शुक्रवार, 22 जनवरी 2021

20 दिन में 100 खोये बच्चों को परिवार से मिलाया

युपी। रेलवे पुलिस ने 20 दिन में 100 खोये बच्चों को परिवार से मिलाया
हरिओम उपाध्याय
जौनपुर। पुलिस अधीक्षक रेलवे झांसी, आगरा आशीष तिवारी ने आज कहा कि पिछले 20 दिनों में 100 से अधिक गुम हुए बच्चों को विभिन्न जनपद व राज्यों से आगरा एवं झाँसी अनुभाग की विशेष टीम के प्रयासों से खोजकर उनके परिवारों से मिलाया गया। आशीष तिवारी ने शुक्रवार को हमारे जौनपुर प्रतिनिधि को कहा कि अपर पुलिस अधीक्षक रेलवे आगरा मो0 मुश्ताक के नेतृत्व में जीआरपी अनुभाग आगरा व झाँसी के अन्तर्गत वर्ष 2018,19 व 20 में गुम हुए बच्चों की बरामदगी के लिये गृह मंत्रालय द्वारा संचालित 'आपरेशन मुस्कान' के तहत दोनों अनुभागों के अन्तर्गत आने वाले गुमशुदा बच्चों की शत्-प्रतिशत बरामदगी करने हेतु एक अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान विगत लगभग 20 दिनों में 100 से अधिक बच्चों को जिसमे विभिन्न जनपद एवं राज्यों से बरामद कर उनके परिवारों से मिलाया।
उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सर्वप्रथम दोनों अनुभागों के अन्तर्गत आने वाले समस्त जनपदों एवं जीआरपी के थानों से गुम हुए बच्चों का डाटा संकलन किया गया। डाटा संलकन के पश्चात गुम हुए बच्चों से सम्बन्धित पूर्ण जानकारी सहित एक एल्बम तैयार की गयी, जिसमें कुल 231 बच्चे गुमशुदा पाये गये। इन सभी बच्चों को बरामद करने के लिए एक टीम व बेहतर रणनीति की आवश्यकता थी। जिसके लिए सबसे पहले एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार की गयी। इसके पश्चात दोनों अनुभागों से समर्पित एवं जो पुलिस कर्मी सामाजिक कार्यों में रुचि रखने एवं सामाजिक कार्यों के लिए प्रोत्साहित रहने वाले पुलिस कर्मियों का साक्षात्कार के माध्यम से चयन किया गया आशीष तिवारी ने कहा कि चयन के पश्चात दोनों अनुभागों में कुल चार टीमें गठित की गयीं। इन सभी टीम सदस्यों को बच्चों से सम्बन्धित कानून जैसे बाल अधिकार संरक्षण कानून 2005, जुबेनाइल जस्टिस (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) कानून 2000, बाल मजदूरी( निषेध एवं नियमन) कानून 1986, पोक्सो एक्ट 2012 इत्यादि के बारे में जानकारी देते हुए व्यावहारिक रुप से प्रशिक्षित किया गया। कांस्टेबिल घायल साथ ही गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिये बनाये गये सटोप की कार्यशाला आयोजित कर जानकारी दी गयी। जिसके तहत आश्रय स्थल , बस स्टैंड , रेलवे स्टेशन , एनजीओ, स्थानीय पुलिस का प्रयोग कर कैसे गुमशुदा बच्चों की पहचान करना तथा उनके घर वालों तक पहुंचाने की सम्पूर्ण प्रक्रिया की जानकारी प्रशिक्षण के माध्यम से दी गयी। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के उपरान्त प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, हाथरस, एटा, कासगंज, फिरोजाबाद, अलीगढ, मैनपुरी, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, कानपुर, झाँसी, महोबा, चित्रकूट को चिन्हित कर टीमों को आवंटित कर उन्हे रवाना किया गया। इसके पश्चात दूसरे चरण मे भारत के बडे शहरों दिल्ली, फरीदाबाद, पलवल, गुडगाँव, गाजियाबाद, ग्वालियर, भोपाल, इंदौर एवं मुम्बई को चिन्हित किया गया जो अभी जारी है। अभी तक महज 20 दिनों में टीमों द्वारा तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए 100 से अधिक बच्चों को खोज लिया गया। जिनमें एल्बम के 231 बच्चों मे से अभी तक कुल 81 बच्चों के घर पर सम्पर्क स्थापित किया गया तो यह सभी गुमशुदा बच्चे अपने घर आ चुके थे। इसके अतिरिक्त टीमों द्वारा रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड एवं बालगृहों में कई वर्षों से अन्धकार में जीवन जी रहे कुल 22 बच्चे , बच्चियोँ को टीम की कडी मेहनत एवं सर्विलाँस से उनके परिजनों से मिलाया जा चुका है। द्वितीय चरण का कार्य अभी जारी है। इसके अतिरिक्त तृतीय चरण हेतु कोलकाता, चैन्नई एवं गुजरात को चिन्हित किया गया है। जो बहुत जल्द शुरु होगा। 

