किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के सभी पुलिसवालों की छुट्टियां रद्द, यह है बड़ा कारण
राणा ओबराय
चंडीगढ़। बीते 59 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन और 26 जनवरी को किसानों द्वारा ट्रैक्टर मार्च निकाले जाने की घोषणा के बीच हरियाणा सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत राज्य के पुलिस विभाग ने अपने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। हरियाणा के डीजीपी कार्यालय की तरफ से गुरुवार को यह आदेश जारी किए गए हैं।
हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव के अधीक्षक कंवल नैन की तरफ से राज्य पुलिस विभाग के सभी प्रमुखों को जारी एक तत्काल आदेश (संख्या-482/590/GA-1) में कहा गया है कि 'राज्य में चल रहे किसान आंदोलन के मद्देनजर यह निर्देशित किया जाता है कि सक्षम प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति के साथ आपातकालीन परिस्थितियों को छोड़कर सभी प्रकार के अवकाश अगले आदेशों तक रोके जाते हैं। अनुपालन सुनिश्चित करें।
उल्लेखनीय है। कि इससे पहले तीन नए कृषि कानूनों को डेढ़ वर्ष तक निलंबित रखे जाने के प्रस्ताव को किसानों ने गुरुवार शाम को ठुकरा दिया। सरकार से 10वें दौर की बातचीत में रखे गए प्रस्तावों पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की गुरुवार को कई घंटों आम सभा चली, जिसमें यह फैसला लिया गया।
आज सरकार एवं किसानों के बीच होने वाली 11वें दौर की वार्ता से पहले यह फैसला आना बेहद अहम है। दरअसल, किसान नेताओं ने बुधवार को सरकार के प्रस्तावों को तत्काल स्वीकार नहीं किया था और कहा था कि वे आपसी चर्चा के बाद सरकार के समक्ष अपनी राय रखेंगे। किसानों का कहना है कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात पर वह कायम हैं। किसानों का कहना है कि यह किसान आंदोलन की मुख्य मांगें हैं। और वे इस पर अडिग हैं।