारी तेल कंपनियां कीमतों की समीक्षा करने के बाद प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल के रेट तय करती हैं। इंडियन ऑयलए भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम दैनिक आधार पर 6 बजे से पेट्रोल रेट और डीजल रेट में संशोधन करती हैंए और जारी करती हैं।

अमेरिका में नए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आते ही कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, इससे दुनिया भर की इकोनॉमी में सेंटिमेंट मजबूत हुआ है। इसकी वजह से गुरुवार को शेयर बाजार मजबूत रहे, लेकिन कच्चे तेल में थोड़ी नरमी दिख रही है। पेट्रोल और डीजल के रेट अपनी सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। कोरोना काल में राजस्व के अन्य स्रोत कम होने की वजह से इन ईंधन पर लगा टैक्स सरकार के लिए राजस्व का बड़ा स्रोत साबित हो रहा है। जो बाइडेन के सत्ता संभालने से जो सेंटिमेंट बना है उसकी वजह से घरेलू बाजार में गुरुवार को शेयर बाजार में अपनी सर्वकालिक ऊंचाई 50,000 के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया था। पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से महंगाई बढ़ने की आशंका रहती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल मे थोड़ी नरमी दिख रही है, हालांकि ब्रेंट क्रूड 55 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बना हुआ है।भारतीय बॉस्केट में जो कच्चा तेल आता है वह करीब 20 से 25 दिन पुराना होता है यानी आज जो तेल का रेट है उसका असर 20 से 25 दिन बाद दिख सकता है।

यूपी: 3 फरवरी से दो चरणों में प्रयोगिक परीक्षा

बृजेश केसरवानी   

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की प्रायोगिक परीक्षा का गुरुवार को ऐलान हो गया। इम्तिहान मंडलवार दो चरणों में होगा और उसकी सीसीटीवी कैमरे से निगरानी कराई जाएगी। पहले चरण की परीक्षा तीन फरवरी से शुरू हो रही है, जबकि दूसरा चरण 13 फरवरी से शुरू होकर 22 फरवरी तक चलेगा। इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए यूपी बोर्ड परीक्षकों की तैनाती करेगा। वहीं, हाईस्कूल में आंतरिक मूल्यांकन प्रधानाचार्य के माध्यम से कराया जाएगा। यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने प्रायोगिक परीक्षा का विस्तृत कार्यक्रम जारी करते हुए सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। यूपी बोर्ड पहले ही हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की लिखित परीक्षाएं मार्च व अप्रैल में कराने का संकेत एकेडमिक कैलेंडर में दे चुका है। संभव है कि जल्द ही परीक्षा कार्यक्रम का भी ऐलान हो जाए।

50 प्रतिशत अंक आंतरिक व इतने ही वाह्य परीक्षक दे सकेंगे : यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि इंटरमीडिएट के प्रयोगात्मक विषयों में 50 प्रतिशत अंक आंतरिक परीक्षक व इतने ही अंक वाह्य परीक्षक देंगे। वहीं, व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के लिए जो कॉलेज प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए निर्धारित होगा, वहां संबंधित विषयों के शिक्षक 50 प्रतिशत अंक आंतरिक मूल्यांकन के तहत देंगे और वाह्य परीक्षक भी इतने ही अंक दे सकेंगे।

सीसीटीवी की निगरानी : इंटरमीडिएट परीक्षा में पंजीकृत संस्थागत व व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की अनिवार्य विषय खेल व शारीरिक शिक्षा की प्रयोगात्मक परीक्षा विद्यालय स्तर पर प्रधानाचार्य की ओर से कराई जाएगी। सचिव ने बताया कि परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए प्रायोगिक परीक्षाएं सीसीटीवी की निगरानी में कराई जाएंगी। संबंधित रिकॉर्डिंग प्रधानाचार्य सुरक्षित रखेंगे और परिषद के मांगने पर क्षेत्रीय कार्यालय को उपलब्ध कराना होगा।