हरियाणा: राम रहीम को बचाने की शुरू हुई मुहीम

राम रहीम को बचाने की शुरू हुई मुहीम, हाई कोर्ट में लगी ये याचिका

चंडीगढ़। रोहतक की सुनारिया जेल में बंद दुष्कर्म और हत्या की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को बचाने की मुहीम शुरू हो गई है। उनको बचाने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक साजिश के तहत हत्या व दुष्कर्म के केस में फंसाकर जेल में बंद किया गया है। जिन संतों ने धार्मिक प्रचार से मानव को ईश्वर से जोड़ने का काम किया है। वे साजिश का शिकार होकर सत्ता द्वारा प्रताड़ित किए जाते रहे हैं। गुरमीत राम रहीम के साथ भी ऐसा हुआ है।
इस याचिका में सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजमेंट, वकीलों व सीबीआइ के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। यानी याचिका में डेरा प्रबंधन, वकील और सीबीआइ पर आपस में मिलीभगत कर डेरा प्रमुख के खिलाफ साजिश रचने के आरोप जड़े गए हैं। राम रहीम के अनुयायी पंजाब के रूपनगर निवासी बलविंद्र सिंह व अन्य ने हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दुष्कर्म और हत्या के मामलों में जेल में रखने के पीछे साजिश है। जिसकी गहरी जड़ें हैं।
हाई कोर्ट को बताया गया कि इस साजिश में हरियाणा सरकार, सीबीआइ के कुछ अधिकारी, राम रहीम के वकील व डेरा प्रबंधन के लोग शामिल हैं। जिन्होंने मिलकर फर्जी गवाह व गलत तथ्य कोर्ट के सामने पेश कर राम रहीम को जेल में बंद करवाया व अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ किया।
याचिका में केंद्र सरकार से अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई व बार काउंसिल आफ इंडिया से आरोपित वकीलों के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया गया है। प्रशासनिक स्तर पर हाई कोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। और जल्द ही यह याचिका सूचीबद्ध हो सकती है। इस याचिका के कोर्ट में आने से अब नए तरह का विवाद खड़ा हो सकता है।

सरकार और रिपब्लिक चैनल में गहरी सांठगांठ

रिपब्लिक टीवी चैनल की टीआरपी बढाने के लिए मोदी सरकार ने हर सम्भव प्रयास किया, जानिए कैसे
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। इससे ज्यादा क्या सुबूत चाहिए कि मोदी सरकार और रिपब्लिक चैनल में गहरी सांठगांठ है। और टीआरपी घोटाले में मोदी जी का वरदहस्त अर्नब गोस्वामी पर था।
खबर आयी है, कि रिपब्लिक टीवी को  प्रसार भारती के स्वामित्व वाले डायरेक्ट-टू-होम सेवा, डीडी फ्री डिश पर गैर कानूनी रूप से प्रसारित किया गया है।
रिपब्लिक टीवी ने बिना ऑक्शन प्रोसेस में शामिल हुए डीडी फ्री डिश सर्विस के सभी यूजर्स के लिए एक बैंडविड्थ पर एक अनएन्क्रिप्टेड रूप में दो वर्षों तक ब्रॉडकास्ट किया गया। जबकि ऑक्शन के प्रोसेस से गुजरने पर चैनल को सालाना 8-12 करोड़ रुपये की कैरिज फीस देनी होती है।
इस मामले में रिपब्लिक टीवी ने अनुचित रूप से फायदा उठाने के साथ ही सरकारी खजाने को भी नुकसान पहुंचाया।  प्रतियोगी चैनलों की तरफ से इस बात को दो साल पहले ही सूचना और प्रसारण मंत्रालय के ध्यान में लाया गया था। साथ ही इसकी शिकायत प्रसार भारती को भेज दी गई थी। लेकिन यह प्रैक्टिस सितंबर 2019 तक जारी रही।
इस पूरे घोटाले में सरकारी खजाने को 25 करोड़ रुपये का नुकसान सामने आया है।
अब इतनी मेहरबानी रिपब्लिक चैनल पर क्यो की गई इसकी वजह भी जान लीजिए यह चैनल मूल रूप से राजीव चंद्रशेखर ने शुरू किया था।जो वर्तमान में भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। राजीव चंद्रशेखर जब भाजपा से 2018 में सांसद चुन लिए गए तो उन्होंने कहा, 2006 से मैं निर्दलीय सांसद के रूप में सार्वजनिक जीवन में था। चूंकि अब मैं भाजपा का सदस्‍य हूं तो मुझे लगता है कि यह रिपब्लिक टीवी के ब्रांड और टीम के लिए सही नहीं होगा कि मैं बोर्ड में रहूं।' इसके बाद ही रिपब्लिक भारत मे सारी हिस्सेदारी अरनब गोस्वामी को दे दी गई 
दरअसल रिपब्लिक के मुख्य निवेशकर्ता राजीव चन्द्रशेखर पहली बार 2006 में कर्नाटक से राज्यसभा के लिए चुने गए। चन्द्रशेखर की एशियानेट न्यूज नेटवर्क, स्वर्णा न्यूज और कन्नड़ अखबार प्रभा में अच्छी होर्डिंग्स है। दिलचस्प बात यह है। कि राजीव चन्द्रशेखर ने जुपिटर केपिटल में भारी निवेश कर रखा है, जो कि डिफेंस सेक्टर की प्रमुख कंपनी है। यह कंपनी भारतीय सेनाओं को ट्रेनिंग के अनेक उपकरण सप्लाय करती है। जुपिटर केपिटल को ही पिछले वर्ष भारतीय थल सेना और वायु सेना में ट्रेनिंग के उपकरणों का एक बड़ा ठेका मिला था। 
 वैसे चैनल जब शुरू हुआ तो राजीव चंद्रशेखर की कंपनी जुपिटर कैपिटल के सीईओं अमित गुप्ता ने एडिटोरियल को मेल लिखा कि कंटेंट प्रो मिलिट्री होना चाहिए।
अब आप समझ गये होंगे कि अरनब ने पुलवामा हमले के बाद अपनी चैट में यह बात क्यो लिखी कि दिस अटैक विवान लाइक क्रेजी...
जुपिटर केपिटल को मिलेट्री के ठेके चाहिए ओर बीजेपी को रिपब्लिक से उग्र कट्टर राष्ट्रवाद और दक्षिणपंथी विचारधारा वाला कंटेंट दोनों एक दूसरे की पूर्ति कर रहे हैं।

आरएसएस कहे तो देश भक्त, किसान खालिस्तानी

आरएसएस वही बात कहकर देशभक्त है और किसान वही बात कहें तो खालिस्तानी?
हरिओम उपाध्याय 
नई दिल्ली। आरएसएस के अपने दो बड़े संगठन हैं। एक भारतीय किसान संघ और दूसरा स्वदेशी जागरण मंच। ये अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा तो नहीं खोल सकते, लेकिन  कह तो वही रहे हैं। जो आंदोलनकारी किसान कह रहे हैं। 
भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय सचिव मोहिनी मोहन मिश्रा ने बीबीसी से कहा ये तीनों क़ानून जब अध्यादेश के रूप में 5 जून को आए थे। तो हमने इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी।.25 हज़ार गाँवों से हमारे किसान भाइयों ने इस क़ानून के ख़िलाफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से लिखित में शिकायत की है।
''ये तीनों बिल व्यापारियों के बिल हैं। सरकार का कहना है। कि व्यापारियों का अच्छा व्यापार चलेगा तो किसानों को फ़ायदा होगा. 90 के दशक से भारतीय किसान संघ किसानों के लिए 'एक देश एक मार्केट' की बात कर रही है. सरकार उसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए ये बिल लाई है। तो हम उसका स्वागत करते हैं। पर इस बिल में कई दिक़्क़तें हैं।
गौर कीजिए कि आरएसएस का अपना संगठन भी कह रहा है। कि ये तीनों बिल व्यापारियों के बिल हैं। स्वदेशी जागरण मंच भी कह रहा है। कि बिल में दिक्कत है। 
ये दोनों संगठन एमएसपी की लिखित गारण्टी की बात कह रहे हैं। खरीद-बिक्री में किसानों को और सुरक्षा देने की बात कह रहे हैं। ये भी ये डर जता रहे हैं। कि व्यापारी मनमानी करेंगे। न्यायालय जाने के अधिकार की बात ये भी कर रहे हैं। फसल की सही कीमत की बात ये भी कर रहे हैं। यही सारी मांग किसानों की भी है। 
तो क्या आरएसएस के ये दोनों संगठन खालिस्तानियों से मिल गए हैं।
आरएसएस वही बात कहकर देशभक्त है।और किसान वही बात कहें तो खालिस्तानी। क्योंकि उन किसानों में से कुछ के सिर पर पगड़ी है। और वे सिख हैं।ठीक वैसे जैसे मुसलमान आंदोलन करें तो वे पाकिस्तानी हो जाते हैं।
इस देश के नेता और मीडिया के बहस का अब यही स्तर बचा है। आरएसएस का तो ये पैदाइशी स्तर है। और उन्होंने 90 साल से यही स्तर मेंटेन किया है। तो उनसे समझदारी की क्या उम्मीद की जाए।

किसानों से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली में कैंटर ने मारी टक्कर

हिसार में दर्दनाक हादसा, किसानों से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली में कैंटर ने मारी टक्कर