वेब सीरीज 'तांडव' पर बवाल, बैन लगाने की मांग

कविता गर्ग   
मुंबई। हाल में सैफ अली खान के लीड रोल वाली वेब सीरीज तांडव रिलीज हुई है। इस सीरीज में कुछ सीन पर रिलीज होने के बाद ही सोशल मीडिया पर आपत्तियां दर्ज कराई गई थीं। अब बीजेपी सांसद मनोज कोटक खुलकर इसके खिलाफ आ गए हैं और उन्होंने कहा है कि इस सीरीज के जरिए हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है। जल्द ही इस सीरीज के मेकर्स और कलाकारों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की भी तैयारी की जा रही है।लगातार वेब सीरीज के नाम पर ऐंटी हिंदू कॉन्टेंट परोसा जा रहा है जिसपर तुरंत रोक लगाए जाने की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि फिल्मों और वेब सीरीज में हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया जाता है जिससे हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचती हैं।मनोज कोटक ने ट्वीट कर यह जानकारी भी दी है कि उन्होंने इस बारे में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भी बात की है और उनसे भारत की अखंडता बनाए रखने की खातिर ओटीटी कॉन्टेंट पर सेंसरशिप लगाए जाने की मांग की है। यह भी खबर है कि च्तांडवज् वेब सीरीज के खिलाफ रविवार 17 जनवरी को बीजेपी नेता राम कदम घाटकोपर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले हैं।
बता दें कि दरअसल, च्तांडवज् के डायलॉग्स और सीन को लेकर दर्शकों ने नाराजगी जाहिर की है। वेब सीरीज के पहले एपिसोड में दिखाया गया है कि ऐक्टर जीशान अय्यूब यूनिवर्सिटी के फंक्शन में भगवान शिव के वेश में दिखाई दे रहे हैं। च्तांडवज् के इस सीन लेकर लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए आपत्ति जताई है। ट्विटर पर बहुत से लोग से भगवान शिव का इस तरह से रूप दिखाने और भगवान राम के बारे में टिप्पणी करने पर गुस्सा निकाल रहे हैं।

आंदोलन: सरकार करेगी अंतिम विकल्प का प्रयोग

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। किसान संगठनों के साथ 10वें दौर की बैठक में सरकार ने आखिरी समय में अपने अंतिम विकल्प का इस्तेमाल किया। बैठक के पहले हिस्से में सरकार अपने पुराने रुख पर कायम थी लेकिन अचानक लंच के बाद हुई बैठक में सरकार ने तीनों कृषि कानूनों पर एक से डेढ़ साल तक अस्थायी रोक लगाने और साझा कमेटी के गठन का प्रस्ताव दिया। 

जानकारों का मानना है कि ऐसा किसानों के ट्रैक्टर रैली पर सुप्रीम कोर्ट के रुख और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजाब, हरियाणा के इतर दूसरे राज्यों में बहस शुरू होने के कारण हुआ। सरकार को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों की ट्रैक्टर रैली के संदर्भ में कोई फैसला करेगा। जबकि शीर्ष कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार करते हुए मामले पर फैसला लेने की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस पर डाल दी। सरकार नहीं चाहती थी कि कृषि कानूनों के सवाल पर देश की राजधानी में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो। टकराव की स्थिति में सरकार को इस आंदोलन के व्यापक होने की आशंका थी। भोजनावकाश के बाद अचानक ही कृषि मंत्री की ओर से आए कानूनों पर अस्थायी रोक और सभी पक्षों के प्रतिनिधित्व वाली कमेटी के गठन के प्रस्ताव के लिए किसान संगठन तैयार नहीं थे। खाने से पहले पहले सरकार और किसान संगठनों के बीच किसान नेताओं को एनआईए का नोटिस पर तीखी बहस हुई। कृषि मंत्री ने दो टूक कहा, सरकार न तो कानून वापस लेगी और न ही एमएसपी पर कानूनी गारंटी देगी। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली मामले में भी तनातनी रही। तोमर ने प्रस्तावित रैली को वापस लेने की मांग की और इस घोषणा को भी गलत बताया। सरकार मान रही थी कि किसान आंदोलन धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाएगा। इसलिए सरकार ने बीते महीने इसी तरह के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव को गंभीरता से नहीं लिया। हालांकि आंदोलन न सिर्फ कायम रहा, बल्कि किसान संगठनों के तेवर और तल्ख होते गए। इस बीच आंदोलन के दौरान किसानों की आत्महत्या, दुर्घटना समेत कई अन्य कारणों से लगातार किसान मरते रहे और सरकार की चिंता बढ़ती रही।

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...