हिसार। हिसार में शुक्रवार सुबह दर्दनाक हादसा हो गया। शहर के ढंढूर रोड पर बीएसएफ कैंप के सामने युवा किसानों से भरी ट्रैकटर ट्रॉली में एक कैंटर ने टक्कर मार दी। इस हादसे में 26 वर्षीय एक युवा किसान की मौत हो गई। जबकि 8 अन्य युवा गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना मिलने पर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मृतक के शव को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में भिजवाया है। वहीं घायलों को सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। 
सदर थाना पुलिस से जांच कर्ता हेड कांस्टेबल सूरजमल ने बताया कि शुक्रवार सुबह 5.30 बजे के करीब पंजाब के विभिन्न एरिया के युवा किसानों को लेकर एक ट्रैक्टर ट्रॉली दिल्ली में किसान आंदोलन में शामिल होने जा रही थी। इसी दौरान ढंढूर रोड पर बीएसएफ कैंप के सामने तेज गति से एक कैंटर आया और उसने पीछे से टैक्टर ट्रॉली में टक्कर मार दी। 
टक्कर इतनी जाेरदार थी कि इससे ट्रैक्टर टॉली पलट गई। जिसमें एक किसान की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं 8 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे में मारे गए युवक की पहचान पंजाब के अबोहर जिला के बिशनपुरा गांव निवासी करण सिंह के रूप में हुई है। मृतक व घायलों के बारे में उनके स्वजनों को सूचना दे दी गई।

जिला सहकारिता विभाग का औचक निरीक्षण

कौशाम्बी। जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने शुक्रवार को विकास भवन स्थित जिला सहकारिता विभाग का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने उपस्थिति रजिस्टर को देखा जिसमें प्रशान्त आनन्द त्रिपाठी जे.ए के अनुपस्थित पाये जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। उन्होने सहकारी समितियों के स्टॉक के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए सभी सहकारी समितियों में खाद बीज की उपलब्धता बनाये रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद एवं बीज समय से उपलब्ध करायें इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं होगी। जिलाधिकारी ने वसूली हेतु बड़े बकायेदारों की राशि का सत्यापन कराते हुए उनसे वसूली करने का निर्देश दिया है। उन्होंने क्षेत्रीय सहकारी समिति मंझनपुर एवं साधन सहकारी समिति चूहापीरन में बनाये जा रहे गोदामों का निरीक्षण करते रहने का निर्देश सहकारी अभियंताओं को दिया है। उन्होंने कहा कि गोदामो के हो रहे निर्माण कार्य में मटेरियल में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो। जिलाधिकारी ने आईसीडीपी के अन्तर्गत गोदामों के हो रहे निर्माण कार्य के बारे में जानकारी प्राप्त करते पूर्ण हुए गोदामों में उर्वरकों के रख-रखाव करने एवं अधूरे गोदामो के निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कराये जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कार्यालय में साफ-सफाई बनाये रखने का निर्देश दिया है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी, एआर कोऑपरेटिव अजीत सिंह, परियोजना निदेशक एवं अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
सुशील केसरवानी 

नर्सरी से 8वीं तक स्कूल खोलने के संबंध में ज्ञापन

अश्वनी उपाध्याय    

गाजियाबाद। सर्वहिताय पब्लिक स्कूल एसोसिएशन चैरिटेबल-ट्रस्ट ने नर्सरी से कक्षा 8 तक के स्कूल खोले जाने की अनुमति देने को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा है। एसोसिएशन ने अपने ज्ञापन में मांग की है कि 22 मार्च से लॉकडाउन के कारण स्कूल आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और स्कूल कर्ज में डूब रहे हैं। स्कूल्स ऑनलाइन क्लास चला रहे हैं। लेकिन उसमें भी अभिभावकों का सहयोग नहीं मिल पा रहा और नाहीं समय पर फीस मिल रही है। जबकि स्कूल बिजली, पानी, टेलीफोन बिल, इंटरनेट बिल, बसों पर इंश्योरेंस, मेंटेनेंस, रोड टैक्स सेवा का भुगतान कर रहा है।एसोसिएशन ने सुझाव दिए हैं कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए स्कूल खोले जाने को लेकर अनुमति दी जाए, स्कूल खुलने पर बच्चों को भेजने का निर्णय अभिभावकों पर छोड़ा जाना चाहिए। स्कूल कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत दो पारियों में स्कूल चलाने को तैयार हैं। एसोसिएशन ने ज्ञापन की प्रतिलिपि प्रदेश के सीएम योगी, मुख्य सचिव, शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेद्वी व डीएम को भी भेजी है। ज्ञापन देने वालों में एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद रहे।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  1. अंक-343, (वर्ष-11) पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254 2. मंगलवार, नवंबर 26, 2024 3. शक-1945, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष,...